भारत का वीर पुत्र-महाराणा प्रताप

  1. Bharat Ka Veer Putra
  2. महारणा प्रताप की जीवनी
  3. भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह
  4. Bharat Ka Veer Putra
  5. महारणा प्रताप की जीवनी
  6. भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह
  7. Bharat Ka Veer Putra
  8. भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह
  9. महारणा प्रताप की जीवनी


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Bharat Ka Veer Putra

From a young age prince Pratap is a true patriot who, like his ancestors, is a great warrior and treats his land as his mother. He follows the principles and sayings of his mother Jaivantaba... From a young age prince Pratap is a true patriot who, like his ancestors, is a great warrior and treats his land as his mother. He follows the principles and sayings of his mother Jaivantabai and his Guru Raghavendra. From a young age prince Pratap is a true patriot who, like his ancestors, is a great warrior and treats his land as his mother. He follows the principles and sayings of his mother Jaivantabai and his Guru Raghavendra.

महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...

भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह

भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह शॉर्टकट: भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच अंतर भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप vs. शक्ति सिंह भारत का वीर पुत्र - महाराणा प्रताप एक सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला एक धारावाहिक है। यह २७ मई २०१३ से १० दिसम्बर २०१५ तक प्रसारित हो रहा था। इसे अभिमन्यु राज सिंह ने निर्देशित किया है। यह धारावाहिक १६वीं शताब्दी के मेवाड़ के राजपूत शासक, महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित एक भारतीय ऐतिहासिक नाटक है। यह ऐतिहासिक धारावाहिक १० दिसम्बर २०१५ को रात १० बजे अंतिम बार चला अर्थात अब यह पूरा हो चूका है इसके अंत में महाराणा प्रताप की बीमारी की वजह से मृत्यु हो जाती है। . शक्ति सिंह सिसोदिया, जिन्हें शक्ति तथा सगत नामों से भी जाना जाता था, राणा उदय सिंह द्वितीय तथा रानी सज्जा बाई सोलंकिनी के पुत्र तथा महाराणा प्रताप के छोटे भाई थे। अपने पिता से शत्रुतापूर्ण सम्बन्धों के कारण उन्होंने मुग़ल शासक अकबर के पाले में चले गये तथा बाद में उन्हें "मीर" की उपाधि प्रदान की गयी। १५६७ ईस्वी में धौलपुर से भाग गये जब अकबर ने वहाँ पड़ाव डाला था। उन्होंने अकबर की चित्तौड़ पर आधिपत्य जमाने की योजना अपने पिता को बता दी जिससे अकबर बहुत नाराज हो गया। हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान वे अपने भाई महाराणा प्रताप के पक्ष में आ गये। उनके वंशज शक्तवत नाम से जाने जाते हैं। . भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच समानता भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): महाराणा प्रताप सिंह (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत १५९७ तदानुसार ९ मई १५४०–१९ जनवरी १५९७) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राज...

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महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...

भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह

भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह शॉर्टकट: भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच अंतर भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप vs. शक्ति सिंह भारत का वीर पुत्र - महाराणा प्रताप एक सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला एक धारावाहिक है। यह २७ मई २०१३ से १० दिसम्बर २०१५ तक प्रसारित हो रहा था। इसे अभिमन्यु राज सिंह ने निर्देशित किया है। यह धारावाहिक १६वीं शताब्दी के मेवाड़ के राजपूत शासक, महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित एक भारतीय ऐतिहासिक नाटक है। यह ऐतिहासिक धारावाहिक १० दिसम्बर २०१५ को रात १० बजे अंतिम बार चला अर्थात अब यह पूरा हो चूका है इसके अंत में महाराणा प्रताप की बीमारी की वजह से मृत्यु हो जाती है। . शक्ति सिंह सिसोदिया, जिन्हें शक्ति तथा सगत नामों से भी जाना जाता था, राणा उदय सिंह द्वितीय तथा रानी सज्जा बाई सोलंकिनी के पुत्र तथा महाराणा प्रताप के छोटे भाई थे। अपने पिता से शत्रुतापूर्ण सम्बन्धों के कारण उन्होंने मुग़ल शासक अकबर के पाले में चले गये तथा बाद में उन्हें "मीर" की उपाधि प्रदान की गयी। १५६७ ईस्वी में धौलपुर से भाग गये जब अकबर ने वहाँ पड़ाव डाला था। उन्होंने अकबर की चित्तौड़ पर आधिपत्य जमाने की योजना अपने पिता को बता दी जिससे अकबर बहुत नाराज हो गया। हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान वे अपने भाई महाराणा प्रताप के पक्ष में आ गये। उनके वंशज शक्तवत नाम से जाने जाते हैं। . भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच समानता भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): महाराणा प्रताप सिंह (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत १५९७ तदानुसार ९ मई १५४०–१९ जनवरी १५९७) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राज...

Bharat Ka Veer Putra

From a young age prince Pratap is a true patriot who, like his ancestors, is a great warrior and treats his land as his mother. He follows the principles and sayings of his mother Jaivantaba... From a young age prince Pratap is a true patriot who, like his ancestors, is a great warrior and treats his land as his mother. He follows the principles and sayings of his mother Jaivantabai and his Guru Raghavendra. From a young age prince Pratap is a true patriot who, like his ancestors, is a great warrior and treats his land as his mother. He follows the principles and sayings of his mother Jaivantabai and his Guru Raghavendra.

भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह

भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह शॉर्टकट: भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच अंतर भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप vs. शक्ति सिंह भारत का वीर पुत्र - महाराणा प्रताप एक सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला एक धारावाहिक है। यह २७ मई २०१३ से १० दिसम्बर २०१५ तक प्रसारित हो रहा था। इसे अभिमन्यु राज सिंह ने निर्देशित किया है। यह धारावाहिक १६वीं शताब्दी के मेवाड़ के राजपूत शासक, महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित एक भारतीय ऐतिहासिक नाटक है। यह ऐतिहासिक धारावाहिक १० दिसम्बर २०१५ को रात १० बजे अंतिम बार चला अर्थात अब यह पूरा हो चूका है इसके अंत में महाराणा प्रताप की बीमारी की वजह से मृत्यु हो जाती है। . शक्ति सिंह सिसोदिया, जिन्हें शक्ति तथा सगत नामों से भी जाना जाता था, राणा उदय सिंह द्वितीय तथा रानी सज्जा बाई सोलंकिनी के पुत्र तथा महाराणा प्रताप के छोटे भाई थे। अपने पिता से शत्रुतापूर्ण सम्बन्धों के कारण उन्होंने मुग़ल शासक अकबर के पाले में चले गये तथा बाद में उन्हें "मीर" की उपाधि प्रदान की गयी। १५६७ ईस्वी में धौलपुर से भाग गये जब अकबर ने वहाँ पड़ाव डाला था। उन्होंने अकबर की चित्तौड़ पर आधिपत्य जमाने की योजना अपने पिता को बता दी जिससे अकबर बहुत नाराज हो गया। हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान वे अपने भाई महाराणा प्रताप के पक्ष में आ गये। उनके वंशज शक्तवत नाम से जाने जाते हैं। . भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच समानता भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): महाराणा प्रताप सिंह (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत १५९७ तदानुसार ९ मई १५४०–१९ जनवरी १५९७) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राज...

महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...