Berojgari par nibandh

  1. बेरोजगारी पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में
  2. बेरोजगारी पर निबंध [Unemployment Essay in Hindi]
  3. बेरोजगारी पर निबंध
  4. बेरोजगारी पर निबंध 500 शब्दों में
  5. बेरोजगारी पर निबंध । Berojgari par nibandh
  6. बेरोजगारी की समस्या पर निबंध Berojgari Ki Samasya Par Nibandh
  7. Berojgari Par Nibandh(बेरोजगारी पर निबंध)


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बेरोजगारी पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में

Contents • • • • • • • • • • • • • • • बेरोजगारी पर निबंध प्रस्तावना: आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं क्योंकि उनके पास अपनी जीविका चलाने के लिए कोई काम धंधा नहीं है। यह ऐसा गंभीर मुद्दा है जिसको अगर सुलझाया ना जाए तो दिन पर दिन इससे लोग प्रभावित होते रहेंगे। हमारे देश में बेरोजगारी बढ़ने के कई सारे कारण हो सकते हैं उसमे कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं: • शिक्षा का अभाव • जनसंख्या वृद्धि • कौशल की कमी • सरकारी नौकरी की इच्छा • स्वरोजगार के लिए जागरूक नहीं होना • व्यवसाय के लिए पूंजी और जानकारी का आभाव आज के समय में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या अधिक है उसका सबसे बड़ा कारण कौशल की कमी है। देश की शिक्षा व्यवस्था कुछ इस प्रकार है कि उसमें लोगों की कौशल विकास पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता जिसकी वजह से लोग नौकरी की तलाश करते हैं और स्वरोजगार के लिए तैयार नहीं हो पाते। बेरोजगारी पर निबंध 100 शब्दों में वर्तमान समय में हमारे देश में ऐसी स्थिति बनी हुई है कि ज्यादातर लोग बेरोजगार हैं। देखा जाए तो बेरोजगारी किसी भी देश के लिए अभिशाप से कम नहीं है क्योंकि इससे सभी लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेरोजगारी की वजह से किसी भी इंसान का जीवन खुशहाल नहीं हो सकता क्योंकि इसके साथ गरीबी और भुखमरी जैसी परेशानियां भी जन्म लेती हैं। हमारे देश में आज ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको उनकी योग्यता के अनुसार काम नहीं मिलता और ऐसे में उन्हें कोई छोटा मोटा काम करके गुजारा करना पड़ता है। बहुत से युवाओं को तो नौकरी मिलती ही नहीं है जिसकी वजह से उनका जीवन काफी दुखदायी हो जाता है। इसके पीछे एक नहीं अनेकों कारण ...

बेरोजगारी पर निबंध [Unemployment Essay in Hindi]

Berojgari par Nibandh प्रकृति ने मनुष्य को मस्तिष्क, हाथ, पैर, हृदय आदि कई सारी शक्तियां दी है। कि उनका सदुपयोग करके व्यक्ति आत्म सिद्धि प्राप्त कर सके। लेकिन यदि व्यक्ति के पास करने को कोई कार्य ना हो। तो काफी समस्याएं खड़ी हो सकती है। जिसके कारण व्यक्ति अपराधिक गतिविधियों में लिप्त होता है और खुद को मानसिक तनाव से घेर लेता है। कुंठा के चलते वह अपने परिवार के साथ साथ समाज पर भी बोझ बन जाता है। हालांकि आज देश के रोजगार कार्यालय में करोड़ों लोग रोजगार की तलाश में खुद को पंजीकृत करवाते हैं। लेकिन बढ़ती जनसंख्या और सरकार की अपेक्षाकृत नीतियों के चलते बेरोजगारी देश में चरम सीमा पर है। प्रस्तावना भारत देश के सामने आज कई समस्याएं विकराल रूप धारण करे हुए हैं। जिनमें से बेरोजगारी सबसे ज्वलंत समस्या है। साथ ही इसके निराकरण के बिना देश कभी विकसित श्रेणी में नहीं आ सकता, ओर ना ही समाजवाद की कल्पना पूर्ण सिद्ध हो सकती है। क्यूंकि रोजगार किसी भी देश के नागरिक की पहली प्राथमिकता है। ऐसे में इसके बिना कोई भी व्यक्ति देश का छोड़ो स्वयं का नैतिक और आध्यात्मिक विकास करने में असमर्थ है। और इसके अभाव में देश के नागरिक निराशा और अपराधिक मानसिकता की गिरफ्त में आ जाते हैं। ऐसे में बेरोजगारी की समस्या का समाधान खोजना जरूरी है। बेरोजगारी के कारण भारत देश में बेरोजगारों के दो वर्ग है। जिनमें से एक है शिक्षित वर्ग और दूसरा अशिक्षित वर्ग। शिक्षित वर्ग में बेरोजगारी का कारण वर्तमान शिक्षा प्रणाली है, जहां महाविद्यालयों से हर साल लाखों बच्चे डिग्री लेकर निकलते है। लेकिन उनमें किसी तरह का कौशल ना होने की वजह से वह नौकरी से वंचित रह जाते हैं। दूसरी ओर अशिक्षित वर्ग के लिए बेरोजगारी का मुख्य कारण है कुटीर...

बेरोजगारी पर निबंध

Contents • • • • बेरोजगारी क्या है – What is Unemployment in Hindi बेरोजगारी से तात्पर्य ऐसे लोगो से है, जिनके पास कोई काम नहीं है या फिर वो लोग जो काम नहीं करते है। जब कोई शिक्षित या अशिक्षित काम करने योग्य हो और उसे काम न मिले तो वह बेरोजगारी की क्षेणी में आ जाता है। बेरोजगारी होने से किसी भी देश का आर्थिक विकास रुक जाता है। इसके अलावा बेरोजगारी व्यक्तिगत और पूरे समाज पर भी एक साथ कई प्रकार से नकारात्मक प्रभाव डालती है, जो बहुत चिंता का विषय है। बेरोजगारी के कारण – Causes of Unemployment in Hindi भारत भी एक विकासशील देश है फिर भी यहाँ पर बेरोजगारी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। देश में बेरोजगारी बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं है, जो निम्नलिखित हैं। जनसंख्या में वृद्धि – आज हमारे देश में जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि हम दुनियाँ में जनता की दृष्टि से दूसरे स्थान हैं। और यदि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित नहीं किया गया तो, वो दिन दूर नहीं जब जनसंख्या के मामले में भारत पहले नंबर पर हो जाएगा और इतनी अधिक जनसंख्या को रोजगार देना संभव नहीं है। इसलिए बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना चाहिए। शिक्षा का अभाव – आजादी के इतने वर्ष बाद भी भारत शिक्षा का अभाव देशभर में है। शिक्षा का अभाव होने से रोजगार के नए अवसर लोगों को नहीं मिल पाते हैं। आज के समय में भी भारत में कई ऐसे गाँव और शहर है जहाँ पर स्कूल और कॉलेज नहीं हैं और लोगो को अपने घर से दूर जाना पड़ता है। सभी लोग अपने बच्चों को दूर पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे पैसे का भाव, वाहन की सुविधा न होना आदि जिस वजह से वो शिक्षा से वंचित रह जाते है...

बेरोजगारी पर निबंध 500 शब्दों में

बेरोजगारी पर निबंध | Berojgari Par Nibandh हेलो दोस्तों आप सबको पता है भारत देश में बेरोजगारी कितनी बड़ी समस्या है इसी के लिए आज मैं इस ब्लॉग में बताऊंगा बेरोजगारी पर निबंध (Berojgari Par Nibandh) की मदद से कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए, बेरोजगारी एक समस्या है जो दुनिया भर में उपस्थित है। यह एक ऐसी स्थिति है जब लोग जो काम ढूँढ रहे होते हैं, उन्हें कोई नौकरी नहीं मिलती है। यह समस्या बहुत अलग-अलग कारणों से होती है, जिनमें समाज, अर्थव्यवस्था, तकनीकी प्रगति और शिक्षा सिस्टम शामिल हो सकते हैं। बेरोजगारी एक अधिकांश मानसिक समस्या है। जो अक्सर संघर्ष और तनाव का कारण बनती है। लोग जो बेरोजगार होते हैं, वे अपनी सोच में फंस जाते हैं और उन्हें एक असमंजस महसूस होता है। वे अपने जीवन को दिशाहीन महसूस करते हैं और जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं से वंचित महसूस करते हैं। बेरोजगारी की एक अन्य वजह अर्थव्यवस्था होती है। आर्थिक स्तर पर बेरोजगारी संभवतः अर्थव्यवस्था में कमी का संकेत देती है। यदि अर्थव्यवस्था सक्रिय नहीं है या सतत विकास नहीं हो रहा है, तो बेरोजगारी बढ़ने के उद्देश्य से लोगों को नौकरी नहीं मिलती है। इस समस्या का सामना करने के लिए, सरकारें आर्थिक नीतियों, उद्यमिता और नौकरी बनाने वाले क्षेत्रों को प्रोत्साहित कर सकती हैं। इसके अलावा, व्यक्तिगत स्तर पर, लोगों को अपनी क्षमताओं और रुचियों के अनुसार कैरियर चुनने की सलाह दी जानी चाहिए। बेरोजगारी का समाधान ढूँढने के लिए, नई तकनीकों का उपयोग भी किया जा सकता है। इंटरनेट आधारित नौकरी खोज प्लेटफार्म, अनुप्रयोगों और इंटरनेट के माध्यम से निर्मित व्यवसाय, और विभिन्न अनुप्रयोगों के उपयोग से, लोग घर बैठे नौकरी कर सकते हैं। अंततः, बेरोजगारी की समस्या से न...

बेरोजगारी पर निबंध । Berojgari par nibandh

बेरोजगारी पर निबंध । Berojgari par nibandh : बेरोजगारी से तात्पर्य उस स्थिति से है, जब कोई योग्य तथा काम करने का इच्छुक व्यक्ति प्रचलित मजदूरी की दरों पर काम करने के लिए तैयार हो और उसे काम न मिले। भारत में बेरोजगारी एक आर्थिक समस्या है। बेरोजगारी के कारण नवयुवक नौकरी की तलाश में प्रतिदिन दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं तथा अखबारों, इन्टरनेट आदि में दिए गए विज्ञापनों द्वारा अपनी योग्यता के अनुरूप नौकरी की खोज में लगे रहते हैं, परन्तु उन्हें रोजगार की प्राप्ति नहीं होती। केवल निराशा ही उनके हाथ लगती है। बेरोजगारी का तात्पर्य : बेरोजगारी से तात्पर्य उस स्थिति से है, जब कोई योग्य तथा काम करने का इच्छुक व्यक्ति प्रचलित मजदूरी की दरों पर काम करने के लिए तैयार हो और उसे काम न मिले। भारत में बेरोजगारी एक आर्थिक समस्या है। यह एक ऐसी समस्या है जिसके कारण न केवल उत्पादक शक्ति कम होती है बल्कि देश का विकास भी अवरुद्ध होता है। जो श्रमिक अपने अपने श्रम द्वारा देश के आर्थिक विकास में सक्रिय सहयोग दे सकते थे, वे कार्य के अभाव में बेरोजगार रह जाते हैं। यह स्थिति हमारे आर्थिक विकास के लिए बाधक है। बेरोजगार युवावर्ग : आज हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है हमारा बेरोजगार युवावर्ग। आज का नवयुवक जो विश्वविद्यालय से अच्छे अंक व डिग्री लेकर निकलता है, उसे भी रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता। बेरोजगारी के कारण नवयुवक नौकरी की तलाश में प्रतिदिन दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं तथा अखबारों, इन्टरनेट आदि में दिए गए विज्ञापनों द्वारा अपनी योग्यता के अनुरूप नौकरी की खोज में लगे रहते हैं, परन्तु उन्हें रोजगार की प्राप्ति नहीं होती। केवल निराशा ही उनके ...

बेरोजगारी की समस्या पर निबंध Berojgari Ki Samasya Par Nibandh

नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख मे आपको बेरोजगारी की समस्या ( Berojgari ki Samasya Par Nibandh Hindi me ) इस विषय पर हिंदी में निबंध (berojgari essay in hindi) लिखने के लिए जरूरी जानकारी दी हैं। यदि आप इसी विषय पर भाषण की तैयारी कर रहे है तब भी यह लेख आप के लिए उपयुक्त रहेगा। इस निबंध को आप दसवी कक्षा से बारहवी कक्षा तक सीधे तौर से और पाँचवी कक्षा से नौवि कक्षातक कुछ अनुच्छेद मे बदलाव कर के इस्तमाल कर सकते है। बेरोजगारी की समस्या पर निबंध Berojgari Ki Samasya Par Nibandh लेख अनुक्रमणिका • • • • • • • • • • • बेरोजगारी एक समस्या (berojgari ki samasya par nibandh)(berojgari essay in hindi) भारत के सामने आज कई तरह के समस्याए उठ खड़ी हैं जैसी की आशिक्षितता, प्रदूषण, गरीबी, रोगराई लेकिन सबसे बड़ी समस्या हैं बेरोजगारी की समस्या (Berojgari ki Samasya Par Nibandh)। अगर हम इस समस्या का समाधान पायेंगे तो यकीनन बाकी सब समस्या पर हम काबू पा सकेंगे। आज देश को स्वतंत्रता प्राप्त कर 70 साल से भी अधिक समय बीत चुका हैं। स्वतंत्रता पाने के बाद लोगों को अपेक्षा थी की उन्हे रोजगार तो जरूर मिलेगा, लेकिन सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूत हम इस समस्या पर काबू नहीं कर पाए। बेरोजगारी की समस्या गुजरते दिनों के साथ बढ़ती जा रही हैं। बेरोजगारी दिखती एक समस्या हैं लेकीन यह बाकी कई समस्या की जड़ हैं। इसके परिणाम समाज में बहोत ही बड़े दिखाई देते हैं। आज के इस लेख में हम बेरोजगारी की समस्या (berojgari ki samasya essay in hindi) के कारण, इसके देश, समाज तथा व्यक्तिगत जीवन में होनेवाले परिणाम और इस समस्या का समाधान जानने की कोशिश करेंगे। इससे हम यह समजने में आसानी होगी की हम क्या कर सकते हैं जिससे हमारे समाज में बढ़न...

Berojgari Par Nibandh(बेरोजगारी पर निबंध)

Berojgari Par Nibandh(बेरोजगारी पर निबंध): भारत की आधुनिक दुनिया में एक समस्या है बेरोजगारी। यह एक ऐसी समस्या है जो वर्तमान समय में देश को अधिक अस्थिर बनाती है। यह एक ऐसी समस्या है जो हमारी अर्थव्यवस्था, समाज और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है। इस Berojgari Par Nibandh में हम बेरोजगारी की समस्या के कारण, परिणाम और इससे निपटने के उपायों पर बात करेंगे। बेरोजगारी क्या है? Berojgari Kya hai? विस्तृत Berojgari Par Nibandh : बेरोजगारी के कारण Berojgari ke karan – a. शिक्षा में दोष शिक्षा में असंतुलितता और कम गुणवत्ता के कारण बेरोजगारी की समस्या बढ़ती है। अधिकांश बेरोजगार लोग असंगठित क्षेत्रों में नौकरी ढूंढते हैं जो कि शिक्षा विभाग के द्वारा प्राधिकृत नहीं होते हैं। b. अविरल जनसंख्या की समस्या अधिक जनसंख्या की समस्या भी बेरोजगारी का कारण है। अधिक जनसंख्या के कारण विभिन्न क्षेत्रों में अधिक दबाव होता है और नौकरियों की कमी होती है। c. अविरल आर्थिक विकास आधुनिक तकनीक और अधिकतम उत्पादकता से उत्पन्न अविरल आर्थिक विकास के समय में, यह एक महत्वपूर्ण विषय है जिसे हम समझना चाहते हैं कि बेरोजगारी के समाज और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव होता है। d. तकनीकी प्रगति तकनीकी प्रगति ने विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों की विविधता को बढ़ाया है, लेकिन इसका भी असर बेरोजगारी पर होता है। नई तकनीकों के आने से कुछ पदों की मांग कम होती है जो बेरोजगारी का कारण बन सकता है। e. व्यवसाय के बाहर बढ़ती नौकरियों की विविधता बढ़ती नौकरियों की विविधता नए उद्यमों को स्थापित करने और विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों की विविधता बढ़ाने के लिए उत्साह देती है। लेकिन बेरोजगारों के लिए, नए क्षेत्रों या उद्यमों में नौकरी पाना आस...