अपठित गद्यांश कक्षा 12 हिंदी mcq

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अपठित गद्यांश

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अपठित काव्यांश apathit kavyansh mcq for all class

हिंदी अपठित काव्यांश फॉर आल क्लास, अपठित का अर्थ होता है जो पढ़ा न गया हो | काव्यांश का अर्थ होता है काव्य का अंश या हिस्सा | अपठित काव्यांश को अपठित पद्यांश भी कहते है क्योकि पद्यांश का अर्थ पद्य का अंश या हिस्सा होता है | काव्यांश और पद्यांश दोनों बातें एक ही है | इसमे कोई भी अंतर नहीं है | अपठित काव्यांश से बच्चों में तत्काल सूझ-बूझ की क्षमता विक्सित होती है | अपठित काव्यांश के माध्यम से बच्चे की ज्ञानात्मक क्षमता का मूल्यांकन करना आसान हो जाता है | अपठित काव्यांश प्रश्न उत्तर सहित भाग -1 सुख-दुख मुस्काना नीरज से रहना, वीरों की माता हूँ वीरों की बहना। मैं वीर नारी हूँ साहस की बेटी, मातृभूमि-रक्षा को वीर सजा देती। आकुल अंतर की पीर राष्ट्र हेतु सहना, वीरों की माता हूँ वीरों की बहना। मात-भूमि जन्म-भूमि राष्ट्र-भूमि मेरी, कोटि-कोटि वीर पूत द्वार-द्वार दे री। जीवन-भर मुस्काए भारत का अँगना, वीरों की माता हूँ वीरों की बहना। 1- सुख दुख में मुस्कुराते हुए कैसे रहना चाहिए (क) धीरज (ख) धीर (ग) शीर (घ) वीर Answer is )क अपठित काव्यांश प्रश्न उत्तर सहित भाग -2 हर किरण, तेरी संदेश वाहिका पवन, गीत तेरे गाता तेरे चरणों को छूने को लालायित हिमगिरि का माथा! तुझसे ही सूर्य प्रकाशित है आलोक सृष्टि में तेरा है, संपूर्ण सृष्टि का रोम-रोम चिर ऋणी, उपासक तेरा है! अगणित आकाश गंगाएँ नन्हीं बूंदें तेरे आगे तू आदि-अंत से मुक्त काल-अस्तित्व हीन तेरे आगे! हे जगत् नियंता, जगत-पिता, है व्याप तेरा कितना ईश्वर, तेरे चरणों में नत मस्तक, कितनी धरती, कितने अंबर! 1- ईश्वर के चरण चुमने के लिए कौन लालायित रहता है (क) पहाड़ (ख) नदियां (ग) दरिया (घ) हिमगिरी तीन दिवस तक पंथ माँगते रघुपति सिंधु किनारे । बैठे पढ़ते र...

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Core – अपठित गद्यांश-बोध अपठित गदयांश क्या है? वह गद्यांश, जिसका अध्ययन विद्यार्थियों ने पहले कभी न किया हो, उसे अपठित गद्यांश कहते हैं। अपठित गद्यांश देकर उस पर भाव-बोध संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं ताकि विद्यार्थियों की भावग्रहण-क्षमता का मूल्यांकन हो सके। अपठित गदयांश हल करते समय ध्यान देने योग्य बातें- • अपठित गद्यांश का बार-बार मूक वाचन करके उसे समझने का प्रयास करें। • इसके पश्चात प्रश्नों को पढ़ें और गद्यांश में संभावित उत्तरों की रेखांकित करें। • जिन प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट न हों, उनके उत्तर जानने हेतु गद्यांश को पुन: ध्यान से पढ़ें। • प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में दें। • उत्तर संक्षिप्त एवं भाषा सरल और प्रभावशाली होनी चाहिए। • यदि कोई प्रश्न शीर्षक देने के संबंध में हो तो ध्यान रखें कि शीर्षक मूल कथ्य से संबंधित होना चाहिए। • शीर्षक गद्यांश में दी गई सारी अभिव्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाला होना चाहिए। • अंत में अपने उत्तरों को पुन: पढ़कर उनकी त्रुटियों को अवश्य दूर करें। उदाहरण निम्नलिखित गदयांशों तथा इन पर आधारित प्रश्नोत्तरों को ध्यानपूर्वक पढ़िए- 1. भारतीय धर्मनीति के प्रणेता नैतिक मूल्यों के प्रति अधिक जागरूक थे। उनकी यह धारणा थी कि नैतिक मूल्यों का दृढ़ता से पालन किए बिना किसी भी समाज की आर्थिक व सामाजिक प्रगति की नीतियाँ प्रभावी नहीं हो सकतीं। उन्होंने उच्चकोटि की जीवन-प्रणाली के निर्माण के लिए वेद की एक ऋचा के आधार पर कहा कि उत्कृष्ट जीवन-प्रणाली मनुष्य की विवेक-बुद्ध से तभी निर्मित होनी संभव है, जब सब लोगों के संकल्प, निश्चय, अभिप्राय समान हों; सबके हृदय में समानता की भव्य भावना जाग्रत हो और सब लोग पारस्परिक सहयोग से...

अपठित गद्यांश कक्षा 5 हिंदी With Answer Apathit Gadyansh Class 5 Hindi » Hindikeguru

1. हमें भारतीय संस्कृति को जीवित रखने की चिंता है। भारतीय संस्कृति की पहचान बनाए रखने वाले कार्यक्रम टेलीविजन पर दिखाए जाने चाहिएँ। हमारा समाज उसे स्वीकारेगा जो अच्छा है और समाज के हित का है। शिक्षा द्वारा भी हम विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति के प्रति आकर्षित कर सकते हैं। हमारी संस्कृति महान है, हमारी सभ्यता प्राचीन है पर आधुनिकता को अपनाने वाली है। कुछ पुस्तकालय सार्वजनिक होते हैं जो सबके लिए होते हैं। इनके खुलने और बंद होने का समय निश्चित होता है। इनमें हर तरह की पुस्तकें होती हैं। इसके सदस्य बनकर पुस्तकें घर पर भी ले जा सकते हैं। यह पुस्तकालय बहुत उपयोगी होते हैं। इनसे निर्धन विद्यार्थी भी लाभ उठाते हैं। वे महंगी पुस्तकें नहीं खरीद पाते। वे यहाँ बैठकर उन्हें पढ़ सकते हैं। कुछ समय के लिए घर भी ले जा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में विद्यालय का बहुत महत्त्व होता है। प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में शिक्षा ग्रहण करने का आरंभ विद्यालय से ही करता है। विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा का स्तर अच्छा होगा तो विद्यार्थियों का स्तर भी अच्छा होगा। एक विद्यालय हजारों विद्यार्थियों के हृदय में ज्ञान का प्रकाश भर देते हैं। श्रेष्ठ अध्यापकों और अध्यापिकाओं को विद्यार्थी अपने जीवन में सदा स्मरण रखते हैं। वे अपने विद्यालयों को भी नहीं भूलते। प्र.1. प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति क्या करता है? उ.प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में शिक्षा ग्रहण करने का आरंभ विद्यालय से ही करता है। प्र.2. विद्यार्थियों का स्तर अच्छा कैसे होता है? उ. विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा का स्तर अच्छा होगा तो विद्यार्थियों का स्तर भी अच्छा होता है। प्र.3. विद्यालय कैसे प्रकाश भर देता हैं? उ. एक विद्यालय ह...

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी व्याकरण पाठ 18 अपठित गद्यांश

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी व्याकरण पाठ 18 अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न उत्तर तथा अभ्यास के लिए गद्यांश तथा उसके उत्तर छात्र सत्र 2023-2024 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। यहाँ दिए गए अपठित गद्यांश सभी राजकीय बोर्ड तथा सीबीएसई के अनुसार बनाए गए हैं ताकि सभी विद्यार्थी इससे अपनी परीक्षा की तैयारी आसानी से कर सकें। उदहारण के लिए कई गद्यांश हल कर दिए गए हैं। पुस्तकालय का अर्थ है पुस्तकें रखने का कक्ष। हर स्कूल और कॉलेज में पुस्तकालय होता है। पुस्तकालय में न केवल किताबें होती हैं, बल्कि अखबार, पत्र्-पत्रिकाएँ, चार्ट आदि भी होते हैं। लोग पुस्तकालय में बैठकर मन-पसंद किताबें, अखबार और पत्र्-पत्रिकाएँ पढ़ते हैं। हमारे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय है। उसमें हिंदी अंग्रेजी, संस्कृत आदि भाषाओं की हजारों पुस्तकें, शब्दकोष, मानचित्र् आदि हैं। बीच में एक बड़ी मेज़् है। हम वहीं बैठकर किताबें और पत्र्-पत्र्किाएँ पढ़ते हैं। बुधवार को हमारी पुस्तकालय की कक्षा होती है। हमारे अध्यापक भी हमारे साथ आते हैं। हमें तस्वीरों वाली कहानी की किताबें पढ़ने में मजा आता है। सत्संगति के अनेक लाभ हैं। अच्छे लोगों के साथ रहने से हमारी आदतों में सुधाार होता है। वैसे भी अच्छे मित्र् मुसीबत के समय सही सलाह देते हैं। हमें बुरे लोगों के साथ से बचना चाहिए। बुरे लोगों का साथ काजल की ऐसी कोठरी है, जिसमें मित्र् चुनते समय हमें सावधाान रहना चाहिए। सत्संगति हमारे जीवन को सही दिशा दिखाती है। पचास साल पहले टेलीविजन नहीं था। उस समय लोग फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में जाते थे। आज घर-घर में टेलीविजन पहुँच गया है। तुम अपनी पसंद का चैनल चुनकर अपना मनपसंद कार्यक्रम देख सकते हो। टेलीविजन मनोरंजन का अच्छासाधन है। इसमें हम...

MCQ Questions for Class 7 Hindi Grammar अपठित गद्यांश with Answers

(1) जब कोई वीर पुरुष किसी को क्षमा करता है तो वह सुनने और देखने में अच्छा लगता है। लेकिन जब कोई कायर और कमजोर व्यक्ति किसी को क्षमा करने की बात करता है, तो यह उपहास की बात हो जाती है। यदि हम अपने को बड़ा मानते हैं, हम बलशाली और विद्वान हैं, हम बड़े प्रबुद्ध हैं, तो फिर यही क्षमा हमारे जीवन का अलंकार बन जाता है। शिक्षक बच्चों को पढाते हैं, बच्चों का काम होता है-भूल करना। यदि शिक्षक उनकी भूलों को क्षमा कर देते हैं तो यहाँ शिक्षक की गरिमा बढ़ती है, मर्यादा बढ़ती है। इससे उनको सपि का परिचय मिलता है. लेकिन यदि बच्चों को उनकी किसी प्रकार की छोटी-मोटी भूलों के लिए सजा दी जाए, उन्हें पीटा जाए, डॉटा-फटकारा जाए, उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया जाए तो उस व्यक्ति या शिक्षक को हम क्षमाशील नहीं कह सकते। ऐसा करना हमारी भूल ही होगी। यह हमारी कौन-सी महानता होगी कि किसी ने कुछ भूल कर दी और हमने उसके बदले उसे दो हाथ लगा दिए। मनुष्य के समान कोई दूसरा आत्मघाती जीव इस संसार में खोजना मुश्किल है। इस संसार में सिर्फ मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जो सिर्फ अपना ही नुकसान करने के पीछे पड़ा रहता है। इसके सिवा संसार में ऐसा और कोई दूसरा जीव नहीं है, जो अपना नुकसान करने की ताक में लगा रहता हो। हम जो भूल करते चले जा रहे हैं, उससे हमारे ही शरीर का क्षय होता है, हमारा ही शरीर टूटता है, विकृत होता जा रहा है। फिर भी मनुष्य गलती पर गलती करता चला जा रहा है। Question 1. कायर और कमजोर व्यक्ति का कौन-सा कार्य उपहास का कारण बन जाता है? (a) दूसरों का उपहास करना (b) दूसरों की सेवा करना (c) किसी को क्षमा करना (d) डटकर मुकाबला करना Answer Answer: (c) किसी को क्षमा करना Question 2. क्षमा हमारे जीवन का अलंकार कब बनती ह...