बातचीत शीर्षक निबंध की क्या विशेषताएं हैं

  1. निबंध की क्या विशेषता है? – ElegantAnswer.com
  2. बातचीत
  3. निबंध क्या है?
  4. बातचीत शीर्षक निबंध की क्या विशेषताएं हैं?
  5. निबंध की परिभाषा, विशेषताएं और प्रकार
  6. निबंध की परिभाषा, विशेषताएं और प्रकार
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निबंध की क्या विशेषता है? – ElegantAnswer.com

निबंध की क्या विशेषता है? इसे सुनेंरोकेंइतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है। निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है। निबंध किसे कहते हैं निबंध कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंनिबंध किसी विषय वस्तु पर सटीक नियमित और सुन्दर शब्दों में लिखा हुआ होना चाहिए निबंध मुख्यता 500 से 1000 शब्दों तक के निबंध मध्यम वर्ग के निबंध में रखा जाता है यही अगर 1000 शब्द से ज्यादा लिखा जाये तो दीर्ध निबंध शामिल हो जायेगा। बातचीत क्या है कहानी या निबंध? इसे सुनेंरोकेंबातचीत शीर्षक निबंध आधुनिक काल के प्रसिद्ध निबंधकार बालकृष्ण भट्ट द्वारा लिखा गया है। जिसमें वाक-शक्ति को लेखक ने ईश्वर का वरदान बताया है। बालकृष्ण जी कहते हैं कि बाक-शक्ति अगर मनुष्य में ना होती तो ना जाने इस गूंगी सृष्टि का क्या हाल होता। इसे सुनेंरोकेंबातचीत निबंध की विशेषताएं. बातचीत दो या अतिरिक्त मनुष्यों के बीच इंटरैक्टिव संचार है. विज्ञप्ति के अंदर भाग लेने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करें. संचार को गंभीरता से और विनम्रता के साथ लें. पहली दर बातचीत दूसरे व्यक्ति, उनके देश में रुचि दिखाने के साथ शुरू, और क्या वे के बारे में जिज्ञासु हो सकता है. निबंध की कौन सी विशेषता नहीं है? इसे सुनेंरोकेंनिबंध में किन्हीं ऐसे ठोस रचना-नियमों और तत्वों का निर्देश नहीं दिया जा सकता जिनका पालन करना निबंधकार के लिए आवश्यक है। और इसी के विपरीत इसकी विशेषता एक अच्छे निबंध में संक्षिप्तता, एकसूत्रता तथा पूर्णता जैसे गुण विद्यमान होते हैं। इसे सुनेंरोकेंबातचीत निबंध की...

बातचीत

इसे तो सभी स्वीकार करेंगे कि अनेक प्रकार की शक्तियों में, जो वरदान की भाँति ईश्वर ने मनुष्यों को दी हैं, वाक्शक्ति भी एक है। यदि मनुष्य की और इंद्रियाँ अपनी-अपनी शक्तियों से अविकल रहती और वाक्शक्ति उसमें न होती तो हम नहीं जानते कि इस गूँगी सृष्टि का क्या हाल होता। सब लोग लुंज-पुंज से हो मानों कोने में बैठा दिए गए होते और जो कुछ सुख-दुःख का अनुभव हम अपनी दूसरी इंद्रियों के द्वारा करते उसे अवाक् होने के कारण आपस में एक दूसरे से कुछ न कह सुन सकते। इस वाक्शक्ति के अनेक फ़ायदों मे ‘स्पीच’ (वक्तृता) और बातचीत दोनों है। किंतु स्पीच से बातचीत का कुछ ढंग ही निराला है। बातचीत में वक्ता को नाज-नखरा ज़ाहिर करने का मौका नहीं दिया जाता कि वह एक बड़े अंदाज़ से गिन-गिनकर पाँव रखता हुआ पुलपिट पर जा खड़ा हो और पुण्यवाचन या नांदीपाठ की भाँति घड़ियों तक साहबान मजलिस, चेयरमैन, लेडीज़ एंड जेंटिलमेन की बहुत सी स्तुति कर कराय तब किसी तरह वक्तृता का प्रारंभ करे। जहाँ कोई मर्म या नोक की चुटीली बात वक्ता महाशय के मुख से निकली कि तालि-ध्वनि से कमरा गूँज उठा। इसलिए वक्ता को ख़ामख़ाह ढूँढ़कर कोई ऐसा मौका अपनी वक्तृता में लाना ही पड़ता है जिसमे करतलध्वनि अवश्य हो। वहीं हमारी साधारण बातचीत का कुछ ऐसा घरेलू ढंग है कि उसमें न करतलध्वनि का कोई मौका है न लोगों को कहकहे उड़ाने की काई बात उसमें रहती है। हम-तुम दो आदमी प्रेमपूर्वक संलाप कर रहे हैं। कोई चुटीली बात आ गई, हँस पड़े तो मुसकराहट से होंठो का केवल फ़रक उठना ही इस हँसी की अंतिम सीमा है। स्पीच का उद्देश्य अपने सुननेवालों के मन में जोश और उत्साह पैदा कर देना है। घरेलू बातचीत मन रमाने का एक ढंग है। इसमें स्पीच की वह सब संजीदगी बेक़द्र हो धक्के खाती फिरती है। ज...

निबंध क्या है?

निबन्ध क्या है? निबन्ध शब्द ऐसे‘ का बोध होता है, फ्रेंच में इसे ‘ एसाई‘ कहते थे, वहीं अँग्रेजी में ‘ essay‘ के नाम से जाना गया, इसका अर्थ होता है प्रयोग करना। ऐसे” शब्द का प्रयोग सबसे पहले वहाँ के श्रेष्ठ निबन्धकार बेकन ने किया। बेकन तथा अन्य अनेक पाश्चात्य विद्वानों ने ‘ऐसे’ अथवा निबन्ध में वस्तुनिष्ठता पर बल दिया है, परन्तु निबन्ध के जनक, फ्रेंच विद्वान मौटेन इसमें वैयक्तिकता को भी अनिवार्य मानते हैं- निबन्ध विचारों, उद्धरणों और आख्यात्मक वृत्तों का सम्मिश्रण है। हिन्दी के भी अधिकांश विद्वानों ने निबन्धों में वैयक्तिकता पर अधिक बल दिया है। श्री ठाकुर प्रसाद सिंह लिखते हैं, “ मैंने निबन्ध को दूर तक व्यक्तित्व प्रधान निबन्ध का पर्याय माना है और व्यक्तिविहीन रचना निबन्ध नहीं और कुछ चाहे जो हो।” निबन्ध के लिए बेकन ने ठोस सारगर्भित विचारों की अवस्थिति को अनिवार्य बनाया। निबन्ध में अनावश्यक विस्तार नहीं होना चाहिए। यह मत प्राय: सभी विद्वानों का है। हडसन लिखते हैं, “ निबन्ध कुछ इने गिने पृष्ठों के लघु विस्तार में होना चाहिए, जिसमें सारगर्भित ठोस विचारों का निर्देश हो और यह विचार अधिक विस्तार में प्रकट न किए गए हों।” यद्यपि आज निबन्ध को गद्य की विधा ही स्वीकार किया जाता है परन्तु पद्य में भी निबन्ध लिखे जाते रहे हैं। भारतेन्दु काल में लिखे गए अनेक पद्यात्मक निबन्ध तथा पोप का ‘ ऐन ऐसे ऑन लिटरेरी क्रिटिसिज्म‘ इसका प्रमाण है। हिंदी के प्रथम निबंध के रूप में “ राजा भोज का सपना” (1839 ई.) है, जिसके सितारे-हिंद‘ हैं। कुछ विद्वान सदासुखलाल के ‘ सुरासुरनिर्णय‘ के आधार पर इन्हें हिंदी का प्रथम निबंधकार मानते हैं। निबंध की परिभाषा निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें एक सीमित आकार के भीत...

बातचीत शीर्षक निबंध की क्या विशेषताएं हैं?

सवाल: प्रकाश के प्रकीर्णन को समझाइए? प्रकाश के प्रकीर्णन का मतलब होता है प्रकाश की चुम्बकीय या विभवात्मक विचरण की प्रक्रिया को समझना या वर्णित करना। यह एक विज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रकाश एक स्रोत से उत्पन्न होता है, एक वस्तु से टकराता है और फिर इंगित करके या अन्य प्रकार के प्रकाश के साथ इंटरैक्ट करके हमें प्रतीत होता है। जब प्रकाश एक वस्तु पर पड़ता है, तो यह वस्तु इसे अवशोषित, परावर्तित, विकिरणित या अद्यावत कर सकती है। इन प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप, हम प्रकाश के विभिन्न गुणों जैसे रंग, आभा, उच्च या निम्न आयाम, विकिरण आदि को देख सकते हैं। यह प्रक्रिया मूल रूप से प्रकाश के वेवलेट और गुणों की विभिन्न प्रोपर्टीज़ पर निर्भर करती है। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तो उस वस्तु में मौजूद धातुओं और अणुओं के साथ इंटरैक्शन के परिणामस्वरूप विभिन्न गुणों का प्रकाश में प्रकट होने लगता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से हम उन वस्तुओं को देख, पहचान और अनुभव कर सकते हैं जो प्रकाश के प्रकीर्णन द्वारा हमें प्राप्त होती हैं। सवाल: बातचीत शीर्षक निबंध की क्या विशेषताएं हैं? बातचीत शीर्षक निबंध की विशेषताएं निम्न है: • पूछताछ और जांच। • समझ दिखाओ। • समझ की जाँच करें। • स्वयं को नियंत्रित करें। • सम्माननीय होना। दूसरों की सोच की सराहना करें। • तैयार रहें। विषय पर ध्यान दें, पृष्ठभूमि ज्ञान को सक्रिय करें और संबंध बनाएं। • एक सक्रिय श्रोता बनें। बोलने वाले को देखो। • स्पष्ट रहिये। स्पष्ट रूप से बोलें ताकि दूसरे समझ सकें। Tanong: Ilang pulgada maaaring maglagay ng telephono mula sa dashboard ng sasakyan? Ang paglalagay ng telephono sa dashboard ng sasakyan ay isang karaniwang gawain para...

निबंध की परिभाषा, विशेषताएं और प्रकार

निबंध गद्य रचना को कहते हैं जिसमें किसी विषय का वर्णन किया गया हो. निबंध के माध्यम से लेखक उस विषय के बारे में अपने विचारों और भावों को बड़े प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने की कोशिश करता है. एक श्रेष्ठ संगठित एवं सुव्यवस्थित निबंध लेखक को विषय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए, उसकी भाषा पर अच्छी पकड़ होना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अभिव्यक्ति होती है. इसलिए एक ही विषय पर हमें अलग-अलग तरीकों से लिखे गए निबंध मिलते हैं. • निबंध अनियमित, असीमित और असम्बद्ध रचना है. • निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तृत और पांडित्यपूर्ण विचार किया जाता है. • मन की उन्मुक्त उड़ान निबंध कहलाती है. • मानसिक विश्व का बुद्धि विलास से निबंध है. • सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रम बद्ध विचारों की अभिव्यक्ति ही निबंध है. अच्छे निबंध की विशेषताएं (Characteristics of Essay in Hindi) एक अच्छे निबंध की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं. • निबंध की भाषा विषय के अनुरूप होनी चाहिए. • विचारों में परस्पर तारतम्यता होनी चाहिए. • विषय से सम्बंधित सभी पहलुओं पर निबंध में चर्चा की जानी चाहिए. • निबंध के अंतिम अनुच्छेद में ऊपर कहीं गई सभी बातों का सारांश होना चाहिए. • वर्तनी शुद्ध होनी चाहिए तथा उसमें विराम चिन्हों का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए. • निबंध लिखते समय शब्दों की सीमा का अवश्य ध्यान रखना चाहिए. • निबंध के लेखक का व्यक्तित्व प्रतिफल होना आवश्यक है. • निबंध अधिक विस्तृत न होकर संक्षेप में होना चाहिए. • निबंध लेखन विचारों की एक अखंड धारा होती है उसका एक निश्चित परिणाम होना चाहिए. निबंध के अंग (Types of Essay) मुख्य रूप से निबंध के तीन अंग होते हैं- भूमिका, विस्तार और उपसंहार. भूमिका भूमिका विषय प्रवे...

निबंध की परिभाषा, विशेषताएं और प्रकार

निबंध गद्य रचना को कहते हैं जिसमें किसी विषय का वर्णन किया गया हो. निबंध के माध्यम से लेखक उस विषय के बारे में अपने विचारों और भावों को बड़े प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने की कोशिश करता है. एक श्रेष्ठ संगठित एवं सुव्यवस्थित निबंध लेखक को विषय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए, उसकी भाषा पर अच्छी पकड़ होना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अभिव्यक्ति होती है. इसलिए एक ही विषय पर हमें अलग-अलग तरीकों से लिखे गए निबंध मिलते हैं. • निबंध अनियमित, असीमित और असम्बद्ध रचना है. • निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तृत और पांडित्यपूर्ण विचार किया जाता है. • मन की उन्मुक्त उड़ान निबंध कहलाती है. • मानसिक विश्व का बुद्धि विलास से निबंध है. • सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रम बद्ध विचारों की अभिव्यक्ति ही निबंध है. अच्छे निबंध की विशेषताएं (Characteristics of Essay in Hindi) एक अच्छे निबंध की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं. • निबंध की भाषा विषय के अनुरूप होनी चाहिए. • विचारों में परस्पर तारतम्यता होनी चाहिए. • विषय से सम्बंधित सभी पहलुओं पर निबंध में चर्चा की जानी चाहिए. • निबंध के अंतिम अनुच्छेद में ऊपर कहीं गई सभी बातों का सारांश होना चाहिए. • वर्तनी शुद्ध होनी चाहिए तथा उसमें विराम चिन्हों का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए. • निबंध लिखते समय शब्दों की सीमा का अवश्य ध्यान रखना चाहिए. • निबंध के लेखक का व्यक्तित्व प्रतिफल होना आवश्यक है. • निबंध अधिक विस्तृत न होकर संक्षेप में होना चाहिए. • निबंध लेखन विचारों की एक अखंड धारा होती है उसका एक निश्चित परिणाम होना चाहिए. निबंध के अंग (Types of Essay) मुख्य रूप से निबंध के तीन अंग होते हैं- भूमिका, विस्तार और उपसंहार. भूमिका भूमिका विषय प्रवे...

निबंध की क्या विशेषता है? – ElegantAnswer.com

निबंध की क्या विशेषता है? इसे सुनेंरोकेंइतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है। निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है। निबंध किसे कहते हैं निबंध कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंनिबंध किसी विषय वस्तु पर सटीक नियमित और सुन्दर शब्दों में लिखा हुआ होना चाहिए निबंध मुख्यता 500 से 1000 शब्दों तक के निबंध मध्यम वर्ग के निबंध में रखा जाता है यही अगर 1000 शब्द से ज्यादा लिखा जाये तो दीर्ध निबंध शामिल हो जायेगा। बातचीत क्या है कहानी या निबंध? इसे सुनेंरोकेंबातचीत शीर्षक निबंध आधुनिक काल के प्रसिद्ध निबंधकार बालकृष्ण भट्ट द्वारा लिखा गया है। जिसमें वाक-शक्ति को लेखक ने ईश्वर का वरदान बताया है। बालकृष्ण जी कहते हैं कि बाक-शक्ति अगर मनुष्य में ना होती तो ना जाने इस गूंगी सृष्टि का क्या हाल होता। इसे सुनेंरोकेंबातचीत निबंध की विशेषताएं. बातचीत दो या अतिरिक्त मनुष्यों के बीच इंटरैक्टिव संचार है. विज्ञप्ति के अंदर भाग लेने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करें. संचार को गंभीरता से और विनम्रता के साथ लें. पहली दर बातचीत दूसरे व्यक्ति, उनके देश में रुचि दिखाने के साथ शुरू, और क्या वे के बारे में जिज्ञासु हो सकता है. निबंध की कौन सी विशेषता नहीं है? इसे सुनेंरोकेंनिबंध में किन्हीं ऐसे ठोस रचना-नियमों और तत्वों का निर्देश नहीं दिया जा सकता जिनका पालन करना निबंधकार के लिए आवश्यक है। और इसी के विपरीत इसकी विशेषता एक अच्छे निबंध में संक्षिप्तता, एकसूत्रता तथा पूर्णता जैसे गुण विद्यमान होते हैं। इसे सुनेंरोकेंबातचीत निबंध की...

निबंध क्या है?

निबन्ध क्या है? निबन्ध शब्द ऐसे‘ का बोध होता है, फ्रेंच में इसे ‘ एसाई‘ कहते थे, वहीं अँग्रेजी में ‘ essay‘ के नाम से जाना गया, इसका अर्थ होता है प्रयोग करना। ऐसे” शब्द का प्रयोग सबसे पहले वहाँ के श्रेष्ठ निबन्धकार बेकन ने किया। बेकन तथा अन्य अनेक पाश्चात्य विद्वानों ने ‘ऐसे’ अथवा निबन्ध में वस्तुनिष्ठता पर बल दिया है, परन्तु निबन्ध के जनक, फ्रेंच विद्वान मौटेन इसमें वैयक्तिकता को भी अनिवार्य मानते हैं- निबन्ध विचारों, उद्धरणों और आख्यात्मक वृत्तों का सम्मिश्रण है। हिन्दी के भी अधिकांश विद्वानों ने निबन्धों में वैयक्तिकता पर अधिक बल दिया है। श्री ठाकुर प्रसाद सिंह लिखते हैं, “ मैंने निबन्ध को दूर तक व्यक्तित्व प्रधान निबन्ध का पर्याय माना है और व्यक्तिविहीन रचना निबन्ध नहीं और कुछ चाहे जो हो।” निबन्ध के लिए बेकन ने ठोस सारगर्भित विचारों की अवस्थिति को अनिवार्य बनाया। निबन्ध में अनावश्यक विस्तार नहीं होना चाहिए। यह मत प्राय: सभी विद्वानों का है। हडसन लिखते हैं, “ निबन्ध कुछ इने गिने पृष्ठों के लघु विस्तार में होना चाहिए, जिसमें सारगर्भित ठोस विचारों का निर्देश हो और यह विचार अधिक विस्तार में प्रकट न किए गए हों।” यद्यपि आज निबन्ध को गद्य की विधा ही स्वीकार किया जाता है परन्तु पद्य में भी निबन्ध लिखे जाते रहे हैं। भारतेन्दु काल में लिखे गए अनेक पद्यात्मक निबन्ध तथा पोप का ‘ ऐन ऐसे ऑन लिटरेरी क्रिटिसिज्म‘ इसका प्रमाण है। हिंदी के प्रथम निबंध के रूप में “ राजा भोज का सपना” (1839 ई.) है, जिसके सितारे-हिंद‘ हैं। कुछ विद्वान सदासुखलाल के ‘ सुरासुरनिर्णय‘ के आधार पर इन्हें हिंदी का प्रथम निबंधकार मानते हैं। निबंध की परिभाषा निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें एक सीमित आकार के भीत...

बातचीत

इसे तो सभी स्वीकार करेंगे कि अनेक प्रकार की शक्तियों में, जो वरदान की भाँति ईश्वर ने मनुष्यों को दी हैं, वाक्शक्ति भी एक है। यदि मनुष्य की और इंद्रियाँ अपनी-अपनी शक्तियों से अविकल रहती और वाक्शक्ति उसमें न होती तो हम नहीं जानते कि इस गूँगी सृष्टि का क्या हाल होता। सब लोग लुंज-पुंज से हो मानों कोने में बैठा दिए गए होते और जो कुछ सुख-दुःख का अनुभव हम अपनी दूसरी इंद्रियों के द्वारा करते उसे अवाक् होने के कारण आपस में एक दूसरे से कुछ न कह सुन सकते। इस वाक्शक्ति के अनेक फ़ायदों मे ‘स्पीच’ (वक्तृता) और बातचीत दोनों है। किंतु स्पीच से बातचीत का कुछ ढंग ही निराला है। बातचीत में वक्ता को नाज-नखरा ज़ाहिर करने का मौका नहीं दिया जाता कि वह एक बड़े अंदाज़ से गिन-गिनकर पाँव रखता हुआ पुलपिट पर जा खड़ा हो और पुण्यवाचन या नांदीपाठ की भाँति घड़ियों तक साहबान मजलिस, चेयरमैन, लेडीज़ एंड जेंटिलमेन की बहुत सी स्तुति कर कराय तब किसी तरह वक्तृता का प्रारंभ करे। जहाँ कोई मर्म या नोक की चुटीली बात वक्ता महाशय के मुख से निकली कि तालि-ध्वनि से कमरा गूँज उठा। इसलिए वक्ता को ख़ामख़ाह ढूँढ़कर कोई ऐसा मौका अपनी वक्तृता में लाना ही पड़ता है जिसमे करतलध्वनि अवश्य हो। वहीं हमारी साधारण बातचीत का कुछ ऐसा घरेलू ढंग है कि उसमें न करतलध्वनि का कोई मौका है न लोगों को कहकहे उड़ाने की काई बात उसमें रहती है। हम-तुम दो आदमी प्रेमपूर्वक संलाप कर रहे हैं। कोई चुटीली बात आ गई, हँस पड़े तो मुसकराहट से होंठो का केवल फ़रक उठना ही इस हँसी की अंतिम सीमा है। स्पीच का उद्देश्य अपने सुननेवालों के मन में जोश और उत्साह पैदा कर देना है। घरेलू बातचीत मन रमाने का एक ढंग है। इसमें स्पीच की वह सब संजीदगी बेक़द्र हो धक्के खाती फिरती है। ज...

बातचीत शीर्षक निबंध की क्या विशेषताएं हैं?

सवाल: प्रकाश के प्रकीर्णन को समझाइए? प्रकाश के प्रकीर्णन का मतलब होता है प्रकाश की चुम्बकीय या विभवात्मक विचरण की प्रक्रिया को समझना या वर्णित करना। यह एक विज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रकाश एक स्रोत से उत्पन्न होता है, एक वस्तु से टकराता है और फिर इंगित करके या अन्य प्रकार के प्रकाश के साथ इंटरैक्ट करके हमें प्रतीत होता है। जब प्रकाश एक वस्तु पर पड़ता है, तो यह वस्तु इसे अवशोषित, परावर्तित, विकिरणित या अद्यावत कर सकती है। इन प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप, हम प्रकाश के विभिन्न गुणों जैसे रंग, आभा, उच्च या निम्न आयाम, विकिरण आदि को देख सकते हैं। यह प्रक्रिया मूल रूप से प्रकाश के वेवलेट और गुणों की विभिन्न प्रोपर्टीज़ पर निर्भर करती है। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तो उस वस्तु में मौजूद धातुओं और अणुओं के साथ इंटरैक्शन के परिणामस्वरूप विभिन्न गुणों का प्रकाश में प्रकट होने लगता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से हम उन वस्तुओं को देख, पहचान और अनुभव कर सकते हैं जो प्रकाश के प्रकीर्णन द्वारा हमें प्राप्त होती हैं। सवाल: बातचीत शीर्षक निबंध की क्या विशेषताएं हैं? बातचीत शीर्षक निबंध की विशेषताएं निम्न है: • पूछताछ और जांच। • समझ दिखाओ। • समझ की जाँच करें। • स्वयं को नियंत्रित करें। • सम्माननीय होना। दूसरों की सोच की सराहना करें। • तैयार रहें। विषय पर ध्यान दें, पृष्ठभूमि ज्ञान को सक्रिय करें और संबंध बनाएं। • एक सक्रिय श्रोता बनें। बोलने वाले को देखो। • स्पष्ट रहिये। स्पष्ट रूप से बोलें ताकि दूसरे समझ सकें। Tanong: Ilang pulgada maaaring maglagay ng telephono mula sa dashboard ng sasakyan? Ang paglalagay ng telephono sa dashboard ng sasakyan ay isang karaniwang gawain para...