अप्रैल में अमावस्या कब है 2023

  1. Ashadha Amavasya 2023 Date And Timing: आषाढ़ अमावस्या कब हैं, नोट करें सहीं तिथि व शुभ मुहूर्त, When is Ashadh Amavasya, note down the exact date and auspicious time.
  2. Ashadha Amavasya 2023: आषाढ़ अमावस्‍या कब है? जानें सही तारीख और स्‍नान
  3. asadha amavasya 2023 know date shubh muhurat puja niyam upay for money
  4. Vaisakh Amavasya 2023: कब है वैशाख अमावस्या, जानें पूजा, स्नान एवं दान का शुभ मुहूर्त


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Ashadha Amavasya 2023 Date And Timing: आषाढ़ अमावस्या कब हैं, नोट करें सहीं तिथि व शुभ मुहूर्त, When is Ashadh Amavasya, note down the exact date and auspicious time.

Ashadha Amavasya 2023 Date and Timing: हिंदू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व होता हैं, इस दिन गंगा स्नान व दान किया जाता है मान्यता हैं ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है, इस महीने की समाप्ति के बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. इस बार आषाढ़ अमावस्या तिथि को लेकर लोगों के मन में संशय है कि अमावस्या तिथि कब हैं इसलिए हम आपके लिए आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त लेकर आए हैं. आषाढ़ अमावस्या कब हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 17 जून 2023 को सुबह 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 18 जून 2023 को सुबह 10 बजकर 8 मिनट पर होगा. अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और इसलिए 18 जून को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी. आषाढ़ अमावस्या का महत्व आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि का पितरों का तर्पण करने, स्नान-दान करने और जप-तप के लिए महत्व होता है. इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप कट जाते हैं. अमावस्या तिथि पर तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. आषाढ़ माह की अमावस्या को आषाढ़ी अमावस्या (Ashadha Amavasya 2023) और हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya 2023) के नाम से भी जाना जाता है.

Ashadha Amavasya 2023: आषाढ़ अमावस्‍या कब है? जानें सही तारीख और स्‍नान

Ashadha Amavasya 2023 kab hai: हिंदू धर्म में सभी अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बहुत महत्‍व दिया गया है. इन खास मौकों पर पवित्र नदियों में स्‍नान किया जाता है. ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है. अमावस्‍या का दिन पितरों का श्राद्ध-तर्पण करने के लिए विशेष होता है. ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्‍न होकर आशीर्वाद देते हैं. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है, वंश आगे बढ़ता है. इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है. आषाढ़ माह की अमावस्‍या तिथि कब पड़ रही है और स्‍नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्‍या है, आइए जानते हैं. हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ अमावस्‍या तिथि 17 जून 2023 की सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 18 जून 2023 की सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी. चूंकि अमावस्या पर सूर्योदय से पहले स्नान करना शुभ माना जाता है, इसलिए आषाढ़ अमावस्‍या 18 जून, 2023 को मान जाएगी. इस दिन एक और अनोखा संयोग भी बन रहा है कि सूर्य और चंद्रमा एक साथ मिथुन राशि में मौजूद रहेंगे. आषाढ़ अमावस्‍या पर स्नान का शुभ मुहूर्त 18 जून की सुबह 04.03 बजे से सुबह 04.43 बजे तक रहेगा. वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11.54 बजे से दोपहर 12.50 तक रहेगा. आषाढ़ अमावस्या के दिन जरूर करें स्‍नान और दान ज्योतिष में अमावस्या को रिक्ता तिथि कहा जाता है यानी इस तिथि में किए गए काम का शुभ फल नहीं मिलता. इसलिए अमावस्‍या के दिन शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, प्रॉपर्टी खरीदने से जैसे मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं. अमावस्‍या का दिन पितरों को समर्पित है और इस दिन स्‍नान-दान करना, श्राद्ध-तर्पण करना ही शुभ माना जाता है. अमावस्‍या के दिन ब्राह्मणों को दान करें. साथ ही गरीब और जरूरतमंदों को भी अन्‍न, वस्‍त्र आदि दान करें.

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Ashadha Amavasya 2023 Date: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या तिथि होती है. आषाढ़ माह की अमावस्या आषाढ़ी अमावस्या या हल हलहारिणी अमावस्या कहलाती है. साल 2023 में आषाढ़ अमावस्या 18 जून को मनाई जाएगी, इस तिथि को बेहद खास माना जाता है. कृष्ण पक्ष की चौदहवीं तिथि के बाद चंद्रमा, सूर्य मंडल में प्रवेश करता है और सूर्य अमा नाम की किरण में रहता है, इसलिए ये तिथि अमावस्या कहलाती है. ये शनि देव की जन्म तिथि है.आषाढ़ माह के दिन स्नान, दान, पितरों का तर्पण करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है. वहीं शास्त्रों के अनुसार अमावस्या का संबंध चंद्र के साथ ही सूर्य से भी है. इस तिथि पर सूर्य और चंद्र एक साथ एक ही राशि में स्थित होते है. ये संयोग 18 जून को मिल रहा है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा मिथुन राशि में साथ होंगे. आषाढ़ अमावस्या पर न करें ये काम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या को रिक्ता तिथि कहा जाता है यानी इस तिथि में किए गए कामों का शुभ फल नहीं मिलता. अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित है ऐसे में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए. अमावस्या के दिन महत्वपूर्ण चीजों की खरीदी-बिक्री और गृह प्रवेश, मुंडन, मांगलिक कार्य करने से बचें, क्योंकि इसके अशुभ परिणाम मिल सकते हैं. आषाढ़ अमावस्या पर करें ये काम आषाढ़ अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-पाठ का विधान है. माना जाता है कि इस दिन पितृगण वायु के रूप में सूर्यास्त तक घर के दरवाजे पर रहते हैं और अपने परिवार से तर्पण और श्राद्ध की इच्छा रखते हैं, इसलिए आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान कर तर्पण करें और घर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं और अपनी यथाशक्...

Vaisakh Amavasya 2023: कब है वैशाख अमावस्या, जानें पूजा, स्नान एवं दान का शुभ मुहूर्त

सनातन परंपरा में प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की पंद्रहवी तिथि को अमावस्या और शुक्लपक्ष की पंद्रहवी तिथि को पूर्णिमा तिथि कहा जाता है. ये दोनों ही तिथियां धर्म-कर्म और स्नान-दान की दृष्टि से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण मानी गई हैं. पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख मास की अमावस्या 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को पड़ने जा रही है. हिंदू मान्यता के अनुसार जिस वैशाख अमावास्या को पितरों के निमित्त पूजन, तर्पण, श्राद्ध और स्नान-दान के लिए बेहद शुभ माना गया है, उसका शुभ मुहूर्त, सरल पूजा विधि एवं धार्मिक महत्व को आइए विस्तार से जानते हैं. वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या इस साल 19 अप्रैल 2023 को प्रात:काल 11:23 बजे से प्रारंभ होकर 20 अप्रैल 2023 को प्रात:काल 09:41 बजे समाप्त होगी. इस प्रकार स्नान-दान और जप-तप के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल 2023, गुरुवार केा पड़ेगी. वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व हिंदू मान्यता के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या पर पितरों के निमित्त पूजा और श्राद्ध करने पर कुंडली में स्थित पितृदोष दूर होता है. इस पावन तिथि पर कालसर्प दोष की पूजा करने पर भी लाभ मिलता है. सनातन परंपरा में वैशाख मास की आमवस्या को सतुवाई अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि हिंदी कैलेंडर के अनुसार पहले मास में पड़ने वाली अमावस्या पर सत्तू दान करने पर साधक को पुण्यफल की प्राप्ति होती है. वैशाख अमावस्या की पूजा विधि हिंदू मान्यता के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या के दिन व्यक्ति बजाय देर तक सोने के प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. पितरों का आश...