सभी धर्मों के पिता कौन है

  1. Akshay Kumar says my children know about all religions
  2. Seven Days Course.htm
  3. दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है?(sabse achcha dharm)
  4. भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय
  5. जानिए क्या देवी सरस्वती वास्तव में विद्या की देवी हैं?
  6. भारत में धर्म
  7. संत रविदास (रैदास)
  8. हिन्दू धर्म की विशेषताएँ


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Akshay Kumar says my children know about all religions

चाहे मनोरंजक फिल्मों के जरिए या अपने ह्यूमर के जरिये, अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने चाहने वालों की जिंदगी में काफी खुशियां बिखेरी हैं। हालांकि यह काम वह अनायास ही करते हैं और कभी इसका क्रेडिट लेते भी नहीं दिखते। उनकी हालिया रिलीज फिल्म ‘गुड न्यूज’ को लोगों ने सराहा, जिसकी उन्हें खुशी है। वह हर धर्म का सम्मान करते हैं और यह ख्याल रखते हैं कि उनके बच्चे आरव और नितारा भी सभी धर्मों का सम्मान करें। उनसे बातचीत के कुछ अंश- आपकी फिल्म ‘गुड न्यूज’ हाल ही में क्रिसमस के मौके पर रिलीज हुई थी... कैसा लगा आपको? क्रिसमस और नया साल हम सबके जीवन में खूब खुशियां लेकर आता है। मैंने भी इस समय का पूरा आनंद लिया। हमने क्रिसमस और नए साल के जश्न के साथ ही फिल्म की कामयाबी का भी जश्न मनाया। वैसे हम क्रिसमस और नए साल पर केक काटते हैं, कैंडीज खाते हैं, तोहफे देते हैं, सीक्रेट सैंटा जैसे खेल खेलते हैं और पार्टी करते हैं। मेरी फिल्म को इससे अच्छी और कौन सी डेट मिल सकती थी। इस पर दर्शकों की प्रतिक्रिया से भी मैं खुशी महसूस कर रहा हूं। ‘भारत के वीर’ (अक्षय कुमार और राजनाथ सिंह द्वारा शुरू की गई एक पहल) आपदाग्रस्त क्षेत्रों की मदद कर रहे हैं और आपके फैन क्लब्स आपके जन्मदिन पर ब्लड डोनेशन कैंप्स का आयोजन करते हैं, इस पर आप कैसा महसूस करते हैं? किसी को कुछ देना, बहुत व्यक्तिगत है और मुझे लगता है कि वह व्यक्तिगत ही रहना चाहिए। उस पर बात नहीं करनी चाहिए। अगर आप अपने कार्य से किसी के जीवन में थोड़ा सा भी बदलाव ला सकते हैं, तो मेरी समझ में यह किसी प्रार्थना से भी अधिक महत्व रखता है। मैं अपने स्तर पर जो कुछ कर सकता हूं, वह करता हूं। एक पिता के तौर पर, आप कैसे तय करते हैं कि आपके बच्चे सभी धर्मों और त्योहारों का...

Seven Days Course.htm

Seven Days Course.htm Seven Days Course तीसरादिन Mp3 सर्वआत्माओंकापितापरमात्माएक हैऔरनिराकारहै प्राय: लोगयहनारातोलगतेहैकि “ हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाईसभीआपसमेंभाई-भाईहै”, परन्तुवेसभीआपसमेंभाई-भाईकैसेहैऔरयदिवेभाई-भाईहैतोउनसभीकाएकपिताकौनहै- इसेवेनहींजानते| देहकीदृष्टिसेतोवेसभीभाई-भाईहोनहींसकतेक्योंकिउनकेमाता-पिताअलग-अलगहै, आत्मिकदृष्टिसेहीवेसभीएकपरमपितापरमात्माकीसन्तानहोनेकेनातेसेभाई-भाईहै| यहाँसभीआत्माओंकेएकपरमपिताकापरिचयदियागयाहै| इसस्मृतिमेंस्थितहोनेसेराष्ट्रीयएकताहोसकतीहै| प्राय: सभीधर्मोकेलोगकहतेहैकिपरमात्माएकहैऔरसभीकापिताहैऔरसभीमनुष्यआपसमेंभाई-भाईहै | परन्तुप्रश्नउठताहैकिवहएकपारलौकिकपरमपिताकौनहैजिसेसभीमानतेहै ? आपदेखगेंकिभलेहीहरएकधर्मकेस्थापकअलग-अलगहैपरन्तुहरएकधर्मकेअनुयायीनिराकार, ज्योति-स्वरूपपरमात्माशिवकीप्रतिमा (शिवलिंग) कोकिसी-न-किसीप्रकारसेमान्यतादेतेहै | भारतवर्षमेंतोस्थान-स्थानपरपरमपितापरमात्माशिवकेमंदिरहैहीऔरभक्त-जन‘ ओम्नमोंशिवाय’ तथा‘ तुम्हींहोमातातुम्हींपिताहो’ इत्यादिशब्दोंसेउसकागायनवपूजनभीकरतेहैऔरशिवकोश्रीकृष्णतथाश्रीरामइत्यादिदेवोंकेभीदेवअर्थातपरमपूज्यमानतेहीहैपरन्तुभारतसेबाहर, दूसरेधर्मोंकेलोगभीइसकोमान्यतादेतेहै| यहाँसामनेदियेचित्रमेंदिखायागयाहैकिशिवकास्मृति-चिन्हसभीधर्मोंमेंहै| अमरनाथ , विश्वनाथ, सोमनाथऔरपशुपतिनाथइत्यादिमंदिरोंमेंपरमपितापरमात्माशिवहीकेस्मरणचिन्हहै| ‘ गोपेश्वर’ तथा‘ रामेश्वर’ केजोमंदिरहैउनसेस्पष्टहैकि‘ शिव’ श्रीकृष्णतथाश्रीरामकेभीपूज्यहै| रजाविक्रमादित्यभीशिवहीकीपूजाकरतेथे| मुसलमानोंकेमुख्यतीर्थमक्कामेंभीएकइसीआकारकापत्थरहैजिसेकिसभीमुसलमानयात्रीबड़ेप्यारवसम्मानसेचूमतेहै| उसेवे‘ संगे-असवद’ कहतेहैऔरइब्राहिमतथामुहम्मदद्वाराउनकीस्थापनाहुईमान...

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है?(sabse achcha dharm)

मित्रों आज के समय पूरी दुनिया धर्म के नाम पर बटी हुई है। सभी धर्म के लोग अपने धर्म को सबसे अच्छा मानते हैं। और कोई अपने धर्म के आलावा किसी और का धर्म नहीं मानते है। लेकिन सभी धर्म के लोगों में एक बात समान है, कि सभी धर्म के लोग अपने धर्म को सबसे अच्छा मानते हैं। इस जवाब में इस बात में यह सवाल होकर रह जाता है कि दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है। इस बात का सवाल विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। इस बात का सवाल इस तरीके से भी दिया जा सकता है कि वह धर्म जो कि सबसे ज्यादा लोगों के द्वारा माना जाता है, वही सबसे अच्छा धर्म है। इसका दूसरा कारक हो सकता है कि वह धर्म जिसमें लोगों को एक साथ मिलकर के रहना सिखाया जाता है तथा आपस में प्यार बढ़ाने के बारे में बताया जाता है वह घर में सबसे अच्छा धर्म है। लेकिन दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है आज के लेख में हमेशा के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए शुरू करते है- दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? मित्रों जैसा कि हमने आपको उपर बताया है कि पूरी दुनिया में सबसे अच्छा धर्म कौन सा है इस बात का जवाब इसके विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। यानी कि कोई व्यक्ति किस संदर्भ में अच्छा पूछना चाहता है। इस सवाल का जवाब उसी पर निर्भर करता है। यदि एक व्यक्ति पूछना चाहता है कि दुनिया में वह सबसे अच्छा धर्म कौन सा है जिसके मानने वाले लोग सबसे ज्यादा है,, तो इसका जवाब होगा कि ईसाई धर्म के मानने वाले लोग पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। आज के समय तकरीबन 230 करोड़ ईसाई पूरी दुनिया में रहते हैं। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति पूछना चाहता है कि दुनिया में वह सबसे अच्छा धर्म कौन सा है जो सबसे ज्यादा पुराना है तो इसका जवाब होगा सनातन धर्म सनातन धर्म। सनातन ...

भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय

सहृदय नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में हुआ था जिसका नाम आज बदल कर डॉ.अंबेडकर नगर रख दिया गया था। डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। डॉ भीमराव अंबेडकर जाति से दलित थे। उनकी जाति को अछूत जाति माना जाता था। इसलिए उनका बचपन बहुत ही मुश्किलों में व्यतीत हुआ था। बाबासाहेब अंबेडकर सहित सभी निम्न जाति के लोगों को सामाजिक बहिष्कार, अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ता था। आइए और इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं Dr Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi के बारे में विस्तार से। जन्म 14 अप्रैल 1891 मध्य प्रदेश, भारत में जन्म का नाम भिवा, भीम, भीमराव, बाबासाहेब अंबेडकर अन्य नाम बाबासाहेब अंबेडकर राष्ट्रीयता भारतीय धर्म बौद्ध धर्म शैक्षिक सम्बद्धता • मुंबई विश्वविद्यालय (बी॰ए॰) • कोलंबिया विश्वविद्यालय (एम॰ए॰, पीएच॰डी॰, एलएल॰डी॰) लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (एमएस०सी०,डीएस॰सी॰) ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ) पेशा विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद्दार्शनिक, लेखक पत्रकार, समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्, धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर, सम्पादक व्यवसाय वकील, प्रोफेसर व राजनीतिज्ञ जीवन साथी रमाबाई अंबेडकर (विवाह 1906- निधन 1935) डॉ० सविता अंबेडकर ( विवाह 1948- निधन 2003) बच्चे यशवंत अंबेडकर राजनीतिक दल शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन स्वतंत्र लेबर पार्टी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी अन्य राजनीतिकसंबद्धताऐं सामाजिक संगठन: • बहिष्कृत हितकारिणी सभा • समता सैनिक दल शैक्षिक संगठन: • डिप्रेस्ड क्लासेस एज्युकेशन सोसायटी • द बाँबे शेड्युल्ड कास्ट्स इम्प्रुव्हमेंट ट्रस्ट • पिपल्स एज्युकेशन सोसायटी धार्मिक संगठन: भारतीय बौद्ध महासभा पुरस्क...

जानिए क्या देवी सरस्वती वास्तव में विद्या की देवी हैं?

इस संसार में अनेकों धर्म प्रचलित हैं और प्रत्येक धर्म में कई धार्मिक मान्यताएं की जाती हैं और सभी मनुष्य अपनी धार्मिक क्रियाओं को सही मानकर उस पर आरूढ़ रहते हैं इसलिए यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि पूजा का सही तरीका क्या है और सभी धर्मों के लिए एकमात्र पूज्यनीय भगवान कौन है? प्रत्येक भक्त की पूजा का उद्देश्य जीवन में सभी प्रकार के सांसारिक लाभ, सुख समृद्धि और मोक्ष प्राप्ति है जिसके लिए वे अपने इष्ट भगवान या देवी को प्रसन्न करना चाहते हैं। ऐसी ही एक देवी हैं जिनसे लोग धन तो नहीं परंतु विद्या, ज्ञान और बुद्धि मांगते हैं। वह देवी हैं ब्रह्मा जी की पुत्री देवी सरस्वती। लेकिन क्या वास्तव में उनकी पूजा करने से विद्या, ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है? आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से। देवी सरस्वती को लोकोक्तियों के आधार पर ज्ञान और बुद्धि की देवी के रूप में जाना जाता है, जो संगीत, कला, बुद्धि, भाषण ,विद्या और कला से जुड़ी मानी जाती हैं। इन्हें माता सरस्वती भी कहकर पुकारते हैं। सरस्वती का वाग्देवी, शारदा, वीणावादिनी आदि नामों से भी अभिवादन किया जाता है। ज्ञान की वैदिक देवी सरस्वती को मूर्तियों और चित्रों में एक हाथ में वीणा (संगीत वाद्ययंत्र), पवित्र जल का एक बर्तन (शक्तियों की शुद्धि का प्रतीक) धारण करने वाली चित्रित किया गया है। एक हाथ में आध्यात्मिकता की शक्ति का प्रतीक माला और एक छोटे आकार की किताब उन्हें ज्ञान का प्रतीक बनाती है। हंस और मोर से घिरे कमल के फूल पर विराजमान सरस्वती देवी विद्या, बुद्धि और शिक्षा की प्रतीक मानी गई हैं। हिन्दू धर्म में प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के दिन छात्रों और विद्वानों द्वारा माता सरस्वती की पूजा की जाती है। आमतौर पर शैक्षणिक संस्थानों और स...

भारत में धर्म

भारत एक ऐसा देश है जहाँ धार्मिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को कानून तथा समाज, दोनों द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। भारत की जनसंख्या के 79.8% लोग हिन्दू धर्म का अनुसरण करते हैं। भारत के नागरिक आम तौर पर एक दूसरे के धर्म के प्रति काफी सहिष्णुता दर्शाते हैं और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण बनाए रखते हैं, हालाँकि अन्तर-धार्मिक विवाह व्यापक रूप से प्रचलित नहीं है। भारत के सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय के अनुसार मुसलमानों के लिए शरियत या मुस्लिम कानून को भारतीय नागरिक कानून के ऊपर वरीयता दी जायेगी। [ अनुक्रम • 1 इतिहास • 1.1 वैदिक धर्म का विकास • 1.2 अनादि श्रमण परम्परा से धर्मों का उदय • 1.3 इस्लाम का आगमन • 1.4 भक्ति आन्दोलन • 1.5 सिख धर्म • 1.6 ईसाई धर्म का उद्गम • 1.7 साम्प्रदायिकता • 2 जनसांख्यिकी • 2.1 आँकड़े (सांख्यिकी) • 3 कानून • 4 पहलू • 4.1 रीति-रिवाज • 4.2 रस्में • 4.3 तीर्थ • 4.4 त्यौहार • 5 धर्म और राजनीति • 5.1 राजनीति • 5.2 शिक्षा • 5.3 संघर्ष • 6 नोट्स • 7 इन्हें भी देखें • 8 सन्दर्भ • 9 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] वैदिक धर्म का विकास [ ] 200 ई. के बाद कई विचारधाराओं को भारतीय दर्शन में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया, जिनमें शामिल हैं, नास्तिक ("विधर्मिक") व्यवस्था के रूप में वर्गीकृत किया गया है; इसे हिंदू धर्म की आमतौर पर रूढ़िवादी मानी जाने वाली छह विचारधाराओं में शामिल नहीं किया जाता है। यह हिंदू धर्म के भीतर एक भौतिकवादी परंपरा की मौजूदगी के साक्ष्य के रूप में काफी उल्लेखनीय है। अनादि श्रमण परम्परा से धर्मों का उदय [ ] 24वें जैन तीर्थंकर भगवान अस्तेय (चोरी न करना) शामिल हैं। बौद्ध धर्म की स्थापना करने वाले 28 वें बुद्ध भगवान कुछ विद्वानों का मानना है कि 400 ई॰पू॰ ...

संत रविदास (रैदास)

संत रविदास कौन थे रविदास भारत में 15वीं शताब्दी के एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे। वो निर्गुण संप्रदाय अर्थात् संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और प्रसिद्ध व्यक्ति थे तथा उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देते थे। ईश्वर के प्रति अपने असीम प्यार और अपने चाहने वाले, अनुयायी, सामुदायिक और सामाजिक लोगों में सुधार के लिये अपने महान कविता लेखनों के जरिये संत रविदास ने विविध प्रकार की आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिये। वो लोगों की नजर में उनकी सामाजिक और आध्यात्मिक जरुरतों को पूरा करने वाले मसीहा के रुप में थे। आध्यात्मिक रुप से समृद्ध रविदास को लोगों द्वारा पूजा जाता था। हर दिन और रात, रविदास के जन्म दिवस के अवसर पर तथा किसी धार्मिक कार्यक्रम के उत्सव पर लोग उनके महान गीतों आदि को सुनते या पढ़ते है। उन्हें पूरे विश्व में प्यार और सम्मान दिया जाता है हालाँकि उन्हें सबसे अधिक सम्मान उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्रा में अपने भक्ति आंदोलन और धार्मिक गीतों के लिये मिलता था। संत रविदास जयंती पूरे भारत में खुशी और बड़े उत्साह के साथ माघ महीने के पूर्ण चन्द्रमा दिन पर माघ पूर्णिमा पर हर साल संत रविदास की जयंती या जन्म दिवस को मनाया जाता है। जबकि; वाराणसी में लोग इसे किसी उत्सव या त्योहार की तरह मनाते है। 2020 (643 वां) – 9 फरवरी इस खास दिन पर आरती कार्यक्रम के दौरान मंत्रों के रागों के साथ लोगों द्वारा एक नगर कीर्तन जुलूस निकालने की प्रथा है जिसमें गीत-संगीत, गाना और दोहा आदि सड़कों पर बने मंदिरों में गाया जाता है। रविदास के अनुयायी और भक्त उनके जन्म दिवस पर गंगा- स्नान करने भी जाते है तथा घर या मंदिर में बनी छवि की पूजा-अर्चना करते है। इस पर...

हिन्दू धर्म की विशेषताएँ

हिन्दू धर्म के ये 10 रोचक तथ्य हिन्दू धर्म विश्व के सबसे प्राचीनतम धर्मों में से एक है इसमें कोई दो राय नहीं, पर इस धर्म में कई ऐसी चीज़ें है जो इसे बाकी धर्मों की तुलना से भिन्न तो बनाती ही हैं साथ में एक ऐसा आधार भी देती हैं जो इसे मानने वालों को गर्व भी प्रदान करती हैं. 1.इस धर्म के संथापक का ही पता नहीं हिन्दू धर्म का संस्थापक कौन हैं इसके बारे में कोई साक्ष्य ही नहीं है, पर इसके प्रचार-प्रसार में काफ़ी सारे ऋषि-मुनियों और लोगों ने भूमिका निभाई है जिनका जिक्र हिन्दू धर्म की कई पुस्तकों में मिलता हैं. 2.कोई एक धर्म शास्त्र नहीं हिन्दू धर्म का कोई एक धर्मशास्त्र नहीं है बल्कि बहुत सारी किताबें मिलाकर इसे एक धार्मिक आधार प्रदान करती हैं. 3.विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म क्रिश्चियनिटी और इस्लाम के बाद हिन्दू धर्म विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और 90% हिन्दू, हिंदुस्तान में ही रहते है. 4.ऋग्वेद का प्रसार कई वर्षो तक केवल मौखिक रूप में ही होता रहा था ऋग्वेद का इतिहास लगभग 3800 साल पुराना है जबकि 3500 साल तक इसे केवल मौखिक रूप में ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाया जाता रहा था. 5.108 एक पवित्र नंबर है हिन्दू धर्म में 108 को पवित्र माना जाता है, तभी तो मालाओं में 108 मोती होते हैं जिससे 108 बार ऊपर वाले को याद किया जा सके. 6.सभी त्यौहार ख़ास होते हैं हिन्दू धर्म में सभी त्यौहारों को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां शोक के लिए कोई स्थान नहीं. 7.मंदिर जाने के लिए कोई एक समय निर्धारित नहीं है हिन्दू धर्म की एक खास बात यह है कि यहां पर ऊपर वाले को याद करने के लिए कोई एक खास दिन या समय नहीं होता. जब भी आपका दिल करे आप प्राथना के लिए मंदिर जा सकते हैं. 8.Juggernaut शब्द जगन्नाथ स...