अयोध्या राम मंदिर कहां पर है

  1. अयोध्या:राम मंदिर का भूमि पूजन, लेकिन मस्जिद की बात कहां तक पहुंची. Ayodhya Babri Masjid
  2. Know, How ram temple built in ayodhya, what are the preparations of construction of ram temple
  3. Ayodhya Temple: जानिए कैसा बन रहा भगवान राम का मंदिर, पहली बार ट्रस्ट ने की चर्चा
  4. 22 मई को अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान होंगे रामलला! पीएम मोदी को भेजा गया पूजा का न्योता
  5. 392 पिलर, 8.64 एकड़ का परकोटा, 6 मंदिरों में परिक्रमा की सुविधा... अयोध्या राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम फाइनल स्टेज में पहुंचा
  6. अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी
  7. Ram Mandir Ayodhya


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अयोध्या:राम मंदिर का भूमि पूजन, लेकिन मस्जिद की बात कहां तक पहुंची. Ayodhya Babri Masjid

अयोध्या को सजाया जा रहा है, रंग-रोगन का काम चल रहा है, राम मंदिर निर्माण की तैयारी जोरों पर है. 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होना है जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की भी बात कही जा रही है. लेकिन दूसरी ओर अयोध्या से करीब 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में सब कुछ पहले जैसा ही है. न मस्जिद बनने की कोई तैयारी दिख रही है, न ही कोई प्लानिंग. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2020 को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाया था. इसमें अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने और मस्जिद के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 फरवरी को राम मंदिर से करीब 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पक्ष को जमीन दी है. मंदिर का भूमि पूजन, मस्जिद की जमीन पड़ी है खाली धन्नीपुर के रहने वाले गब्बर खान कहते हैं, 2500-3000 की आबादी वाला धन्नीपुर गांव. मस्जिद के लिए सरकार ने कृषि विभाग की जमीन दी है. जिसपर फिलहाल गेहूं की फसल लगी हुई है. ये इलाका लखनऊ-गोरखपुर हाइवे के नजदीक है, मस्जिद के लिए जो जमीन दी गई है उससे सटे हुए एक सूफी अब्दुर्रहमान शाहगदा शाह बाबा की मजार है. इस इलाके में मुसलमानों की अच्छी-खासी आबादी है. धन्नीपुर और रौनाही दोनों में करीब 13-14 मस्जिद हैं. दोनों कस्बों की आबादी जोड़ दे तो सात हजार के आसपास होगी. "हमने मस्जिद के बदले कोई जमीन नहीं मांगी थी" सालों तक जमीन विवाद में मस्जिद पक्ष की तरफ से केस लड़ने वकील वाले और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी मस्जिद के लिए मिली जमीन से खुद को अलग कर चुके हैं. क्विंट से बात करते हुए जफरय...

Know, How ram temple built in ayodhya, what are the preparations of construction of ram temple

अयोध्याः 490 साल पुराने अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 तक टाल दी है . सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद साधु संतों ने सरकार से राम मंदिर पर अध्यादेश लाने की मांग की है . यही नहीं बीजेपी के सांसद हरिओम पाण्डेय ने तो अयोध्या में राम मंदिर के लिए प्राईवेट मेम्बर बिल तक लाने का ऐलान कर दिया है . ऐसे में सवाल अब यही उठता है कि अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा ? मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बनेगा या अध्यादेश से या फिर संसद से क़ानून पास होने के बाद ? ये वो सवाल हैं जिन पर पूरा देश आज बहस कर रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि पिछले 28 वर्षों से अयोध्या में एक जगह ऐसी भी है, जहां राम मंदिर के निर्माण की तैयारी का काम चल रहा है. आपको अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि न्याय कार्यशाला में मंदिर निर्माण की तैयारी पूरी दिखाई देगी. भगवान श्रीराम की जन्म भूमि से महज़ 2 किलोमीटर दूर इस कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का कार्य 1990 से लगातार जारी है . इस कार्यशाला में राम मंदिर के लिए पत्थरों की नक्काशी की जा रही है . अब तक राम मंदिर के लिए 65% पत्थरों को तराशा जा चुका है . राम मंदिर निर्माण में 1 लाख 75 हज़ार घन फुट पत्थरों की ज़रूरत है, जिसमें से 1 लाख घन फुट पत्थर पर नक्काशी और तराशी का काम पूरा हो चुका है . राजस्थान, गुजरात और यूपी के कारीगर पत्थर तराशने में जुटे हुए हैं, 1990 में 4 कारीगरों से न्यास कार्यशाला की शुरूआत हुई थी और 1993-94 तक 80 कारीगर राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने में जुट गए थे . वर्ष 2007 तक लगभग 90 कारीगर पत्थरों का तराशी का कार्य कर रहे थे . हालांकि इन दिनों महज़ 8-10 कारीगर ही न्यास कार्यशाला में काम रहे हैं . राजस्थान के भरतपुर के बंशीपहाड़पुर से राम...

Ayodhya Temple: जानिए कैसा बन रहा भगवान राम का मंदिर, पहली बार ट्रस्ट ने की चर्चा

अयोध्या. हजारों वर्षों के संघर्षों के बाद आखिरकार धर्म नगरी अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है. प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में करोड़ों राम भक्तों की निगाहें टिकी है. आखिर कब वह दिन आएगा जब विराजमान भगवान राम लला का दर्शन पूजन कर पाएंगे. लिहाजा अभी फिलहाल बहुप्रतीक्षित मंदिर में रामलला का दर्शन पूजन श्रद्धालु करते हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 तक भगवान राम का गर्भ ग्रह का कार्य पूरा हो जाएगा और जनवरी 2024 यानी मकर संक्रांति के दिन भगवान राम अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. जिस तरह से प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर तेजी के साथ बन रहा है. ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि जनवरी 2024 यानी मकर संक्रांति के दिन दिव्य और भव्य भगवान राम लला का प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा. हालांकि इस मौके पर देश के कई गणमान्य शामिल होंगें. 5 अगस्त 2020 को जब देश के प्रधानमंत्री मोदी ने राम जन्मभूमि में भूमि पूजन किया तो उस टाइम कोरोना की वजह से बहुत कम ही लोग उस समय शामिल हो पाए थे. लेकिन जब मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगा तो देश के कई गणमान्य शामिल होंगे. जानिए अभी तक कितना पहुंचा कार्य श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर निर्माण अपने तय समय सीमा के पहले पूरा होगा. इसके लिए डेडलाइन दिसंबर के बजाय अब अक्टूबर कर दिया गया है. मंदिर के गर्भगृह के पास तराशे गए पत्थर से खंभे खड़ी किए जा रहे हैं. जो लगभग 5 फीट है. लेकिन मंदिर के चारों तरफ जो खंभे खड़े करने हैं उनकी ऊंचाई लगभग 15 फीट अभी तक पहुंच गई है. संपूर्ण मंदिर की अगर बात करें तो प्लिंथ, रिटेनिंग वॉल के अलावा भगवान राम का म...

22 मई को अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान होंगे रामलला! पीएम मोदी को भेजा गया पूजा का न्योता

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला विराजमान होंगे. रामलला के पूजन के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से पीएम मोदी को न्योता भेजा गया गया है. हालांकि अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से पीएम मोदी के कार्यक्रम में शरीक होने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है. राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से पीएम मोदी को भेजे गए न्योते की जानकारी शेयर की गई थी. श्रीराम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, जिसकी तैयारियां की जा रही हैं. 22 जनवरी 2024 वो तारीख है, जिस दिन राम मंदिर के दर्शन के लिए करोड़ों भक्तों का इंतजार खत्म हो जाएगा. इस दिन भगवान रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वक्त देश के सभी क्षेत्रों के मंदिरों को सजाया जाएगा. इस कार्यक्रम को देशभर के रामभक्त देख सकें, इसलिए इस प्राण प्रतिष्ठा को वर्चुअली देशभर में दिखाने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं क्राउड मैनेजमेंट को लेकर भी योजना तैयार है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान वास्तु पूजा से लेकर विभिन्न अनुष्ठान और पूजन भी किए जाएंगे. कहां तक पहुंचा राम मंदिर का निर्माण अभी राममंदिर में रामलला के गर्भगृह के ऊपरी हिस्से पर निर्माण कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2023 तक राम मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा और 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्राण प्रतिष्ठा का ये कार्यक्रम करीब सात दिन तक चलेगा. इसके बाद राम मंदिर में रामभक्त रामलला के दर्शनों के लिए आ सकेंगे.

392 पिलर, 8.64 एकड़ का परकोटा, 6 मंदिरों में परिक्रमा की सुविधा... अयोध्या राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम फाइनल स्टेज में पहुंचा

अयोध्या में बन रहे तीन मंजिला राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर अपने अंतिम चरण में है. पूरे गर्भगृह को मकराना के संगमरमर से उकेरा गया है. मंदिर में 392 पिलर हैं. गर्भगृह के दरवाजे को सोने से डिजाइन किया जाएगा. इस बीच अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीराम ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है. अयोध्या में बन रहे तीन मंजिला राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर अपने अंतिम चरण में है. लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स की इंजीनियरिंग टीमों के साथ ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य की समीक्षा की. ग्राउंड फ्लोर और उससे जुड़े कई संरचनाओं का निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर की नींव, पिलर और प्लिंथ का काम पूरा होने के बाद तीन मंजिला मंदिर पर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर पत्थर लगाने का काम जोरों पर है. गर्भगृह के अलावा मंदिर में पांच मंडप हैं - गुढ़ मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप. पांच मंडपों के गुंबद का आकार 34 फीट चौड़ा और 32 फीट लंबा और प्रांगण से ऊंचाई 69 फीट से लेकर 111 फीट तक है. मंदिर की लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और प्रांगण से 161 फुट ऊंचा है. पूरे गर्भगृह को मकराना के संगमरमर से उकेरा गया है. मंदिर में 392 पिलर हैं. गर्भगृह के दरवाजे को सोने से डिजाइन किया जाएगा. परकोटे सहित मंदिर का कुल क्षेत्रफल 8.64 एकड़ है. 'परकोटा' 762 मीटर लंबा है जिसमें छह मंदिरों और भक्तों द्वारा 'परिक्रमा' की सुविधा है. इस बीच अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीर...

अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी

5/5 - (1 vote) Ram Mandir Ayodhya In Hindi, राम जन्मभूमि भारत के एक प्राचीन शहर अयोध्या में स्थित राम भूमि है जो हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सरयू नदी के तट पर स्थित है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है। राम जन्मभूमि का अर्थ है वह स्थान जहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था, जो हिंदू देवता विष्णु के 7 वें अवतार हैं। इस बात का जिक्र रामायण में भी हुआ है कि राम की जन्मभूमि का स्थान अयोध्या शहर में सरयू नदी के तट पर है। चलिये ये सब तो ठीक है लेकिन क्या आप अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के बारे में रोचक तथ्यों को जानते है अगर नही तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बात करने वाले है – • • • • 1. राम जन्मभूमि अयोध्या को लेकर विवाद – Ram Janam Bhumi Ayodhya Vivad In Hindi हिंदुओं धर्म के लोगों का यह मानना है कि राम की जन्मभूमि का स्थान वही है जहाँ पर बाबरी मस्जिद को उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या में बनाया गया था। इस सिद्धांत के अनुसार, मुगलों ने एक हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर दिया, जो राम भगवान का था और इसके स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर दिया गया था। बहुत से लोगों ने इस बात का विरोध भी किया कि अयोध्या में राम जन्म भूमि होने के दावे सिर्फ 18 वीं शताब्दी में ही सामने आये हैं और यह भी कहा गया कि मस्जिद वाली जगह पर राम जन्म भूमि या राम मंदिर होने का कोई सबूत नहीं है। बाबरी मस्जिद के इतिहास और राम जन्म भूमि को लेकर राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक बहस शुरू हो गई और कहा गया कि मस्जिद का निर्माण करने के लिए मंदिर को नष्ट कर दिया गया है ज...

Ram Mandir Ayodhya

भगवान राम की नगरी अयोध्या हजारों महापुरुषों की कर्मभूमि रही है। यह पवित्र भूमि हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था। यह राम जन्मभूमि है। इस राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर बना था जिसे तोड़ दिया गया था। आओ जानते हैं कि वह भव्य मंदिर किसने बनाया और कैसा था वह मंदिर। शोधानुसार पता चलता है कि भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व हुआ था। चैत्र मास की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। पुरातात्विक तथ्‍य : अगस्त 2003 में पुरातात्विक विभाग के सर्वे में कहा गया कि जहां बाबरी मस्जिद बनी थी, वहां मंदिर होने के संकेत मिले हैं। भूमि के अंदर दबे खंबे और अन्य अवशेषों पर अंकित चिन्ह और मिली पॉटरी से मंदिर होने के सबूत मिले हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा हर मिनट की वीडियोग्राफी और स्थिर चित्रण किया गया। इस खुदाई में कितनी ही दीवारें, फर्श और बराबर दूरी पर स्थित 50 जगहों से खंभों के आधारों की दो कतारें पाई गई थीं। एक शिव मंदिर भी दिखाई दिया। जीपीआरएस रिपोर्ट और भारतीय सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट अब उच्च न्यायालय के रिकार्ड में दर्ज हैं। 30 सितम्बर, 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने विवादित ढांचे के संबंध में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया। न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति एसयू खान ने एकमत से माना कि जहां रामलला विराजमान हैं, वही श्रीराम की जन्मभूमि है। कैसी थी अयोध्‍या : अयोध्या पहले कौशल जनपद की राजधानी थी। वाल्मीकि कृत रामायण के बालकाण्ड में उल्लेख मिलता है कि अयोध्या 12 योजन-लम्बी और 3 योजन चौड़ी थी। वाल्‍मीकि रामायण में अयोध्‍या पुरी का वर्णन विस्‍तार से किया गया है। रामायण में अयोध्या नगरी के सरयु त...