भारत चीन सम्बन्ध इन हिंदी

  1. भारत चीन सम्बन्ध: युद्ध, विवाद, व्यापार, ऐतिहासिक, वर्तमान स्थिति


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Indo-China Relation: Why Are India-China Relations Not Improving Despite Increasing Trade, Tension On The Border Will Affect Relations, Know History Of'Hindi-Chini Bhai-Bhai' | India China Relation: बढ़ते व्यापार के बावजूद क्यों नहीं सुधर रहे भारत-चीन के रिश्ते? सीमा पर तनातनी से संबंधों पर पड़ेगा असर, जानें 'हिंदी चीनी भाई-भाई' का इतिहास India China Relation: बढ़ते व्यापार के बावजूद क्यों नहीं सुधर रहे भारत-चीन के रिश्ते? सीमा पर तनातनी से संबंधों पर पड़ेगा असर, जानें 'हिंदी चीनी भाई-भाई' का इतिहास Indo China Tawang: भारत-चीन संबंधों के नजरिए से तवांग की घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. राजनयिक संबंध जुड़ने के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी के लिए हमेशा ही चीन जिम्मेदार रहा है. India China Relation:हाल के कुछ वर्षों में भारत-चीन (India-China) के संबंध सबसे बुरे दौर में पहुंच चुका है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang) में चीन की सैनिकों ने जो उकसावे वाली कार्रवाई की है, उस पर भारत में तो संसद से सड़क तक चर्चा हो ही रही है. अंतर्राष्ट्रीय नजरिए से भी ये मुद्दा बहुत बड़ा बन गया है. अमेरिका के साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों में भारत और चीन दोनों की गिनती होती है. चाहे अर्थव्यवस्था हो या फिर जनसंख्या के लिहाज से बाज़ार का गणित, इन दोनों देशों की ताकत जगजाहिर है. ऐसे में इन दोनों देशों के बीच किसी भी तनाव का असर दुनिया के बाकी देशों के अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है. यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) से लेकर अमेरिका (USA) तक ने अपने बयान जारी किए हैं. सीमा पर तनाव कम करने ...

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भारत - चीन‌ सम्बन्ध ( 中印关系; 中印關係; Zhōngyìn guānxì; च्रुङ्ग्¹यिन्² क्वाङ्¹शी² ); दो पड़ोसी एवं विश्व की दो इन दोनों में प्रचीन काल से ही सांस्कृतिक तथा आर्थिक सम्बन्ध रहे हैं। भारत से यद्यपि 1946 में चीन के वर्ष 1954 के जून माह में चीन, भारत व परन्तु चीन नें मैत्री सम्बन्धों को ताख पर रख कर 1962 में भारत पर पाकिस्तान ने भारत के शत्रु की हैसियत से चीन को 70 के दशक के मध्य तक भारत और चीन के सम्बन्ध शीत काल से निकल कर फिर एक बार घनिष्ठ हुए। जनवरी 1980 से चीन ने कुछ नरमी प्रदर्शित की जिसके फलस्वरूप भारत-चीन सम्बन्धों में सुधार की आशा व्यक्त की गई। सन् 1998 में दोनों देशों के मध्य पुनः तनाव पैदा हो गया। भारत ने 11 से 13 मई 1998 के मध्य पाँच अप्रैल 1996 में साझे कार्यसमूह की बीजिंग में 11वीं बैठक हुई जिसमें दोनों देशों में विकास के नये पहलुओं पर जोरदार चर्चा हुई। एक बार पुनः दोनो देशों के मध्य सम्बन्धों में सुधार के आसार दिखने लगे। जून 1996 में भारतीय विदेश मन्त्री जसवन्त सिहं ने चीन की यात्रा पर वहाँ के नेताओं से उच्चस्तरीय वार्तालाप की दोनो देशों के मध्य परस्पर आर्थिक, सामाजिक एवं सास्कृतिक सहयोग विकसित करने की दिशा में आगे कदम उठाने का निर्णय लिया गया, भारत-चीन के व्यापार को 2 अरब डॉलर से अधिक बढ़ाने व साझे कार्यसमूह की गतिविधियों में वृद्धि के लिए भी निर्णय लिया गया। कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए फरवरी 2000 में भारत ने चीन की डब्लू टी०ओ० सदस्यता प्राप्त करने के लिए सर्मथन किया था। मार्च 2000 में भारत एवं चीन के मध्य वीजिंग में सुरक्षा वार्तालाप का पहला दौर प्रारम्भ हुआ जो सचिव-स्तरीय था। सुरक्षा वार्तालाप दो दिनों तक चला। इस कार्यक्रम में चीन ने भारत को सी०टी...

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नई दिल्‍ली. भारत (India) ने चीन (China) से गोलपोस्ट न बदलने और सीमा मामलों के प्रबंधन (Border Management) में भ्रम पैदा न करने व सीमा के सवाल को हल करने के बड़े मुद्दे के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने को कहा है. पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए गतिरोध के बाद भारत लगातार कहता रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में शांति दोनों देशों के संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है. भारत ने सीमा संबंधी बातचीत में बाधा डालने के लिए मुद्दों को उलझाने का भी आरोप लगाया है. चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने 23 सितंबर को चीन-भारत संबंधों पर चौथे उच्च स्तरीय ट्रैक-2 संवाद में कहा कि पड़ोसी होने के अलावा भारत और चीन बड़ी और उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं और मतभेद व समस्याएं होना असामान्य नहीं है. मिसरी ने कहा, ‘महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इनसे कैसे निपटा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हमारी सीमाओं पर शांति बनाए रखने के लिए नतीजे तार्किकता, परिपक्वता और सम्मान पर आधारित हो.’ मिसरी के अलावा भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोन्ग ने भी बैठक में भाग लिया. पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिए दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच कई दौर की बैठकों समेत पिछले साल से लेकर अब तक दोनों देशों द्वारा किए गए ‘बहुआयामी संवाद’ का जिक्र करते हुए मिसरी ने कहा, इन बैठकों से जमीनी तौर पर अच्छी-खासी प्रगति हुई. उन्होंने कहा, ‘पिछले साल जुलाई में गलवान घाटी में सेना हटाने के बाद से दोनों पक्ष फरवरी 2021 में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिण किनारों तथा हाल में अगस्त 2021 में गोगरा से सेना हटा पाए.’ उन्होंने कहा, ‘बाकी के स्थानों के स...

भारत चीन सम्बन्ध: युद्ध, विवाद, व्यापार, ऐतिहासिक, वर्तमान स्थिति

भारतऔर जहाँदोनोंदेशविकासकेछेत्रमेंआगेनिकलनेकेलिएअग्रसितहैं, वहीँअन्यकईमामलोंमेंदोनोंकेपक्षसामानऔरअसमानभीहैं।दोनोंदेशोंकेबीचसीमाविवादसदियोंसेचलाआरहाहै।इसकेअलावादोनोंदेशएशियाकीसबसेबड़ीशक्तिबननेकाभीसपनादेखरहेहैं। चीनवनबेल्टवनरोडजैसीबड़ीयोजनाओंकेदमपरअपनादम-खमदिखारहाहै, वहीँभारत इतिहास भारतऔरचीनकेबीचव्यापारिकऔरराजनीतिकसंबंधप्राचीनकालसेरहेहै।वर्ष 1949 मेंचीनकीस्थापनाकेअगलेवर्षभारतनेचीनकेसाथराजनयिकसंबंधस्थापितकिएऔर 1950 केदशकमेंचीनऔरभारतकेसंबंधइतिहासकेसबसेअच्छेदौरमेंथे।दोनोंदेशकेनेताओंनेएकदूसरेकेयहांअनेकदौरेकिएऔरदोनोंदेशोंकेबीचघनिष्ठराजनीतिकसंबंधभीथे। लेकिन 1960 केदशकमेंचीनवभारतकेसंबंधशीतकालकेदौरमेंप्रवेशकरगए।यहशीतकाल, ऐतिहासिकविचारधाराकीलड़ाईमेंबडीलहरकीतरहभारतऔरचीनकेसंबंधोंकोप्रभावितकरतारहा। 1954 मेंभारतकेप्रधानमंत्रीजवाहरलालनेहरूतथातत्कालीनचीनकेप्रधानमंत्रीचाऊएनलाईद्वारासह-अस्तित्वकेलिएप्रतिपादितपंचशीलसिद्धांतदोनोंदेशोंकेबीचसहयोगसम्मानहेतुस्थापितकियागया।पंचशीलकेपांचसिद्धांतोंमेंएकदूसरेकीअखंडता, संप्रभुताकासम्मान, आक्रमण, शांतिपूर्णसह-अस्तित्वऔरएकदूसरेकेआंतरिकमामलोंमेंहस्तक्षेपनाकरनाशामिलथा। इसीबीचचीननेंतिब्बतपरकब्ज़ाकरलियाऔरतिब्बतकेधर्मगुरुदलाईलामानेंभारतमेंशरणलेली।भारतनेंभीदलाईलामाकास्वागतकिया।चीनकोयहबातपसंदनहींआई।इसकेअलावाइसीसमयभारतचीनसीमापरभीसीमाविवादकोलेकरकईझडपेहुई। पंचशीलसिद्धांतकोदरकिनारकरतेहुएचीनने 1962 केयुद्धकेदौरानपूर्वीक्षेत्रोंकेएकबड़ेभूभागपरकब्जाकरलिया।हालाँकियुद्धविरामकेबादवहपहलेवालीस्थितिपरतोचलागयालेकिनउसनेप्रदेशमेंलगभग 90,000 वर्गकिलोमीटरकीसंपूर्णक्षेत्रपरअपनेदावेकीगुहारलगाई। भारतचीनयुद्धकेबाददोनोंदेशोंकेरिश्तेकाफीसमयकेलिएखट्टेहोगएथे। व्यापार भारतचीनव्यापारकेक्षेत्...