बाजार में उपभोक्ता के लिए नियमों और विनियमों की आवश्यकता होती है

  1. बाजार में नियमों तथा भी नियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है उदाहरण द्वारा समझाइए? – ElegantAnswer.com
  2. उपभोक्ता के अधिकार एन सी ई आर टी अभ्यास प्रश्न के उत्तर क्लास 10 अर्थशास्त्र
  3. बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ। from सामाजिक विज्ञान उपभोक्ता अधिकार Class 10 CBSE
  4. उपभोक्ता
  5. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 क्या है? जानिए सभी जरूरी बातें
  6. Class 10 Economics Ch 5 Consumer Rights Imp. Questions in Hindi
  7. उपभोक्ता अधिकार (Consumer Rights) NCERT Solutions
  8. RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 5 उपभोक्ता अधिकार
  9. NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 5 (Hindi Medium)


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बाजार में नियमों तथा भी नियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है उदाहरण द्वारा समझाइए? – ElegantAnswer.com

बाजार में नियमों तथा भी नियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है उदाहरण द्वारा समझाइए? इसे सुनेंरोकेंनियम और कानून से यह सुनिश्चित किया जाता है कि मुनाफे के फेर में ग्राहक के जीवन स्तर से कोई समझौता न हो। हम अपने चारों ओर खाने की चीजों में मिलावट के कई उदाहरण देख सकते हैं। दूधवाला, मिठाईवाला, आदि अक्सर मिलावटी सामान बेचते हैं। सही नियम को लागू करके ही इस गलत आदत को रोका जा सकता है। बाजार के नियमों और विनियमों की आवश्यकता क्यों है? इसे सुनेंरोकेंबाज़ार में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम एवं विनियमों की आवश्यकता होती है, क्योंकि अकेला उपभोक्ता प्राय: स्वयं को कमजोर स्थिति में पाता है। खरीदी गयी वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है, तो विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है। बाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है। हमें बाजार की आवश्यकता क्यों पड़ती है? इसे सुनेंरोकेंअनेक बार ऐसा होता है, हमे किसी वस्तु की ज़रूरत हो और वो हमारे पास उपलब्ध न हो तब हम उसे प्राप्त करने बाज़ार जाते हैं। बाज़ार के अभाव में हमे वस्तुओं से भी हाथ धोना पड़ेगा। हम अपनी आवश्कताओं की पूर्ति के लिए बाज़ार जाते हैं, वहां जाकर समान खरीदते हैं, बाज़ार हमारे जीवन का एक अंग बन चुकी हैं। वह कौन से विभिन्न तरीके है जिन के द्वारा बाजार में लोगों का शोषण हो सकता है? इसे सुनेंरोकेंबाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है, जैसे—कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, कम तौलने लगते हैं। या मिलावटी वस्तुएँ बेचने लगते हैं। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर मीडिया और अन्य स्रोतों से गलत सूचना देते हैं। हमें बाजार की आवश्यकता क्यों है? इसे सुनेंरोकेंबाज़ार के अभाव में हमे वस...

उपभोक्ता के अधिकार एन सी ई आर टी अभ्यास प्रश्न के उत्तर क्लास 10 अर्थशास्त्र

उपभोक्ता के अधिकार NCERT Abhyas प्रश्न 1. बाजार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ। उत्तर: बाजार सही ढ़ंग से काम करे इसके लिए नियमो तथा विनियमों की जरूरत पड़ती है। मुनाफे को अधिक से अधिक करना ही किसी भी व्यवसाय का मुख्य लक्ष्य होता है। लेकिन हो सकता है कि मुनाफे के फेर में ग्राहक के जीवन स्तर से समझौता किया जाता हो। हो सकता है कि दूधवाला अधिक मुनाफे के चक्कर में दूध में पानी मिलाता हो या कोई पाउडर मिलाकर दूध को गाढ़ा बनाता हो। इससे दूध पीने वाले की सेहत खराब हो सकती है। ऐसे गलत कामों को रोकने के लिये नियम जरूरी होते हैं। प्रश्न 2. भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत किन कारणों से हुई? इसके विकास के बारे में पता लगाएँ। उत्तर: मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन, आदि की परंपरा भारत के व्यापारियों के बीच काफी पुरानी है। भारत में उपभोक्ता आंदोलन 1960 के दशक में शुरु हुए थे। लेकिन 1970 के दशक तक इस प्रकार के आंदोलन का मतलब केवल अखबारों में लेख लिखना और प्रदर्शनी लगाना ही होता था। विगत कुछ वर्षों से इस आंदोलन ने गति पकड़ी है। इस लंबे संघर्ष के परिणामस्वरूप 1986 में कोपरा को लागू किया गया। प्रश्न 3. दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता की जरूरत का वर्णन करें। उत्तर: कुछ लोग अपने मोहल्ले के दुकानदार पर इतना विश्वास कर लेते हैं कि एमआरपी तक देखने की जरूरत नहीं समझते। फिर दुकानदार जो मांगता है उतनी रकम दे देते हैं। कुछ लोगों को शायद पता भी नहीं होता है कि दवाओं के अलावा भी कई अन्य वस्तुओं पर एक्सपायरी डेट रहती है। इन उदाहरणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि उपभोक्ता में जागरूकता की जरूरत है। प्रश्न 4. कुछ ऐसे कारकों की चर्चा करें, जिनसे उपभोक्ताओं का ...

बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ। from सामाजिक विज्ञान उपभोक्ता अधिकार Class 10 CBSE

बाज़ार में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम एवं विनियमों की आवश्यकता होती है, क्योंकि अकेला उपभोक्ता प्राय: स्वयं को कमजोर स्थिति में पाता है। खरीदी गयी वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है, तो विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है। बाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है। उधारणार्थ: (i) कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, जैसे दुकानदार उचित वजन से काम वजन तौलते हैं या व्यापारी उन शुल्कों को जोड़ देते हैं, जिनका वर्णन पहले न किया गया हो या मिलावटी/दोषपूर्ण वस्तुएँ बेची जाती हैं। (ii) उदाहरण के लिए, एक कंपनी ने यह दावा करते हुए की माता के दूध से हमारा उत्पाद बेहतर है, सर्वाधिक वैज्ञानिक उत्पाद के रूप में शिशुओं के लिए दूध का पाउडर पूरे विश्व में कई वर्षों तक बेचा। कई वर्षों के लगातार संघर्ष के बाद कंपनी को यह स्वीकार करना पड़ा की वह झूठे दावे करती आ रही थी। निम्नलिखित को सुमेलित करें A. एक उत्पाद के घटकों का विवरण (i) सुरक्षा का अधिकार B. एगमार्क (ii) उपभोक्ता मामलों में संबंध C. स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना (iii) अनाजों और खाद्य तेल का प्रमाण D. स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना (iv) उपभोक्ता कल्याण संगठनों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था E. उपभोक्ता इंटरनेशनल (v) सूचना का अधिकार F. भारतीय मानक ब्यूरो (vi) वस्तुओं और सेवाओं के लिये मानक A. एक उत्पाद के घटकों का विवरण (i) सूचना का अधिकार B. एगमार्क (ii) अनाजों और खाद्य तेल का प्रमाण C. स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना (iii) सुरक्षा का अधिकार D. स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना (iv) उपभोक्ता मामलों में संबंध E. उपभोक्ता इंटरनेशनल (v) उपभोक्ता कल्याण...

उपभोक्ता

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (जून 2021) स्रोत खोजें: · · · · उपभोक्ता उस व्यक्ति को कहते हैं, जो विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का या तो उपभोग करता है अथवा उनको उपयोग में लाता है। वस्तुओं में उपभोक्ता वस्तुएं (जैसे गेहूं, आटा, नमक, चीनी, फल आदि) एवं स्थायी वस्तुएं (जैसे टेलीविजन, रेफरीजरेटर, टोस्टर, मिक्सर, साइकिल आदि) सम्मिलित है। जिन सेवाओं का हम क्रय करते हैं, उनमें बिजली, टेलीफोन, परिवहन सेवाएं, थियेटर सेवाएं आदि सम्मिलित है। ध्यान रखने योग्य बात है कि उपभोक्ता वह है, जो उपभोग के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय करता है। यदि कोई फुटकर व्यापारी किसी थोक विक्रेता से वस्तुएं (जैसे स्टेशनरी का सामानद) खरीदता है, तो वह उपभोक्ता नहीं है क्योंकि वह तो वस्तुओं का क्रय पुनः विक्रय के लिए कर रहा है। अनुक्रम • 1 परिचय • 2 उपभोक्तावाद • 3 उपभोक्ता के अधिकार • 4 उपभोक्ता के उत्तरदायित्व • 5 इन्हें भी देखें परिचय [ ] क्या यह आवश्यक है कि एक क्रेता (जो केवल एक उपभोक्ता है) ही वस्तुओं का उपयोग करे? यह सदा नहीं होता। यदि आप अपने लिखने के लिए एक कापी खरीदते हैं तो आप क्रेता भी हैं और उपभोक्ता भी। माना आपके पिता खाद्य सामग्री का क्रय करते हैं, जिसका उपभोग परिवार के सभी सदस्य करते हैं या फिर जब वह कपड़े धोने का डिटरजैन्ट पाउडर खरीदते हैं तो इसका प्रयोग परिवार के सभी सदस्य कर सकते हैं तथा अन्य कोई भी (जो कपड़े धोने का कार्य कर रहा है) कर सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक उपभोक्ता जिन वस्तुओं का क्रय करता है उनका उपभोग उसके परिवार के सदस्य कर सकते हैं अथवा क्रेता की ओर से कोई अन्य व्यक्ति कर सकता है। उपभोक्ता वह व्यक्ति है, जो वस्तुओं अथवा से...

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 क्या है? जानिए सभी जरूरी बातें

समाज में उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग, बिक्री और डिलीवरी के तरीके में भारी बदलाव के बीच, जो कि काफी हद्द तक टेक्नोलोगी पर निर्भर करता है, भारत ने 2019 में अपने तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून को निरस्त करके एक एडवांस उपभोक्ता संरक्षण कानून लॉन्च किया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की शुरुआत के साथ ही पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को निरस्त कर दिया गया है। पिछले कानून के कुछ प्रावधानों को बरकरार रखते हुए, 2019 अधिनियम में कुछ नए प्रावधान पेश किए गए है जो उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए मौजूदा नियमों को और कड़ा करते हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत नए प्रावधानों में शामिल हैं: *ई-कॉमर्स, डायरेक्ट सेलिंग को शामिल करना *केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना *भ्रामक विज्ञापन के लिए सख्त मानदंड *उत्पाद दायित्व के लिए सख्त मानदंड *आर्थिक क्षेत्राधिकार में बदलाव *विवाद समाधान में अधिक आसानी *अनुचित व्यापार व्यवहार की धारा का विस्तार *अनुचित अनुबंध ( अनफेयर कॉन्ट्रैक्ट ) *मध्यस्थता के माध्यम से वैकल्पिक विवाद समाधान इस लेख में समझाया गया है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधान कौन-कौन से हैं और कानून कैसे प्रमुख बाजार ताकतों के खिलाफ ग्राहकों के हितों की रक्षा करता है, जिसमें होमबॉयर्स भी शामिल हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • उपभोक्ता कौन है ? 2019 अधिनियम की धारा 2(7) बताती है कि कानून की नजर में उपभोक्ता कौन है। “उपभोक्ता एक ऐसा व्यक्ति है जो किसी भी सामान या सेवाओं को खरीदता है, जिसका भुगतान किया गया है या वादा किया गया है या आंशिक रूप से भुगतान किया गया है और आंशिक रूप से वा...

Class 10 Economics Ch 5 Consumer Rights Imp. Questions in Hindi

CBSE Class 10 Economics Chapter 5 Consumer Rights Important Question Answers in Hindi Consumer Rights Important Questions - Here are the important questions (Hindi) of 1,3,4 and 5 Marks for CBSE Class 10 Economics Chapter 5 Consumer Rights ( ग्राहकों के अधिकार ) . The important questions we have compiled will help the students to brush up on their knowledge about the subject. Students can practice Class 10 Economics important questions (Hindi) to understand the subject better and improve their performance in the board exam. Related - Class 10 SST (History, Geography, Civics and Economics Important Question Answers (सी) उप-मानक गुणवत्ता (डी) उपरोक्त सभी उत्तर: (बी) • वह संगठन जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों के मानक निर्धारित करता है, क्या कहलाता है? (ए) इसरो (बी) आईएसओ (सी) आईएसआई (डी) डब्ल्यूसीएफ उत्तर: (बी) • उपभोक्ताओं की शिकायतों को देखने वाली एजेंसियों को लोकप्रिय रूप से क्या कहा जाता है? (ए) उपभोक्ता अदालतें (बी) उपभोक्ता आयोग (सी) उपभोक्ता मंच (डी) उपभोक्ता सेल उत्तर: (ए) • उस न्यायालय का नाम बताइए जिसमें एक उपभोक्ता 40 लाख रु. का दावा करते हुए संपर्क कर सकता है। (ए) राष्ट्रीय उपभोक्ता न्यायालय (बी) राज्य उपभोक्ता न्यायालय (सी) जिला उपभोक्ता न्यायालय (डी) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर: (बी) • वह संगठन जो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता अदालतों में मामले दर्ज करने के बारे में मार्गदर्शन करने में मदद करता है, लोकप्रिय रूप से क्या कहलाते हैं? (ए) उपभोक्ता सेल (बी) उपभोक्ता संघ (सी) उपभोक्ता मंच (डी) उपभोक्ता समाज उत्तर: (सी) • शहद खरीदते समय आपको कौन सा निशान देखना चाहिए? (ए) ...

उपभोक्ता अधिकार (Consumer Rights) NCERT Solutions

अभ्यास प्रश्न.1. बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ। बाजार में नागरिक की सुरक्षा के लिए नियम एवं नियंत्रण की आवश्यकता होती है क्योंकि जब उपभोक्ताओं का शोषण होता है तो उपभोक्ता प्राय: स्वयं को कमजोर स्थिति में पाते हैं। खरीदी गई वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है तो विक्रेता सारे उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है। विक्रेता कई तरीकों से उपभोक्ता का शोषण कर सकता है। ऐसी स्थिति से उपभोक्ता को बचाने के लिए उपभोक्ता आंदोलन चलाए गए जिससे बाजार में सुरक्षा मिले। बाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है, जैसे—कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, कम तौलने लगते हैं। या मिलावटी वस्तुएँ बेचने लगते हैं। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर मीडिया और अन्य स्रोतों से गलत सूचना देते हैं। अतः उपभोक्ताओं की सुरक्षा निश्चित करने के लिए नियम और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। प्रश्न.2. भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत किन कारणों से हुई? इसके विकास के बारे में पता लगाएँ। उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत उपभोक्ताओं के असंतोष के कारण हुई क्योंकि विक्रेता कई अनुचित व्यवसायों में शामिल होते थे। बाजार में उपभोक्ता को शोषण से बचाने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। यह माना जाता था कि एक उपभोक्ता की जिम्मेदारी है कि वह एक वस्तु या सेवा को खरीदते समय सावधानी बरते । संस्थाओं को लोगों में जागरूकता लाने में भारत और पूरे विश्व में कई वर्ष लग गए। इन्होंने वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विक्रेताओं पर भी डाल दी। भारत में सामाजिक बल के रूप में उपभोक्ता आंदोलन का जन्म, अनैतिक और अनुच...

RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 5 उपभोक्ता अधिकार

Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 5 उपभोक्ता अधिकार → बाजार में उपभोक्ता - बाजार में हम उत्पादक एवं उपभोक्ता दोनों हैं। उपभोक्ता वह होता है जो अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं का उपभोग करता है। बाजार में उत्पादकों द्वारा उपभोक्ताओं का शोषण कई प्रकार से किया जाता है, जैसेकम तोलना, अधिक मूल्य लेना, मिलावटी वस्तु देना, गलत विज्ञापन आदि। अतः उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम और विनियमों की आवश्यकता है। → उपभोक्ता आंदोलन - भारत में 1960 के दशक में खाद्य पदार्थों एवं खाद्य तेल में मिलावट की वजह से व्यवस्थित रूप से उपभोक्ता आन्दोलन का उदय हुआ। 1970 के दशक में उपभोक्ता संस्थाएँ सक्रिय हुईं। उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु 1986 में 'उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम' नामक कानून बनाया गया। → उपभोक्ता अधिकार - • उपभोक्ताओं के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण सुरक्षा का अधिकार है। हमें उत्पाद खरीदते समय सुरक्षा सम्बन्धी पूरी जाँच करनी चाहिए। • उपभोक्ता का दूसरा महत्त्वपूर्ण अधिकार सूचना पाने का अधिकार है। उपभोक्ता जब वस्तुओं एवं सेवाओं को खरीदता है तो उसे उसके सम्बन्ध में पूरी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। • उपभोक्ता को वस्तु अथवा सेवा के चुनाव का अधिकार होता है। • उपभोक्ताओं को अनुचित सौदेबाजी और शोषण के विरुद्ध क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार है। • प्रतिनिधित्व का अधिकार । • उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार। → न्यायिक तन्त्र-कोपरा के अन्तर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र स्थापित किया गया है। इस अधिनियम ने उपभोक्ता के रूप में उपभोक्ता न्यायालय में प्रतिनिधित्व का अधिकार देकर हमें समर्थ बनाया है। हमें एक...

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 5 (Hindi Medium)

• NCERT Solutions for Social Science • Class 10 Social Science in Hindi Medium • Class 9 Social Science in Hindi Medium • Class 8 Social Science in Hindi Medium • Class 7 Social Science in Hindi Medium • Class 6 Social Science in Hindi Medium • NCERT Solutions for Class 10 • NCERT Solutions for Class 9 • NCERT Solutions for Class 11 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएप्रश्न 1. बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ। उत्तर बाजार में नागरिक की सुरक्षा के लिए नियम एवं नियंत्रण की आवश्यकता होती है क्योंकि जब उपभोक्ताओं का शोषण होता है तो उपभोक्ता प्राय: स्वयं को कमजोर स्थिति में पाते हैं। खरीदी गई वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है तो विक्रेता सारे उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है। विक्रेता कई तरीकों से उपभोक्ता का शोषण कर सकता है। ऐसी स्थिति से उपभोक्ता को बचाने के लिए उपभोक्ता आंदोलन चलाए गए जिससे बाजार में सुरक्षा मिले। बाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है, जैसे—कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, कम तौलने लगते हैं। या मिलावटी वस्तुएँ बेचने लगते हैं। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर मीडिया और अन्य स्रोतों से गलत सूचना देते हैं। अतः उपभोक्ताओं की सुरक्षा निश्चित करने के लिए नियम और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। प्रश्न 2. भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत किन कारणों से हुई? इसके विकास के बारे में पता लगाएँ। उत्तर उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत उपभोक्ताओं के असंतोष के कारण हुई क्योंकि विक्रेता कई अनुचित व्यवसायों में शामिल होते थे। बाजार में उपभोक्ता को शोषण से बचाने के लिए कोई...