अमावस्या कब है 2023

  1. Amavasya 2023 Date and Timing: कब है वैशाख अमावस्या, जानें डेट, शुभ मुहूर्त
  2. Ashadha Amavasya Kab Hai 2023: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
  3. Ashadha Amavasya 2023 Date Shubh Muhurt And Significance
  4. Ashadha Amavasya 2023: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें तिथि, स्नान


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Amavasya 2023 Date and Timing: कब है वैशाख अमावस्या, जानें डेट, शुभ मुहूर्त

• • Faith Hindi • Amavasya 2023 Date and Timing: कब है वैशाख अमावस्या, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि Amavasya 2023 Date and Timing: कब है वैशाख अमावस्या, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि Amavasya 2023 Date and Timing: इस साल वैशाख अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह दिन स्नान व दान के लिए बेहद ही महत्तवपूर्ण माना गया है. Vaishakh Amavasya 2023 Date and Timing: हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है और इस दिन लोग स्नान व दान करते हैं. कहते हैं कि अमावस्या के दिन विधि-विधान के साथ पूजन करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद बना रहता है. वैशाख माह में आने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या कहते हैं और इस साल यह अमावस्या बहुत खा होने वाली है. क्योंकि अमावस्या के दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है. आइए जानते हैं कि कब है वैशाख अमावस्या और पूजा का शुभ मुहूर्त. Also Read: • • • वैशाख अमावस्या 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि 19 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 20 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 41 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार अमावस्या का पूजन 20 अप्रैल 2022, गुरुवार के दिन किया जाएगा. इस दिन सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 11 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को अमावस्या है और इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है जो कि सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी, लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा औ इसलि...

Ashadha Amavasya Kab Hai 2023: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

यह भी पढ़ें: आषाढ़ अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2023 Shubh Muhurat) • दर्श अमावस्या, 17 जून के दिन पूजा का मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 1 मिनट से 11 बजकर 7 मिनट • आषाढ़ अमावस्या, 18 जून के दिन पूजा का मुहूर्त: सुबह 8 बजकर 21 मिनट से 9 बजकर 11 मिनट आषाढ़ अमावस्या 2023 पूजा विधि (Ashadha Amavasya 2023 Puja Vidhi) • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें। • गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। गंगा स्नान संभव हो तो करें। • फिर आचमन कर पूजा का संकल्प लें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं। • सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें और सूर्य चालीसा का पाठ अवश्य करें। • भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें। • पूजा समापन के बाद बहते हुए पानी में तिल प्रवाहित करें। • इस दिन तिल (तिल के उपाय) प्रवाहित करने से घर में सौभग्य का आगमन होता है। • अंत में गरीबों या ब्राह्मणों को दान करें और उनका आशीर्वाद लें। यह भी पढ़ें: आषाढ़ अमावस्या 2023 का महत्व (Ashadha Amavasya 2023 Significance) • आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा, जप, तप, और दान का बहुत महत्व है। • इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। • इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है। • अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। • आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। तो ये थी आषाढ़ अमावस्या से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही ...

Ashadha Amavasya 2023 Date Shubh Muhurt And Significance

Ashadha Amavasya 2023: धार्मिक दृष्टि से अमावस्या की तिथि का बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किये जाने वाला तर्पण बहुत पुण्यकारी माना जाता है. इन कार्यों के लिए यह दिन बहुत उत्तम माना जाता है. आषाढ़ मास की अमावस्या को बहुत खास माना जाता है. यह हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है. इस बार आषाढ़ अमावस्या 18 जून, रविवार के दिन है. आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करने का विशेष महत्व है. जानते हैं आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त और इस दिन के महत्व के बारे में. आषाढ़ अमावस्या शुभ मुहूर्त 17 जून 2023 को सुबह 09:13:00 से अमावस्या आरम्भ 18 जून 2023 को सुबह 10:08:06 पर अमावस्या समाप्त आषाढ़ अमावस्या का महत्व हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है. इस महीने की समाप्ति के बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. आषाढ़ अमावस्या दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिये किये जाने वाले धार्मिक कर्मों के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से कई गुना फल मिलता है. धार्मिक रूप से अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या और शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या शनि अमावस्या कहा जाता है. आषाढ़ अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन पितरों के तर्पण भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. आषाढ़ अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही पितरों का तर्पण करना चाहिए. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करना चा...

Ashadha Amavasya 2023: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें तिथि, स्नान

Ashadha Amavasya 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में 12 अमावस्या पड़ती है। हर मास में एक अमावस्या होती है जिसका अपना-अपना महत्व है। वहीं, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दर्श अमावस्या और आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदी का स्नान करने के साथ अपनी योग्यता के अनुसार दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान करना भी शुभ माना जाता है जानिए इस साल कब है आषाढ़ अमावस्या, साथ ही जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त। आषाढ़ अमावस्या 2023 कब है?(Ashadha Amavasya Kab Hai 2023) हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि का आरंभ 17 जून शनिवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर हो रहा है और अगले दिन यानी 18 जून को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से आषाढ़ अमावस्या 18 जून को होगी। आषाढ़ अमावस्या 2023 का महत्व (Ashadha Amavasya 2023 Significance) आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान, दान, जप-तप का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल सकती है। इसके साथ ही सूर्य को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्य करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही अपनी योग्यता के अनुसार, अनाज, वस्त्र, पैसों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन के हर कष्ट समाप्त हो जाते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध करने से पितृ दोष से निजात मिल सकता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।