भार किसे कहते हैं

  1. परमाणु द्रव्यमान या परमाणु भार किसे कहते हैं
  2. पदार्थ किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण सहित। padarth kise kahate hain
  3. अणु भार किसे कहते हैं? » Anu Bhar Kise Kehte Hain
  4. RBSE Class 9 Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
  5. अपठित गद्यांश MCQ Questions with Answers Class 6 Hindi
  6. उपसर्ग और प्रत्यय में क्या अंतर है
  7. घर्षण


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परमाणु द्रव्यमान या परमाणु भार किसे कहते हैं

इस पोस्ट में हम परमाणु के बारे में बहुत ही आसान भाषा में जैसे परमाणु किसे कहते हैं ( Parmanu kise kahate hain), परमाणु भार किसे कहते हैं, परमाणु भार ज्ञात करने का सूत्र, परमाणु की परिभाषा आदि को हम पढने वाले हैं. किसी भी परमाणु के भार को ज्ञात करना परमाणु भार कहलाता है. परमाणु एक अत्यंत सूक्ष्म कण होता है, जिसके परमाणु भार ज्ञात करना अत्यंत कठिन कार्य होता है. किसी भी परमाणु के परमाणु भार को ज्ञात करने के लिए, किसी दूसरे परमाणु के सापेक्ष ज्ञात किया जाता है. इस वाक्य को और आसान भाषा में कहें तो जैसे हमने सबसे पहले हाइड्रोजन का परमाणु भार ज्ञात कर लिया, तो इसके बाद हम तत्वों का परमाणु भार हाइड्रोजन के सापेक्ष लेकर ज्ञात कर सकते हैं. हाइड्रोजन को हम मानक मान लेते हैं. Table of Contents • • • • • • • • • • परमाणु भार या परमाणु द्रव्यमान की परिभाषा- परमाणु भार किसे कहते हैं परमाणु भार या परमाणु द्रव्यमान के बारे में पूरा विस्तार से समझने के लिए सबसे पहले आइये, हम समझते हैं, परमाणु किसे कहते हैं क्योंकि परमाणु का ही हम परमाणु भार ज्ञात करने वाले हैं. इसलिए हमको सबसे पहले परमाणु क्या होता है, परमाणु की परिभाषा क्या होती है, इसको समझ लेते हैं. उसके बाद हम परमाणु भार को आसानी से समझ पाएंगे. परमाणु किसे कहते हैं- Parmanu kise kahate hain हमारी पृथ्वी पर जितने भी तत्व हैं ,वह सभी छोटे-छोटे परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं. किसी भी तत्व का परमाणु सबसे न्यूनतम इकाई होती है, तो हम परमाणु को कुछ इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं. किसी भी तत्व का वह छोटा से छोटा कण जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है ,उसे हम परमाणु कहते हैं. जैसा कि हमने परिभाषा में कहा कि परमाणु किसी भी तत्व का छोट...

पदार्थ किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण सहित। padarth kise kahate hain

हमारी पृथ्वी अनेक प्रकार के पदार्थों से भरी हुई है, हर वो वस्तु जो जिसे हम प्रयोगकरते हैकिसी न किसी पदार्थ से बनी है, परक्या आप जानते हैं कि पदार्थ किसे कहते है? नहीं तो इस लेख में आपको विस्तार से यही बताया गया है। पदार्थ कई प्रकार के होते हैं और कई रूप में होते है, कई पदार्थ ऐसे होते है जिसे हर कोई पहचान भी नही सकता। पदार्थ किसे कहते हैं? (padarth kya hai) रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान के अनुसारप्रत्येक वस्तु जिसका कोई निश्चित भार (द्रव्यमान) होता तथा वह स्थान घेरती है, पदार्थकहलाता है पृथ्वी में पदार्थ तीन अवस्थाओं में मुख्यतः पाए जाते हैं ठोस, द्रव, एवं गैस। पदार्थ बहुत से छोटे-छोटे परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं, जिन्हें हम अपनी खुले ऑखों से नहीं देख सकते।

अणु भार किसे कहते हैं? » Anu Bhar Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आणविक द्रव्यमान किसे दिए गए अनु का द्रव्यमान है इसे एकत्रित परमाणु द्रव्यमान इकाई में मापा जाता है यह योगिक के विभिन्न रंगों में अलग-अलग आणविक द्रव्यमान हो सकता है क्योंकि उनमें एक तत्व के अलग-अलग समस्थानिक होते हैं aanvik dravyaman kise diye gaye anu ka dravyaman hai ise ekatrit parmanu dravyaman ikai mein mapa jata hai yah yogic ke vibhinn rangon mein alag alag aanvik dravyaman ho sakta hai kyonki unmen ek tatva ke alag alag samasthanik hote hain आणविक द्रव्यमान किसे दिए गए अनु का द्रव्यमान है इसे एकत्रित परमाणु द्रव्यमान इकाई में मापा

RBSE Class 9 Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 10 Important Questions गुरुत्वाकर्षण बहुचयनात्मक प्रश्न: प्रश्न 1. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी 'r ' है तो उन वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल समानुपातिक होता है। (अ) r 2के (ब) r के (स) \(\frac=10\) सेमी. अत: M द्रव्यमान की एक अन्य वस्तु A से 30 सेमी. की दूरी पर रखनी होगी।

अपठित गद्यांश MCQ Questions with Answers Class 6 Hindi

एकता के महत्त्व से संबंधित अनेक लोकोक्तियाँ प्रचलित हैं यथा- दस की लाठी एक का बोझ, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता इत्यादि। एक तिनके की क्या हस्ती? लेकिन जब वही तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। एक ईंट की क्या बिसात? लेकिन, जब यही ईंटें मिलकर दीवार बनाती हैं, तब उसे तोड़ना मुश्किल हो जाता है। एक बूँद जल का क्या अस्तित्व? लेकिन जब इन्हीं बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है तो उसे लाँघना दुष्कर हो जाता है। एक चींटी की क्या औकात? लेकिन जब यही चींटी एक साथ हो जाती हैं, तब अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती हैं। एकता के महत्त्व से संबंधित एक किसान उसके बच्चे और लकड़ी के टुकड़ों की कथा प्रचलित है। लकड़ी के टुकड़े जत अलग-अलग रहते हैं, तब बच्चों द्वारा वे आसानी से तोड़ दिये जाते हैं; परंतु वे ही टुकड़े जब संगठित होकर गट्ठर बन जाते हैं, तब बच्चे तोड़ नहीं पाते हैं। इन दृष्टान्तों से स्पष्ट है कि ‘एकता में ही बल है।’ Question 1. तिनके की क्या विशेषता है ? (a) तिनका व्यर्थ का कचरा है (b) तिनका घास का काम करता है (c) जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। (d) तिनके से चिड़िया घोंसला बनाती है Answer Answer: (c) जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। Question 2. बूंदों के मेल का क्या महत्त्व है ? (सर्वथा उपयुक्त उत्तर छाँटकर लिखिए) (a) पानी बन सकती हैं (b) बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है (c) बूँदों के मेल से कुछ नहीं होता है (d) बूंदों के मेल से घड़ा भर जाता है Answer Answer: (b) बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है। Question 3. जब चींटियाँ एक साथ हो जाती ह...

उपसर्ग और प्रत्यय में क्या अंतर है

हर भाषा की अपनी विशेषता और खूबसूरती होती है। इन विशेषताओं में एक विशेषता प्रचलित किसी शब्द से नए शब्द का सृजन भी है। यह प्रक्रिया जहाँ एक ओर नए नए शब्द की रचना करती है और भाषा को समृद्ध बनाती है वहीँ दूसरी ओर यह भाषा के प्रवाह को भी आगे बढ़ाती है। उपसर्ग और प्रत्यय इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं और भाषा के शब्द भंडार को न केवल समृद्ध करते हैं बल्कि भाषा की खूबसूरती को भी बढ़ाते हैं। हिंदी भाषा में बहुत सारे उपसर्ग और प्रत्यय प्रयोग किये जाते हैं जिनका विस्तार से अध्ययन हमारे भाषा कौशल के विकास में सहायक होगा। हिंदी भाषा के व्याकरण के अध्ययन में उपसर्ग और प्रत्यय का महत्वपूर्ण स्थान है। अकसर लोग जानना चाहते हैं उपसर्ग क्या है, प्रत्यय किसे कहते हैं, उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं, प्रत्यय के प्रकार, उपसर्ग का प्रयोग, प्रयत्य कैसे प्रयोग में लाये जाते हैं साथ ही उपसर्ग और प्रत्यय के उदहारण और उपसर्ग और प्रत्यय में क्या अंतर है आदि। उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में पूरी जानकारी के लिए कृपया इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें। उपसर्ग उपसर्ग क्या है/ उपसर्ग की परिभाषा उपसर्ग के कार्य और विशेषताएं उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं उपसर्ग के प्रयोग उपसर्ग क्या है (उपसर्ग किसे कहते हैं) उपसर्ग दो शब्दों से बना हुआ है "उप" तथा "सर्ग" इन दोनों शब्दों का अर्थ देखा जाए तो इसमें उप का अर्थ समीप या पास तथा सर्ग का अर्थ सृष्टि करना होता है। उपसर्ग किसी शब्द के पास में लगकर एक नए शब्द का निर्माण करता है अर्थात वैसे शब्दांश जो किसी मूल शब्द में जुड़कर एक नए शब्द का निर्माण करते हैं उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग मूल शब्द के पहले यानि शुरू में लगते हैं और उस शब्द के अर्थ को प्रायः एकदम बदल देते हैं। उपसर्गों का स्वत...

भार

(i) भार-भार मात्रक (Weight-weight units) : ये विलयनों की सान्द्रता को प्रदर्शित करने वाले इस प्रकार के मात्रक हैं जिनमें विलेय तथा विलायक (या विलयन) दोनों की मात्राओं को भार के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। किसी पदार्थ का भार या द्रव्यमान चंकि ताप से प्रभावित नहीं होता अतः किसी विलयन के लिए भार-भार मात्रकों में व्यक्त किए गए सान्द्रताओं के मान ताप से प्रभावित नहीं होते हैं। विलयनों की सान्द्रता को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख भार-भार मात्रक निम्न है (1) मोललता (Molality) किसी विलयन की मोललता विलेय पदार्थ के उन मोलों की संख्या है जो विलायक के 1000 ग्राम में विद्यमान हों। अतः किसी विलेय के एक मोल को लेकर यदि हम उसे 1000 ग्राम विलायक में घोलें तो बना हआ विलयन मोलल विलयन कहलाता है अथवा यह कह सकते हैं कि इस विलयन की मोललता (molality) एक है। यहां एक मोल, पदार्थ की ग्रामों में उस मात्रा को कहते हैं जिसका आंकिक मान (numerical value) उसके अणु भार के बराबर हो। दसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि किसी पदार्थ के अणु भार की तो कोई इकाई नहीं होती लेकिन यदि उसे ग्रामों में प्रकट किया जाये तो उसे ग्राम अणु भार (gram molecule weight) अथवा ग्राम अणु (gm molecule) अथवा एक मोल (mole) कहते है। (2) प्रतिशत भार (Weight percent) : कई स्थानों पर पदार्थों की सान्द्रता को प्रतिशत भार में भी प्रकट किया जाता है। किसी पदार्थ के 100 ग्राम विलयन में उस पदार्थ की ग्रामों में जो मात्रा घुली हुई है वही उसका प्रतिशत भार है। उदाहरणार्थ, यदि 10 ग्राम पदार्थ लेकर उसका 100 ग्राम विलयन बनाया जाये तो उस विलयन की सान्द्रता 10% कहलाती है। (3) विलेय के मोलों की संख्या = n विलायक के मोलों की संख्या = N विलयन के कुल मोल...

घर्षण

यदि किसी स्थिर ठोस वस्तु पर कोई दूसरी ठोस वस्तु इस तरह से रखी जाती है कि दोनों समतल पृष्ठ एक-दूसरे को स्पर्श करते है, तो इस दशा में दूसरी वस्तु को पहली वस्तु पर खिसकने के लिए बल लगाना पड़ता है l इस बल का मान एक सीमा से कम होने पर दूसरी वस्तु पहली वस्तु पर नहीं खिसक सकती है l इस विरोधी बल को घर्षण (Friction) कहते है l घर्षण एक घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक घर्णण और गतिज घर्षण। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण, गति की दिशा पर निर्भर नही करता। किसी ठोस पदार्थपिंड को ठोस सतह पर विस्थापित करने के लिये स्पर्श सतह के समांतर बल प्रयुक्त करना होता है। यदि प्रयुक्त बल एक निश्चित परिमाण (चरम घर्षणबल) से कम हुआ, तो पदार्थपिंड विस्थापित नहीं होता और यदि अधिक हुआ तो निश्चित वेग से विस्थापित होता है। ऐसा स्पर्श करनेवाली सतहों के बीच घर्षण के कारण होता है, जिससे तात्पर्य यह है कि ठोस पदार्थपिंड पर स्पर्श सतह के समांतर प्रयुक्त बल की विरुद्ध दिशा में एक बल कार्य करता है, जिसे घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल का कारण सतहों का खुरदुरापन होता है। विस्थापन से पूर्व (जब पिण्ड स्थिर हों) घर्षणबल प्रयुक्त बल के बराबर होता है, जिसे स्थैतिक घर्षण कहते है। विस्थापन के लिये प्रयुक्त बल कम से कम इतने परिमाण का होना चाहिए कि विकृति चरम प्रत्यास्थता से अधिक हो। विस्थापन के लिये आवश्यक इस न्यूनतम बल के परिमाण को चरम घर्षणबल कहते हैं। चरम घर्षणबल (Fa) तथा दोनो सतहों के बीच अभिलंबी दाब (P) में निम्नलिखि संबंध होता है: Fa = b1 P जबकि (b1) स्थैतिक धर्षणस्थिरांक कहलाता है। इसका मान पदार्थपिंड को सतह पर रखकर सतह पर रखकर सतह का न्यूनतम झुकाव कोण (q), जिसपर पदार...