आनंद मोहन

  1. आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगे सभी दस्तावेज, 8 अगस्त को होगी मामले की अगली सुनवाई
  2. जल्द होगी आनंद मोहन की रिहाई! CM Nitish Kumar के पास भेजी गई फाइल
  3. आनंद मोहन जेल से बाहर, 16 साल बाद हुई बाहुबली की रिहाई, DM की हत्या में हुई थी उम्रकैद
  4. आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश सरकार ने बदले नियम ? IAS की हत्या से सुर्खियों में आया था बाहुबली
  5. On release of Anand Mohan, the Supreme Court sought a response from the Bihar government


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आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगे सभी दस्तावेज, 8 अगस्त को होगी मामले की अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार सरकार (Bihar Govt) से आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े सभी दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए नीतीश कुमार के अगुवाई वाली बिहार सरकार को निर्देश दिया. कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा कि गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया (Gopalganj DM G Krishnaiah ) की 1994 में हुई हत्या के मामले में दोषी पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former Bihar MP Anand Mohan) को दी गई छूट से जुड़े सारे दस्तावेज पेश करे. मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला शामिल हैं. 8 अगस्त को होगी अगली सुनवाई सुनवाई के दौरान दोनों जजों की पीठ ने बिहार सरकार की ओर से पेश वकील मनीष कुमार से कहा कि मामले में आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा. पीठ ने उन्हें पूर्व सांसद आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े सारे दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी कृष्णैया की पत्नी की ओर से दाखिल याचिका को 8 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी मोहलत मामले की सुनवाई प्रारंभ में बिहार सरकार की ओर से पेश वकील मनीष कुमार ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ वक्त की मोहलत मांगी थीं. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा (Siddharth Luthra) ने कहा कि राज्य सरकार ने पश्चगामी ढंग से नीति में बदलाव किया और आनंद मोहन को रिहा कर दिया. सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ से अनुरोध किया कि वह राज्य को आनंद मोहन के आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े सारे रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दे. साथ ही उन्होंने मामले की सुन...

जल्द होगी आनंद मोहन की रिहाई! CM Nitish Kumar के पास भेजी गई फाइल

highlights • जल्द हो सकती है आनंद मोहन की रिहाई • सीएम नीतीश के पास भेजी गई आनंद मोहन की रिहाई की फाइल • स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला • गृह विभाग के ACS चेतन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई थी बैठक Patna: पटना से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है. जल्द ही आनंद मोहन की रिहाई हो सकती है. सीएम नीतीश के पास आनंद मोहन की रिहाई की फाइल भेजी गई है. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया था. ये बैठक गृह विभाग के ACS चेतन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई थी. बैठक के बाद सीएम नीतीश के पास आनंद मोहन की रिहाई की फाइल भेजी गई. गोपालगंज के तत्कालीन DM जी कृष्णैया की हत्या का आरोप आनंद मोहन पर लगा है. आनंद मोहन पर क्या है आरोप? आपको बता दें कि भीड़ की पिटाई के बाद DM जी कृष्णैया को गोली मारी गई थी. आनंद मोहन के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन में गोली मारी गई थी. इस दौरान आनंद मोहन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था. इसके बाद गोपालगंज के तत्कालीन DM की हत्या में आनंद मोहन को सजा हुई थी. 2007 में पटना HC ने आनंद मोहन को दोषी ठहराया था. हाईकोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद 2008 में हाईकोर्ट ने सजा को उम्र कैद में तब्दील किया था. 14 साल से पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह जेल में बंद हैं. रिहाई में क्या थी बाधा? बिहार की रिमिशन पॉलिसी में दो बड़े बदलाव हुए थे. रिमिशन पॉलिसी-1984 में 2002 में दो बदलाव किए गए थे, जिसमें 5 कैटेगरी के कैदी को न छोड़ने का प्रावधान शामिल हुआ था. कैटेगरी 5 में एक से ज्यादा हत्या, डकैती, बलात्कार के अपराधी, आतंकी साजिश रचने और सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी को रखा गया था. कैटेगरी 5 के अपराधियों को छोड़ने का फैसला सरकार लेगी. सरकार के...

आनंद मोहन जेल से बाहर, 16 साल बाद हुई बाहुबली की रिहाई, DM की हत्या में हुई थी उम्रकैद

बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह 16 साल बाद जेल से रिहा हो गया है. सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह आज सुबह 4.30 बजे जेल से बाहर आया. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी (DM) जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहा था. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार की तीखी आलोचना भी हो रही है. इस बीच नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल की गई है और बिहार सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई है. मांझी ने किया समर्थन हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM)के मुखिया जीतन राम मांझी ने आनंद मोहन की रिहाई का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'यह रिहाई कानूनी कार्रवाई के तहत हो रही है. हम आनंद मोहन को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, वह कोई क्रिमिनल नहीं थे, जिनकी हत्या हुई वो दलित थे. हत्या उचित नहीं थी, लेकिन जो सजा तय की गई थी उसे आनंद मोहन ने पूरा किया. अब सजा के बाद भी जेल में रखना कहां का नियम है.' बढ़ सकती हैं आनंद मोहन की मुश्किलें जहां एक तरफ आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सियासत गर्म है वहीं पटना हाईकोर्ट में नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल कर दी गई है. अमर ज्योति द्वारा दायर की गई इस याचिका में बिहार सरकार की जेल मैनुअल में बदलाव के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है. जेल मैनुअल 2012 के नियम 481(i) (क) में संशोधन कर “ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या” वाक्य हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई है.याचिका में कहा गया कि सरकार के फैसले से सरकारी सेवकों का मनोबल गिरेगा. गलत उम्र को लेकर विवाद आनंद मोहन की उम्र को लेकर भी गलत जानकारी सामने आई. 2004 में आनंद मोहन ने अपने चुनावी एफेडेविट में उम्र 44 साल बताई...

आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश सरकार ने बदले नियम ? IAS की हत्या से सुर्खियों में आया था बाहुबली

पिछले कुछ मौकों पर आनंद मोहन पेरोल पर बाहर आते रहे हैं, पहले अपनी बेटी की सगाई और शादी और अब बेटे की सगाई के मौके पर भी आनंद मोहन जेल से पेरोल पर बाहर हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद आनंद मोहन के समर्थकों के बीच इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि पूर्व सांसद जेल से रिहा हो सकते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने कई दफे आनंद मोहन के समर्थकों ने खुले तौर पर रिहाई की मांग भी रखी है. दरअसल राज्य सरकार ने पहले से चले आ रहे कारा अधिनियम में बदलाव किया है. बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन किया गया है. इस संशोधन के जरिए उस वाक्यांश को हटा दिया गया है, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था. अधिनियम में इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं आएगी, बल्कि इसे भी एक साधारण हत्या मानी जाएगी. अधिनियम में इस संशोधन के बाद अब सियासी गलियारे में आनंद मोहन की रिहाई की अटकलें तेज हो गई हैं. उम्मीद जताई जा रही है की नियमों में बदलाव के बाद आनंद मोहन की रिहाई की प्रक्रिया आसान हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी सेवक की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी. अधिनियम में बदलाव कर अब इसे ही हटा दिया गया है. गृह विभाग ने बीते 10 अप्रैल को ही इससे जुड़ी अधिसूचना भी जारी कर दी थी. क्या है पूरा मामला आनंद मोहन की गिनती बिहार के बाहुबलियों में होती रही है. पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजायाफ्ता हैं. आनंद मोहन इस मामले में 14 साल की सजा काट चुके हैं, लेकिन पहले से तय नियमों के कारण उनकी रिहाई नहीं हो पा रही. सरकार ने अब जो संशोधन किया है उसके बाद उस श्रेणी को...

On release of Anand Mohan, the Supreme Court sought a response from the Bihar government

On release of Anand Mohan, the Supreme Court sought a response from the Bihar government | आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब, जी. कृष्णैया की पत्नी ने फैसले को दी थी चुनौती | Hindi News, पटना आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब, जी. कृष्णैया की पत्नी ने फैसले को दी थी चुनौती Patna: Anand Mohan Case Updates and Latest News: 1994 में तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी आनंद मोहन की जेल से रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार, केंद्र सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई को रद्द कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. पिछले दिनों बिहार सरकार जेल नियमों में संसोधन कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया था, जिसके बाद आनंद मोहन की रिहाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का सभी पक्षों को 2 हफ्ते में जवाब देना है. इसके अलावा कोर्ट ने बिहार सरकार से रिहाई से जुड़ा रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा है. 27 अप्रैल को किया गया था रिहा गोपालगंज के तत्कालीन DM जी कृष्णैया की हत्या में दोषी आनंद मोहन को 27 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था. 29 अप्रैल को DM जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने इस रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती दी और आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की. उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के लिए बिहार सरकार पर आरोप लगाया की राज्य सरकार ने जेल मैनुअल को बदल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने य...