बबलू श्रीवास्तव गैंगस्टर

  1. गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव के खिलाफ चार्जशीट पेश
  2. माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव जिसकी हरकतों से खौफ खाता था प्रशासन हुआ साइलेंट किलर बीमारियाें का शिकार
  3. UP STF ने सिल्वर जुबली पर गैंगस्टर अनिल दुजाना को किया ढेर, अब इन 63 अपराधियों पर है नजर
  4. Deepdan decorated Circle
  5. Film on gangster Babloo Shrivastava shelved
  6. पाकिस्तान का दुष्प्रचार: बबलू श्रीवास्तव पर लगाया हाफिज सईद के घर बम धमाके का आरोप
  7. Murder in Court: बड़े गैंगस्टर और दबंगों का जितना बड़ा नाम उतनी ही दुर्दांत हत्या, जेल या कचहरी क्यों और कैसे बन जाती हैं 'बदलापुर'?


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गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव के खिलाफ चार्जशीट पेश

Amjad dalal firing case : charge sheet filed against gangster babloo srivastava सूरत। अफरोज फत्ता के बजाए अमजद दलाल पर हुई फायरिंग मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर शुक्रवार शाम गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव समेत पांच जनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी। चार्जशीट में अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन और उसके गुर्गे विक्की उर्फ विक्टर को वांछित दर्शाया गया है। न्यायालय सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम जांच अधिकारी 600 पन्नों की चार्जशीट के साथ कोर्ट पहुंचे और चीफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की। चार्जशीट में बबलू श्रीवास्तव, विश्वेश्वर उर्फ मोन्टू समेत पांच जनों के खिलाफ आरोप लगाए गए है। इसके अलावा पीडि़त से लेकर कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा कॉल डिटेल भी सबूत के तौर पर शामिल की गई है। छोटा राजन और विक्की उर्फ विक्टर को वांछित दर्शाया गया है। गौरतलब है कि ईडी के हवाला घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद अफरोज फत्ता पर फायरिंग की साजिश रची गई थी। लेकिन, गलती से अमजद दलाल पर फायरिंग हुई थी। मामले की शिकायत रांदेर थाने में दर्ज की गई थी। जांच में जुटी क्राइम ब्रांच पुलिस ने बरेली जेल से बबलू श्रीवास्तव तथा फैजाबाद से विश्वेश्वर उर्फ मोन्टू समेत पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।

माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव जिसकी हरकतों से खौफ खाता था प्रशासन हुआ साइलेंट किलर बीमारियाें का शिकार

माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव : जिसकी हरकतों से खौफ खाता था प्रशासन, हुआ 'साइलेंट किलर' बीमारियाें का शिकार Mafia Don Babloo Shrivastava सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद माफिया डान ओम बबलू श्रीवास्तव का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण किया गया। चुनावी सरगर्मी के बीच मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल लाए गए माफिया की जानकारी से खलबली मच गई। बरेली, जेएनएन। Mafia Don Babloo Shrivastava : सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद माफिया डान ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव को जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए लाया गया। चुनावी सरगर्मी के बीच मेडिकल परीक्षण के लिए माफिया के आने की जानकारी से जिला अस्पताल में खलबली मच गई। साथ आई भारी फोर्स ने आनन-फानन में ओपीडी खाली करा दी। मरीजों को तक अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। डाक्टरों ने माफिया के पेट का अल्ट्रासाउंड, आंखों की जांच व ब्लड की जांच व ईसीजी की। अब मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर माफिया का आगे का उपचार तय होगा। माफिया डान ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव एक अधिकारी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जून साल 1999 से वह सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। उसके साथ उसके साथी मंगेश उर्फ मंगे व कमल सैनी भी सेंट्रल जेल में बंद है। मेडिकल परीक्षण के संबंध में सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएन पांडेय ने बताया कि बबलू ने पेट में दिक्कत के साथ आंख में रोशनी संबंधी परेशानी, ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की बीमारी होने की बात बताई थी। जेल की डाक्टरों की टीम ने परीक्षण के दौरान उसे जिला अस्पताल रेफर कर जांच कराने की बात कही थी। इसी के बाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने माफिया के मेडिकल परीक्षण के लिए एसएसपी...

UP STF ने सिल्वर जुबली पर गैंगस्टर अनिल दुजाना को किया ढेर, अब इन 63 अपराधियों पर है नजर

4 मई 1998 के दिन उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स यानी यूपी एसटीएफ की स्थापना की गई. एसटीएफ की स्थापना का लक्ष्य था कि वह यूपी में माफिया और संगठित अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. कल यानी 4 मई को यूपी एसटीएफ ने अपने 25 साल भी पूरे कर लिए और इसी दिन एसटीएफ ने यूपी के एक और गैंगस्टर अनिल दुजाना को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया. मेरठ में एसटीएफ और अनिल दुजाना के बीच गोलीबारी हुई और इस दौरान अनिल मारा गया. बता दें कि अनिल दुजाना के ऊपर 65 मामले दर्ज हैं. यूपी एसटीएफ ने अपने 25 सालों के सफर में एक से एक दुर्दांत अपराधी का सामना किया, उनके खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें एनकाउंटर में ढेर भी किया. श्री प्रकाश शुक्ला जैसे तमाम गैंगस्टर्स का सामना कर आज एसटीएफ अपराधियों में खौफ का नाम बन चुकी है. माना जाता है कि आज यूपी एसटीएफ का खौफ इतना है कि यूपी के बड़े-बड़े माफिया-अपराधी एसटीएफ के डर से जेल को ही ज्यादा सुरक्षित मानते हैं. ये भी पढ़ें: अब यूपी के 63 माफिया पुलिस और एसटीएफ की रडार पर बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के 66 माफियाओं को चिन्हित किया गया था. इसमें से एक अनिल दुजाना भी था. इससे पहले माफिया अतीक अहमद और अशरफ की भी हत्या कर दी गई है. ऐसे में अब 66 माफियाओं की लिस्ट कम होकर 63 पर आ गई है. अब पुलिस और एसटीएफ की रडार पर 63 माफिया हैं. कौन-कौन है इस लिस्ट में शामिल बता दें कि इस लिस्ट में यूपी के ऐसे-ऐसे माफियाओं और अपराधियों का नाम है, जिन्होंने हमेशा खुद को कानून से बड़ा माना. बता दें कि इस लिस्ट में शामिल मुख्तार अंसारी, सुनील राठी, सुंदर भाठी, बबलू श्रीवास्तव, खान मुबारक जैसे माफिया जेल में बंद हैं. तो वहीं 20 माफिया ऐसे भी हैं...

Deepdan decorated Circle

अजमेर।शहर में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इसके तहत ज्योतिबा फुले सर्किल पर 1100 दीपक जलाकर दीपदान किया गया। जिला फूल-पुष्प विकास संस्था के तत्वावधान में कार्यक्रम हुआ। महात्मा ज्योतिबा फुले जागृति मंच के पूनमचंद मारोठिया के अनुसार कार्यक्रम में विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, सुरेश रावत, ताराचंद गहलोत, मोतीलाल सांखला, रासासिंह रावत आदि ने हिस्सा लिया। ज्योतिबा फुले सर्किल स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माली (सैनी) सोशल वेलफेयर आर्गेनाइजेशन की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई। महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय संस्थान युवा अध्यक्ष महेन्द्र तंवर ने विचार व्यक्त किए। अखिल भारतीय सोनिया गांधी बिग्रेड कांग्रेस की ओर से महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती मनाई गई। पुष्कर. राष्ट्रीय जागृति मंच की ओर से ज्योतिबा फुले जयंती मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक सुरेशसिंह रावत थे। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष नितेश गहलोत सहित भाजपा मंडल अध्यक्ष राकेश पाराशर, जिला देहात मंत्री ओमप्रकाश पाराशर, अशोकसिंह रावत, शिवस्वरूप महर्षि, राजेन्द्र दग्दी आदि ने फुले के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

Film on gangster Babloo Shrivastava shelved

आशीष ने बताया, ‘मुझे लगता है कि हमें ऐसा कुछ नहीं बनाना चाहिए जिससे आप संतुष्ट नहीं हों। यह कहानी हमारे दिल को नहीं छू रही थी। हमने तमाम कोशिशें कीं लेकिन आखिर में हमने ‘बबलू श्रीवास्तव’ को खत्म करने का फैसला किया।’ इसकी पटकथा ‘जिला गाजियाबाद’ के लेखक विनय शर्मा ने लिखी थी जो कुछ समय से इस फिल्म की कहानी पर काम कर रहे थे।

पाकिस्तान का दुष्प्रचार: बबलू श्रीवास्तव पर लगाया हाफिज सईद के घर बम धमाके का आरोप

-पिछले साल जून में हुआ था आतंकी सरगना हाफिज के घर पर विस्फोट -गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव को बताया खुफिया भारतीय एजेंसी रॉ का एजेंट इस्लामाबाद, 14 दिसंबर (हि.स.)। पूरी दुनिया के आतंकवादियों को आश्रय देने वाला पाकिस्तान अब भारत के खिलाफ दुष्प्रचार पर उतर आया है। पाकिस्तान ने भारतीय गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव पर आतंकी सरगना हाफिज सईद के घर के बाहर बम धमाके कराने का आरोप लगाया है। दुनिया भर में कुख्यात आतंकी सरगना हाफिज सईद के लाहौर के जोहर स्थित घर के बाहर पिछले साल जून में जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके में दो सुरक्षाकर्मियों सहित तीन लोग मारे गए थे और 24 लोग घायल हुए थे। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद धमाके के समय घर पर मौजूद नहीं था। अब डेढ़ साल बाद पाकिस्तान ने इस मसले पर भारत की ओर निशाना साधा है। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने आरोप लगाया है कि हाफिज सईद के घर पर हुआ हमला भारत के गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव के इशारे पर किया गया था। राणा सनाउल्लाह खान ने उनके पास इस हमले में भारत का हाथ होने के सबूत होने का दावा करते हुए कहा कि जल्द ही पूरी दुनिया को यह जानकारी दी जाएगी। दावा किया कि पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय इन सबूतों को दुनिया के सामने लाएगा। उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों को सबूतों के साथ पकड़ा गया है। इन सबूतों से सईद के घर हमले की साजिश में भारत का हाथ होने की बात पता चलने की बात भी की। पाकिस्तान ने भारत द्वारा पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का समर्थन करने का भी आरोप लगाया। पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी दस्ते के सहायक पुलिस महानिरीक्षक इमरान महमूद ने आरोप लगाया कि भारत, पाकिस्तान में टेरर फंडिंग कर रहा है। ...

Murder in Court: बड़े गैंगस्टर और दबंगों का जितना बड़ा नाम उतनी ही दुर्दांत हत्या, जेल या कचहरी क्यों और कैसे बन जाती हैं 'बदलापुर'?

Murder in Court: बड़े गैंगस्टर और दबंगों का जितना बड़ा नाम उतनी ही दुर्दांत हत्या, जेल या कचहरी क्यों और कैसे बन जाती हैं ‘बदलापुर’? जेल से कचहरी तक के सफ़र में फ़ासला तो कम होता है लेकिन ख़तरे बहुत ज़्यादा. गैंगस्टर हों या दबंग नेता जब भी अदालत में पेशी के लिए जाते हैं तो जान हथेली पर रहती है. क्योंकि, जेल से कोर्ट के बीच सबकी सब पर नज़र रहती है. क्योंकि, यहां दोस्तों से ज़्यादा दुश्मनों की ख़बर रखी जाती है. नई दिल्ली: जिसे किसी से बदला लेना है और वो जेल में है तो खुले में कहां और कैसे मिलेगा? जवाब है- कचहरी. अगर किसी को किसी दबंग के सामने वर्चस्व साबित करना है, तो सबसे क़रीब से हमला किस जगह पर हो सकता है? जवाब है- कचहरी. अगर कोई बड़ा अपराधी जेल में महफ़ूज़ है, तो विरोधी गैंग के लोग उसे कहां घेरकर मारते हैं? जवाब है- जेल, कचहरी और कोर्ट के बीच. यानी जेल से कचहरी के बीच सरेआम हत्याओं का ऐसा दौर चलता रहा है, जो सरकार और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है. लखनऊ में मुख़्तार अंसारी के क़रीबी शूटर गैंगस्टर संजीवा जीवा की कोर्ट रूम में घुसकर हत्या सिर्फ़ आपराधिक घटना नहीं बल्कि गुनाहों का ऐसा जाल है, जिसे हर हाल में तार-तार करना होगा. कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर, प्रयागराज, जौनपुर, आगरा, मैनपुरी समेत तमाम ऐसे ज़िले हैं, जहां जेल से लेकर कचहरी तक कई बार गोलियां चल चुकी हैं. कई लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं. यहां तक कि कई बार कचहरी में वकीलों की भारी भीड़ के बीच वकीलों को ही सरेआम मार दिया गया. कोर्ट में पेशी पर होती है विरोधियों की निगाहें कोर्ट में पेशी के दौरान होने वाली हत्याओं को लेकर एक ख़ास तरह का ट्रेंड हमेशा से देखा गया है. जब भी किसी की अदालत में पेशी होती है या किस...