Arjun ka ped

  1. अर्जुन का पेड़ कैसा होता है
  2. Alocasia Plant Care in Hindi
  3. Arjun ki Chhal ki Chai: बड़ी से बड़ी बीमारियों का काल है अर्जुन की छाल की चाय, जानें फायदे और चाय बनाने का तरीका
  4. अर्जुन का पेड़ दिखाएं, अर्जुन के पेड़ का फोटो


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अर्जुन का पेड़ कैसा होता है

अर्जुन वृक्ष भारत में होने वाला एक औषधीय वृक्ष है। इसे घवल, ककुभ तथा नदीसर्ज (नदी नालों के किनारे होने के कारण) भी कहते हैं। कहुआ तथा सादड़ी नाम से बोलचाल की भाषा में प्रख्यात यह वृक्ष एक बड़ा सदाहरित पेड़ है। लगभग 60 से 80 फीट ऊँचा होता है अर्जुन का वृक्ष, उत्तर प्रदेश, बिहार, दक्कन, समेत पूरे भारत में पाया जाता है। इसकी लगभग 15 किस्में हैं। यह मुख्य रूप से नदी-नालों के के किनारे पैदा होता है। अर्जुन के पेड़ पर एक प्रकार का गोंद भी लगता है जो खाने के काम आता है।

Alocasia Plant Care in Hindi

Alocasia Plant Care in Hindi: एलोकेशिया (Alocasia Plant) एक बेहद खूबसूरत हाउस प्लांट है जो अपनी शानदार और एकदम अलग डिज़ाइन वाले पत्तों के लिए जाना जाता हैं। एलोकेशिया के पत्ते विशेष तरह के डिजाइन लगभग के आकार के होते है जो देखने में बेहद ही खास होते हैं। एलोकेशिया (Alocasia Plant) के पत्ते दिल के आकार होने के कारण किसी भी गार्डन में इस पौधे की शोभा देखते ही बनती हैं। एलोकेशिया (Alocasia Plant) के प्लांट को उसके खास पत्तों की वजह से ही गार्डनों में जगह मिलती हैं। इस प्लांट की सबसे बड़ी खासियत ही उसके बड़े और दिल आकार के पत्ते होते हैं। यह पत्ते डार्क और लाइट कलर का बेहद ही खूबसूरत और अद्भुत जोड़ बनाते हैं जो अत्यंत आकर्षक और खूबसूरत लगता हैं। अन्य पौधों की अपेक्षा बड़े पत्ते होने की वजह से यह पौधा अपनी एक अलग पहचान रखता हैं। Family: Araceae Common Name: Elephant Ears, African Mask Botanical Name: Alocasia Macrorrhizos इसकी कुछ किस्में सामान्य से छोटी भी होती है, उन किस्मों को आप सजाकर अपने घर या ऑफिस के टेबल पर भी रख सकते है। बाजार में एलोकेशिया की विभिन्न प्रकार की किस्में उपलब्ध है जिन्हें आप अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने घरों को सजाने के लिए गार्डन में लगा सकते हैं। इसकी पत्तियां बेहद ही खूबसूरत होने के साथ काफी बड़ी भी होती हैं। एलोकेशिया का परिचय (Alocasia in Hindi) एलोकेशिया मूल रूप से एशिया के देशों और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया मे पाये जाने वाला उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) जलवायु का पौधे हैं। एलोकेशिया मूल रूप से एशिया के देशों और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया मे पाये जाने वाला उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) जलवायु का पौधे हैं। जानकारों के अनुसार एलोकेशिया का पौधा अपने मूल स्थान पर विशालकाय ...

Arjun ki Chhal ki Chai: बड़ी से बड़ी बीमारियों का काल है अर्जुन की छाल की चाय, जानें फायदे और चाय बनाने का तरीका

Written by |Updated : July 28, 2022 7:06 PM IST • • • • • Benefits of Arjun Barks Tea: आयुर्वेद में पेड़-पौधों से प्राप्त होने वाली चीजों जैसे पत्ते, फूल,फल और इसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसी की तरह कई पेड़ों की छाल का भी प्रयोग कुछ घरेलू नुस्खों, चूर्ण और हर्बल चाय बनाने के लिए किया जाता है। अर्जुन के पेड़ की पत्तियों और छाल का भी प्रयोग इसी तरह किया जाता है। आयुर्वेद (Arjun) में अर्जुन के पेड़, इसके पत्तों और छाल ( arjun ki chaal) का काफी महत्व है। कई औषधीय गुणों से भरा होता है अर्जुन का पेड़। बात करें इसकी छाल (Benefits of Arjun Barks) की तो कई रोगों से बचा सकता है। इसके छाल को सुखाकर पाउडर भी तैयार किया जाता है और कई गंभीर समस्याओं जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक आदि से बचे रहने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मी के मौसम में करने से अधिक लाभ होता है। अर्जुन का पेड़ (Arjun ka ped) मुख्य रूप से भारत में यूपी, एमपी, बिहार आदि में मिलता है। अर्जुन के पेड़ में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, बीटा-सिटोस्टिरोल, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड आदि। ये सभी कई रोगों से बचाव करते हैं। अर्जुन की छाल की चाय (Arjun ki chhal ki chai) पीने से भी सेहत (Benefits of Arjun Barks Tea) को कई लाभ होते हैं। अर्जुन की छाल से बने पाउडर को आप अपनी सुबह की चाय में डाल सकते हैं। इससे चाय के स्वास्थ्यवर्धक गुण बढ़ते हैं। जिनका कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक रहता है या फिर दिल की बीमारी है, उनके लिए भी ये चाय हेल्दी होता है। जानें, अर्जुन की छाल स...

अर्जुन का पेड़ दिखाएं, अर्जुन के पेड़ का फोटो

अर्जुन के पेड़ का फोटो (Arjun Ke Ped Ki Photo): अर्जुन का पेड़ भारत भूमि में पाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पौधों में से एक है। यह पौधा पूरे भारत में पाया जाता है। यह एक सदाबहार पेड़ है। यह वृक्ष वर्ष भर हरा-भरा रहता है। इस पेड़ का तना मोटा और शाखाएँ घनी होती हैं। इस पेड़ की पत्तियाँ लंबी और पत्तियों का ऊपरी सिरा चिकना होता है। पतियों के निचले सिरे में शिराएँ साफ दिखाई देती हैं। स्थानीय भाषा में अर्जुन को और भी कई नामों से जाना जाता है। अर्जुन को धनंजय, कहु, कोह आदि नामों से भी जानते है। अर्जुन का पेड़ नालों और नदियों के किनारे जंगलों में आसानी से देखा जा सकता है। आप इसके पेड़ को घर के आंगन में भी लगा सकते हैं। अर्जुन का पेड़ 60 से 80 फीट ऊंचा होता है। अर्जुन की पत्तियाँ लंबी होती हैं। इसके पत्ते आकार में अमरूद के समान होते हैं। अर्जुन के तने का रंग सफेद और चिकना रहता है। अर्जुन के फल देखने में बहुत अलग हैं। अर्जुन के फल गर्मियों में पकते हैं। अर्जुन का पेड़ बहुत बड़ा होता है। अर्जुन के पेड़ की छाल और पत्तियों का औषधीय रूप से इस्तेमाल किया जाता है। अर्जुन के पेड़ की छाल का इस्तेमाल कई औषधियों में किया जाता है। अर्जुन के पेड़ की तासीर ठंडी रहती है। अर्जुन की छाल को हम नेचुरल तरीके से भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी छाल का पाउडर बनाया जा सकता है और इसकी छाल का काढ़ा बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे हम अपने शरीर के कई रोगों को दूर कर सकते हैं। अर्जुन का पेड़ दिखाएं, अर्जुन के पेड़ का फोटो (Arjun Ke Ped Image, Arjun Ke Ped Ka Photo) अर्जुन का पेड़ किस काम में आता है (Arjun Ka Ped Kis Kam Me Aata Hai) अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। इसक...