या देवी सर्वभूतेषु मंत्र

  1. Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics in Hindi and English
  2. या देवी सर्वभूतेषु मंत्र
  3. Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics Sanskrit
  4. Ya Devi Sarva Bhuteshu Stotra Mantra Lyrics in Hindi & English
  5. दुर्गा माता के नौ रूपों के मंत्र
  6. या देवी सर्व भूतेषु मंत्र
  7. दुर्गा सप्तशती अध्याय 5


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Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics in Hindi and English

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्य भिधीयते, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु निद्रा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु छाया रुपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषू लज्जा रुपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु व्रती रुपेणना संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु स्मृती रुपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु दया रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण स...

या देवी सर्वभूतेषु मंत्र

Ya Devi Sarvabhuteshu – Durga Devi Mantra – Hindi Meaning सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥ हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है। शक्ति या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। चेतना या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि -धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। (चेतना : sense, consciousness – स्वयं के और अपने आसपास के वातावरण के तत्वों का बोध होने, उन्हें समझने तथा उनकी बातों का मूल्यांकन करने की शक्ति) मातृ (माता) या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। दया या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। क्षान्ति (क्षमा) या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में सहनशीलता, क्षमा के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। बुद्धि या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्त...

Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics Sanskrit

Ya Devi Sarvabhuteshu is a chant/sukhtam of Goddess Durga. It is believed that devotees who sing or read this sukhtam will always have the blessings of Goddess Durga. The word ‘Durga’ in sanskrit means a fort or a place which is difficult to overrun. ‘Durgatinashini’ meaning, the one who eliminates sufferings, is another meaning of the name ‘Durga’. “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥” Song Info Language Singer Composer Lyrics Traditional Music Producer/Arranger Surinder Sodhi “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥” Song Lyrics 18 18. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥ हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।

Ya Devi Sarva Bhuteshu Stotra Mantra Lyrics in Hindi & English

Table of Contents • • • Ya Devi Sarva Bhuteshu Stotra Mantra Lyrics in Hindi ||या देवी सर्वभूतेषु मंत्र Thank you for reading this post, don't forget to subscribe! या देवी सर्वभूतेषु स्तोत्र मंत्र लिरिक्स या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥ या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्य भिधीयते । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥ या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु क्षुद्धारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु वृतत्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम...

दुर्गा माता के नौ रूपों के मंत्र

नवरात्रि का त्योहार हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक हैं। नवरात्रि में माता पार्वती के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस प्रकार प्रत्येक दिन माता के अलग अलग रूपों के अलग अलग मंत्र है जो इस प्रकार हैं - नवरात्रि का पहला दिन - शैलपुत्री देवी ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ शैलपुत्री की प्रार्थना: वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्ध कृतशेखराम् । वृषारूढाम् शूलधराम् शैलपुत्रीम् यशस्विनीम् ॥ अर्थ : मैं अपनी वंदना/श्रद्धांजलि देवी मां शैला-पुत्री को देता हूं, जो भक्तों को सर्वोत्तम वरदान देती हैं। अर्धचंद्राकार चंद्रमा उनके माथे पर मुकुट के रूप में सुशोभित है। वह बैल पर सवार है। वह अपने हाथ में एक भाला रखती है। वह यशस्विनी हैं - प्रसिद्ध माँ दुर्गा। नवरात्रि का दूसरा दिन - ब्रह्मचारिणी देवी ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नम: ब्रह्मचारिणी की प्रार्थना या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ नवरात्रि का तीसरा दिन - चंद्रघंटा देवी ॐ देवी चंद्रघण्टायै नम: माँ चंद्रघंटा ध्यान मंत्र पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसीदम तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। माँ चंद्रघंटा की प्रार्थना प्रार्थना या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और चंद्रघंटा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ...

या देवी सर्व भूतेषु मंत्र

ya devi sarva bhuteshu mantra : हिन्दू धर्म में नवरात्री का महत्व अलग ही होता है,नवरात्री साल में दो बार आते है| नवरात्री 9 देवियो को समर्पित होती है और प्रत्येक दिन अलग अलग देवी को समर्पित होता है| दुर्गा माँ के 9 स्वरूप मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा देवी, मां स्कंदमाता, मां कत्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना नवरात्री में की जाती है| ऐसा माना जाता है की इन 9 दिनों में जो भी महिला या पुरुष व्रत रखता है देवी उसकी मनोकामना पूर्ण कर देती है| नवरात्री के समय पर आपको हर जगह जागरण,पूजा होते हुए दिख जाएंगे,सभी लोग माता को खुश करने में लगे रहते है| माँ दुर्गा अपने भक्तो का ख्याल अपने बच्चे की तरह ही रखती है,जो भी इंसान किसी भी परेशानी या दुःख में होता है और वो सच्चे मन से माँ दुर्गा के मंत्र का जाप करता है,देवी माँ उसकी सहायता करने चली आती है| या देवी सर्व भूतेषु बुद्धि रूपेण मंत्र का जाप करने से देवी माँ जल्द ही प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्त की मनोकामना को पूर्ण कर देती है| नवरात्री में सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद इस मंत्र का जाप करने से अत्याधिक लाभ प्राप्त होता है| या देवी सर्व भूतेषु बुद्धि रूपेण मंत्र निम्न प्रकार है – • जानिए – या देवी सर्व भूतेषु मंत्र – ya devi sarva bhuteshu mantra या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ video – ya devi sarva bhuteshu mantra

दुर्गा सप्तशती अध्याय 5

माँ दुर्गा को नमस्कार इस अध्याय पांच में, या देवी सर्वभूतेषु मंत्र के जरिये, देवता किस प्रकार देवीकी स्तुति करते है, यह बताया गया है। या देवी सर्वभूतेषु मंत्र से यह पता चलता है की देवी माँ किस प्रकार जगत के सभी प्राणियों में अपने अलग अलग स्वरूपों में निरंतर स्थित रहती है, जैसे की बुद्धि रूप में, शांति रूप में, क्षमा रूप में, दया रूप में आदि। साथ ही साथ इस अध्याय में चण्ड-मुण्ड और शुम्भ निशुम्भ असुरों के प्रसंग की शुरुआत है। अम्बिकाके रूपकी प्रशंसा सुनकर शुम्भका उनके पास दूत भेजना, देवी और दूत का संवाद और दूतका निराश लौटना आदि प्रसंग भी इस अध्याय में आते हैं। अम्बा माता को नमस्कार इस पोस्ट से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण बात इस लेख में दुर्गा सप्तशती अध्याय 5 के सभी 129 श्लोक अर्थ सहित दिए गए हैं। अध्याय सिर्फ हिन्दी में सम्पूर्ण अध्याय 5 सिर्फ हिंदी में पढ़ने के लिए, अर्थात सभी श्लोक हाईड (hide) करने के लिए क्लिक करें – सिर्फ हिंदी में (Hide Shlokes) अध्याय श्लोक अर्थ सहित इस अध्याय के सभी श्लोक अर्थ सहित पढ़ने के लिए (यानी की सभी श्लोक unhide या show करने के लिए) क्लिक करें– सभी श्लोक देखें (Show Shlokes) साथ ही साथ हर श्लोक के स्थान पर एक छोटा सा arrow है, जिसे क्लिक करने पर, वह श्लोक दिखाई देगा। और सभी श्लोक हाईड और शो (दिखाने) के लिए भी लिंक दी गयी है। ॐ अस्य श्रीउत्तरचरित्रस्य रूद्र ऋषिः, महासरस्वती देवता, अनुष्टुप् छन्दः, भीमा शक्तिः, भ्रामरी बीजम्, सूर्यस्तत्त्वम्, सामवेदः स्वरूपम्, महासरस्वतीप्रीत्यर्थे उत्तरचरित्रपाठे विनियोगः। विनियोग ॐ – इस उत्तर चरित्रके रुद्र ऋषि हैं, महासरस्वती देवता हैं, अनुष्टप छन्द है, भीमा शक्ति है, भ्रामरी बीज है, सूर्य तत्त्व है और सामवेद स्वर...