अष्ट लक्ष्मी बीज मंत्र

  1. Lakshmi Mantra Chanting of Mahalakshmi mantras considered fruitful
  2. Maa Laxmi Beej Mantra। माँ लक्ष्मी बीज मंत्र (अर्थ, लाभ, और विधि)
  3. Kuber Asht Lakshmi Mantra कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र 11 times
  4. Maa Laxmi Mantra


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Lakshmi Mantra Chanting of Mahalakshmi mantras considered fruitful

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इनके मंत्रों का विधिवत जाप करता है उसके जीवन में पैसों की कभी दिक्कत नहीं होती। अगर जीवन में धन संबंधी परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं तो लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप आपके लिए फलदायी साबित हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के समय आठवें रत्न के रुप में अवतरित हुई थीं। मॉं लक्ष्मी को भाग्य और धन की देवी के रुप में पूजा जाता है। जानिए मां लक्ष्मी के सबसे प्रभावशाली मंत्र।

Maa Laxmi Beej Mantra। माँ लक्ष्मी बीज मंत्र (अर्थ, लाभ, और विधि)

मां लक्ष्मी बीज मंत्र (Maa Laxmi Beej Mantra) की सिद्धि मुख्यतः मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है. लक्ष्मी की प्राप्ति इस संसार में सबसे कठिन मानी गई है लेकिन जितनी कठिन यह है उतनी ही सरल भी है. सरल तब है जब आप सही मार्ग पर चलें एवं सही दिशा में आगे बढ़े तब लक्ष्मी की प्राप्ति करना कोई मुश्किल काम नहीं है. उसी प्रकार गलत दिशा में प्रयास करने से लक्ष्मी की प्राप्ति आपके लिए उतनी ही कठिन हो जाएगीं. हिन्दू धर्म में लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए अनेक मंत्र एवं उपाय बताए गए है. Maa Laxmi Beej Mantra (माँ लक्ष्मी बीज मंत्र) श्रीं अर्थ श्रीं- लक्ष्मी . Meaning (अर्थात) यह लक्ष्मी जी का बीज मंत्र है. यह एक छोटा सा एकाक्षर मंत्र है. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली होता है. इसे बीज मंत्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक छोटे से बीज के सामान है. अगर बीज नहीं होता तो वृक्ष भी नहीं बनता. बीज है इसलिए वृक्ष है. जिस प्रकार एक छोटा सा बीज एक दिन बड़े वृक्ष में परिवर्तित हो जाता है ठीक उसी प्रकार यदि हम मां लक्ष्मी बीज मंत्र (Maa Laxmi Beej Mantra) को बार-बार दोहराते है. इसका नियमित जाप करते है तो एक दिन यह बीज मंत्र सिद्ध हो जाता है. और पूरे ब्रम्हांड की शक्तियां आपके अंदर समा जाती है. एवं यह छोटा सा मंत्र धन का एक विशाल वृक्ष बन जाएगा जो आपको धन संपत्ति एवं सुख जीवन भर प्रदान करता रहेगा. माँ लक्ष्मी बीज मंत्र (Maa Laxmi Beej Mantra) जाप करने की विधि हर मंत्र के जाप की एक विधि होती है एवं विधि अनुसार किसी भी मंत्र का जाप करने से इसका लाभ अधिक होता है. आपका ज्यादा समय ना लेते हुए आईए आपको इस मंत्र के जाप की विधि से अवगत कराते है. वैसे तो मां लक्ष्मी बीज मंत्र (Maa ...

Kuber Asht Lakshmi Mantra कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र 11 times

कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र ■ ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ ■ महालक्ष्मी के आठ स्वरुप है। लक्ष्मी जी के ये आठ स्वरुप जीवन की आधारशिला है। इन आठों स्वरूपों में लक्ष्मी जी जीवन के आठ अलग-अलग वर्गों से जुड़ी हुई हैं। इन आठ लक्ष्मी की साधना करने से मानव जीवन सफल हो जाता है। अष्ट लक्ष्मी और उनके मूल बीज मंत्र इस प्रकार है। 1. श्री आदि लक्ष्मी - ये जीवन के प्रारंभ और आयु को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ श्रीं।। 2. श्री धान्य लक्ष्मी - ये जीवन में धन और धान्य को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ श्रीं क्लीं।। 3. श्री धैर्य लक्ष्मी - ये जीवन में आत्मबल और धैर्य को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं।। 4. श्री गज लक्ष्मी - ये जीवन में स्वास्थ और बल को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं।। 5. श्री संतान लक्ष्मी - ये जीवन में परिवार और संतान को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं।। 6. श्री विजय लक्ष्मी यां वीर लक्ष्मी - ये जीवन में जीत और वर्चस्व को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ क्लीं ॐ।। 7. श्री विद्या लक्ष्मी - ये जीवन में बुद्धि और ज्ञान को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ ऐं ॐ।। 8. श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी - ये जीवन में प्रणय और भोग को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ श्रीं श्रीं।। अष्ट लक्ष्मी साधना का उद्देश जीवन में धन के अभाव को मिटा देना है। इस साधना से भक्त कर्जे के चक्र्व्यूह से बाहर आ जाता है। आयु में वृद्धि होती है। बुद्धि कुशाग्र होती है। परिवार में खुशहाली आती है। समाज में सम्मान प्राप्त होता है। प्रणय और भोग का स...

Maa Laxmi Mantra

लक्ष्मी मंत्र मंत्र का अर्थ होता है एक ऐसी ध्वनी जिससे मन का तारण हो अर्थात मानसिक कल्याण हो जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है ‘मन: तारयति इति मंत्र:’ अर्थात मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है। वेदों में शब्दों के संयोजन से इस प्रकार की कल्याणकारी ध्वनियां उत्पन्न की गई। इसी प्रकार बीज मंत्र, मंत्रों का ही वह लघु रुप हैं, जो मंत्र के साथ लगाने से उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। कुल मिलाकर बीज मंत्र को मंत्र का प्राण कहा जा सकता है। यदि इन बीज मंत्रों का अर्थ खोजें तो यह सीधे-सीधे समझ नहीं आता, लेकिन इनके उच्चारण से आंतरिक शक्तियां विकसित होती हैं। इन मंत्रों के प्रभाव से आपके आस-पास एक सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है। 1. लक्ष्मी बीज मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥ इस मंत्र में ॐ परमपिता परमात्मा अर्थात परमेश्वर की शक्ति का प्रतीक है। ह्रीं मायाबीज है इसमें ह् शिव, र प्रकृति, नाद विश्वमाता एवं बिंदु दुखहरण है इसका तात्पर्य हुआ हे शिवयुक्त जननी आद्य शक्ति मेरे दुखों को दूर करें। श्रीं लक्ष्मी बीज है जिसमें श् महालक्ष्मी के लिए प्रयुक्त हुआ है, र धन संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है, ई महामाया, तो नाद जगतमाता की पुकार करता है, बिंदु दुखों का हरण करने वाला माना जाता है। कुल मिलकार श्रीं का तात्पर्य है, हे ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी मेरे दुखों का हरण करें व मेरे जीवन में समृद्धि की कोई कमी न हो। लक्ष्मीभयो नम: मां लक्ष्मी को पुकारते हुए उन्हें नमन करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। पूरे बीज मंत्र का अर्थ है, हे परमपिता परमात्मा, हे महामाया, हे मां लक्ष्मी मेरे दुखों को दूर करें मेरे जीवन को उन्नत व समृद्ध करें। 2. महालक्ष्मी मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्र...