अपठित गद्यांश एवं पद्यांश कक्षा 10 mcq

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  2. RBSE Class 10 Hindi अपठित गद्यांश
  3. अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages III
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  9. अपठित गद्यांश कक्षा 10


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CBSE Class 12 Hindi Unseen Passages अपठित गद्यांश

Our detailed CBSE Class 12 Hindi Unseen Passages अपठित गद्यांश अपठित गद्यांश बहुविकल्पीय प्रश्न कक्षा 12 CBSE विद्यार्थी को किसी अपठित गद्यांश को पढ़कर उसपर आधारित प्रश्नों का उत्तर देना होता है। इन प्रश्नों का उत्तर देने से पूर्व अपठित 0 को अच्छी प्रकार से पढ़कर समझ लेना चाहिए। जिन प्रश्नों के उत्तर पूछे गए हैं वे उसी में ही छिपे रहते हैं। उन उत्तरों को अपने 10 शब्दों में लिखना चाहिए। अपठित गद्यांश के अंतर्गत यदि कोई कठिन शब्द, वाक्य, उक्तियाँ आदि दिए गए हों, जो आप को समझ न आ रहे हों, तो बिना घबराए उनके अर्थ को अवतरण के भावों से संबंधित करके सोचना चाहिए। सावधानीपूर्वक सोचने से आपको दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर अवतरण में अवश्य मिल जाएँगे। अपठित गद्यांश का शीर्षक भी पूछा जाता है। शीर्षक अपठित में व्यक्त भावों के अनुरूप होना चाहिए। शीर्षक कम-से-कम शब्दों में लिखना चाहिए। शीर्षक से अपठित का मूल-भाव भी स्पष्ट होना । चाहिए। शीर्षक संक्षिप्त, आकर्षक और सार्थक होना चाहिए। अपठित गद्यांश को हल करते समय आपको जिन आवश्यक तत्वों की आवश्यकता होगी, वे हैं • एकाग्रता • मूलभावों की स्पष्टता • विवेचन-क्षमता • अभिव्यक्ति की स्पष्टता • विषय की स्पष्टता अपठित गद्यांश के कुछ उदाहरण निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर समझिए — अपठित गद्यांश कक्षा 12 Pdf CBSE प्रश्न 1. हिंदी की वर्तमान दशा पर प्रकाश डालने से पूर्व मैं इसके उद्भव और विकास से आपका परिचय कराना चाहती हूँ। हिंदी के उद्भव की प्रक्रिया बहुत प्राचीन है। संस्कृत दो रूपों में बँटी-वैदिक संस्कृत और लौकिक संस्कृत। संस्कृत के लौकिक रूप से प्राकृत भाषा आई। प्राकृत से अपभ्रंश तथा अपभ्रंश से शौरसैनी भाषा उत्पन्न हुई जिससे आज...

RBSE Class 10 Hindi अपठित गद्यांश

हेलो स्टूडेंट्स, यहां हमने राजस्थान बोर्ड Class 10 Hindi अपठित गद्यांश सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student RBSE solutions for Class 10 Hindi अपठित गद्यांश pdf Download करे| RBSE solutions for Class 10 Hindi अपठित गद्यांश notes will help you. Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi अपठित गद्यांश अपठित का अर्थ – ‘अ’ का अर्थ है ‘नहीं’ और ‘पठित’ का अर्थ है-‘पढ़ा हुआ’ अर्थात् जो पढ़ा नहीं गया हो । प्रायः शब्द का अर्थ उल्टा करने के लिए उसके आगे ‘अ’ उपसर्ग लगा देते हैं। यहाँ ‘पठित’ शब्द से ‘अपठित’ शब्द का निर्माण ‘अ’ लगने के कारण हुआ है। ‘अपठित’ की परिभाषा – गद्य एवं पद्य का वह अंश जो पहले कभी नहीं पढ़ा गया हो, ‘अपठित’ कहलाता है। दूसरे शब्दों में ऐसा उदाहरण जो पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों से न लेकर किसी अन्य पुस्तक या भाषा-खण्ड से लिया गया हो, अपठित अंश माना जाता है। ‘अपठित’ का महत्त्व-प्रायः विद्यार्थी पाठ्यक्रम में निर्धारित गद्य व पद्य अंशों को तो हृदयंगम कर लेते हैं, किन्तु जब उन्हें पाठ्यक्रम के अलावा अन्य अंश पढ़ने को मिलते हैं या पढ़ने पड़ते हैं, तो उन्हें उन अंशों को समझने में परेशानी आती है। अतएव अपठित अंश के अध्ययन द्वारा विद्यार्थी सम्पूर्ण भाषा-अंशों के प्रति तो समझ विकसित करता ही है, साथ ही उसे नये-नये शब्दों को सीखने का भी अच्छा अवसर मिलता है। ‘अपठित’ अंश विद्यार्थियों में मौलिक लेखन की भी क्षमता उत्पन्न करता है। निर्देश – अपठित अंशों पर तीन प्रकार के प्रश्न पूछे जाएँगे (क) विषय-वस्तु का बोध – इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देते समय निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए • प्रश्नों के उत्तर मूल-अवतरण में ही विद्यमान होत...

अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages III

अपठित गद्यांश अपठित का अर्थ होता है ‘जो पढ़ा नहीं गया हो’। यह किसी पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं लिया जाता है। यह कला, विज्ञान, राजनीति, साहित्य या अर्थशास्त्र, किसी भी विषय का हो सकता है। इनसे सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे छात्रों का मानसिक व्यायाम होता है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। इससे छात्रों की व्यक्तिगत योग्यता व अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है। विधि अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। • दिए गए गद्यांश को ध्यान से पढ़ना चाहिए। • गद्यांश पढ़ते समय मुख्य बातों को रेखांकित कर देना चाहिए। • गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर देते समय भाषा एकदम सरल होनी चाहिए। • उत्तर सरल व संक्षिप्त व सहज होने चाहिए। अपनी भाषा में उत्तर देना चाहिए। • प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम शब्दों में देने चाहिए, साथ हीं गद्यांश में से हीं उत्तर छाँटने चाहिए। • उत्तर में जितना पूछा जाए केवल उतना हीं लिखना चाहिए, उससे ज़्यादा या कम तथा अनावश्यक नहीं होना चाहिए। अर्थात, उत्तर प्रसंग के अनुसार होना चाहिए। • यदि गद्यांश का शीर्षक पूछा जाए तो शीर्षक गद्यांश के शुरु या अंत में छिपा रहता है। • मूलभाव के आधार पर शीर्षक लिखना चाहिए। अपठित पद्यांश अपठित पद्यांश का अर्थ है ‘वह कविता का अंश या कविता जो पहले पढ़ी न गई हो’। अपठित पद्यांश में किसी कविता का एक अंश दिया जाता है तथा उस पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह कविता किसी (अर्थात उसी कक्षा के) पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं दी जाती है। इसे पढ़कर इससे सम्बन्धित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इससे छात्रों की कविता पढ़ने और समझने की क्षमता का विकास होता है। विधि इनको हल करते समय निम्नलिख...

MCQ Questions for Class 6 Hindi Grammar अपठित गद्यांश with Answers

एकता के महत्त्व से संबंधित अनेक लोकोक्तियाँ प्रचलित हैं यथा- दस की लाठी एक का बोझ, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता इत्यादि। एक तिनके की क्या हस्ती? लेकिन जब वही तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। एक ईंट की क्या बिसात? लेकिन, जब यही ईंटें मिलकर दीवार बनाती हैं, तब उसे तोड़ना मुश्किल हो जाता है। एक बूँद जल का क्या अस्तित्व? लेकिन जब इन्हीं बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है तो उसे लाँघना दुष्कर हो जाता है। एक चींटी की क्या औकात? लेकिन जब यही चींटी एक साथ हो जाती हैं, तब अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती हैं। एकता के महत्त्व से संबंधित एक किसान उसके बच्चे और लकड़ी के टुकड़ों की कथा प्रचलित है। लकड़ी के टुकड़े जत अलग-अलग रहते हैं, तब बच्चों द्वारा वे आसानी से तोड़ दिये जाते हैं; परंतु वे ही टुकड़े जब संगठित होकर गट्ठर बन जाते हैं, तब बच्चे तोड़ नहीं पाते हैं। इन दृष्टान्तों से स्पष्ट है कि ‘एकता में ही बल है।’ Question 1. तिनके की क्या विशेषता है ? (a) तिनका व्यर्थ का कचरा है (b) तिनका घास का काम करता है (c) जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। (d) तिनके से चिड़िया घोंसला बनाती है Answer Answer: (c) जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। Question 2. बूंदों के मेल का क्या महत्त्व है ? (सर्वथा उपयुक्त उत्तर छाँटकर लिखिए) (a) पानी बन सकती हैं (b) बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है (c) बूँदों के मेल से कुछ नहीं होता है (d) बूंदों के मेल से घड़ा भर जाता है Answer Answer: (b) बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है। Question 3. जब चींटियाँ एक साथ हो जाती ह...

अपठित गद्यांश एवं पद्यांश, Studymaterial: CBSE Class 8 HINDI, लेखन कौशल

अपठित गद्यांश एवं पद्यांश अपठित गद्यांश - परिचय अपठित का अर्थ होता है ‘ जो पढ़ा नहीं गया हो ’ । यह किसी पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं लिया जाता है। यह कला, विज्ञान, राजनीति, साहित्य या अर्थशास्त्र, किसी भी विषय का हो सकता है। इनसे सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे छात्रों का मानसिक व्यायाम होता है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। इससे छात्रों की व्यक्तिगत योग्यता व अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है। विधि अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। 1. दिए गए गद्यांश को ध्यान से पढ़ना चाहिए। 2. गद्यांश पढ़ते समय मुख्य बातों को रेखांकित कर देना चाहिए। 3. गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर देते समय भाषा एकदम सरल होनी चाहिए। 4. उत्तर सरल व संक्षिप्त व सहज होने चाहिए। अपनी भाषा में उत्तर देना चाहिए। 5. प्रश्नों के उत्तर कम- से- कम शब्दों में देने चाहिए, साथ हीं गद्यांश में से हीं उत्तर छाँटने चाहिए। 6. उत्तर में जितना पूछा जाए केवल उतना हीं लिखना चाहिए, उससे ज़्यादा या कम तथा अनावश्यक नहीं होना चाहिए। अर्थात, उत्तर प्रसंग के अनुसार होना चाहिए। 7. यदि गद्यांश का शीर्षक पूछा जाए तो शीर्षक गद्यांश के शुरु या अंत में छिपा रहता है। 8. मूलभाव के आधार पर शीर्षक लिखना चाहिए। अपठित का अर्थ होता है ‘ जो पढ़ा नहीं गया हो ’ । यह किसी पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं लिया जाता है। यह कला, विज्ञान, राजनीति, साहित्य या अर्थशास्त्र, किसी भी विषय का हो सकता है। इनसे सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे छात्रों का मानसिक व्यायाम होता है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। इससे छात्रों की व्यक्तिगत योग्यता व अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है। विधि अपठित गद्य...

अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages

अपठित गद्यांश अपठित का अर्थ होता है ‘जो पढ़ा नहीं गया हो’। यह किसी पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं लिया जाता है। यह कला, विज्ञान, राजनीति, साहित्य या अर्थशास्त्र, किसी भी विषय का हो सकता है। इनसे सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे छात्रों का मानसिक व्यायाम होता है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। इससे छात्रों की व्यक्तिगत योग्यता व अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है। विधि अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। • दिए गए गद्यांश को ध्यान से पढ़ना चाहिए। • गद्यांश पढ़ते समय मुख्य बातों को रेखांकित कर देना चाहिए। • गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर देते समय भाषा एकदम सरल होनी चाहिए। • उत्तर सरल व संक्षिप्त व सहज होने चाहिए। अपनी भाषा में उत्तर देना चाहिए। • प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम शब्दों में देने चाहिए, साथ हीं गद्यांश में से हीं उत्तर छाँटने चाहिए। • उत्तर में जितना पूछा जाए केवल उतना हीं लिखना चाहिए, उससे ज़्यादा या कम तथा अनावश्यक नहीं होना चाहिए। अर्थात, उत्तर प्रसंग के अनुसार होना चाहिए। • यदि गद्यांश का शीर्षक पूछा जाए तो शीर्षक गद्यांश के शुरु या अंत में छिपा रहता है। • मूलभाव के आधार पर शीर्षक लिखना चाहिए। अपठित पद्यांश अपठित पद्यांश का अर्थ है ‘वह कविता का अंश या कविता जो पहले पढ़ी न गई हो’। अपठित पद्यांश में किसी कविता का एक अंश दिया जाता है तथा उस पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह कविता किसी (अर्थात उसी कक्षा के) पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं दी जाती है। इसे पढ़कर इससे सम्बन्धित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इससे छात्रों की कविता पढ़ने और समझने की क्षमता का विकास होता है। विधि इनको हल करते समय निम्नलिख...

RBSE Class 10 Hindi अपठित गद्यांश – RBSE Guide

RBSE Class 10 Hindi अपठित गद्यांश is part of Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi अपठित गद्यांश अपठित का अर्थ –‘अ’ का अर्थ है ‘नहीं’ और ‘पठित’ का अर्थ है-‘पढ़ा हुआ’ अर्थात् जो पढ़ा नहीं गया हो । प्रायः शब्द का अर्थ उल्टा करने के लिए उसके आगे ‘अ’ उपसर्ग लगा देते हैं। यहाँ ‘पठित’ शब्द से ‘अपठित’ शब्द का निर्माण ‘अ’ लगने के कारण हुआ है। ‘अपठित’ की परिभाषा – गद्य एवं पद्य का वह अंश जो पहले कभी नहीं पढ़ा गया हो, ‘अपठित’ कहलाता है। दूसरे शब्दों में ऐसा उदाहरण जो पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों से न लेकर किसी अन्य पुस्तक या भाषा-खण्ड से लिया गया हो, अपठित अंश माना जाता है। ‘अपठित’ का महत्त्व-प्रायः विद्यार्थी पाठ्यक्रम में निर्धारित गद्य व पद्य अंशों को तो हृदयंगम कर लेते हैं, किन्तु जब उन्हें पाठ्यक्रम के अलावा अन्य अंश पढ़ने को मिलते हैं या पढ़ने पड़ते हैं, तो उन्हें उन अंशों को समझने में परेशानी आती है। अतएव अपठित अंश के अध्ययन द्वारा विद्यार्थी सम्पूर्ण भाषा-अंशों के प्रति तो समझ विकसित करता ही है, साथ ही उसे नये-नये शब्दों को सीखने का भी अच्छा अवसर मिलता है। ‘अपठित’ अंश विद्यार्थियों में मौलिक लेखन की भी क्षमता उत्पन्न करता है। निर्देश – अपठित अंशों पर तीन प्रकार के प्रश्न पूछे जाएँगे (क) विषय-वस्तु का बोध – इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देते समय निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए • प्रश्नों के उत्तर मूल-अवतरण में ही विद्यमान होते हैं, अतएव, उत्तर मूल-अवतरण में ही ढूँढ़ें, बाहर नहीं। प्रायः प्रश्नों के क्रम में ही मूल-अवतरण में उत्तर विद्यमान रहते हैं, अतएव प्रश्नों के क्रम में उत्तर खोजना सुविधाजनक होता है। • प्रश्नों के उत्तर में मूल-अवतरण के शब्दों का प्रयोग किया जा सकता...

RBSE Class 10 Hindi अपठित पद्यांश – RBSE Guide

RBSE Class 10 Hindi अपठित पद्यांश is part of Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi अपठित पद्यांश निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1) पंचवटी की छाया में है, सुन्दर पर्ण-कुटीर बना। उसके सम्मुख स्वच्छ शिला पर, धीर, वीर, निर्भीक मना ।। जाग रहा वह कौन धनुर्धर, जबकि भुवन भर सोता है? भोगी कुसुमायुध योगी-सा बना दृष्टिगत होता है। किस व्रत में है व्रती वीर यह, निद्रा का यों त्याग किए। राजभोग के योग्य विपिन में, बैठा आज विराग लिए । बना हुआ है प्रहरी जिसका, उस कुटीर में क्या धन है। जिसकी रक्षा में रत इसका तन है, मन है, जीवन है॥ मर्त्यलोक मालिन्य मेटने, स्वामी संग जो आई है। तीन लोक की लक्ष्मी ने यह, कुटी आज अपनाई है। वीर वंश की लाज यही है, फिर क्यों वीर न हो प्रहरी। विजन देश है निशा शेष है, निशाचरी माया ठहरी ॥ Apathit Padyansh Class 10 प्रश्न (क) उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (ख) लक्ष्मण को किसकी उपमा दी गई है? वह प्रहरी बनकर किस प्रकार रक्षा कर रहा है? (ग) ‘तीन लोक की लक्ष्मी’ किसे कहा है? वह वन में क्यों आई है? (घ) वनवास में क्या-क्या संकट हो सकते हैं? उत्तर: (क) उपर्युक्त काव्यांश को उचित शीर्षक-‘पंचवटी’। (ख) लक्ष्मण को उपर्युक्त काव्यांश में योगी की उपमा दी गई है। कवि का कहना है कि पंचवटी के सामने कामदेव के समान सुंदर राजभोग के योग्य पुरुष योगी के समान दिखाई देता है। (ग) “तीन लोक की लक्ष्मी’ यहाँ सीताजी के लिए कहा गया है। यह तीन लोक की लक्ष्मी पृथ्वी के दु:खों को दूर कराने के लिए सीताजी अपने पति भगवान श्रीराम के साथ यहाँ आई है। (घ) वनवास में अनेकों कष्ट सहने होते हैं। हिंसक पशुओं का डेरे, रात्रि का अंधकार, राक्षसों (दुष्ट पुरुषों) का भ...

अपठित गद्यांश कक्षा 10

अपठित गद्यांश कक्षा 10 | unseen Passages in Hindi :- यह अपठित गद्यांश कक्षा 10 वीं के स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है | कक्षा 10 वीं के हिंदी विषय से परीक्षा में अपठित गद्यांश पूछे जाते है | यहाँ हमने आपके लिए कुछ अपठित गद्यांश का संग्रह किया है | जिन्हें आप अपनी परीक्षा तैयारी की प्रैक्टिस के लिए उपयोग कर सकते है | अपठित गद्यांश कक्षा 10 वीं (I) दिए गये अपठित गद्यांश को पढ़कर निचे दिए गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये – पेड़ इस धरती के श्रृंगार हैं। सभी पेड़ मरने से पुर्व अपनी संतान छोड़ जाने के लिए बेक़रार हैं। बीज ही गाछ-बिरछ की संतान है। बीज की सुरक्षा व सार-संभार के लिए पेड़ फूल की पंखुड़ियों से घिरा एक छोटा सा घर तैयार करता है। फूलों से आच्छादित होने पर पेड़ कितना सुदंर दिखाई देता है। जैसे फूल-फूल के बहाने वह स्वंय हँस रहा हो। सोचने में कितना सुंदर लगता है कि गाछ-विरछ तो मटमैली माटी से आहार व विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं, फिर इस अपरूप उपादान से किस तरह ऐसे सुंदर फूल प्रदान करते है। ये फूल प्रकृति का मानव मात्र पर स्नेह बरसाने का साधन हैं। उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्न लिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये उपर्युक्त गद्यांश के उत्तर – उत्तर 01.– इस गद्यांश का सटीक शीर्षक है –‘धरती के श्रृंगार वृक्ष’ उत्तर 02. – विलोम शब्द – (i) कुरूप (ii) घृणा उत्तर 03. – सुन्दर फुल स्नेह बरसाने का साधन है | बदले में पेड़ मिटटी से आहार और विषाक्त वायु लेते है | यह भी पढ़ें – • • • • • अपठित गद्यांश कक्षा 10 वीं (II) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निचे दिए गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये – मानव के जीवन में आरोग्य ( बिना रोग के ) का एक अति महत्व है | एक मानव का जीवन तभी सुखी मान सकते है जब उ...