बड़ी दिवाली कब है

  1. Dev Deepawali 2020 Date:देव दिवाली कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, मनाने की विधि और महत्व
  2. Diwali 2022: दिवाली कब है? इस बार बन रहे हैं कई शुभ संयोग, जानें लक्ष्मी पूजन का सटीक समय
  3. diwali 2020 date and time chhath puja dhanteras kab hai this time small and big diwali will be celebrated on the same day know what is the reason for this rdy
  4. Will this year badi and choti Diwali be celebrated on the same day know the correct date and auspicious time
  5. Diwali 2020: दिवाली कब है? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और त्योहार का महत्व
  6. diwali 2022 date chhoti and badi diwali together on october 24 govardhan puja on october 26 know 5 days diwali festival date list tvi


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Dev Deepawali 2020 Date:देव दिवाली कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, मनाने की विधि और महत्व

देव दिवाली पर्व वाराणसी में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। देवों की इस दिवाली पर वाराणसी के घाटों को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है। देव दिवाली की रात पूरा बनारस भी रौशनी से जगमगा उठता है। धार्मिक मान्यता है कि देव दिवाली पर देवलोक से सभी देवता वाराणसी में खुशियां मनाने आते हैं। आइए जानते हैं इस साल यह त्योहार कब मनाया जाएगा और इस त्योहार का धार्मिक महत्व क्या है। देव दिवाली 2020 कब मनाई जाएगी (Dev Deepawali 2020 Date) देव दिवाली हर साल मुख्य दिवाली से 15 दिनों के बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनायी जाती है। इस साल देव दिवाली 29 नवंबर को मनायी जाएगी। देव दीपावली 2020 शुभ मुहूर्त (Dev Deepawali 2020 Shubh Muhurat) प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त - शाम 5 बजकर 08 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। इस सभी देवी-देवता भगवान शंकर संग धरती पर आते हैं और दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं। तभी से काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व होता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है।

Diwali 2022: दिवाली कब है? इस बार बन रहे हैं कई शुभ संयोग, जानें लक्ष्मी पूजन का सटीक समय

हमारे देश में दीपावली का त्यौहार बड़ी ख़ुशी और उल्लास के साथ मनाने की परम्परा रही है। यह दीपो, मिठाई और पटाखों का त्यौहार है जो पुरे 5 दिनों तक मनाया जाता है। दीवाली का त्यौहार अपने आप में जितना जरुरी है उतना ही इसकी तिथि और पूजन का सटीक समय भी बहुत जरुरी हो जाता है। Diwali 2022 में बहुत से शुभ संयोग बन रहे है, जानें लक्ष्मी पूजन के लिए सही समय। इस साल में दीवाली का त्यौहार 24 अक्टूबर, 2022 में सोमवार के दिन पड़ रहा है। दीवाली में मुख्यतः गणेशजी (Ganeshji) के पूजन की परम्परा है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) सबके घरों में आशीर्वाद देने के लिए आती है। इस दिन सही समय पर माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत तरीके से करने पर भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस त्यौहार को ‘दीप उत्सव’ के नाम से पुकारते है। यह त्यौहार भारत में विशेष मान्यता रखता है इस कारण से इसके बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोग भी श्रद्धाभाव से मनाते है। जैनी लोग दिवाली के दिन को 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मानते है। • • • दिवाली का महत्त्व शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण को हराकर जीत प्राप्त की थी। इसी दिन वे अपना 14 सैलून का वनवास भी पूर्ण करके अपने घर अयोध्या वापिस लौटे थे। दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पर विधिवत पूजन करने से सुख-समृद्धि, धन-सम्पदा दीवाली का शुभ मुहूर्त क्या है? इस साल 24 और 25 अक्टूबर दोनों ही तारीखों पर अमावस्या तिथि है। किन्तु 25 अक्टूबर के दिन अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ख़त्म हो जाने वाली है। 24 अक्टूबर के दिन प्रकोष काल में अमावस्या तिथि होने वाले है। इस दिन ...

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Diwali 2020 Date: इस बार एक ही दिन मनेगी छोटी और बड़ी दिवाली, जानें क्या है इसका वजह... इस बार दोनों दिवाली एक ही दिन मनाएं जाएंगे. क्योंकि कार्तिक मास की त्रयोदशी से भाईदूज तक दिवाली का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन पड़ रहा है. दरअसल कार्तिक मास की त्रयोदशी इस साल 13 नवंबर की है और छोटी और बड़ी दिवाली 14 नवंबर की हैं. वहीं, 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी और अंतिम दिन 16 नवंबर को भाई दूज या चित्रगुप्त जयंती मनाई जाएगी. इस बार पंचांग के अनुसार घटती-बढ़ती तिथियों के कारण ऐसा हो रहा है. इस साल कार्तिक मास की अमावस्या 14 नवंबर 2020 को पड़ रही है. वहीं, 14 नवंबर की दोपहर दो बजकर 18 मिनट तक नरक चतुर्दशी तिथि रहेगी, इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. अमावस्या तिथि 14 नवंबर से प्रारंभ होकर दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी. ऐसे में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी. मान्यता है कि दीपावली अमावस्या तिथि की रात और लक्ष्मी पूजन अमावस्या की शाम को होता है, इसलिए 14 नवंबर को ही महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा. अमालस्या तिथि अगले दिन 15 नवबर की सुबह 10 बजे तक रहेगी, इसके अलावा धनतेरस त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर 2020 की रात 09 बजकर 30 बजे से लग रही है और 13 नवंबर तक रहेगी. लक्ष्मी पूजन शाम 5 बजे से 7 बजे तक किया जा सकता है. - एक चौकी लें उस पर साफ कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की प्रतिमा रखें. -मूर्तियों का मुख पूर्व या पश्चिम की तरफ होना चाहिए. - अब हाथ में थोड़ा गंगाजल लेकर उनकी प्रतिमा पर इस मंत्र का जाप करते हुए छिड़कें. - ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्याभंतर: ...

Will this year badi and choti Diwali be celebrated on the same day know the correct date and auspicious time

Will this year badi and choti Diwali be celebrated on the same day know the correct date and auspicious time | Diwali 2022: क्या इस बार एक ही दिन मनाई जाएगी बड़ी और छोटी दिवाली, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त | Hindi News, धर्म Diwali 2022: क्या इस बार एक ही दिन मनाई जाएगी बड़ी और छोटी दिवाली, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त Diwali Date 2022: रोशनी का त्योहार दिवाली हिंदू धर्म में खास अहमियत रखता है. यह त्योहार पांच दिन तक मनाया जाता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है, उसके अगले दिन छोटी दिवाली और फिर बड़ी दिवाली मनाई जाती है इसके बाद आते हैं गोवर्धन पूजा और भैया दूज. इस वर्ष बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. हालांकि इस बार ज्योतिषाचार्यों में धनतेरस, छोटी और बड़ी दिवाली की तारीखों को लेकर कुछ मतभेद हैं. कुछ का मत है कि इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन मनानी चाहिए. जानते हैं क्या है पूरा मामला: - जो लोग 22 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे, वे 23 अक्टूबर को छोटी दिवाली व 24 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाएंगे. वहीं जो लोग 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे वे 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली व दिवाली का त्योहार मनाएंगे. छोटी दिवाली कब है ? कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी. यह 24 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को भी मनाई जा सकती है. बड़ी दिवाली की कब मनाई जाएगी अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर, शाम 05 बजकर 28 मिनट से लग रही है, यह 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. 25 अक्टूबर की शाम प्रदोष काल लगने से पहले ही अ...

Diwali 2020: दिवाली कब है? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और त्योहार का महत्व

दिवाली 2020 (Diwali 2020): दिवाली का त्योहार 14 नवम्बर को ही मनाया जाएगा. कार्तिक माह की अमावस्या इस साल 15 नवम्बर को हैज्योतिषियों के मुताबिक 12 नवम्बर को रात 9 बजकर 30 मिनट से त्रयोदशी प्रारम्भ हो जाएगी और यह 13 नवम्बर की शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. इसके बाद 14 नवम्बर को 1 बजकर 16 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी और वहां से अमावस्या लागू हो जाएगी. इस वजह से 14 नवम्बर को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा और दिवाली भी इस दिन मनाई जाएगी. हालांकि दान और स्नान 15 नवम्बर को ही किये जा सकेंगे. दिवाली पूजा मुहूर्त दिवाली के लिए इस बार पूजा के लिए शाम में जल्दी ही मुहूर्त बताया गया है. शाम के 5 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट का मुहूर्त सबसे ऊत्तम माना गया है. इस शुभ मुहूर्त के समय लक्ष्मी और गणेश पूजा की जा सकती है. इस बार छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली की तिथि एक ही दिन पड़ने को शुभ माना जा रहा है. दिवाली का महत्व: वैसे तो सर्वविदित है कि रावण को मारने के बीस दिन बाद भगवान श्रीराम दिवाली के दिन ही अयोध्या लौटे थे इसलिए उस दिन पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था और भगवान राम का स्वागत जगमगाती रौशनी से किया गया था. यही कारण मानते हुए इस दिन दिवाली मनाई जाती है. हालांकि दिवाली के और भी कुछ महत्व है. कहते हैं कि कौरवों से चौसर में हारने के बाद पांडव 14 साल का वनवास भोगकर दिवाली के दिन ही वापस लौटे थे और इस दिन दीपक जलाकर उनका स्वागत किया गया था. दिवाली भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में मनाई जाती है जिनमें इंडोनेशिया, मलेशिया में मनाई जाती है. मॉरिशस में तो दिवाली के दिन अवकाश घोषित किया जाता है. वहां भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा होने के कारण छुट्टी की जाती है. (Disclaimer: इस लेख...

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Diwali 2022 Date: द्रिक पंचांग के अनुसार इस बार धनतेरस 22 अक्टूबर को है जबकि छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन 24 अक्टूबर को है वहीं गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं एक दिन बात 26 अक्टूबर को है. साथ ही इसी दिन भाई दूज भी है. बता दें कि इस बार दिवाली के दिन सूर्य ग्रहण का भी साया पड़ रहा है. जिसका सूतक काल दिवाली की ही रात से शुरू हो जा रहा है. साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. हालांकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में कहीं-कहीं सीमित समय के लिए नजर आयेगा. द्रिक पंचांग के अनुसार जानें धनतेरस (dhanteras 2022), छोटी दिवाली (choti diwali 2022 date), बड़ी दिवाली (badi diwali 2022) और गोवर्धन पूजा (govardhan puja 2022), भाई दूज (bhai dooj date) की तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है. धनत्रयोदशी जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली उत्सव का पहला दिन है. धनत्रयोदशी के दिन दूधिया सागर के मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी समुद्र से निकली थीं. इसलिए, त्रयोदशी के शुभ दिन, देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. हालांकि, धनत्रयोदशी के दो दिनों के बाद अमावस्या को लक्ष्मी पूजा अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. धनतेरस या धनत्रयोदशी पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलती है. इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को है. अधिकांश समय गोवर्धन पूजा का दिन दिवाली पूजा के अगले दिन पड़ता है और इसे उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब भगवान कृष्ण ने भगवान इंद्र को हराया था. कभी-कभी दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का अंतर हो सकता है. धार्मिक ग्रंथों में कार्तिक मास की प्रति...