अफ्रीका से लाए हुए चीतों को किस राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया हैं

  1. अफ्रीकी चीतों की मौत पर कोर्ट के चिंतित होने के बीच सरकार ने कहा, देश में कोई चीता विशेषज्ञ नहीं
  2. चार्टर्ड प्लेन में अफ्रीका से भारत आएंगे 12 चीते, शुरू हो गई हैं स्वागत की तैयारियां, जानें पूरी कहानी
  3. दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार भोजन परोसा गया – ThePrint Hindi
  4. एमपी के कुनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से आएंगे चीते, देश में 70 साल बाद फिर से दहाड़ सुनाई देगी
  5. Madhya Pradesh: दो चीतों को Kuno National Park में छोड़ा गया, 6 महीने पहले नामीबिया से लाए गए थे भारत


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अफ्रीकी चीतों की मौत पर कोर्ट के चिंतित होने के बीच सरकार ने कहा, देश में कोई चीता विशेषज्ञ नहीं

सुप्रीम कोर्ट में लगभग दो महीने में अफ्रीका से लाए गए तीन चीतों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है. इस दौरान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भारत में कोई चीता विशेषज्ञ नहीं हैं, क्योंकि 1947-48 में चीता देश से विलुप्त हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट में लगभग दो महीने में अफ्रीका से लाए गए तीन चीतों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है. इस दौरान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भारत में कोई चीता विशेषज्ञ नहीं हैं, क्योंकि 1947-48 में चीता देश से विलुप्त हो गए थे. मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िला स्थिति कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया चीता. (फाइल फोटो: पीटीआई) नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीते बृ​हस्पतिवार (18 मई) को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में लाए गए तीन चीतों की दो महीने से भी कम समय में मौत पर गंभीर चिंता व्यक्त की. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से उन्हें राजस्थान स्थानांतरित करने पर विचार करने को कहा है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कूनो नेशनल पार्क इतनी बड़ी संख्या में चीतों के लिए पर्याप्त नहीं है और सरकार उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है. बीते 27 मार्च को (नामीबिया से लाई गई) साशा नाम की एक मादा चीता की किडनी की बीमारी और बीते 23 अप्रैल को (दक्षिण अफ्रीका से लाए गए) उदय नामक चीते की कार्डियो-पल्मोनरी फेल्योर के कारण मौत हो गई थी. समाचार एजेंसी ...

चार्टर्ड प्लेन में अफ्रीका से भारत आएंगे 12 चीते, शुरू हो गई हैं स्वागत की तैयारियां, जानें पूरी कहानी

डीएनए हिंदी: भारत और नामीबिया ने हाल ही में एक समझौता किया है. इसके तहत अफ्रीकी चीतों को भारत लाया जाएगा. हाल ही में नई दिल्ली में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और नामीबिया के विदेश मंत्री नेतुंबो नंदी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. सन् 1952 में भारत में एशियाई चीतों को लुप्त घोषित कर दिया गया था. यह विलुप्त होती प्रजाति अब सिर्फ ईरान में है. अब भारत में इस प्रजाति के स्वागत की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. जानते हैं क्या है ये पूरी कहानी- क्या है भारत और नामीबिया के बीच समझौता भारत और नामीबिया के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देशों के बीच क्या है इन चीतों के भारत आने का महत्व जानकार बताते हैं कि चीता जंगल का एक प्रमुख जीव है. इसकी मौजूदगी से वन संरक्षण में मदद मिलती है. चीते ना रहने से जंगलों के धीरे-धीरे खत्म होने का खतरा भी पैदा हो रहा है. इस समझौते से वन संरक्षण को एक उम्मीद मिलेगी. साथ ही इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलने के भी पूरे आसार हैं. यह भी पढ़ें- कैसे खत्म हो गए देश में अफ्रीकी चीते 70 साल पहले भारत में अफ्रीकी चीते हुआ करते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रजाति के आखिरी बचे तीन चीतों का सन् 1948 में मध्य प्रदेश की एक रियासत के राजा ने शिकार कर दिया था. इसके बाद 1952 में इस प्रजाति को आधिकारिक रूप से भारत से खत्म घोषित कर दिया गया था. देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में

दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार भोजन परोसा गया – ThePrint Hindi

कूनो राष्ट्रीय उद्यान के डिवीजनल वन अधिकारी पी. के. वर्मा ने बताया कि सात नर और पांच मादा सहित इन 12 चीतों को रविवार शाम करीब पांच बजकर 50 मिनट पर 65 से 70 किलोग्राम भैंस का मांस दिया गया। उन्होंने कहा कि इन सभी को विशेष बाड़ों में एक महीने के लिए पृथक-वास में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि भारत आने से पहले उन्हें 15 फरवरी को सुबह छह बजे दक्षिण अफ्रीका के रूइबर्ग और फिंडा रिजर्व में उनके बाड़ों में अंतिम बार भोजन दिया गया था। माना जाता है कि चीते रोजाना भोजन नहीं करते। वे तीन दिन में एक बार खाना खाते हैं। भारत में पिछले सात दशक से विलुप्त चीतों को पुन: बसाने की योजना के तहत भारतीय वायुसेना के विमान से दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को शनिवार को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाकर 10 बाड़ों में छोड़ा गया है। इससे पहले नाबीबिया ने लाकर आठ चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को इस उद्यान में छोड़ा गया था। इसके साथ ही इस उद्यान में अब कुल 20 चीते हो गए हैं। भाषा रावत रावत सुरभि सुरभि यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

एमपी के कुनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से आएंगे चीते, देश में 70 साल बाद फिर से दहाड़ सुनाई देगी

• • Madhya Pradesh • एमपी के कुनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से आएंगे चीते, देश में 70 साल बाद फिर से दहाड़ सुनाई देगी एमपी के कुनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से आएंगे चीते, देश में 70 साल बाद फिर से दहाड़ सुनाई देगी देश में करीब 70 साल बाद बिलुप्त हुए चीते की दहाड़ फिर से सुनाई देगी, अगले महीने दक्षिण अफ्रीका से लाया जाएगा फोटो साभार ट्विटर भोपाल/श्योपुर: देश में करीब 70 साल बाद बिलुप्त हुए चीते की दहाड़ फिर से सुनाई देगी. इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने के लिए करीब 10 साल से चर्चा चल रही थी. मध्य प्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले स्तनधारी चीतों को अगले महीने दक्षिण अफ्रीका से लाया जाएगा, जिनका स्वागत करने के लिए यह उद्यान तैयार है. कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में 12 से 15 चीतों को बसाने के लिए तैयारी की है. वन विभाग के प्रधान सचिव अशोक बर्नवाल ने बताया, ”हम इस पर काम कर रहे हैं. चीते अगस्त में मध्य प्रदेश आएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या चीतों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को उद्यान में लाया जाएगा, इस पर उन्होंने कहा, ”यह हो सकता है.” शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे चीते क्या चीते नामीबिया लाए जा रहे हैं या दक्षिण अफ्रीका से, इस सवाल पर बर्नवाल ने कहा, ”शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे.” चीतों के स्थानांतरण को लेकर दोनों देशों के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) की स्थिति पर शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. चीतों के आगमन के लिए कोई सटीक तारीख नहीं बर्नवाल ने विस्तार से बताए बिना कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ जल्द ही एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा. ...

Madhya Pradesh: दो चीतों को Kuno National Park में छोड़ा गया, 6 महीने पहले नामीबिया से लाए गए थे भारत

Last Updated: March 12, 2023 00:08 IST Madhya Pradesh: दो चीतों को Kuno National Park में छोड़ा गया, 6 महीने पहले नामीबिया से लाए गए थे भारत Namibia से पिछले साले लाए गये आठ चीतों में से दो चीतों ओबन और आशा को करीब छह महीने बाद शनिवार को मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया गया। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के विशेष बाड़ों में पृथकवास के लिए छोड़ा था। इन्हें नवंबर में पृथकवास बाड़ों से निकालकर बड़े बाड़े में स्थानांतरित किया गया है, जहां पर वे अपना शिकार भी कर रहे हैं। इन चीतों में पांच मादा और तीन नर हैं। मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ओबन और आशा नाम के चीतों को शनिवार को जंगल में छोड़ दिया गया। अब दोनों जंगल में स्वछंद विचरण कर रहे हैं। ये उन आठ चीतों में से हैं, जिन्हें पिछले साल सितंबर में केएनपी में लाया गया था।’’ उन्होंने कहा कि दोपहर में पहले ओबन को और उसके कुछ घंटे बाद आशा को जंगल में छोड़ा गया। चौहान ने समयसीमा का खुलासा किए बिना कहा, ‘‘आठ चीतों के इस समूह के बाकी चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से जंगल में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ा जाएगा।’’ इन आठ चीतों के अलावा, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को भी इस साल 18 फरवरी को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाकर अलग-अलग बाड़ों में छोड़ा गया हैं कूनो राष्ट्रीय उद्यान में फिलहाल कुल 20 चीते हैं।