आयु संरचना का क्या महत्व है

  1. आयु संरचना क्या है ? परिभाषा तथा महत्व
  2. भारतीय जनसंख्या की आयु संरचना क्या है?
  3. आयुर्वेद
  4. विश्व में आयुष रंजना का क्या महत्व है? – ElegantAnswer.com
  5. आयु संरचना क्या है? – ElegantAnswer.com
  6. जनसंख्या की आयु संरचना और कोविड
  7. भारत में जनसंख्या की आयु संरचना का क्या अर्थ है लिखिए
  8. प्रोटीन क्या है, प्रकार, परिभाषा, स्रोत, संरचना, विकृतिकरण किसे कहते हैं, क्रियाविधि


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आयु संरचना क्या है ? परिभाषा तथा महत्व

आयु संरचना क्या है ? परिभाषा तथा महत्व - Age Composition in Hindi यहाँ पढ़िए आयु संरचना / संघटन किसे कहते हैं, आयु संरचना की क्या परिभाषा होती है तथा आयु संरचना का क्या महत्व है। • आयु संरचना • आयु संरचना का महत्व • निर्भरता अनुपात आयु संरचना Age Structure आयु संरचना प्रत्येक आयु वर्ग में जनसंख्या के अनुपात का प्रतिनिधित्व करती है।आयु संरचना को आयु संघटन (Age Structure) भी कहते हैं।देश के वर्तमान और भविष्य के विकास के लिए आबादी की आयु संरचना का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। आयु संरचना की सहायता से हमें कार्यशील जनसंख्या तथा आश्रित जनसंख्या की जानकारी मिलती है। सामान्यतः आबादी को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है बच्चे 0-14 वर्ष, वयस्क 15-60 वर्ष और वृद्ध (60 वर्ष की उम्र से अधिक)। बच्चों तथा वृद्धों की आबादी को आश्रित आभादी कहा जाता है जबकि वयस्कों की आबादी को कार्यशील जनसँख्या कहा जाता है।जब आश्रित आबादी की संख्या बढ़ती है तो निर्भरता अनुपात ज्यादा हो जाता है। इसके कारण सरकार को बच्चों के विकास और वृद्धों के कल्याण पर ज्यादा खर्च करना पड़ता है। आयु संरचना का क्या महत्वहै ? आयु संरचना के महत्व को निम्न बिन्दुओं में समझा जा सकता है • आयु आयु संरचना का एक देश के जनांकिकीय तत्व के रूप में बड़ा महत्व है। आयु संरचना के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि विभिन्न आयु वर्गों में लोगों का कितना प्रतिशत है। • यदि जनसंख्या में 0-14 आयु वर्ग की जनसंख्या अधिक हे तो आश्रित जनसंख्या का अनुपात अधिक होगा। इसके कारण आर्थिक विकास धीमा होगा। • 15-59 वर्ष के आयु में अधिक जनसंख्या होने पर कार्यशील अथवा अर्जक जनसंख्या अधिक होने की संभावना होती है जो देश के संसाधनों के दोहन करने में सहायक होती है। • ...

भारतीय जनसंख्या की आयु संरचना क्या है?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • 1 जनसंख्या की आयु संरचना का क्या महत्व है? • 2 आयु संरचना को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं? • 3 जनसंख्या संगठन से आप क्या समझते हैं कक्षा 12वीं भूगोल? • 4 लिंगानुपात को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं? • 5 आयु संरचना क्या होता है? जनसंख्या की आयु संरचना का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकें(ii) आयु-संरचना का क्या महत्त्व है? उत्तर: किसी देश की जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों में रखकर यह ज्ञात किया जाता है कि उस देश की कितनी जनसंख्या कार्यशील जनसंख्या है जो अलग-अलग व्यवसायों में संलग्न है तथा कितनी जनसंख्या उन पर आश्रित है, जो अंततः देश के विकास को इंगित करता है। आयु संरचना को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं? इसे सुनेंरोकेंकिसी क्षेत्र की जनसंख्या के आयु संरचना को मुख्य रूप से तीन कारक प्रभावित करते है। जन्मदर, मृत्युदर और प्रवास। जनसंख्या संरचना से क्या आशय है? इसे सुनेंरोकेंएक समूह के भीतर लोगों की विस्तृत व्यक्तिगत विशेषताये जैसे की लिंग, आयु, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा, व्यवसाय, और घर के मुखिया के साथ रिश्ते आदि के आधार पर किया गए वितरण को जनसंख्या संरचना कहा जाता है। जनसंख्या को दो भागों में बांटा गया हैं – ग्रामीण और शहरी, आकार और बस्तियों के कब्जे के आधार पर । जनसंख्या संगठन से आप क्या समझते हैं कक्षा 12वीं भूगोल? इसे सुनेंरोकें🔹 जनसंख्या संघटन जनसंख्या की उन विशेषताओं को प्रदर्शित करता है जिसमें आयु व लिंग का विशलेषण , निवास का स्थान , जनजातियाँ , भाषा , धर्म , साक्षरता , व्यवसायिक विशेषताएँ आदि का अध्ययन किया जाता है । 🔹 इसके अन्तर्गत ग्रामीण नगरीय संघटन व उनकी विशेषताओं का भी अध्ययन किया जाता है । लिंगानुपात को प्...

आयुर्वेद

आयुर्वेद क्या है? आयुर्वेद प्राकृतिक एवं समग्र स्वास्थ्य की पुरातन भारतीय पद्धति है| संस्कृत मूल का यह शब्द दो धातुओं के संयोग से बना है - आयुः + वेद ( "आयु " अर्थात लम्बी उम्र (जीवन ) और "वेद" अर्थात विज्ञान)| अतः आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ जीवन का विज्ञान है| जहाँ एलोपैथिक दवा बीमारी होने की मूल कारण पर ना जाकर इसको दूर करने पर केंद्रित होती है वहीं आयुर्वेद हमें बीमारी होने की मूलभूत कारणों के साथ-साथ इसके इसके समग्र निदान के विषय में भी बताता है| मूल सिद्धांत प्रारंभ से भारत में आयुर्वेद की शिक्षा मौखिक रूप से गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत ऋषियों द्वारा दी जाती रही है| पर लगभग 5000 साल पहले इस ज्ञान को ग्रंथों का रूप दिया गया| चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदय आयुर्वेद के पुरातन ग्रंथ हैं| इन ग्रंथो में सृष्टि में व्याप्त पंच महाभूतों - पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि एवं आकाश तत्वों के मनुष्यों के ऊपर होने वाले प्रभावों तथा स्वस्थ एवं सुखी जीवन के लिए के लिए उनको संतुलित रखने के महत्ता को प्रतिपादित किया गया है| आयुर्वेद के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर इन पांच तत्वों में से कुछ तत्वों का अन्य तत्वों की तुलना में अधिक प्रभाव होता है| आयुर्वेद इन संयोगों को तीन दोषों के रूप में वर्गीकृत करता है - • वात दोष - जिसमें वायु और आकाश तत्त्वों की प्रधानता हो| • पित्त दोष - जिसमें अग्नि तत्त्व की प्रधानता हो| • कफ दोष - जिसमें पृथ्वी और जल तत्त्वों की प्रधानता हो| इन दोषों का प्रभाव न केवल व्यक्ति की शारीरिक संरचना पर होता है बल्कि उसकी शारीरिक प्रवृत्तियों (जैसे भोजन का चुनाव और पाचन) और उसके मन और भावनाओं पर भी होता है| उदाहरण के लिए कफ प्रकृति के मनुष्यों का अधिक वजन वाला होना, ...

विश्व में आयुष रंजना का क्या महत्व है? – ElegantAnswer.com

विश्व में आयुष रंजना का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंआयु संरचना जनसंख्या संघटन का महत्त्वपूर्ण सूचक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। इसके अंतर्गत किसी देश की जनसंख्या को तीन आयुवर्गों में बाँटा जाता है:- 0-4 आयुवर्ग, 15-59 आयुवर्ग और 60 से ऊपर का आयु वर्ग । आयु संरचना से क्या आशय है? इसे सुनेंरोकेंआयु सरंचना विभिन्न आयु वर्गों द्वारा एक राष्ट्र के संघटन से संबंधित है। आयु संरचना (Age Composition) आयु संरचना जनसंख्या की एक आधारभूत विशेषता है। आयु संरचना किसी जनसंख्या में आयु या आयु वर्गों के अनुसार जनसंख्या के वितरण को प्रदर्शित करती है। इसे आयु संघटन (Age Structure) भी कहते हैं। बेसन में आयु संरचना का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकें(ii) आयु-संरचना का क्या महत्त्व है? उत्तर: किसी देश की जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों में रखकर यह ज्ञात किया जाता है कि उस देश की कितनी जनसंख्या कार्यशील जनसंख्या है जो अलग-अलग व्यवसायों में संलग्न है तथा कितनी जनसंख्या उन पर आश्रित है, जो अंततः देश के विकास को इंगित करता है। I जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं?`? इसे सुनेंरोकें(i) जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं? उत्तर: किसी देश/प्रदेश में निवास करने वाली जनसंख्या में स्त्रियों-पुरुषों की संख्या, लिंग अनुपात, आयु वर्ग संरचना, उनके व्यवसाय, शिक्षा का स्तर, जीवन-प्रत्याशा तथा आवासों के आधार पर दूसरों से पृथक विशिष्ट जनांकिकीय विशेषताओं को जनसंख्या संघटने कहते हैं। प्र 17विश्व में आयु संरचना का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंजीरो से 14 वर्ष और 7 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की आबादी केयर कामकाजी या आश्रित आबादी होती है किसी देश के लिए कामकाजी आबादी का अधिक अनुपात उसके...

आयु संरचना क्या है? – ElegantAnswer.com

आयु संरचना क्या है? इसे सुनेंरोकेंआयु संरचना (Age Composition) आयु संरचना जनसंख्या की एक आधारभूत विशेषता है। आयु संरचना किसी जनसंख्या में आयु या आयु वर्गों के अनुसार जनसंख्या के वितरण को प्रदर्शित करती है। इसे आयु संघटन (Age Structure) भी कहते हैं। हालांकि 15-24 आयु समूह में ग्रामीण भारत की तुलना में शहरी भारत का अधिक अनुपात है। आयु संरचना का क्या महत्व? इसे सुनेंरोकेंआयु संरचना जनसंख्या संघटन का महत्त्वपूर्ण सूचक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। जनसंख्या के मात्रात्मक पक्ष; जैसे लिंग, आयु, श्रम शक्ति, आवास, कार्यशील और आश्रित जनसंख्या तथा साक्षरता आदि तथ्यों का वर्गीकरण और अध्ययन जनसंख्या संघटन कहलाता है। … कार्यशील जनसंख्या क्या है? इसे सुनेंरोकेंभारत देश के सापेक्ष में कार्यशील जनसंख्या उन व्यक्तियों (महिला व पुरुष दोनों) की कुल संख्या को कहा जाता है जिनकी आयु 15 वर्ष से अधिक और 64 वर्ष से कम है। इस आयु के मध्य पड़ने वाली जनसंख्या को कार्यशील जनसंख्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह जनसंख्या काम करने हेतु सक्षम होती है और इसे श्रमशक्ति में बदला जा सकता है। स्थिर जनसंख्या से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंस्थिर जनसंख्या, ऐसी जनसंख्या जो स्थिर है और आकार में अपरिवर्तित है (अशोधित जन्म दर और अशोधित मृयु दर के बीच अंतर शून्य होता है). संरचना का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या की आयु-लिंग संरचना का अभिप्राय विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या से है। जनसंख्या पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है। जनसंख्या पिरामिड की आकृति जनसंख्या की विशेषताओं को परिलक्षित करती है। भारत की औसत आय...

जनसंख्या की आयु संरचना और कोविड

नए कोविड- 19 , विकासशील देशों की तुलना में पश्चिमी विकसित देशों को अधिक प्रभावित कर रहा है। इस पोस्ट में , बसु और सेन ने दिखाया हैं कि कोविड- 19 से हुए हताहत लोगों की संख्‍या उन देशों में अधिक है जहां बुजुर्ग लोगों की आबादी ज्‍यादा है , इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या कठोर लॉकडाउन भारत के लिए उपयुक्‍त व्यावहारिक नीति है जहां बुजुर्ग आबादी का अनुपात कम है। कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या जितनी हो गयी है वह चौंका देने वाली है: दुनिया भर के 209 देशों और क्षेत्रों में अब तक 88,543 मौत, तथा 1,519,442 निश्चित मामलों की पुष्टि हो चुकी है। प्रभावित देशों की सूची में इटली सबसे ऊपर है (9 अप्रैल 2020 तक 17,669 मौतें और 1,39,422 पुष्ट मामले)। इटली के बाद स्पेन और अमेरिका का स्‍थान है, जहां 9 अप्रैल तक मरने वालों की संख्या क्रमशः 14,792 और 14,797 है। द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने चेतावनी दी है कि ये आंकड़े वास्तविक मौतों की संख्‍या से कम हैं। यह चौंका देने वाली बात है कि विकसित पश्चिमी यूरोपीय देशों तथा अमेरिका में मौतों की दर आश्चर्यजनक रूप से अधिक है। विकासशील देश प्रभावित हो रहे हैं लेकिन वहां अब तक मौतों की संख्या कम है। यह तर्क दिया जा सकता है कि कोविड-19 अभी तक विकासशील देशों में उस मात्रा में नहीं फैला है। इस चेतावनी को देखते हुए, कोई भी यह सवाल कर सकता है कि कोविड-19 वायरस इतनी जल्दी पश्चिमी दुनिया में क्यों फैल गया। एक लोकप्रिय व्याख्या यह है कि चीन के वुहान क्षेत्र में इटली और ईरान के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध हैं जिससे दोनों देशों में महामारी फैल गई। यदि हम इस बिंदु से सहमत होते हैं तो भी यह सवाल बना रहता है कि वायरस इटली से यूरोप और ब्रिटेन के बाकी हिस्सों में इतनी तेजी से क्...

भारत में जनसंख्या की आयु संरचना का क्या अर्थ है लिखिए

Table of Contents Show • • • • • जनसंख्या की आयु संरचना यह दर्शाती है कि कुल जनसंख्या के सापेक्ष विभिन्न आयु वर्ग वाले लोगों का अनुपात क्या है। • 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों का प्रतिशत जो 1971 में 42% था, घटकर 2011 में 31% हो गया। इस अवधि में 15-64 वर्ष की आयु वाले लोगों का प्रतिशत 53% से बढ़कर 63.7% हो गया। • दयनीय चिकित्सा सुविधाओं का विकास, विभिन्न प्रकार के रोगों पर काबू पाने के बाद जीवन प्रत्याशा में वृद्धि इत्यादि ने देश की आयु संरचना को परिवर्तित किया है। • जनसंख्या की आयु संरचना को निम्नलिखित समूहों में रखा जा सकता है। 0 – 14 वर्ष (बच्चे) 15 – 59 वर्ष (कार्यशील जनसंख्या) 60 + वर्ष (वृद्ध व्यक्ति) निम्नलिखित सारणी से भारतीय जनसंख्या की आयु संरचना को समझा जा सकता है। वर्ष 0-14 वर्ष 15-59 वर्ष 60+ वर्ष कुल 1961 41 53 6 100 1971 42 53 5 100 1981 40 54 6 100 1991 38 56 7 100 2001 34 59 7 100 2011 29 63 8 100 2026 23 64 12 100 स्रोत-राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग के जनसंख्या प्रेक्षक विषय तकनीकी समूह के आँकड़ों (1996 और 2006) पर आधारित। यह सारणी प्रदर्शित करती है कि कुल जनसंख्या में 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों का प्रतिशत जो 1971 में उच्चतम 42% था, 2011 में घटकर 29% हो गया। 2026 तक इसको 23% हो जाने का अनुमान है। इसका अर्थ यह है कि भारत में जन्म-दर में क्रमशः गिरावट आ रही है। आयु सरंचना विभिन्न आयु वर्गों द्वारा एक राष्ट्र के संघटन से संबंधितहै। आयु संरचना (Age Composition) आयु संरचना जनसंख्या की एक आधारभूत विशेषता है। आयु संरचना किसी जनसंख्या में आयु या आयु वर्गों के अनुसार जनसंख्या के वितरण को प्रदर्शित करती है। इसे आयु संघटन (Age Structure) भी कहते हैं। यहां तीन प्रकार...

प्रोटीन क्या है, प्रकार, परिभाषा, स्रोत, संरचना, विकृतिकरण किसे कहते हैं, क्रियाविधि

प्रोटीन शरीर का निर्माण करते हैं। यह उच्च अणुभार वाले जटिल कार्बनिक यौगिक हैं। यह जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है। प्रोटीन कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन तथा नाइट्रोजन के यौगिकों से बने होते हैं। कुछ प्रोटीन फास्फोरस तथा सल्फर में भी पाए जाते हैं यह वनस्पतियों तथा जंतुओं में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। प्रोटीन, ऐमीनो अम्ल के बहुलक होते हैं। प्रोटीन के मुख्य स्रोत दूध, दही, दालें, मटर, मछली, पनीर, मांस, मूंगफली, अंडा आदि हैं। प्रोटीन के प्रकार आण्विक संरचना के आधार पर प्रोटीन को दो भागों में बांटा गया है। 1. रेशेदार प्रोटीन (fibrous protein in Hindi) 2. गोलिकाकार प्रोटीन (globular protein in Hindi) 1. रेशेदार प्रोटीन वह प्रोटीन जिसमें पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएं फाइबर (रेशे जैसी) संरचना का निर्माण करती हैं। तथा पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएं समांतर होती हैं एवं यह आपस में हाइड्रोजन बंध द्वारा जुड़ी रहती हैं। अर्थात् इनमें अंतराअणुक बल प्रबल होता है। रेशेदार प्रोटीन जल में अविलेय होते हैं। उदाहरण – बाल, नाखून में उपस्थित किरेटिन तथा मांसपेशियों में उपस्थित मायोसिन एवं रेशम में उपस्थित फाइब्रॉइन आदि रेशेदार प्रोटीन के सामान्य उदाहरण हैं। 2. गोलिकाकार प्रोटीन वह प्रोटीन जिनमें पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएं इस प्रकार व्यवस्थित होती है कि वे प्रोटीन अणु को एक गोल आकृति प्रदान करती हैं। गोलिकाकार प्रोटीन के अणु के मध्य दुर्बल अंतराअणुक बल होता है। जिस कारण यह प्रोटीन जल में विलेय होते हैं। उदाहरण – हार्मोंस (इंसुलिन तथा थायरोग्लोव्युलिन) एंटिवाडीज, हिमोग्लोबिन, एल्ब्यूमिन आदि गोलिकाकार प्रोटीन के सामान्य उदाहरण हैं। प्रोटीन का महत्व प्रोटीन हमारे शरीर की वृद्धि के लिए एक आवश्यक अवयव है। जब हम बी...