आल राइट्स रिजर्व्ड

  1. Giant Rubber Duck Is Returning After 10 Years On Honking Harbour
  2. "नारों" से सल्तनत बनता है, ढ़हता है क्योंकि किस्सा
  3. Aryabhatta College, University Of Delhi in the city New Delhi


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Giant Rubber Duck Is Returning After 10 Years On Honking Harbour

जाइंट रबर डक यानी कि रबर से बनी बतख ने एक बार फिर हांगकांग के विक्टोरिया हर्बर पर दस्तक दी है, लेकिन इस बार ये रबर डक अकेली नहीं है, उसे एक नया साथी मिल चुका है. डच आर्टिस्टFlorentijn Hofmanने साल 2007 में रबर डक की रचना की थी. साल 2013 मेंहांगकांग में दिखने के बाद ये रबर डक वर्ल्ड टूर पर निकल गई थी. पूरे 10 साल बाद ये विशालकाय रबर डक दोबारा यहां लौटी है, लेकिन इस बार वो अकेली नहीं, बल्कि अपने साथी के साथ वापसी कर रही है. रबर डक का सफर हांगकांगमें पब्लिक आर्ट डिस्प्ले प्लान करने वाली कंपनी और क्रिएटिव स्टूडियो ऑल राइट्स रिजर्व्ड ने वापसी कर रही डबल डक की जानकारी शेयर की है. डबल डक वेबसाइट के अनुसार,हांगकांग टूरिज्म बोर्ड भी इस पब्लिक आर्ट के डिस्प्ले में मदद कर रहा है. डबल डक की पहली झलक हर्बर पर 10 जून को दिखाई गई थी. 18 मीटर ऊंची ये बतखेंTamar Parkके नजदीक नजर आई. डबल डक वेबसाइट परमौजूद जानकारी के मुताबिक, Hofmanको ये आइडिया वर्ल्ड मैप और रबर डक को देखकर आया था, जिसके बाद उन्होंने ये आर्ट तैयार किया और उसे वर्ल्ड टूर पर ले गए. बतखों का ये शानदार सफर शुरू हुआ था नीदरलैंड से साल 2007 में. इसके बाद रबर डक चार महाद्वीपों की 12 अलग-अलग जगहों पर पहुंची. साल 2013 में हांगकांग के हर्बर पर दिखने से पहले बतख इतना सफर तय कर चुकी थी. उस वक्त केHofmanको शो को सबसे ज्यादा शोहरत हासिल हुई थी. इंतजार में दर्शक क्रिएटिव स्टूडियो ऑल राइट्स रिजर्व्ड ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से इसकी तस्वीर शेयर की थी 25 मई को. तब से अब तक लगातार लोग इसका शिद्दत से इंतजार करते दिखे. एक यूजर ने इन रबर डक को देखकर लिखा, 'सुपर क्यूट.' एक यूजर ने लिखा कि, 'वो इन बतखों को देखने के लिए बेताब है.' उम्मीद ...

"नारों" से सल्तनत बनता है, ढ़हता है क्योंकि किस्सा

सब कुर्सी के लिए मारा-मारी है - जमीन पर भी और आसमान में भी “सोच बदलो – देश बदलेगा” नहीं कहिए हुज़ूर !!! “सोच बदलो – सरकार बदलेगी” कहिये हुकुम !!!! ​दिल्ली मेट्रो में एक हिन्दी साहित्य के हस्ताक्षर बुदबुदा रहे थे, शायद आने वाले आम-चुनाब के लिए “शब्दों का कशीदाकारी” कर रहे थे …. नई दिल्ली: इधर चुनाब का घोषणा हुआ नहीं की सम्पूर्ण देश में हिन्दी के मूर्धन्य लोग अपने-अपने शब्दों को राजनीतिक बाज़ार में बेचने के लिए, अपने पसन्दीदा राजनेताओं, राजनीतिक पार्टियों को जिताने हेतु आकर्षक “नारों” को बनाने में शब्दों का कशीदाकारी करना शुरू कर दिए हैं। कहते हैं की वे सभी बजट का इंतज़ार कर रहे थे। चुनाबी दौर में नारों का विशेष महत्व है। नारों के बिना भला कैसे हो सकता है चुनाब । चुनावी नारे सिर्फ प्रचार के लिए नहीं होते। इन नारों से सरकारें बनती और गिरती भी हैं। सामान्यतया आम चुनाब और विधान सभाओं के चुनाब में नारों के नब्ज में अंतर होता है। जहाँ देश में आम चुनाब में देश का मतदाता भारत भाग्य विधाता को नजर में रखकर नारों की रस्सी को कसता है, वहीँ विधान सभाओं के चुनाब में पंचायत से उठने वाला गर्जन प्रदेश की राजधानी की सड़कों पर आकर दम तोड़ देती है। जो साँसे बचती है उन्ही साँसों के बलपर प्रदेश मुख्य मंत्री शपथ ग्रहण करते हैं – भले ही बंद कमरों में विधायकों की खरीद-बिक्री में सफल नहीं होने पर उनकी सरकार जमीन पर लेटने लगे। परन्तु, आम चुनाब में दम तोड़ती आवाज भी दिल्ली के राजपथ तक आती ही है – मेराथन की तरह – और इस आवाज में देश के धनाढ्य, व्यापारी, निवेशक, बनिया, चोर-उचक्के, बाहुबली सबों का भरपूर समर्थन होने के कारण कोई निकल जाता है तो कोई पिछड़ जाता हैं। देश की राजनीति में नारों की ताकत से उम्मीदवारों का...

Aryabhatta College, University Of Delhi in the city New Delhi

I am pursuing Computer Science hons from here. College has a good infrastructure and labs. Construction work is going on at the entry gate, let the building come up then this college will beat every college of south campus in terms of infrastructure. The Psychology, Political Science, Economics faculty is best here. Active in all sports like football, cricket, volleyball and societies. ARYABHATTA COLLEGE comes into existence from the academic session 2014-15. It is an institution directly maintained by the University of Delhi. The college was formerly known as Ram Lal Anand College (Evening) and was established in 1973.The working hours at the Aryabhatta College are 8:30 a.m. to 5:00 p.m. Classes shall commence at 8:30 a.m.The College is located adjacent to the South Campus of the University of Delhi in the picturesque surroundings of the South Delhi section of the the Aravali range. Aryabhatta college was established in the year 2014. The college was previously known as Ram Lal Anand College (evening) in the year 1973. It is located in the green and the hilly terrain of the Aravali range of South Delhi at Benito Juarez Marg, Delhi (South Campus). The college is a co-educational institution which offers undergraduate courses in the field of Arts and Humanities, and commerce.Aryabhatta College has a lush green campus which is just adjacent to the South Campus I dont know why IGNOU existing...#You dont have timeline for anything.#No clear instructions to the students#Nowaday...