अखंड मंडला कारम श्लोक

  1. मगंल भवन अमंगल हारी
  2. अखंड मंडला कारम चराचरम् सर्वप्रथम का मतलब क्या होता है? » Akhand Mandla Karam Characharam Sarvapratham Ka Matlab Kya Hota Hai
  3. तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो
  4. सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम
  5. मगंल भवन अमंगल हारी
  6. तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो
  7. अखंड मंडला कारम चराचरम् सर्वप्रथम का मतलब क्या होता है? » Akhand Mandla Karam Characharam Sarvapratham Ka Matlab Kya Hota Hai
  8. सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम
  9. तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो
  10. सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम


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मगंल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी हिंदी गीत मूवी गीत गाता चल से लिया गया हे इस गीत को जसपाल सिंह द्वारा गाया गया | यह हिंदी भजन रामायण चौपाई, Mangal Bhavan Amangal Hari Song Detail : गायक / Singer(s): जसपाल सिंह ( चित्रपट / Film: गीत गाता चल-(Geet Gata Chal) संगीतकार / Music Director: रविंद्र जैन-( गीतकार / Lyricist: रविंद्र जैन-(Ravindra Jain) Genre Song मंगल भवन अमंगल हारी (Mangal Bhavan Amangal) मगंल भवन अमंगल हारी – Mangal bhavan amangal hari Lyrics • • • • • हो.. मगंल भवन अमंगल हारी द्रबहु सु दशरथ अचर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे। हो.. होई हैं वोही जो राम रची राखा को करी तरक बढ़ावे साखा राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम अर्थ : जो भगवान श्री राम ने पहले से ही रच रखा है ,वही होगा | हम्हारे कुछ करने से वो बदल नही सकता। हो.. धिरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिये चारि (राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम) अर्थ : बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म। हो.. जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू सो तेहि मिलय ना कछु संदेहू (राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम) अर्थ : सत्य को कोई छिपा नही सकता , सत्य का सूर्य उदय जरुर होता है। हो.. जाकी रही भावना जैसी प्रभू मूर्ति देखी तीन तैसी (राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम) अर्थ : जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है। ह...

अखंड मंडला कारम चराचरम् सर्वप्रथम का मतलब क्या होता है? » Akhand Mandla Karam Characharam Sarvapratham Ka Matlab Kya Hota Hai

akhand mandla karam characharam akhand mandla karam arthat khandan kabhi nahi kiya ja sake use akhand bolte hain mandla karam characharam jiski hum vivechna nahi kar sakte hain use hum akhand mandalakaram kehte hain अखंड मंडला कारम चराचरम् अखंड मंडला कारम अर्थात खंडन कभी नहीं किया जा सके उसे अखंड बोलते है

तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो

तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो ! दीपक की लौ से प्रकाश को अलग नहीं किया जा सकता और ना ही किया जा सकता है पृथक सूर्य की किरणों को सूर्य से ही ! तुम तो मेरी किरणें हो, मेरा प्रकाश हो, मेरा सृजन हो, मेरी कृति हो, मेरी कल्पना हो, तुमसे भला मैं कैसे अलग हो सकता हूँ वंदे बोधमयं नित्यम गुरुम शंकर रुपिनम यमा श्रितो हि वक्रोपि चन्द्रः सर्वत्र वन्दते गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः गुरु साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः

सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम

लेख सारिणी • • • • • • • • • • • • • • • • • सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम – Saraswati Mantra, Sloka & Stotram सरस्वती मंत्र – Saraswati Mantra, Saraswati Mantra Lyrics ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः। सरस्वती मंत्र – Saraswati Mantra In Hindi ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः। सरस्वती गायत्री मंत्र – Saraswati Gayatri Mantra १ – ॐ सरस्वत्यै विधमहे, ब्रह्मपुत्रयै धीमहि । तन्नो देवी प्रचोदयात। २ – ॐ वाग देव्यै विधमहे काम राज्या धीमहि । तन्नो सरस्वती: प्रचोदयात। सरस्वती मंत्र स्मरण शक्ति नियंत्रण हेतु – Saraswati Mantra For Intelligence ॐ ऐं स्मृत्यै नमः। सरस्वती मंत्र विघ्न निवारण हेतु – Saraswati Mantra For Problems ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा। सरस्वती मंत्र स्मरण शक्ति बढा के लिए – Saraswati Mantra For Students ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा। सरस्वती मंत्र परीक्षा में सफलता के लिए – Saraswati Mantra For Passing Exams १ – ॐ नमः श्रीं श्रीं अहं वद वद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नमः स्वाहा विद्यां देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा। २ -जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी, कवि उर अजिर नचावहिं बानी। मोरि सुधारिहिं सो सब भांती, जासु कृपा नहिं कृपा अघाती॥ हंसारुढा मां सरस्वती का ध्यान कर मानस-पूजा-पूर्वक निम्न मन्त्र का २१ बार जप करे-” ॐ ऐं क्लीं सौः ह्रीं श्रीं ध्रीं वद वद वाग्-वादिनि सौः क्लीं ऐं श्रीसरस्वत्यै नमः।” सरस्वती मंत्र विद्या प्राप्ति एवं मातृभाव हेतु – Saraswati Mantra For Study विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्तिः॥ अर्थातः– देवि! विश्वकि सम्...

मगंल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी हिंदी गीत मूवी गीत गाता चल से लिया गया हे इस गीत को जसपाल सिंह द्वारा गाया गया | यह हिंदी भजन रामायण चौपाई, Mangal Bhavan Amangal Hari Song Detail : गायक / Singer(s): जसपाल सिंह ( चित्रपट / Film: गीत गाता चल-(Geet Gata Chal) संगीतकार / Music Director: रविंद्र जैन-( गीतकार / Lyricist: रविंद्र जैन-(Ravindra Jain) Genre Song मंगल भवन अमंगल हारी (Mangal Bhavan Amangal) मगंल भवन अमंगल हारी – Mangal bhavan amangal hari Lyrics • • • • • हो.. मगंल भवन अमंगल हारी द्रबहु सु दशरथ अचर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे। हो.. होई हैं वोही जो राम रची राखा को करी तरक बढ़ावे साखा राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम अर्थ : जो भगवान श्री राम ने पहले से ही रच रखा है ,वही होगा | हम्हारे कुछ करने से वो बदल नही सकता। हो.. धिरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिये चारि (राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम) अर्थ : बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म। हो.. जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू सो तेहि मिलय ना कछु संदेहू (राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम) अर्थ : सत्य को कोई छिपा नही सकता , सत्य का सूर्य उदय जरुर होता है। हो.. जाकी रही भावना जैसी प्रभू मूर्ति देखी तीन तैसी (राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम) अर्थ : जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है। ह...

तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो

तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो ! दीपक की लौ से प्रकाश को अलग नहीं किया जा सकता और ना ही किया जा सकता है पृथक सूर्य की किरणों को सूर्य से ही ! तुम तो मेरी किरणें हो, मेरा प्रकाश हो, मेरा सृजन हो, मेरी कृति हो, मेरी कल्पना हो, तुमसे भला मैं कैसे अलग हो सकता हूँ वंदे बोधमयं नित्यम गुरुम शंकर रुपिनम यमा श्रितो हि वक्रोपि चन्द्रः सर्वत्र वन्दते गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः गुरु साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः

अखंड मंडला कारम चराचरम् सर्वप्रथम का मतलब क्या होता है? » Akhand Mandla Karam Characharam Sarvapratham Ka Matlab Kya Hota Hai

akhand mandla karam characharam akhand mandla karam arthat khandan kabhi nahi kiya ja sake use akhand bolte hain mandla karam characharam jiski hum vivechna nahi kar sakte hain use hum akhand mandalakaram kehte hain अखंड मंडला कारम चराचरम् अखंड मंडला कारम अर्थात खंडन कभी नहीं किया जा सके उसे अखंड बोलते है

सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम

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तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो

तुम मुझसे न कभी अलग थे और ना ही हो सकते हो ! दीपक की लौ से प्रकाश को अलग नहीं किया जा सकता और ना ही किया जा सकता है पृथक सूर्य की किरणों को सूर्य से ही ! तुम तो मेरी किरणें हो, मेरा प्रकाश हो, मेरा सृजन हो, मेरी कृति हो, मेरी कल्पना हो, तुमसे भला मैं कैसे अलग हो सकता हूँ वंदे बोधमयं नित्यम गुरुम शंकर रुपिनम यमा श्रितो हि वक्रोपि चन्द्रः सर्वत्र वन्दते गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः गुरु साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः

सरस्वती मंत्र, श्लोक, स्त्रोतम

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