बड्स एक्ट 2019 भुगतान फॉर्म

  1. टीडीएस क्या है
  2. 194C इनकम टैक्स क्या है: अर्थ, प्रावधान और अपवाद
  3. BUDS Act 2019 Form PDF – InstaPDF
  4. Muzaffarnagar: चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम को वापस पाने के लिए डी एम से की विंडो खोलने की मांग
  5. ठगी के शिकार एजेंट भी पहुंचे डीसी ऑफिस
  6. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019
  7. gst return in hindi
  8. ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (तप जप) के जिलाध्यक्ष जालौन ने जिले की डीएम को दिया ज्ञापन
  9. ठग कंपनियों में डूबा निवेशकों का पैसा, डीएम से की मांग
  10. फॅार्म 15 G कैसे डाउनलोड करें


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टीडीएस क्या है

Applicable if all due premiums are paid and the customer survives the policy term. All tax benefits are subject to tax laws prevailing at the time of payment of premium or receipt of benefits by you. *Applicable for Titanium variant of Max Life Smart Fixed-return Digital plan (Premium payment of 5 years and Policy term of 10 years) and a healthy male of 18 years (exclusive of all applicable taxes).ARN:WP/EIS/080123 Disclaimer: *Guaranteed benefits are applicable if all due premiums are paid and the customer survives the policy term. ~Save ₹46,800 on taxes if the insurance premium amount is Rs.1.5 lakh per annum and you are a Regular Individual, Fall under 30% income tax slab having taxable income less than Rs. 50 lakh and Opt for Old tax regime.*Applicable for Titanium variant of Max Life Smart Fixed-return Digital plan (Premium payment of 5 years and Policy term of 10 years) and a healthy male of 18 years (exclusive of all applicable taxes).ARN: Feb23/TaxPopup/18N एक व्यक्ति के लिए इनकम (आय) के विभिन्न सोर्स (स्त्रोत) हो सकते हैं। इनकम टैक्स एक डायरक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) है जिसका उन्हें भुगतान करना आवश्यक है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनकी कुल इनकम (आय) किस टैक्स ब्रैकेट में आती है। भारतीय टैक्स सिस्टम (कर प्रणाली) के अनुसार, टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) यानि स्त्रोत पर कर कटौती, टैक्सेशन (कर-निर्धारण) में एक महत्वपूर्ण शब्द है, जिसका टैक्सपेयर्स (कर दाताओं) पर अहम असर होता है। यह सरकार द्वारा इनकम टैक्स एकत्रित करने का एक तरीका है और डिडक्टी (जिस व्यक्ति के ...

194C इनकम टैक्स क्या है: अर्थ, प्रावधान और अपवाद

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BUDS Act 2019 Form PDF – InstaPDF

BUDS Act 2019 Form PDF read online or download for free from the link given at the bottom of this article. कैबिनेट ने ‘द बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल 2019’ (The Banning of Unregulated Deposit Schemes Bill, 2019) को मंजूरी दी। इस नए बिल से देश में अवैध जमा योजनाओं की जांच करेगा जो बहुत गरीब लोगों और आर्थिक निरक्षर लोगों का पैसा ठगने का काम करते हैं। नया बिल Banning of Unregulated Deposit Ordinance-2019 को रिप्लेस करेगा। इसका उद्देश्य देश में अवैध रूप से धनराशि जमा कराने वाली योजनाओं पर नकेल कसना है। इस कानून के जरिये पोंजी कंपनियों पर प्रतिबंध की प्रभावी व्यवस्था की गई है। बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम ऑर्डिनेंस 2019 को द बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल 2019 रिप्लेस करेगा जो संसद के पुनर्मूल्यांकन के छह सप्ताह बाद काम करना बंद कर देगा। The Banning of Unregulated Deposit Schemes Bill, 2019 (BUDS Act 2019) को मंजूरी मिलने के बाद अब अवैध डिपॉजिट स्कीम गरीबों की गाढ़ी कमाई को नहीं लूटा पाएंगी। इस बिल में सजा के पर्याप्त प्रावधान होंगे और ऐसी योजनाएं गैरकानूनी रूप से डिपॉजिट जमा करती हैं तो उनको डिपॉजिट रकम का भुगतान करना होगा। BUDS Act 2019 Form PDF – अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक के मुख्य तत्त्व • यह विधेयक जमा लेने वालों पर किसी अनियमित जमा योजना को बढ़ावा देने, संचालित करने, विज्ञापन निकालने या जमा स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगाता है। यह प्रतिबंध इस प्रकार का जमा लेने की गतिविधि को भूतलक्षी प्रभाव से अपराध घोषित करता है अर्थात् अधिनियम के बनने के पहले से चल रही योजनाएँ भी प्रतिबंध कर दी जाएँगी। • अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक में जमा योजनाओं...

Muzaffarnagar: चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम को वापस पाने के लिए डी एम से की विंडो खोलने की मांग

Muzaffarnagar जिला कलेक्ट्रेट में डी एम ऑफिस में ठग कंपनियों तथा मल्टी स्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटीयो में डूबी रकम को वापस पाने के लिए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री संजय मित्तल डी एम से मिले तथा डी एम को ठग कंपनियों आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी,पी ए सी एल,सहारा इंडिया परिवार, कल्पतरु, एग्रीकल्चर एग्रोटेक, गोल्डन फॉरेस्ट,साईं प्रसाद,साईं प्रकाश,किम, बाइक बोट आदि कंपनियो में डूबी रकम को वापस पाने के लिए कलेक्ट्रेट में विंडो खोलने की मांग की है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री संजय मित्तल ने डी एम को एजेंटो व निवेशकों की समस्याओं से अवगत कराया तथा कहा कि संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित और भारत सरकार द्वारा अधिसूचित अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 की अनुपलना सुनिश्चित की जाए। तथा शासन/ प्रशासन और बड्स एक्ट 2019 के अंतर्गत नियुक्त सक्षम अधिकारी ठगी पीड़ितों का भुगतान आरंभ करें और बड्स एक्ट 2019 की अनुपालना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि जनपद मुजफ्फरनगर में बड्स एक्ट 2019 एवं राज्यों के पी आई डी एक्ट की अनुपालना सुनिश्चित करवाने हेतु शासन द्वारा नियुक्त सक्षम अधिकारी, सहायक सक्षम अधिकारी और विशेष न्यायालय बड्स एक्ट 2019 की पद पट्टिका उनके कार्यालयों पर प्रदर्शित कराएं ताकि ठगी पीड़ित सरलता एवं निर्भयता पूर्वक अपने भुगतान के दावे शासन के समक्ष प्रस्तुत कर अपना भुगतान 180 कार्य दिवस में प्राप्त कर सके। संजय मित्तल ने कहा कि सोसाइटीज के विरुद्ध बड्स एक्ट 2019 के तहत ठगी एवं धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज कराए जाए। संजय मित्तल ने जिलाधिकारी कार्यालय में बड्स एक्ट 2019 के आवेदन लेने हेतु विशेष खिड़की खुलवाएं जाने की मांग की। डी एम ने सभी निवेशक...

ठगी के शिकार एजेंट भी पहुंचे डीसी ऑफिस

कंपनी यहां से करीब एक करोड़ रुपए ठग ले गई। इसके साथ खरखौदा एरिया के कई गांवों से भी लोग डीसी कार्यालय में पहुंचें। इनमें दिव्यांग, किसान शामिल रहे। जबकि एक युवक रोने लगा कि सब जमा पूंजी डूब गई, उनकी दुकान भी बंद हो गई। आर्थिक हालात पूरी तरह से बिगड़ने के कारण अब बेहद परेशानी में समय गुजर रहा है। ठगी के शिकार लोगों ने सक्षम अधिकारी के पास बड्स एक्ट 2019 के तहत रकम पाने के लिए आवेदन किया है। गुरुवार सुबह डीसी कार्यालय में ठगी के शिकार लोगों की भीड़ थी। फिरोजपुर बांगर से पहुंचें जोगेंद्र राणा ने बताया कि एक कंपनी में उन्होंने व अन्य ने पैसे निवेश किए। सबको पूरी तसल्ली दी गई थी कि रकम तय ब्याज पर ही वापस होगी। धीरे-धीरे उन्होंने विश्वास करके निवेश करना शुरू किया। परंतु तय समय पर रकम नहीं मिलने से उनकी चिंता बढ़ गई। वह कंपनी के यहां भटकते रहे, लेकिन रकम नहीं लौटाई। करेवड़ी से पहुंची नवाब सिंह ने बताया कि एक कंपनी में उन्होंने व गांव के करीब 50 लोगों ने निवेश किया था। उन्हें जो कागजात पूंजी जमा करते समय दिए गए थे वह सुरक्षित हैं, इन पर राशि लौटाने की तिथि भी है। परंतु तय तिथि पर रकम नहीं लौटाई। एक से डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी रकम नहीं मिली है। इस तरह से रिढ़ाऊ गांव के दिव्यांग दिलावर ने बताया कि उसने 52 हजार व सुनील ने 16 हजार लगाए। परंतु रकम कंपनी ने वापिस नहीं लौटाई, अब बड्स एक्ट 2019 के तहत सक्षम अधिकारी के पास आवेदन करने आए हैं। सक्षम अधिकारी के पास करेंगे आवेदन बड्स एक्ट 2019 के तहत पीड़ित व्यक्ति या नाेमिनी कानूनी रूप से भुगतान काे पाने का अधिकारी है। इसमें सक्षम अधिकारी केस की सुनवाई करता है ओर सभी दस्तावेजों की जांच की जाती है। सुनवाई के लिए फ्रॉड करने वाली कंपनी को नोटिस दिया...

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019

अनुक्रम • 1 प्रमुख विशेषताएँ • 1.1 उपभोक्ता की परिभाषा • 1.2 केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना • 1.3 उपभोक्ताओं के अधिकार • 1.4 उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग • 2 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का अधिकार क्षेत्र • 3 सन्दर्भ • 4 इन्हेंभीदेखें • 5 कड़ियाँ प्रमुख विशेषताएँ [ ] उपभोक्ता की परिभाषा [ ] इस अधिनियम के अनुसार उस व्यक्ति को उपभोक्ता कहा जाता है जो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और उपभोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करता है। विशेष बात यह है कि जो व्यक्ति वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए या वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए खरीदता है, उसे उपभोक्ता नहीं माना गया है। केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना [ ] उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में CCPA की स्थापना का प्रावधान है जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के साथ साथ उनको बढ़ावा देगा और लागू करेगा। यह प्राधिकरण अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को भी देखेगा। इसके पास उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाने और बिके हुए माल को वापस लेने या सेवाओं को वापस लेने के आदेश पारित करना, अनुचित व्यापार प्रथाओं को बंद करने और उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की गई कीमत को वापिस दिलाने का अधिकार भी होगा। इस प्राधिकरण का नेतृत्व महानिदेशक करेंगे। उपभोक्ताओं के अधिकार [ ] यह अधिनियम उपभोक्ताओं को 6 अधिकार प्रदान करता है; • (क) वस्तुओं या सेवाओं की मात्रा, गुणवत्ता, शुद्धता, क्षमता, कीमत और मानक के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार • (ख) खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षित रहने का अधिकार • (ग) अनुचित या प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं से संरक्षित रहने का अ...

gst return in hindi

टैक्स जानकारी से टेलीग्राम पर जुड़े जीएसटी रिटर्न – gst return in hindi gst return in hindi – जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड सभी पर्सन को जीएसटी रिटर्न भरना mandatory है। रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करने या देरी से फाइल करने पर जीएसटी एक्ट में इंटरेस्ट और पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। इसलिए एक रजिस्टर्ड पर्सन को समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल जरूर करना चाहिये। जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड पर्सन के स्टेटस के हिसाब से अलग -अलग जीएसटी रिटर्न के फॉर्म्स निर्धारित किये गए है। इसलिए एक रजिस्टर्ड पर्सन को अपने ऊपर लागू होने वाले फॉर्म्स के हिसाब से ही रिटर्न फाइल करनी चाहिये। रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा GST RETURN में उसके द्वारा की गयी गुड्स या /और सर्विसेज या दोनों की सप्लाइज, ली गयी इनपुट टैक्स क्रेडिट, tax Payable, और भुगतान किये गए टैक्स की जानकारी होती है। आज के आर्टिकल gst return in hindi में हम जीएसटी रिटर्न के अलग अलग फॉर्म्स के बारे में जानेंगे। यह भी जाने जीएसटी रिटर्न के प्रकार – Types of Gst Return in hindi GSTR – 1 meaning in hindi जीएसटी एक्ट में रजिस्टर सभी पर्सन के द्वारा महीने के समाप्त होने के 10 दिनों के भीतर फॉर्म GSTR – 1 फाइल करना पड़ता है, जिसमे उसके द्वारा की गयी सभी तरह के गुड्स & सर्विसेज के सप्लाई ( Outward Supplies ) की डिटेल भरी जाती है। लेकिन, यदि आपका टर्नओवर 1.5 करोड़ से कम है तो आप GSTR 1 को Quarterly फाइल करने का option ले सकते है। 1.5 करोड से कम टर्नओवर होने पर GSTR 1 quarter समाप्त होने के बाद 10 दिनों के भीतर फाइल करनी होगी। Outward supplies में सप्लायर द्वारा जारी किये गए इनवॉइस, डेबिट नोट्स, क्रेडिट नोट्स और रिवाइज्ड किये गए Invoices की डि...

ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (तप जप) के जिलाध्यक्ष जालौन ने जिले की डीएम को दिया ज्ञापन

“”बड्स एक्ट 2019″” कानून इस समय पूरे देश में लागू है और प्रत्येक राज्य का लोकल का “”पी० आई० डी० एक्ट 2016″” कानून प्रत्येक राज्य में लागू है ।इन्हीं कानून के अन्तर्गत प्रत्येक जमाकर्ता की चिटफंण्ड कंम्पनियों में डूबी हुई उनकी मेहनत की कमाई ,उनकी खून पसीने की गाढ़ी कमाई का 2 से 3 गुना तक भुगतान होना है । इसी बड्स एक्ट 2019 कानून के अन्तर्गत अपने जिले जालौन की पांचों तहसीलों में पीड़ितों से उनके भुगतान आवेदन के दावे लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज जालौन जिले के ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (तप जप) के जिलाध्यक्ष हरीकिशुन सिंह करण मौखरी जी ने अपनी जिला की कार्यकारिणी के सदस्यों एवं नगर अध्यक्ष ,नगर उपाध्यक्षों के साथ आज जिलाधिकारी को एक लिखित में ज्ञापन दिया। उन्होंने बताया कि माधौगढ़ में बिना किसी की अनुमति के यह नोटिस लगा दिया गया है कि भुगतान आवेदन फार्म जमा करने की अन्तिम तिथि 28 फरवरी 2023 है ।जबकि “”बड्स एक्ट कानून 2019″” में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके अंतर्गत भुगतान आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निकल जाए और उस तिथि के बाद पीड़ितों के भुगतान आवेदन न लिए जाएं। जिलाध्यक्ष जी ने बताया कि उन्होंने जो ज्ञापन दिया है उसमें कोच तहसील की समस्या को भी उन्होंने उजागर किया है कि कोंच तहसील में टोकन सिस्टम चलाया जा रहा है और वहां दलालों का बोलबाला है। उन्होंने बताया कि जैसे यदि कोई महिला अपना और अपने पति का आवेदन लेकर के आती है तो महिला का आवेदन तो जमा कर लिया जाता है लेकिन उसके पति का आवेदन नहीं जमा किया जाता है ।उसको यह कह कर के वापस कर दिया जाता है कि जाओ अपने पति को भेजना। तब तुम्हारे पति का भुगतान आवेदन जमा होगा ।मजबूरी में वह बेचारी असहाय महिला दलालों और बिचौलियों का सहारा ढू...

ठग कंपनियों में डूबा निवेशकों का पैसा, डीएम से की मांग

मुजफ्फरनगर। आज जिला कलेक्ट्रेट में डीएम ऑफिस में ठग कंपनियों तथा मल्टी स्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटीयो में डूबी रकम को वापस पाने के लिए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री संजय मित्तल डीएम से मिले तथा डीएम को ठग कंपनियों आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, पीएसीएल, सहारा इंडिया परिवार, कल्पतरु, एग्रीकल्चर एग्रोटेक, गोल्डन फॉरेस्ट, साईं प्रसाद, साईं प्रकाश, किम, बाइक बोट आदि कंपनियों में डूबी रकम को वापस पाने के लिए कलेक्ट्रेट में विंडो खोलने की मांग की है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री संजय मित्तल ने डीएम को एजेंटो व निवेशकों की समस्याओं से अवगत कराया तथा कहा कि संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित और भारत सरकार द्वारा अधिसूचित अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 की अनुपपालना सुनिश्चित की जाए तथा शासन-प्रशासन और बड्स एक्ट 2019 के अंतर्गत नियुक्त सक्षम अधिकारी ठगी पीडि़तों का भुगतान आरंभ करें और बड्स एक्ट 2019 की अनुपालना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि जनपद में बड्स एक्ट 2019 एवं राज्यों के पीआईडी एक्ट की अनुपालना सुनिश्चित करवाने हेतु शासन द्वारा नियुक्त सक्षम अधिकारी, सहायक सक्षम अधिकारी और विशेष न्यायालय बड्स एक्ट 2019 की पद पट्टिका उनके कार्यालयों पर प्रदर्शित कराएं, ताकि ठगी पीडि़त सरलता एवं निर्भयता पूर्वक अपने भुगतान के दावे शासन के समक्ष प्रस्तुत कर अपना भुगतान 180 कार्य दिवस में प्राप्त कर सके। संजय मित्तल ने कहा कि सोसाइटीज के विरुद्ध बड्स एक्ट 2019 के तहत ठगी एवं धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज कराए जाए। संजय मित्तल ने जिलाधिकारी कार्यालय में बड्स एक्ट 2019 के आवेदन लेने हेतु विशेष खिड़की खुलवाएं जाने की मांग की। डीएम ने सभी निवेशकों व एजेंटो क...

फॅार्म 15 G कैसे डाउनलोड करें

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