Amla navami kab hai

  1. amla navami 2021 worship method shubh muhurat puja vidhi time katha importance rts
  2. Amla Navami 2021 When Is Amla Navami Festival Know The Importance Of Amla Tree Worship
  3. आंवला नवमी 2022: कल अक्षय नवमी पर जरूर करें ये एक काम, साल भर रहेंगे स्‍वस्‍थ, प्रसन्‍न और संपन्‍न!
  4. Amla Navami 2022: आंवला नवमी आज, जानिए कथा और महत्व
  5. Amla Navami 2022 Date And Time: If You Worship Amla Tree On Shukla Paksha Navami Day Of karthika masam 2022 Financial Problems Will Reduced
  6. Amla Navami 2020:आंवला नवमी आज, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज
  7. Amla Navami 2021 When Is Amla Navami Festival Know The Importance Of Amla Tree Worship
  8. आंवला नवमी 2022: कल अक्षय नवमी पर जरूर करें ये एक काम, साल भर रहेंगे स्‍वस्‍थ, प्रसन्‍न और संपन्‍न!
  9. Amla Navami 2022 Date And Time: If You Worship Amla Tree On Shukla Paksha Navami Day Of karthika masam 2022 Financial Problems Will Reduced
  10. Amla Navami 2020:आंवला नवमी आज, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज


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amla navami 2021 worship method shubh muhurat puja vidhi time katha importance rts

ऐसी मान्यताएं हैं कि आंवला नवमी के दिन जो भी शुभ काम किया जाए उसमें हमेशा बरकत होती है. उसका क्षय कभी नहीं होता. इसलिए इस दिन की पूजा से अक्षय फल का वरदान मिलता है. वहीं, दूसरा धार्मिक महत्व ये भी है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था और द्वापर युग की शुरुआत हुई थी. वृंदावन की परिक्रमा की शुरुआत भी इसी दिन से होती है. • आंवला नवमी के दिन स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें पूजन की सामग्री के साथ आंवला के पेड़ के पास जाएं. • आंवला के जड़ के पास साफ सफाई कर जल और कच्चा दूध अर्पित करें. • जो भी पूजन सामग्री हो उससे आंवला के वृक्ष की पूजा करें. • आंवला के वृक्ष के तने पर कच्चा सूत या मौली लपेंटे मौली लपटने के क्रम में वृक्ष की 8 परिक्रमा करें, कई स्थानों पर 108 परिक्रमा करने का भी विधान है. • योग्य पंडित या ब्राहाम्ण से आंवला नवमी की कथा सुनें या स्वयं भी इसका पाठ कर सकती हैं. • इस दिन सुख समृद्धि की कामना करते हुए वृक्ष के नीचे बैठ कर भोजन करना शुभ माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक राजा रोजाना सवा मन आंवला दान करने के बाद ही भोजन करता था. जिसके कारण उसे आंवल्या राजा कहा जाने लगा. लेकिन आंवले का दान करना उसके पुत्र और पुत्रवधु को रास नहीं आया. वो सोचने लगे की राजा ऐसे आंवले का दान करेगा तो सारा खजाना खाली हो जाएगा. राजा के पुत्र ने उसे ऐसा करने से रोका, इससे दुखी होकर राजा ने रानी के साथ महल छोड़ने का फैसला लिया और जंगल चले गए. जंगल में प्रण के अनुसार राजा ने बिना आंवला दान किए 7 दिनों तक भोजन नहीं किया. राजा की तपस्या और दृढ़ता को देख भगवान खुश हुए और राजा के महल बाग बगीचे जंगल के बीचोंबीच ही खड़े हो गए. उधर राजा के पुत्र और पुत्र वधु का राजपाट दुश्मनों ने छ...

Amla Navami 2021 When Is Amla Navami Festival Know The Importance Of Amla Tree Worship

Amla Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौंवे दिन आंवला नवमी का पर्व (Kartik Month Amla Navami 2021) मनाया जाता है. इस अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं. हिंदू धर्म में आंवला नवमी (Amla Navami 2021) का भी विशेष महत्व है. इस बार आंवला नवमी 12 नवंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. इस दिन दान-धर्म का भी खास महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन दान करने से उसका पुण्य व्यक्ति को इस जन्म में तो मिलता ही है. साथ ही, अगले जन्म में भी मिलता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है. सर्वप्रथम मां लक्ष्मी की होती है पूजा आंवला नवमी के दिन सर्वप्रथम मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. एक पौराणिक कथा के अनुसार माता लक्ष्मी एक बार पृथ्वीलोक पर भ्रमण के लिए आईं. यहां आकर उन्हें भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई. ऐसे में उन्हें ध्यान आया कि तुलसी और शिव के स्वरुप बैल के गुण आंवले के वृक्ष में होते है. इसमें दोनों का अंश है, इसलिए मां लक्ष्मी ने आंवले को ही शिव और विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा की थी. उनकी पूजा से प्रसन्न होकर दोनों देव एक साथ प्रकट हुए. लक्ष्मी जी ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु जी और भगवान शिव को खिलाया. उसी के संदर्भ में हर साल कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है. आंवला नवमी 2021 शुभ मुहूर्त (Amla Navami 2021 Shubh Muhurat)

आंवला नवमी 2022: कल अक्षय नवमी पर जरूर करें ये एक काम, साल भर रहेंगे स्‍वस्‍थ, प्रसन्‍न और संपन्‍न!

Akshay Navami 2022: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाती है. इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं. इस साल अक्षय नवमी या आंवला नवमी कल 2 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है इसलिए इस नवमी को आंवला नवमी कहते हैं. मान्‍यता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्‍णु का वास होता है और कार्तिक शुक्‍ल की नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी दोनों प्रसन्‍न होते हैं. जीवन में खुशी और संपन्‍नता आती है. आंवला नवमी का पर्व देव उठनी एकादशी से 2 दिन पहले मनाया जाता है. देव उठनी या देवोत्‍थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्‍णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं. आंवला नवमी इस साल 2 नवंबर 2022, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ की परिक्रमा लगाई जाती है और सूत बांधा जाता है. मान्‍यता है कि आंवले के पेड़ में इस तरह सूत बांधने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि 1 नवंबर 2022 की रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 2 नवंबर 2022 को रात 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगी. वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- सुबह पूजा का मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक अभिजित मुहूर्त - सुबह 11बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक ... इसलिए कहते हैं अक्षय नवमी पद्मपुराण के अनुसार आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सारे पाप नष्‍ट हो जाते हैं इसलिए इसे अक्षय नवमी कहते हैं. साथ ही भगवान विष्‍णु का वास होने के कारण इस पेड़ की पूजा करने से धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से जुड़ी सारी समस्‍याएं भी खत्‍म हो जाती हैं. इसके अलावा आंवले का सेवन करने से व्‍यक...

Amla Navami 2022: आंवला नवमी आज, जानिए कथा और महत्व

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Amla Navami 2022 Date And Time: If You Worship Amla Tree On Shukla Paksha Navami Day Of karthika masam 2022 Financial Problems Will Reduced

Amla Navami 2022: శుక్ల పక్ష నవమి రోజు ఉసిరి చెట్టుకు ఇలా చేస్తే.. మీరు కోరుకున్న కోరికలు నెరవేరి..ఆర్థిక సమస్యలు చెక్‌.. Amla Navami 2022: కార్తీక మాసంలోని శుక్ల పక్ష నవమి రోజు ఉసిరి చెట్టుకు నూలి పోగులు చుట్టి పూజించడం వల్ల అన్ని రకాల సమస్యలు దూరవముతాయని జోతిష్య శాస్త్ర నిపుణులు తెలుపుతున్నారు. అంతేకాకుండా ఈ క్రమంలో అనారోగ్య సమస్యలు కూడా తగ్గుతాయి. Amla Navami 2022 Date: కార్తీక మాసంలోని శుక్ల పక్ష నవమి నాడు ఉసిరి నవమిని జరుపుకోవడం హిందు సాంప్రదాయం. ఈ నవమిని అక్షయ నవమి అని కూడా అంటారు. అయితే ప్రతి సంవత్సరం ఈ పండగను నవంబర్ 2 బుధవారం జరుపుకుంటారు. అయితే పురాణాల ప్రకారం..జామ చెట్టును పూజించడం ఆనవాయితిగా వస్తోంది. అంతేకాకుండా ఉసిరి చెట్టును కూడా చాలా మంది పూజిస్తారు. అందుకే దీనిని ఉసిరి నవమి అని అంటారు. సాక్షత్తు శ్రీమహావిష్ణువు ఉసిరి చెట్టులో ఉంటాడని ఈ రోజూ పూజించడం వల్ల విష్ణువు, లక్ష్మీదేవి అనుగ్రహం లభించి జీవితంలో ఆనందం, సుఖ సంతోషాలు కలుగుతాయని శాస్త్రం చెబుతోంది. అంతేకాకుండా ఈ క్రమంలో ఉసిరి చెట్టును పూజించడం వల్ల ఆర్థిక సమస్యలు కూడా తగ్గుతాయని జోతిష్య శాస్త్ర నిపుణులు తెలుపుతున్నారు. ఉసిరి నవమి ముహూర్తం: ఉసిరి నవమి శుక్ల పక్షలోని నవంబర్‌ 2 వ తేదిన ఈ సంవత్సరం రాబోతోంది. అయితే ఈ క్రమంలో భక్తులంతా ఉసిరి చెట్టును పూజించి ప్రదక్షిణలు చేసి నూలు పోగులు చుడతారు. ఇలా ఉసిరి చెట్టుకు నూలు కట్టడం వల్ల కోరిన కోర్కెలు నెరవేరుతాయని పురాణాలు చెబుతున్నాయి. హిందూ క్యాలెండర్ ప్రకారం, కార్తీక మాసంలోని శుక్ల పక్షం యొక్క అక్షయ నవమి తేదీ 1 నవంబర్ 2022 రాత్రి 11:04 నుంచి ప్రారంభమై 2 నవంబర్ 2022 రాత్రి 09:09 వరకు ఇలా ఉసిరి చెట్టుకు పూజలు చేయోచ్చు. పూజలకు అనుకూలమైన సమయం: ఉదయం ఆరాధన ముహూర్తం: 06:...

Amla Navami 2020:आंवला नवमी आज, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज

Amla Navami 2020: आंवला नवमी आज, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज आंवला नवमी 23 नवंबर सोमवार को है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से आंवले के वृक्ष का पूजन किया जाता है। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन आंवला के पेड़ पर देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही इस दिन आंवले का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। लेकिन आंवला नवमी के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जैसे -

Amla Navami 2021 When Is Amla Navami Festival Know The Importance Of Amla Tree Worship

Amla Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौंवे दिन आंवला नवमी का पर्व (Kartik Month Amla Navami 2021) मनाया जाता है. इस अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं. हिंदू धर्म में आंवला नवमी (Amla Navami 2021) का भी विशेष महत्व है. इस बार आंवला नवमी 12 नवंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. इस दिन दान-धर्म का भी खास महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन दान करने से उसका पुण्य व्यक्ति को इस जन्म में तो मिलता ही है. साथ ही, अगले जन्म में भी मिलता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है. सर्वप्रथम मां लक्ष्मी की होती है पूजा आंवला नवमी के दिन सर्वप्रथम मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. एक पौराणिक कथा के अनुसार माता लक्ष्मी एक बार पृथ्वीलोक पर भ्रमण के लिए आईं. यहां आकर उन्हें भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई. ऐसे में उन्हें ध्यान आया कि तुलसी और शिव के स्वरुप बैल के गुण आंवले के वृक्ष में होते है. इसमें दोनों का अंश है, इसलिए मां लक्ष्मी ने आंवले को ही शिव और विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा की थी. उनकी पूजा से प्रसन्न होकर दोनों देव एक साथ प्रकट हुए. लक्ष्मी जी ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु जी और भगवान शिव को खिलाया. उसी के संदर्भ में हर साल कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है. आंवला नवमी 2021 शुभ मुहूर्त (Amla Navami 2021 Shubh Muhurat)

आंवला नवमी 2022: कल अक्षय नवमी पर जरूर करें ये एक काम, साल भर रहेंगे स्‍वस्‍थ, प्रसन्‍न और संपन्‍न!

Akshay Navami 2022: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाती है. इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं. इस साल अक्षय नवमी या आंवला नवमी कल 2 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है इसलिए इस नवमी को आंवला नवमी कहते हैं. मान्‍यता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्‍णु का वास होता है और कार्तिक शुक्‍ल की नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी दोनों प्रसन्‍न होते हैं. जीवन में खुशी और संपन्‍नता आती है. आंवला नवमी का पर्व देव उठनी एकादशी से 2 दिन पहले मनाया जाता है. देव उठनी या देवोत्‍थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्‍णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं. आंवला नवमी इस साल 2 नवंबर 2022, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ की परिक्रमा लगाई जाती है और सूत बांधा जाता है. मान्‍यता है कि आंवले के पेड़ में इस तरह सूत बांधने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि 1 नवंबर 2022 की रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 2 नवंबर 2022 को रात 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगी. वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- सुबह पूजा का मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक अभिजित मुहूर्त - सुबह 11बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक ... इसलिए कहते हैं अक्षय नवमी पद्मपुराण के अनुसार आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सारे पाप नष्‍ट हो जाते हैं इसलिए इसे अक्षय नवमी कहते हैं. साथ ही भगवान विष्‍णु का वास होने के कारण इस पेड़ की पूजा करने से धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से जुड़ी सारी समस्‍याएं भी खत्‍म हो जाती हैं. इसके अलावा आंवले का सेवन करने से व्‍यक...

Amla Navami 2022 Date And Time: If You Worship Amla Tree On Shukla Paksha Navami Day Of karthika masam 2022 Financial Problems Will Reduced

Amla Navami 2022: శుక్ల పక్ష నవమి రోజు ఉసిరి చెట్టుకు ఇలా చేస్తే.. మీరు కోరుకున్న కోరికలు నెరవేరి..ఆర్థిక సమస్యలు చెక్‌.. Amla Navami 2022: కార్తీక మాసంలోని శుక్ల పక్ష నవమి రోజు ఉసిరి చెట్టుకు నూలి పోగులు చుట్టి పూజించడం వల్ల అన్ని రకాల సమస్యలు దూరవముతాయని జోతిష్య శాస్త్ర నిపుణులు తెలుపుతున్నారు. అంతేకాకుండా ఈ క్రమంలో అనారోగ్య సమస్యలు కూడా తగ్గుతాయి. Amla Navami 2022 Date: కార్తీక మాసంలోని శుక్ల పక్ష నవమి నాడు ఉసిరి నవమిని జరుపుకోవడం హిందు సాంప్రదాయం. ఈ నవమిని అక్షయ నవమి అని కూడా అంటారు. అయితే ప్రతి సంవత్సరం ఈ పండగను నవంబర్ 2 బుధవారం జరుపుకుంటారు. అయితే పురాణాల ప్రకారం..జామ చెట్టును పూజించడం ఆనవాయితిగా వస్తోంది. అంతేకాకుండా ఉసిరి చెట్టును కూడా చాలా మంది పూజిస్తారు. అందుకే దీనిని ఉసిరి నవమి అని అంటారు. సాక్షత్తు శ్రీమహావిష్ణువు ఉసిరి చెట్టులో ఉంటాడని ఈ రోజూ పూజించడం వల్ల విష్ణువు, లక్ష్మీదేవి అనుగ్రహం లభించి జీవితంలో ఆనందం, సుఖ సంతోషాలు కలుగుతాయని శాస్త్రం చెబుతోంది. అంతేకాకుండా ఈ క్రమంలో ఉసిరి చెట్టును పూజించడం వల్ల ఆర్థిక సమస్యలు కూడా తగ్గుతాయని జోతిష్య శాస్త్ర నిపుణులు తెలుపుతున్నారు. ఉసిరి నవమి ముహూర్తం: ఉసిరి నవమి శుక్ల పక్షలోని నవంబర్‌ 2 వ తేదిన ఈ సంవత్సరం రాబోతోంది. అయితే ఈ క్రమంలో భక్తులంతా ఉసిరి చెట్టును పూజించి ప్రదక్షిణలు చేసి నూలు పోగులు చుడతారు. ఇలా ఉసిరి చెట్టుకు నూలు కట్టడం వల్ల కోరిన కోర్కెలు నెరవేరుతాయని పురాణాలు చెబుతున్నాయి. హిందూ క్యాలెండర్ ప్రకారం, కార్తీక మాసంలోని శుక్ల పక్షం యొక్క అక్షయ నవమి తేదీ 1 నవంబర్ 2022 రాత్రి 11:04 నుంచి ప్రారంభమై 2 నవంబర్ 2022 రాత్రి 09:09 వరకు ఇలా ఉసిరి చెట్టుకు పూజలు చేయోచ్చు. పూజలకు అనుకూలమైన సమయం: ఉదయం ఆరాధన ముహూర్తం: 06:...

Amla Navami 2020:आंवला नवमी आज, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज

Amla Navami 2020: आंवला नवमी आज, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज आंवला नवमी 23 नवंबर सोमवार को है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से आंवले के वृक्ष का पूजन किया जाता है। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन आंवला के पेड़ पर देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही इस दिन आंवले का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। लेकिन आंवला नवमी के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जैसे -