बेटियां अनमोल है कविता

  1. "मेरे दिल की जान" मेरी बेटी पर 5 कविता
  2. बेटियां हमारी अनमोल धरोहर होती है
  3. बेटी को समर्पित दिल छू लेने वाली कविता
  4. अनमोल है बेटियां…(कवि
  5. Daughters Day Poem in Hindi ,बेटियों के लिए कवितायें


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"मेरे दिल की जान" मेरी बेटी पर 5 कविता

Poem on Betiyan in Hindi : नमस्कार! दोस्तों आज हमने इस लेख में कुछ बेहतरीन Beti Par Kavita को सम्मिलित किया है| हमने, निचे दी गई बेटियों पर कविता के माध्यम से, हमारे युग मे बेटियों की क्या स्थिति है उसका वर्णन करने की कोशिश की है| पहले के ज़माने में जिस भी घर में बेटी होती थी तो बोला जाता था लक्ष्य हुई है, किन्तु आज के ज़माने में ऐसे गिने चुने घर होंगे जहा यह अब भी बोला जाता है| अब तो लोग बेटी का पैदा होनी ऐसा मानते है जैसे कोई गुन्हा हो गया हो| बेटियां तो देश का भविष्य होती है, ऐसी कोई भी जगह नहीं बची है जहाँ पर ऐसा कहा जा सके बेटियां, बेटो की बराबरी नहीं कर सकती हैं| जब की बेटियां तो कई क्षेत्रों में बेटो से भी आगे निकल चुकी है| परन्तु फिर भी उन्हें वो इज्जत-सम्मान नहीं मिल रहा है| हमने निचे दी गई बेटी पर कविताए की सहायता से उनकी स्थिति का वर्णन किया है| • 1 बेटियों पर कविताए – Poem on Betiyan in Hindi • 1.1 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर कविता • 1.2 मेरी बहादुर बेटी • 1.3 मेरी प्यारी बेटी • 1.4 बेटी पर कविता • 1.5 मेरी बेटी, मेरी शान बेटियों पर कविताए – Poem on Betiyan in Hindi बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर कविता कली तुम मुझको रहने दो, फूल में बनजाऊंगी, जब जन्म माँ दोगी तुम मुझे, तभी तो आ पाऊँगी, अपनी पहचान बनाकर में, तुम्हारे शान बढ़ाउंगी, पूरी दुनिया से भीड़ जाउंगी, अपने हर एक हक़ पाऊँगी, जब जन्म माँ दोगी तुम मुझे, तभी तो आ पाऊँगी|| माँ दुनिया मत सुनो, में मिलने से पहले खो जाऊँगी, माँ एक बार दिल की सुनलो, तुम्हारे आँचल में सो जाउंगी, कली तुम मुझको रहने दो, फूल में बनजाऊंगी|| Beti Bachao Beti Padhao Poem यह भी जरूर पढ़े : हमेशा सर ऊचा कैसे रखे, इसका रहस्य जरूर समझाए|| Hindi Poem on Betiyaa...

बेटियां हमारी अनमोल धरोहर होती है

बेटियां हमारी अनमोल धरोहर होती है,बेटियां हमारे घर की रौनक होती हैं बेटियों को शिक्षित करना जरूरी है बेटियों का सही लालन पालन जरूरी है बेटियों को अत्याचार से मूक्त करना जरूरी है बेटियों को बलात्कार मूक्त समाज देना जरूरी है बेटियों को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर जरूरी है बेटियों को भी कहीं भी किसी समय भी जाने की आजादी जरूरी है बेटियों को किसी भी सर्विस को चुनने की आजादी जरूरी है बेटियों को कोई भी कार्य करने की आजादी जरूरी है बेटियों को भी समाज का सहयोग जरूरी है बेटियों को भी सम्पत्ति में बराबरी का अधिकार जरूरी है बेटियां एक नहीं दो दो घरों को संभालती है बेटियां घरों की चमन बनाती है बेटियां घर की लक्ष्मी होती है बेटियों के जन्मपर शानदार जश्न मनाना जरूरी हैं बेटियां हमारी अनमोल धरोहर होती है बेटियां हमारे घर की रौनक होती हैं!

बेटी को समर्पित दिल छू लेने वाली कविता

अंधेरी रात में चांद हैं हमारे देश की बेटियां उफनते नदी में नाव की नाविक हैं बेटियां जो बेटे करते हैं कर सकती हैं हमारी बेटियां लेकिन बुरे काम नहीं कर सकती हैं बेटियां बेटियों को जन्म दो कोख में ना मारो सुनलो बेटियां हमारे लिए वरदान हैं यह तुम जानलो दहेज ना दो बेटी के साथ यह बहुत ही खराब मांगे दहेज और जो दे दहेज दोनों ही हैं खराब बेटियों को आजादी दो बेटे की ही समान बनाया है दोनों को जगत पिता भगवान बेटियां न करना कभी भी गलत काम कोई भी तुम मान रखना सारे परिवार की ससुराल में भी मेरे साथियों बेटियों को कमतर न समझना उनकी देखभाल में भी लापरवाही ना करना बेटी दिखती कैसी है यह तुम मत देखना ईश्वर का वरदान समझ दिल से अपनाना बेटो को ज्यादा महत्व ना दो घर में तुम आज से बेटियों… बेटी पर कविता शीर्षक “कहती बेटी बाँह पसार” (Short Poem On Beti In Hindi) कहती बेटी बाँह पसार, मुझे चाहिए प्यार दुलार। बेटी की अनदेखी क्यूँ, करता निष्ठुर संसार? सोचो जरा हमारे बिन, बसा सकोगे घर-परिवार? गर्भ से लेकर यौवन तक, मुझ पर लटक रही तलवार। मेरी व्यथा और वेदना का, अब हो स्थाई उपचार। बेटी पर कविता शीर्षक “परियों का रूप बेटियाँ” (Short Poem On Beti In Hindi) क्या लिखूं ?? की वो परियों का रूप होती है… या कड़कती ठंड में सुहानी धूप होती है…. वो होती है उदासी के हर मर्ज़ की दवा की तरह या ओस में शीतल हवा की तरह वो चिडियों की चेह्चाहट है, या की निश्छल खिखिलाहट है…. वो आँगन में फैला उजाला है…. या मेरे गुस्से पे लगा ताला है.… वो पहाड की चोटी पे सूरज की किरण है…. या जिंदगी सही जीने का आचरन है…. है वो ताकत जो छोटे से घर को महल बना दे….. है वो काफिया जो किसी गज़ल को मुक्कमल कर दे क्या लिखूं ???…… वो अक्षर जो ना हो तो वर्णमाल...

अनमोल है बेटियां…(कवि

अनमोल है बेटियां अगर बेटे हीरा है तो हीरे की खान है बेटियां अपने घर-गांव-देश की पहचान है बेटियां अगर बेटे सूरज है तो गंगा की अविरल धारा है बेटियां अगर बेटे आसमान है तो उस आसमान में चमकता सितारा है बेटियां उनसे ही तो है हमारी हर ख़ुशी वे नही देख सकती हमे कभी दुखी जब माँ ना हो घर पर तो उनकी सारी जिम्मेदारी उठाती है बेटियां बेटे तो कह देते है होटल में खा लेना पापा पर अपने पिता-भाई के लिए गरम-गरम खाना बनाती है बेटियां अपने प्यारी बिटिया के मत काटो पंख उसमे भी होती है जान उसे भी आगे बढ़ने दो और बनाने दो अपनी अलग पहचान अपने माँ-बाप का घर छोड़कर दूसरे का घर बसाती है बेटियां दो घरों को जोड़कर अपना फ़र्ज़ निभाती है बेटियां खुद सारे दुःख सहकर भी मुस्कुराती है बेटियां अगर ना समझो बेटी की कीमत तो उनसे जाकर पूछो जिनके घर नही होती है बेटियां…. पियुष राज

Daughters Day Poem in Hindi ,बेटियों के लिए कवितायें

Daughters Day Poem in Hindi Daughters Day poem in Hindi :दुनिया की हर बेटी अनमोल है। क्योंकि इस दुनिया में बेटा और बेटी दोनों का अपना अलग स्थान है। बिना बेटियों के भी घर आंगन सूना-सूना सा लगता है।बेटियों के बिना हर रिश्ता अधूरा सा लगता है। क्यों ना हो क्योंकि बेटियों के बिना संसार कहां चलता है। इसीलिए इस Daughter’s Day (बेटी दिवस ) पर उन्हीं प्यारी बेटियों को समर्पित कुछ प्यारी सी कवितायें हम आप सबके लिए लाए हैं। Daughters Day Poem in Hindi बेटियों हैं अनमोल Poem 1. हर चेहरे की मुस्कान होती हैं बेटियां , दिल का सुकून होती हैं बेटियां। हर घर की रौनक होती हैं बेटियां , बड़ों का अभिमान होती हैं बेटियां। पायल की झंकार होती है बेटियां , माथे का ताज होती हैं बेटियां। खुशियों भरी थाल होती हैं बेटियां , हर त्यौहार की जान होती हैं बेटियां। गुड़ पापड़ी सी मीठी होती हैं बेटियां , मठरी सी नमकीन होती हैं बेटियां। भाई के लिए बहन होती हैं बेटियां , मां के लिए बेस्ट फ्रेंड होती हैं बेटियां। Poem 2. राखी में रेशम की डोर होती हैं बेटियां , होली में गुलाल होती हैं बेटियां। रंगों भरी रंगोली सी सुंदर होती हैं बेटियां , भैया दूज की पहचान होती हैं बेटियां। फूलों की खुशबू होती हैं बेटियां , बागों की बहार होती हैं बेटियां। बंजर धरती पर ओस की बूंद होती हैं बेटियां , तपती दोपहर में ठंडी हवा का झोंका होती हैं बेटियां। Poem 3. Daughters Day Poem घर आंगन की तुलसी होती हैं बेटियां , मन की कोमल होती हैं बेटियां। देहरी छत पर फुदकती गौरैया होती हैं बेटियां , हर दिल की धड़कन होती हैं बेटियां। घर की इज्जत होती हैं बेटियां , समर्पण का प्रतिरूप होती हैं बेटियां। हर रिश्ते की पहचान होती हैं बेटियां , मां बहन बे...