Aditya hridaya stotra in hindi lyrics

  1. Aditya Hridaya Stotra
  2. Aaditya Hridaya Stotra Niyam:यदि नियम से करेंगे आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, तो सूर्य देव चमका देंगे किस्मत


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Aditya Hridaya Stotra

Aditya Hridaya Stotra in Hindi Lyrics आदित्य हृदय स्तोत्र ॥ आदित्यहृदयम्॥ ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्॥ १॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्। उपागम्याब्रवीद्राममगस्त्यो भगवान् ऋषिः॥ २॥ राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम्। येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि॥ ३॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्। जयावहं जपेन्नित्यम् अक्षय्यं परमं शिवम्॥ ४॥ सर्वमङ्गलमाङ्गल्यं सर्वपापप्रणाशनम्। चिन्ताशोकप्रशमनम् आयुर्वर्धनमुत्तमम्॥ ५॥ रश्मिमंतं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम्। पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्॥ ६॥ सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावनः। एष देवासुरगणाँल्लोकान् पाति गभस्तिभिः॥ ७॥ एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिवः स्कन्दः प्रजापतिः। महेन्द्रो धनदः कालो यमः सोमो ह्यपां पतिः॥ ८॥ पितरो वसवः साध्या ह्यश्विनौ मरुतो मनुः। वायुर्वह्निः प्रजाप्राण ऋतुकर्ता प्रभाकरः॥ ९॥ आदित्यः सविता सूर्यः खगः पूषा गभस्तिमान्। सुवर्णसदृशो भानुर्हिरण्यरेता दिवाकरः॥ १०॥ हरिदश्वः सहस्रार्चिः सप्तसप्तिर्मरीचिमान्। तिमिरोन्मथनः शम्भुस्त्वष्टा मार्ताण्ड अंशुमान्॥ ११॥ हिरण्यगर्भः शिशिरस्तपनो भास्करो रविः। अग्निगर्भोऽदितेः पुत्रः शङ्खः शिशिरनाशनः॥ १२॥ व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजुःसामपारगः। घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवङ्गमः॥ १३॥ आतपी मण्डली मृत्युः पिङ्गलः सर्वतापनः। कविर्विश्वो महातेजाः रक्तः सर्वभवोद्भवः॥ १४॥ नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावनः। तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते॥ १५॥ नमः पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नमः। ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नमः॥ १६॥ जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नमः। नमो नमः सहस्रांशो आदित्याय नमो नमः॥ १७॥ नम उग्राय व...

Aaditya Hridaya Stotra Niyam:यदि नियम से करेंगे आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, तो सूर्य देव चमका देंगे किस्मत

Aaditya Hridaya Stotra Niyam: ज्योतिष शास्त्र में सूर्यदेव ग्रहों के अधिपति माने जाते हैं। सनातन धर्म में सूर्य देवता के रूप में पूजनीय है। सूर्य एक प्रत्यक्ष देवता है। वह समस्त संसार की ऊर्जा का केंद्र है। नवग्रहों में सूर्यदेव को सबसे विशिष्ट स्थान प्राप्त है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्यता, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना गया है। सूर्य की आराधना से व्यक्ति को सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति होती है। सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है। यदि इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से किया जाए तो मनुष्य के जीवन में बहुत जल्दी ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस पाठ को करने से जातक को की तरह के लाभ प्राप्त होते हैं और जीवन की समस्याओं से निजात मिलती है। तो चलिए जानते हैं इस पाठ को करने की विधि और इससे मिलने वाले लाभ। आदित्य हृदय स्त्रोत क्या है आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य देव से संबंधित है। इस स्तोत्र का पाठ सूर्य देव को प्रसन्न व उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता है। आदित्य हृदय स्तोत्र का उल्लेख रामायण में वाल्मीकि जी द्वारा किया गया है जिसके अनुसार इस स्तोत्र को ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्री राम को रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए दिया था।शास्त्रों में इस स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ व लाभकारी बताया गया है। ज्योतिषशास्त्र में भी आदित्य हृदय स्तोत्र को काफी महत्व दिया गया है। इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से जीवन के अनेक कष्टों का निवारण होता है। आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ की विधि- • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और एक तांबे के लोटे में जल ले...