Gupt navratri 2023 mein kab hai

  1. Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू होंगे आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि
  2. Magha Gupt Navratri 2023 Start and End Dates & Ghatasthapana Timings: Know History, Significance, Rituals and Celebrations Related to Auspicious Hindu Festival
  3. Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू हो रही है आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, जानें महत्व और कलश स्थापना मुहूर्त
  4. Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि के दौरान किस दिन क्या भोग लगाएं? जानें देवघर के ज्योतिषी से
  5. Gupta Navratri: इस दिन से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, ये 9 दिन शाक्त
  6. gupt navratri 2023 starting from january 22 siddhi yoga shubh muhurat niyam Ghatasthapana time magh month pcup


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Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू होंगे आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि

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Magha Gupt Navratri 2023 Start and End Dates & Ghatasthapana Timings: Know History, Significance, Rituals and Celebrations Related to Auspicious Hindu Festival

Magha Gupt Navratri 2023 Start and End Dates & Ghatasthapana Timings: Know History, Significance, Rituals and Celebrations Related to Auspicious Hindu Festival All nine forms of Goddess Shakti (Durga) are worshipped during Magh Navratri. Magh Navratri is mainly observed in North Indian states like Punjab, Haryana, Himachal Pradesh, Uttar Pradesh and Uttarakhand. Here's everything you need to know about the start and end dates of Magha Gupt Navratri, its significance, history, rituals and celebrations. Magha Gupt Navratri, also popularly known as Gupt Navratri, is a nine-day festivity dedicated to the nine forms of Shakti or mother Goddess. The auspicious festival is celebrated in the month of Magh during January or February and is believed to ward off obstacles from life. In 2023, Magh Navratri starts on January 22 and ends on January 30. All nine forms of Goddess Shakti (Durga) are worshipped during Magh Navratri. Magh Navratri is mainly observed in North Indian states like Punjab, Haryana, Himachal Pradesh, Uttar Pradesh and Uttarakhand. Here's everything you need to know about the start and end dates of Magha Gupt Navratri, its significance, history, rituals and celebrations. Magha Gupt Navratri 2023 Wishes & Greetings For 9-Day Celebration. According to Bhagavad Purana, Navratri is celebrated four times a year. Apart from Shardiya and Chaitra Navratri, the other two, Ashwin and Vasantha Navratis, are Gupt Navratri. The one that falls on the Shukla Paksha of the Magha m...

Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू हो रही है आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, जानें महत्व और कलश स्थापना मुहूर्त

डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri 2023) के पर्व का विशेष महत्व होता है. देवी मां को प्रसन्न करने के लिए यह खास त्योहार होता है. इन नौ दिनों देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. साल में कुल चार बार नवरात्रि (Navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है. जिनमें से दो बार की नवरात्रि (Navratri 2023) सभी घरों में मनाई जाती है. दो बार की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2023) के रूप में मनाई जाती है. गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह (Ashadha Gupt Navratri 2023) में मनाई जाती है. अब आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि (Ashadha Gupt Navratri 2023) शुरू होने वाली है. गुप्त नवरात्रि का तंत्र मंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व होता है. चलिए गुप्त नवरात्रि (Ashadha Gupt Navratri 2023) की तिथि और मुहूर्त व महत्व के बारे में जानते हैं. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि (Ashadha Gupt Navratri 2023) आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से होगी. पंचांग के अनुसार यह तिथि 18 जून 2023 को सुबह 10ः06 से शुरू हो रही है. जिसका समापन 19 मई 2023 को सुबह 11ः25 पर हो रहा है. पूजा के लिए उदय तिथि को महत्व दिया जाता है ऐसे में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 मई 2023 को होगी. जिसका समापन 28 जून 2023 को होगा. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त (Ashadha Gupt Navratri 2023) आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-मंत्र के माध्यम से देवी को प्रसन्न किया जाता है. इन दिनों देवी की दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि में महाकाली और भगवान शिव (शाक्त और शैव) की पूजा करने वालों के लिए विशेष समय होता है. इस दौरान तंत्र मंत्र साधक भूत-प्रेत और पिशाच आदि की भी साधना करते हैं. (Disclaim...

Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि के दौरान किस दिन क्या भोग लगाएं? जानें देवघर के ज्योतिषी से

परमजीत कुमार/देवघर. आसाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी. इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है. इस दौरान 9 दिन में देवी के 9 रूपों की पूजा होती है. प्रतिपदा से नवमी तक देवी को विशेष भोग लगाने और उस भोग को गरीबों में दान करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. ये बातें बैद्यनाथधाम के ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल ने कहीं. ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल के मुताबिक, आसाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि 19 जून से शुरू हो रही है. नौ दिन के इस अनुष्ठान में भक्तों को चाहिए कि वे देवियों को विशेष भोग लगाएं और उस भोग को गरीबों में दान करें. इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती है. इन नौ दिनों में देवियों को अलग अलग फूलों की माला भी अर्पण करनी चाहिए. पहले दिन शैलपुत्री की पूजा: गुप्त नवरात्रि के पहला दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं और गरीबों में दान करें. इसके साथ ही कनेल फूल की माला माता को अर्पित करें. इससे शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी. दूसरे दिन माता ब्राह्मचारनी की पूजा: गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्राह्मचारनी की पूजा की जाती है. इस दिन शक्कर से बने प्रसाद का भोग लगाएं. साथ ही गरीबों को दान करें. पूजा में बेली फूलो से बनी माला अर्पण करें. इससे दीर्घायु होते हैं. तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा: गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस दिन माता को दूध चढ़ाये और गरीब को दान करें. हर्श्रृंगार फूलो की माला अर्पण करें. इससे सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा: गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन माता कू...

Gupta Navratri: इस दिन से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, ये 9 दिन शाक्त

डीएनए हिंदीःहिंदू पंचांग के अनुसार साल के 11वें महीने यानी माघ में गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है, जो कि माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चलता है. ऐसे में इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Magh Maas Gupt Navratri 2023 Date) 22 से 30 जनवरी तक मनाई जाएगी. गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. बता दें कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. जिसमें से एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है. 22 जनवरी से माघ माह की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है. धर्म ग्रंथों में प्रकट नवरात्रि की तरह गुप्त नवरात्रि को भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. गुप्त नवरात्रि में मनाए जाएंगे ये व्रत-उत्सव (Gupt Navratri 2023 Vrat) इस बार गुप्त नवरात्रि के दौरान 25 जनवरी को विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा. जिसके बाद 26 जनवरी को देवी सरस्वती का प्रकटोत्सव वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाएगा, 28 जनवरी को अचला और रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा, 29 जनवरी को भीष्म अष्टमी और गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन यानी 30 जनवरी को महानंद नवमी का उत्सव मनाया जाएगा. इसके अलावा हिंदू पंचांग के अनुसार, ये विक्रम संवत्सर 2079 की अंतिम नवरात्रि होगी. यह भी पढ़ें- 22 जनवरी से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, नोट करें कलश स्थापना मुहूर्त 30 साल बाद शनि के शुभ संयोग में गुप्त नवरात्रि (Shani Yog In Gupt Navratri 2023) 17 जनवरी से शनि ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में आ प्रवेश कर चुके हैं. ऐसा योग 30 साल में एक बार बनता है जब शनि अपनी ही ग्रह राशि कुंभ में रहते हैं. ऐसे में इस बार शनि के स्वराशि में होते हुए माघ मास की ...

gupt navratri 2023 starting from january 22 siddhi yoga shubh muhurat niyam Ghatasthapana time magh month pcup

gupt navratri 2023 starting from january 22 siddhi yoga shubh muhurat niyam Ghatasthapana time magh month pcup | Gupt Navratri 2023: इस शुभ योग में शुरू हो रही है माघ गुप्त नवरात्रि, जानें घटस्थापना मुहूर्त और पूजा विधि | Hindi News, Uttar Pradesh Gupt Navratri 2023: इस शुभ योग में शुरू हो रही है माघ गुप्त नवरात्रि, जानें घटस्थापना मुहूर्त और पूजा विधि Gupt Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि पर्व की शुरुआत होती है. इस साल 22 जनवरी 2023, रविवार से गुप्त नवरात्रि शुरू होगी और नौ दिन के दौरान मां दुर्गा के 9 अवतारों की आराधना की जाती है. इस साल गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी से 30 जनवरी तक रहेगी. गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इन 9 दिनों में मां भगवती की उपासना गुप्त रूप से की जाएगी. सिद्धि योग में होगी गुप्त नवरात्रि आरंभ 22 जनवरी को माघ गुप्त नवरात्रि का आरंभ सिद्धि योग में होगा. सुबह 10:06 बजे तक वज्र योग है और उसके बाद से सिद्धि योग लगेगा. सिद्धि योग अगले दिन यानि 23 जनवरी को प्रातः 05:41 बजे तक है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को सर्वाधिक लाभ मिलता है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार कलश स्थापना 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:10 से 12:54 के बीच किया जाने का विधान है. Shattila Ekadashi 2023: कब है षटतिला एकादशी? जानें तिथि के साथ शुभ मुहूर्त-पारण समय, नरक से बचाते हैं व्रत के दिन किए गए ये उपाय साल में आती हैं 4 नवरात्रि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल भर में कुल चार नवरात्रि आते हैं जिसमें से दो चैत्र और शारदीय औ...