तलवारों पर सरवार दिए

  1. तलवार का प्रतीक: सुरक्षा का प्रतीक
  2. नाभा में 300 रुपए के लेन
  3. विशेष: बिहार में रामनवमी की यात्रा के लिए किसने दी तलवारें?
  4. सिर और छाती पर डंडे, तलवारों और चाकू से दनादन किए वार
  5. नाभा में 300 रुपए के लेन
  6. विशेष: बिहार में रामनवमी की यात्रा के लिए किसने दी तलवारें?
  7. सिर और छाती पर डंडे, तलवारों और चाकू से दनादन किए वार
  8. तलवार का प्रतीक: सुरक्षा का प्रतीक
  9. सिर और छाती पर डंडे, तलवारों और चाकू से दनादन किए वार
  10. विशेष: बिहार में रामनवमी की यात्रा के लिए किसने दी तलवारें?


Download: तलवारों पर सरवार दिए
Size: 32.65 MB

तलवार का प्रतीक: सुरक्षा का प्रतीक

सामग्री 1 • • • • • • • • प्राचीन काल से, तलवार का प्रतीक दुनिया में कई लोगों के लिए रक्षा, साहस, वीरता और बहादुरी के अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, इसका मतलब है कि तलवार का अर्थ अनादि काल से है। जो लोग उनका उपयोग करते हैं उनके पास हमेशा साबित करने के लिए एक बिंदु होता है। हालाँकि, यदि आप ध्यान से तलवार के प्रतीक के उद्देश्य को देखते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि इसका अर्थ सुरक्षा और हथियार से कहीं अधिक गहरा है। तलवार को चित्रित करने वाले कीमियागरों की मान्यताएं शुद्धिकरण का प्रतीक थीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तेज ब्लेड का इस्तेमाल किसी भी चीज को काटने के लिए किया जाता था। इसके अलावा, तलवार द्वारा किए गए कट आमतौर पर साफ और विशिष्ट होते हैं। कीमियागरों का मानना ​​था कि तलवार का इस्तेमाल मानव शरीर, यहां तक ​​कि उनकी आत्मा सहित किसी भी चीज को काटने के लिए किया जा सकता है। दुनिया में कई प्रकार की तलवारें हैं, जिनमें से प्रत्येक के साथ विशिष्ट और प्रतीकात्मक अर्थ जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए, एक ऐसा है जो हमेशा दोधारी होता है। दोधारी तलवार में एक आध्यात्मिक सार होता है जो द्वैत के अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है। यह मृत्यु के अर्थ और जीवन के अर्थ का गठन करता है। साथ ही, इन शब्दों में एक आध्यात्मिक अर्थ है जो पृथ्वी के चार तत्वों को समाहित करता है। ये तत्व हैं जल, पृथ्वी, वायु और अग्नि। उनका मानना ​​है कि जन्म तलवार का सृजन के प्रति विशेष अर्थ है। अपने आप में, जन्म तलवार का प्रतीक दुनिया में एकता और संतुलन के अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है। हालाँकि, इस तलवार के अन्य सामान्य उद्देश्यों में क्रिया और शक्ति जैसे गुण शामिल हैं। दूसरी ओर, उनमें आक्रामकता, निर्णय लेने, न्याय और नेतृत्...

नाभा में 300 रुपए के लेन

थाना कोतवाली नाभा पुलिस ने 300 रुपए के लेनदेन को लेकर रंजिशन युवक पर तलवारों से हमला कर उसे घायल कर दिया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने 8 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता हरजिंदर सिंह निवासी गांव गुरबख्शपुरा, जिला संगरूर ने पुलिस को बताया कि 9 जून की दोपहर 3 बजे धीमान वर्कर्स नाभा में अपने काम के संबंध में गया था। वहां आरोपियों ने किरपान और लोहे की रॉड से हमला कर उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी बब्बू सिंह निवासी शेरपुर, गुरजस सिंह निवासी संगरूर और उनके 6 अज्ञात साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता के पिता जगसीर सिंह ने बताया कि उनका बेटा वेल्डिंग करता है। आरोपी बॉबी भी उसके साथ वेल्डिंग करता था। दोनों में महज 1800 रुपए का लेनदेन था। बेटे ने 1500 रुपए उसे वापस कर दिए थे। सिर्फ ₹300 रुपए का लेनदेन चल रहा था। इसे लेकर आरोपी उसके छोटे बेटे को भी धमकियां दे रहा था और उसने मौका पाकर उसके बेटे पर तेजधार तलवार से वार कर उसे जख्मी कर दिया। उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया है।

विशेष: बिहार में रामनवमी की यात्रा के लिए किसने दी तलवारें?

पिछले महीने रामनवमी के मौके पर देश के तमाम हिस्सों के साथ ही बिहार में भी बड़े पैमाने पर शोभायात्राएं निकाली गई थीं. इन शोभायात्राओं में भड़काऊ गाने और तलवार तथा अन्य हथियारों की खुलेआम नुमाइश की गई. मस्जिदों के सामने व मुस्लिम बहुल मोहल्लों में आपत्तिनजक गानों व नारों के साथ तलवारें लहराते गेरुआधारी आम तस्वीर थी. साम्प्रदायिक हिंसा की ज्यादातर घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार करने में अफवाहों का बड़ा रोल होता है. बिहार में भी अफवाहों का सहारा लिया गया, जिसका परिणाम बिहार के आधा दर्जन जिलों में साम्प्रदायिक तनाव के रूप में सामने आया. दुकानें तोड़ी गईं. उन्हें आग के हवाले किया गया. पत्थरबाजी हुई और धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाई गई. नतीजतन हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर धारा 144 लगानी पड़ी. रामनवमी की हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं. लेकिन, इन शोभायात्राओं से जुड़े कुछ अहम सवाल अब भी मुंह बाये खड़े हैं. दूसरे सवालों को दरकिनार कर भी दें, तो एक अहम सवाल के जवाब की तलाश बहुत जरूरी है कि आखिर शोभायात्राओं के दौरान प्रदर्शित किए गए हथियार कहां से आए? इस सवाल का जवाब इसलिए भी जरूरी है कि कभी भी इनका दुरुपयोग किया जा सकता है. तलवारों की सप्लाई को लेकर छानबीन में पता चला है कि इसकी तैयारी काफी पहले से ही की जा रही थी. ऑनलाइन माध्यम से हजारों की संख्या में तलवारें एडवांस में ही खरीदी गई थीं. यहां एक सवाल उठ सकता है कि क्या वाकई ऑनलाइन तलवार खरीदना इतना आसान है कि कोई बड़ी संख्या में इसे खरीद सकता है? इस सवाल का सीधा-सा जवाब है – हां, ऑनलाइन माध्यम से इसे आसानी से खरीदा जा सकता है. ग्राहक व दुकानदार के बीच संपर्क कराने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर अगर...

सिर और छाती पर डंडे, तलवारों और चाकू से दनादन किए वार

उदयपुर के 6 बदमाशों ने युवक का बेरहमी से मर्डर कर दिया। घर में घुसकर तलवार, चाकू और डंडो से युवक के सिर और छाती पर वार कर दिए। परिजन युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने मृत धोषित कर दिया। परिजनों ने आरोप है कि हमले के बाद आरोपी सद्दाम और उसके साथी मृतक की गर्भवती पत्नी और 2 साल के बच्चे को भी अपने साथ ले गए। मृतक अली उर्फ मोहम्मद घिजाली (27) सज्जनगर स्थित ससुराल में मौजूद था। सुबह 8.30 बजे 6 बदमाश बाइकों पर सवार होकर आए। अली को बाहर बुलाया। बाहर आने पर सद्दाम कांकरोली और इरफान बन्ना नाम के दो बदमाशों ने उसके सिर पर ​डंडे की मारी। इसके बाद चाकू और तलवारों से वार कर दिए। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता। आरोपियों ने धड़ाधड़ वारकर कर उसे निढ़ाल कर दिया। इसके बाद अली भागकर अपने घर के अंदर आया। ​फिर भी आरोपी नहीं माने और लगातार डंडे और चाकू मारते रहे। अली बेहोश होकर वही गिर पड़ा। मृतक अली ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में वीडियो डालकर चुनौती दी थी। परिजनों ने बताया कि बीच-बचाव करने आई अली की पत्नी शबनम बानो के साथ भी आरोपियों ने मारपीट की। उसके 2 साल के बेटे को पकड़कर पटक दिया। आरोपी हमले के बाद तुरंत मौके से भाग गए। परिजन अली को लेकर तुरंत एमबी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर्स पर इलाज में देरी का आरोप लगाकर काफी देर बहस की। परिजनों ने बताया कि अली की 8 आठ महीने गर्भवती पत्नी का आरोपियों ने किडनैप कर लिया। साथ में 2 साल के बेटे को भी लेकर चले गए। घटना के वक्त घर में मृतक की साली और सास मौजूद थी। उन्होंने भी बीच बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बदमाश भाग गए। मृतक अली अपनी पत्नी शबनम के साथ। थानधिकारी सुनील टेलर ने बताया कि मृतक अली पे...

नाभा में 300 रुपए के लेन

थाना कोतवाली नाभा पुलिस ने 300 रुपए के लेनदेन को लेकर रंजिशन युवक पर तलवारों से हमला कर उसे घायल कर दिया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने 8 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता हरजिंदर सिंह निवासी गांव गुरबख्शपुरा, जिला संगरूर ने पुलिस को बताया कि 9 जून की दोपहर 3 बजे धीमान वर्कर्स नाभा में अपने काम के संबंध में गया था। वहां आरोपियों ने किरपान और लोहे की रॉड से हमला कर उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी बब्बू सिंह निवासी शेरपुर, गुरजस सिंह निवासी संगरूर और उनके 6 अज्ञात साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता के पिता जगसीर सिंह ने बताया कि उनका बेटा वेल्डिंग करता है। आरोपी बॉबी भी उसके साथ वेल्डिंग करता था। दोनों में महज 1800 रुपए का लेनदेन था। बेटे ने 1500 रुपए उसे वापस कर दिए थे। सिर्फ ₹300 रुपए का लेनदेन चल रहा था। इसे लेकर आरोपी उसके छोटे बेटे को भी धमकियां दे रहा था और उसने मौका पाकर उसके बेटे पर तेजधार तलवार से वार कर उसे जख्मी कर दिया। उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया है।

विशेष: बिहार में रामनवमी की यात्रा के लिए किसने दी तलवारें?

पिछले महीने रामनवमी के मौके पर देश के तमाम हिस्सों के साथ ही बिहार में भी बड़े पैमाने पर शोभायात्राएं निकाली गई थीं. इन शोभायात्राओं में भड़काऊ गाने और तलवार तथा अन्य हथियारों की खुलेआम नुमाइश की गई. मस्जिदों के सामने व मुस्लिम बहुल मोहल्लों में आपत्तिनजक गानों व नारों के साथ तलवारें लहराते गेरुआधारी आम तस्वीर थी. साम्प्रदायिक हिंसा की ज्यादातर घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार करने में अफवाहों का बड़ा रोल होता है. बिहार में भी अफवाहों का सहारा लिया गया, जिसका परिणाम बिहार के आधा दर्जन जिलों में साम्प्रदायिक तनाव के रूप में सामने आया. दुकानें तोड़ी गईं. उन्हें आग के हवाले किया गया. पत्थरबाजी हुई और धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाई गई. नतीजतन हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर धारा 144 लगानी पड़ी. रामनवमी की हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं. लेकिन, इन शोभायात्राओं से जुड़े कुछ अहम सवाल अब भी मुंह बाये खड़े हैं. दूसरे सवालों को दरकिनार कर भी दें, तो एक अहम सवाल के जवाब की तलाश बहुत जरूरी है कि आखिर शोभायात्राओं के दौरान प्रदर्शित किए गए हथियार कहां से आए? इस सवाल का जवाब इसलिए भी जरूरी है कि कभी भी इनका दुरुपयोग किया जा सकता है. तलवारों की सप्लाई को लेकर छानबीन में पता चला है कि इसकी तैयारी काफी पहले से ही की जा रही थी. ऑनलाइन माध्यम से हजारों की संख्या में तलवारें एडवांस में ही खरीदी गई थीं. यहां एक सवाल उठ सकता है कि क्या वाकई ऑनलाइन तलवार खरीदना इतना आसान है कि कोई बड़ी संख्या में इसे खरीद सकता है? इस सवाल का सीधा-सा जवाब है – हां, ऑनलाइन माध्यम से इसे आसानी से खरीदा जा सकता है. ग्राहक व दुकानदार के बीच संपर्क कराने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर अगर...

सिर और छाती पर डंडे, तलवारों और चाकू से दनादन किए वार

उदयपुर के 6 बदमाशों ने युवक का बेरहमी से मर्डर कर दिया। घर में घुसकर तलवार, चाकू और डंडो से युवक के सिर और छाती पर वार कर दिए। परिजन युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने मृत धोषित कर दिया। परिजनों ने आरोप है कि हमले के बाद आरोपी सद्दाम और उसके साथी मृतक की गर्भवती पत्नी और 2 साल के बच्चे को भी अपने साथ ले गए। मृतक अली उर्फ मोहम्मद घिजाली (27) सज्जनगर स्थित ससुराल में मौजूद था। सुबह 8.30 बजे 6 बदमाश बाइकों पर सवार होकर आए। अली को बाहर बुलाया। बाहर आने पर सद्दाम कांकरोली और इरफान बन्ना नाम के दो बदमाशों ने उसके सिर पर ​डंडे की मारी। इसके बाद चाकू और तलवारों से वार कर दिए। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता। आरोपियों ने धड़ाधड़ वारकर कर उसे निढ़ाल कर दिया। इसके बाद अली भागकर अपने घर के अंदर आया। ​फिर भी आरोपी नहीं माने और लगातार डंडे और चाकू मारते रहे। अली बेहोश होकर वही गिर पड़ा। मृतक अली ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में वीडियो डालकर चुनौती दी थी। परिजनों ने बताया कि बीच-बचाव करने आई अली की पत्नी शबनम बानो के साथ भी आरोपियों ने मारपीट की। उसके 2 साल के बेटे को पकड़कर पटक दिया। आरोपी हमले के बाद तुरंत मौके से भाग गए। परिजन अली को लेकर तुरंत एमबी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर्स पर इलाज में देरी का आरोप लगाकर काफी देर बहस की। परिजनों ने बताया कि अली की 8 आठ महीने गर्भवती पत्नी का आरोपियों ने किडनैप कर लिया। साथ में 2 साल के बेटे को भी लेकर चले गए। घटना के वक्त घर में मृतक की साली और सास मौजूद थी। उन्होंने भी बीच बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बदमाश भाग गए। मृतक अली अपनी पत्नी शबनम के साथ। थानधिकारी सुनील टेलर ने बताया कि मृतक अली पे...

तलवार का प्रतीक: सुरक्षा का प्रतीक

सामग्री 1 • • • • • • • • प्राचीन काल से, तलवार का प्रतीक दुनिया में कई लोगों के लिए रक्षा, साहस, वीरता और बहादुरी के अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, इसका मतलब है कि तलवार का अर्थ अनादि काल से है। जो लोग उनका उपयोग करते हैं उनके पास हमेशा साबित करने के लिए एक बिंदु होता है। हालाँकि, यदि आप ध्यान से तलवार के प्रतीक के उद्देश्य को देखते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि इसका अर्थ सुरक्षा और हथियार से कहीं अधिक गहरा है। तलवार को चित्रित करने वाले कीमियागरों की मान्यताएं शुद्धिकरण का प्रतीक थीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तेज ब्लेड का इस्तेमाल किसी भी चीज को काटने के लिए किया जाता था। इसके अलावा, तलवार द्वारा किए गए कट आमतौर पर साफ और विशिष्ट होते हैं। कीमियागरों का मानना ​​था कि तलवार का इस्तेमाल मानव शरीर, यहां तक ​​कि उनकी आत्मा सहित किसी भी चीज को काटने के लिए किया जा सकता है। दुनिया में कई प्रकार की तलवारें हैं, जिनमें से प्रत्येक के साथ विशिष्ट और प्रतीकात्मक अर्थ जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए, एक ऐसा है जो हमेशा दोधारी होता है। दोधारी तलवार में एक आध्यात्मिक सार होता है जो द्वैत के अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है। यह मृत्यु के अर्थ और जीवन के अर्थ का गठन करता है। साथ ही, इन शब्दों में एक आध्यात्मिक अर्थ है जो पृथ्वी के चार तत्वों को समाहित करता है। ये तत्व हैं जल, पृथ्वी, वायु और अग्नि। उनका मानना ​​है कि जन्म तलवार का सृजन के प्रति विशेष अर्थ है। अपने आप में, जन्म तलवार का प्रतीक दुनिया में एकता और संतुलन के अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है। हालाँकि, इस तलवार के अन्य सामान्य उद्देश्यों में क्रिया और शक्ति जैसे गुण शामिल हैं। दूसरी ओर, उनमें आक्रामकता, निर्णय लेने, न्याय और नेतृत्...

सिर और छाती पर डंडे, तलवारों और चाकू से दनादन किए वार

उदयपुर के 6 बदमाशों ने युवक का बेरहमी से मर्डर कर दिया। घर में घुसकर तलवार, चाकू और डंडो से युवक के सिर और छाती पर वार कर दिए। परिजन युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने मृत धोषित कर दिया। परिजनों ने आरोप है कि हमले के बाद आरोपी सद्दाम और उसके साथी मृतक की गर्भवती पत्नी और 2 साल के बच्चे को भी अपने साथ ले गए। मृतक अली उर्फ मोहम्मद घिजाली (27) सज्जनगर स्थित ससुराल में मौजूद था। सुबह 8.30 बजे 6 बदमाश बाइकों पर सवार होकर आए। अली को बाहर बुलाया। बाहर आने पर सद्दाम कांकरोली और इरफान बन्ना नाम के दो बदमाशों ने उसके सिर पर ​डंडे की मारी। इसके बाद चाकू और तलवारों से वार कर दिए। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता। आरोपियों ने धड़ाधड़ वारकर कर उसे निढ़ाल कर दिया। इसके बाद अली भागकर अपने घर के अंदर आया। ​फिर भी आरोपी नहीं माने और लगातार डंडे और चाकू मारते रहे। अली बेहोश होकर वही गिर पड़ा। मृतक अली ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में वीडियो डालकर चुनौती दी थी। परिजनों ने बताया कि बीच-बचाव करने आई अली की पत्नी शबनम बानो के साथ भी आरोपियों ने मारपीट की। उसके 2 साल के बेटे को पकड़कर पटक दिया। आरोपी हमले के बाद तुरंत मौके से भाग गए। परिजन अली को लेकर तुरंत एमबी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर्स पर इलाज में देरी का आरोप लगाकर काफी देर बहस की। परिजनों ने बताया कि अली की 8 आठ महीने गर्भवती पत्नी का आरोपियों ने किडनैप कर लिया। साथ में 2 साल के बेटे को भी लेकर चले गए। घटना के वक्त घर में मृतक की साली और सास मौजूद थी। उन्होंने भी बीच बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बदमाश भाग गए। मृतक अली अपनी पत्नी शबनम के साथ। थानधिकारी सुनील टेलर ने बताया कि मृतक अली पे...

विशेष: बिहार में रामनवमी की यात्रा के लिए किसने दी तलवारें?

पिछले महीने रामनवमी के मौके पर देश के तमाम हिस्सों के साथ ही बिहार में भी बड़े पैमाने पर शोभायात्राएं निकाली गई थीं. इन शोभायात्राओं में भड़काऊ गाने और तलवार तथा अन्य हथियारों की खुलेआम नुमाइश की गई. मस्जिदों के सामने व मुस्लिम बहुल मोहल्लों में आपत्तिनजक गानों व नारों के साथ तलवारें लहराते गेरुआधारी आम तस्वीर थी. साम्प्रदायिक हिंसा की ज्यादातर घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार करने में अफवाहों का बड़ा रोल होता है. बिहार में भी अफवाहों का सहारा लिया गया, जिसका परिणाम बिहार के आधा दर्जन जिलों में साम्प्रदायिक तनाव के रूप में सामने आया. दुकानें तोड़ी गईं. उन्हें आग के हवाले किया गया. पत्थरबाजी हुई और धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाई गई. नतीजतन हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर धारा 144 लगानी पड़ी. रामनवमी की हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं. लेकिन, इन शोभायात्राओं से जुड़े कुछ अहम सवाल अब भी मुंह बाये खड़े हैं. दूसरे सवालों को दरकिनार कर भी दें, तो एक अहम सवाल के जवाब की तलाश बहुत जरूरी है कि आखिर शोभायात्राओं के दौरान प्रदर्शित किए गए हथियार कहां से आए? इस सवाल का जवाब इसलिए भी जरूरी है कि कभी भी इनका दुरुपयोग किया जा सकता है. तलवारों की सप्लाई को लेकर छानबीन में पता चला है कि इसकी तैयारी काफी पहले से ही की जा रही थी. ऑनलाइन माध्यम से हजारों की संख्या में तलवारें एडवांस में ही खरीदी गई थीं. यहां एक सवाल उठ सकता है कि क्या वाकई ऑनलाइन तलवार खरीदना इतना आसान है कि कोई बड़ी संख्या में इसे खरीद सकता है? इस सवाल का सीधा-सा जवाब है – हां, ऑनलाइन माध्यम से इसे आसानी से खरीदा जा सकता है. ग्राहक व दुकानदार के बीच संपर्क कराने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर अगर...