बाल दिवस

  1. Children’s Day 2022: बाल दिवस क्यों मनाते हैं? जानिए इतिहास, महत्व और बच्चों के अधिकार
  2. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2023: जानिए इस दिन को मनाने का कारण, महत्व और थीम
  3. बाल दिवस
  4. बाल दिवस पर निबंध ( सम्पूर्ण जानकारी )
  5. Childrens Day 2021: Know Why Childrens Day Is Celebrated On The Occasion Of Pandit Jawaharlal Nehru Birth Anniversary


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Children’s Day 2022: बाल दिवस क्यों मनाते हैं? जानिए इतिहास, महत्व और बच्चों के अधिकार

Children’s Day 2022: बाल दिवस क्यों मनाते हैं? जानिए इतिहास, महत्व और बच्चों के अधिकार Children’s Day 2022: देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। बच्चे उनको प्यार से चाचा नेहरू के नाम से पुकारते हैं। भारत में यह इसे उत्साह के साथ मनाया जाता है • • • • • • Children’s Day 2022: भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के (जयंती) जन्म के दिन को बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस हर साल भारत में 14 नवंबर को मनाया जाता है। बच्चे उन्हें प्यार से “चाचा नेहरू” कहकर बुलाते थे। चाचा नेहरू उनके साथ बहुत बातचीत करते थे। बाल दिवस को पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूल व कॉलेज को रंग- बिरंगे गुब्बारों और दूसरे सजावटी चीजों से सजाया जाता है। इसके साथ ही तरह -तरह कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। भारत में साल 1956 से बाल दिवस मनाया जा रहा है। बाल दिवस (Children's day) मनाने का मकसद पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देना है। इसके साथ ही बच्चों को उनके अधिकारों और शिक्षा के प्रति जागरूक करना भी है। बता दें कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस की तारीख के रूप में चुना गया था। तभी से 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा था। जब वो प्रधानमंत्री बने तो उनकी पहली प्राथमिकता थी बच्चों की शिक्षा। शिक्षा के लिए उन्‍होंने देश को बेहतरीन शैक्षिक संस्‍थानों जैसे IIT (Indian Institutes of Technology) और IIM (Indian Institutes of Management) की स्थापना की। बच्‍चों और देश के भविष्‍य का निखारने में इन संस्‍थानों काबड़ा योगदान है। उन्‍होंने नि:शुल्क ...

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2023: जानिए इस दिन को मनाने का कारण, महत्व और थीम

June 12, 2023 | 09:00 am 1 मिनट में पढ़ें विश्व बाल श्रम निषेध दिवस से जुड़ी जानकारी हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बाल श्रम और मानव तस्करी के खतरे के बारे में जागरूकता पैदा करना है। निम्न मध्यम आय वाले देशों में कुल बच्चों में से 9 प्रतिशत बाल श्रम में शामिल हैं और उच्च मध्य आय वाले देशों में बच्चों के मामले में यह संख्या 7 प्रतिशत है। साल 2002 में हुई थी इस दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसके माध्यम से 5 से 17 वर्ष की आयु के कई बच्चों को उचित शिक्षा, उपयुक्त चिकित्सा सेवाएं या मौलिक स्वतंत्रता प्रदान करके एक सामान्य बचपन देना है। तब से लेकर आज तक हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जा रहा है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का महत्व विश्व बाल श्रम निषेध दिवस दुनियाभर में बाल श्रम के पैमाने और गंभीरता पर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिवस बाल श्रम को समाप्त करने और बच्चों के अधिकारों का समर्थन करने के लिए सरकारों, नियोक्ताओं, नागरिक समाज संगठनों और व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है ताकि एक ऐसी दुनिया बनाई जा सके, जहां सभी बच्चे अपने अधिकारों का आनंद ले सकें और शोषण और दुर्व्यवहार से मुक्त रह सकें। क्या है इस बार की थीम? न्याय और बाल श्रम के बीच की कड़ी के संबंध में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2023 की थीम 'सभी के लिए सामाजिक न्याय, बाल श्रम खत्म करो' रखी गई है। बता दें कि साल 2022 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम 'बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण' थी, जबकि इस दिवस की थीम साल 2021 में ' अभी सक्रिय हों, बाल श्रम खत्म करें' थी। कैसे मनाया जाता है यह दिवस? बाल श्रम के नुकसान को उजागर करने और बच्चों क...

बाल दिवस

विवरण 'बाल दिवस' उद्देश्य बाल दिवस के अवसर पर तिथि उत्सव एवं कार्यक्रम यह बच्चों के लिए उल्लास में डूब जाने का दिन है। स्कूलों में भी यह दिन बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। संपूर्ण भारत में इस दिन स्कूलों में प्रश्नोतरी, फैंसी परिधान प्रतियोगिता और बच्चों की कला प्रदर्शनियों जैसे कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संबंधित लेख अन्य जानकारी बाल दिवस मनाने की शुरुआत बाल दिवस प्रत्येक अन्य देशों में बाल दिवस बाल दिवस मनाने की सर्वप्रथम घोषणा हुई। नेहरू जी का बाल प्रेम चाचा नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और तीन मूर्ति भवन प्रधानमंत्री का सरकारी निवास था। एक दिन तीन मूर्ति भवन के बगीचे में लगे पेड़-पौधों के बीच से गुज़रते हुए घुमावदार रास्ते पर नेहरू जी टहल रहे थे। उनका ध्यान पौधों पर था। वे पौधों पर छाई बहार देखकर खुशी से निहाल हो ही रहे थे तभी उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई दी। नेहरू जी ने आसपास देखा तो उन्हें पेड़ों के बीच एक-दो माह का बच्चा दिखाई दिया जो दहाड़ मारकर रो रहा था। नेहरूजी ने मन ही मन सोचा- इसकी माँ कहाँ होगी? उन्होंने इधर-उधर देखा। वह कहीं भी नज़र नहीं आ रही थी। चाचा ने सोचा शायद वह बगीचे में ही कहीं माली के साथ काम कर रही होगी। नेहरूजी यह सोच ही रहे थे कि बच्चे ने रोना तेज़ कर दिया। इस पर उन्होंने उस बच्चे की माँ की भूमिका निभाने का मन बना लिया। नेहरूजी ने बच्चे को उठाकर अपनी बाँहों में लेकर उसे थपकियाँ दीं, झुलाया तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा। बच्चे को मुस्कुराते देख चाचा खुश हो गए और बच्चे के साथ खेलने लगे। जब बच्चे की माँ दौड़ते वहाँ पहुँची तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसका बच्चा नेहरूजी की गोद में मंद-मंद मुस्कुरा ...

बाल दिवस पर निबंध ( सम्पूर्ण जानकारी )

आज के लेख में हम बाल दिवस पर निबंध स्वरूप एक लेख प्रस्तुत कर रहे हैं। देश के बच्चों को समर्पित बाल दिवस भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। जिसमें आपको निबंध, बाल दिवस का महत्व, विद्यालय में हुए बाल दिवस कार्यक्रम की रिपोर्ट आदि की जानकारी मिलेगी। इसका अध्ययन आप अपने परीक्षा के लिए भी कर सकते हैं। Table of Contents • • • • • • • बाल दिवस पर निबंध बच्चे कल का भविष्य होते हैं, जिस देश में युवा की तादाद ज्यादा होती है उसे युवा देश कहा जाता है। जैसा कि हम जानते हैं आज के नन्हें बालकों के कंधों पर ही कल का भविष्य टिका रहता है। देश की उन्नति प्रगति किस प्रकार हो यह बालकों पर ही निर्भर करता है, अतः बालकों के समग्र विकास के लिए उचित शिक्षा व्यवस्था, वातावरण आदि का ध्यान रखते हुए बालकों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है। बाल दिवस जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे, उन्हें बालकों से विशेष लगाव था। अतः उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया। उनका मानना था एक व्यक्ति शरीर से उम्र से चाहे कितना भी बड़ा हो जाए उसके भीतर एक बालक का होना आवश्यक है। यही कारण है कि वह सदैव बालकों के बीच बालक ही बन जाया करते थे। वह अपनी पुत्री प्रियदर्शनी (इंदिरा गांधी) से भी बेहद प्रेम करते थे। कुछ दिनों दूर रहने पर वह अपनी पुत्री को पत्र लिखा करते थे। उनके द्वारा लिखे गए पत्र आज वात्सल्य की निशानी के तौर पर उपलब्ध है। बाल दिवस का इतिहास पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को बाल भवन इलाहाबाद में हुआ था। वह बचपन से ही एक बड़े वकील बनना चाहते थ...

Childrens Day 2021: Know Why Childrens Day Is Celebrated On The Occasion Of Pandit Jawaharlal Nehru Birth Anniversary

Children's Day 2021: जानिये पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर ही क्यों मनाया जाता है 'बाल दिवस' Children’s Day: बाल दिवस हर साल पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस पर 14 नवंबर को मनाया जाता है. पंडित नेहरू कहा करते थे कि आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे. उन्हें प्यार और देखभाल की जरूरत है, जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हों. पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था. यही वजह है कि बच्‍चे आज भी उन्‍हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं. नई दिल्ली: Jawaharlal Nehru Birth Anniversary: भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस (Bal Diwas or Children's Day) मनाया जाता है. भारत में बाल दिवस मनाने के पीछे दो कारण रहे हैं. पहला तो यह दिन देश के भविष्य अर्थात बच्चों को खास महसूस करवाने के लिए मनाया जाता है. दूसरा कारण बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू का जन्मोत्सव भी इसी दिन होता है. बाल दिवस (Children's Day) के दिन कई स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है और बच्चों के लिए खेल कूद का आयोजन होता है. कई स्कूलों में बाल दिवस (Bal Diwas) के दिन बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है. बाल दिवस (Children's Day India 2021) के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं. बाल दिवस उत्सव का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है. साथ ही इस दिन बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है. इसी दिन ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस यह भी पढ़ें • Children’s Mental Health Awareness Day 2023: अपने बच्चे की मेंटल हेल्थ का इस तरह रखें ख्याल, बनें उनके सबसे अच्छे दोस्त • Republic Day 2023: रिपब्लिक डे पर बनाएं ट्राइकलर डोनट्स, खुशी से झूम उठेंगे बच्चे • Children's Day पर वायरल हो रहा है बंदर और बत्तख के बच्चों का दिल...