भारत की सबसे लंबी सुरंग

  1. Indias Big Tunnel ये हैं भारत की 7 बड़ी सड़क सुरंगे देती हैं सुहाने सफर की गारंटी
  2. भारत की सबसे लंबी सुरंग कौनसी है?
  3. Local Kashmiris Playing An Important Role In Indias Longest Tunnel Zojila Project
  4. भारत की सबसे लंबी सुरंग
  5. Local Kashmiris Playing An Important Role In Indias Longest Tunnel Zojila Project
  6. Indias Big Tunnel ये हैं भारत की 7 बड़ी सड़क सुरंगे देती हैं सुहाने सफर की गारंटी
  7. भारत की सबसे लंबी सुरंग कौनसी है?
  8. भारत की सबसे लंबी सुरंग
  9. Indias Big Tunnel ये हैं भारत की 7 बड़ी सड़क सुरंगे देती हैं सुहाने सफर की गारंटी
  10. भारत की सबसे लंबी सुरंग


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Indias Big Tunnel ये हैं भारत की 7 बड़ी सड़क सुरंगे देती हैं सुहाने सफर की गारंटी

भोपाल, मध्य प्रदेश। रीवा-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोहनिया घाटी में एक हजार चार करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई 2.82 किलोमीटर लंबी सुरंग का लोकार्पण शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस सुरंग के बनने से रीवा और सीधी के बीच की दूरी सात किलोमीटर तक घट जाएगी। इस दौरान दो हजार 443 करोड़ रुपये की लागत की सात सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी होगा। इन मार्गों की लंबाई 204.81 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी में होने वाले मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के कार्यक्रम और सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने सीधी, सिंगरौली, सतना और रीवा के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सभी पंचायतों में कार्यक्रम हों और हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए जाएं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 18 दिसंबर 2018 से सड़क सुरंग बनाने का काम प्रारंभ हुआ था। इसे मार्च 2023 में पूरा होना था लेकिन यह पहले ही पूरा कर लिया गया है। छह लेन मार्ग को आपस में सात स्थानों पर जुड़ने के लिए अंडर पास दिए गए है ताकि कोई वाहन बीच से लौटना चाहते तो सरलता से लौट सकता है। सुरंग के साथ घाटी से लेकर चुरहट तक 15.7 किलोमीटर की फोरलेन बायपास सड़क का भी निर्माण किया गया है। ये हैं भारत की सबसे लंबी सुरंगे चेनानी नशरी सुरंग जम्मू कश्मीर के उधमपुर में चेनानी कस्बे को रामबन जिले के नशरी कस्बे से जोड़ती है। यह पटनीटॉप इलाके में पड़ती है। जम्मू—कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवालिक की पहाड़ियों पर बनी है। बता दें कि इस सुरंग की लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है। इस सुरंग के ...

भारत की सबसे लंबी सुरंग कौनसी है?

भारत की सबसे लंबी सुरंग भारत हमेशा से नई नई उपलब्धी हासिल करने वाला देश रहा है. चाहे वह किसी बी क्षेत्र में हो भारत हमेशा से अव्वल रहा है.देश में बहुत सारी सुरंगें है लेकिन कुछ ऐसी सुरंगें है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है. रेल और सड़क सुरंग के बाद भारत अब हवा में भी सुरंग बनाने की और बढ़ रहा है. जिसे हाइपरलूप कहते है. क्या आपको पता है भारत की सबसे लंबी सुरंग कौन सी है.आज हम इसी सवाल का जबाव आपके सामने लेकर आएं हैं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग (चेनानी सुरंग) देश की जनता एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए सड़क का उपयोग बहुत करती है. वहीं पहाडी ईलाकों में यातायात को सुगम बनाने के लिए पहाडो के बीच में सुरंग का निर्माण किया जाता है.जिससे लोगों के समय की बचत हो. आपकों बता दें कि भारत की सबसे लंबी सुरंग चेनानी-नाशरी सुरंग है जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि॰मी॰ है. आपको बता दे कि इस सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग रखा गया है. ‘चेनानी-नाशरी हाईवे टनल’ न केवल भारत की सबसे लंबी हाईवे टनल है, बल्कि एशिया की सबसे लंबी बाय-डायरेक्शनल हाईवे टनल भी है. और पढ़े: श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग (चेनानी सुरंग) भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर स्थित एक सड़क सुरंग है. इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ था. जिसके बाद इसका उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया. इस सुरंग को बनाने में मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ आई थी. लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ खर्च हुये. इस सुरंग का मुख्य व्यास 13 मीटर का है, जबकि सुरंग का समानांतर निकासी व्यास 6 मीटर का है. इस सुरंग में 29 स्थानों प...

Local Kashmiris Playing An Important Role In Indias Longest Tunnel Zojila Project

भारत की सबसे लंबी सुरंग जोजिला प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहे स्थानीय कश्मीरी 2024 तक रक्षा उपयोग के लिए सुरंग के खुलने की उम्मीद है. इसके बाद दर्रे को पार करने में केवल 30 मिनट का समय लगेगा, जिसमें अभी तीन घंटे लगते हैं. इतना ही नहीं, पूरा होने के बाद 4,500 करोड़ रुपये की परियोजना भारत में सबसे लंबी सड़क सुरंग बन जाएगी. श्रीनगर: लद्दाख क्षेत्र को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले जोजिला सुरंग का रणनीतिक काम कश्मीर के सैकड़ों स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है. परियोजना को क्रियान्वित करने वाली हैदराबाद की कंपनी मेगा इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एमईआईएल) का कहना है कि स्थानीय मजदूरों और इंजीनियरों द्वारा सुरंग खोदने में विशेषज्ञता उन्हें निर्धारित समय से पहले अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही है. 13 किलोमीटर लंबी सुरंग पर काम करने वाले 1000 लोगों में से 900 लोग जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. बांदीपोरा के बाबा लतीफ ने कहा, "मैंने कड़ी मेहनत और लगन से सीखा है. हाइड्रोलिक रिग जैसी ऑपरेटिंग मशीन मेरे लिए बहुत आसान है, मुश्किल काम नहीं है. जब मैं सुरंग के बीच में ड्रिल करता हूं तो कोई डर नहीं होता." श्रमिकों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में रेलवे, सड़क और बिजली की प्रमुख परियोजनाओं में काम करने के बाद उनके पास अनुभव है. सुरंग में पाइपिंग सिस्टम लगाने वाले अनंतनाग के सरताज अहमद ने कहा, "हमारे पास टनलिंग परियोजनाओं में विशेषज्ञता है. मैं पाइपिंग, मोटर उपयोग आदि को संभाल सकता हूं. यह चौथी ऐसी परियोजना है, जिसमें मैं काम कर रहा हूं." 200 इंजीनियरों में से आधे से ज्यादा स्थानीय भी हैं. वहीं भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ मेराजुदीन ने कहा, "हम तीन ...

भारत की सबसे लंबी सुरंग

चेनानी-नाशरी सुरंग जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग १ए ) पर स्थित एक सड़क सुरंग है। इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया। यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि॰मी॰ (30,446.2 फीट) है।[1] सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ (यूएस 367.92 मिलियन) थी लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ (यूएस 543.12 मिलियन) खर्च हुये।[2] मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं।[3] यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है। सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी 30.11 कि॰मी॰ (98,786.1 फीट) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी। पत्नीटॉप पर सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बाधा उत्पन्न होती थी तथा प्रत्येक शीतकाल में कई बार वाहनों की लम्बी कतार के कारण भी बाधा उत्पन्न होती थी - कई बार कई दिनों तक कतार में रहना पड़ता था। सुरंग पत्नीटॉप, कुद और बटोत को उपमार्गों से जोड़ती है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्दियों में ट्रैफ़िक जाम की समस्या को कम किया है।

Local Kashmiris Playing An Important Role In Indias Longest Tunnel Zojila Project

भारत की सबसे लंबी सुरंग जोजिला प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहे स्थानीय कश्मीरी 2024 तक रक्षा उपयोग के लिए सुरंग के खुलने की उम्मीद है. इसके बाद दर्रे को पार करने में केवल 30 मिनट का समय लगेगा, जिसमें अभी तीन घंटे लगते हैं. इतना ही नहीं, पूरा होने के बाद 4,500 करोड़ रुपये की परियोजना भारत में सबसे लंबी सड़क सुरंग बन जाएगी. श्रीनगर: लद्दाख क्षेत्र को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले जोजिला सुरंग का रणनीतिक काम कश्मीर के सैकड़ों स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है. परियोजना को क्रियान्वित करने वाली हैदराबाद की कंपनी मेगा इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एमईआईएल) का कहना है कि स्थानीय मजदूरों और इंजीनियरों द्वारा सुरंग खोदने में विशेषज्ञता उन्हें निर्धारित समय से पहले अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही है. 13 किलोमीटर लंबी सुरंग पर काम करने वाले 1000 लोगों में से 900 लोग जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. बांदीपोरा के बाबा लतीफ ने कहा, "मैंने कड़ी मेहनत और लगन से सीखा है. हाइड्रोलिक रिग जैसी ऑपरेटिंग मशीन मेरे लिए बहुत आसान है, मुश्किल काम नहीं है. जब मैं सुरंग के बीच में ड्रिल करता हूं तो कोई डर नहीं होता." श्रमिकों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में रेलवे, सड़क और बिजली की प्रमुख परियोजनाओं में काम करने के बाद उनके पास अनुभव है. सुरंग में पाइपिंग सिस्टम लगाने वाले अनंतनाग के सरताज अहमद ने कहा, "हमारे पास टनलिंग परियोजनाओं में विशेषज्ञता है. मैं पाइपिंग, मोटर उपयोग आदि को संभाल सकता हूं. यह चौथी ऐसी परियोजना है, जिसमें मैं काम कर रहा हूं." 200 इंजीनियरों में से आधे से ज्यादा स्थानीय भी हैं. वहीं भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ मेराजुदीन ने कहा, "हम तीन ...

Indias Big Tunnel ये हैं भारत की 7 बड़ी सड़क सुरंगे देती हैं सुहाने सफर की गारंटी

भोपाल, मध्य प्रदेश। रीवा-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोहनिया घाटी में एक हजार चार करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई 2.82 किलोमीटर लंबी सुरंग का लोकार्पण शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस सुरंग के बनने से रीवा और सीधी के बीच की दूरी सात किलोमीटर तक घट जाएगी। इस दौरान दो हजार 443 करोड़ रुपये की लागत की सात सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी होगा। इन मार्गों की लंबाई 204.81 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी में होने वाले मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के कार्यक्रम और सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने सीधी, सिंगरौली, सतना और रीवा के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सभी पंचायतों में कार्यक्रम हों और हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए जाएं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 18 दिसंबर 2018 से सड़क सुरंग बनाने का काम प्रारंभ हुआ था। इसे मार्च 2023 में पूरा होना था लेकिन यह पहले ही पूरा कर लिया गया है। छह लेन मार्ग को आपस में सात स्थानों पर जुड़ने के लिए अंडर पास दिए गए है ताकि कोई वाहन बीच से लौटना चाहते तो सरलता से लौट सकता है। सुरंग के साथ घाटी से लेकर चुरहट तक 15.7 किलोमीटर की फोरलेन बायपास सड़क का भी निर्माण किया गया है। ये हैं भारत की सबसे लंबी सुरंगे चेनानी नशरी सुरंग जम्मू कश्मीर के उधमपुर में चेनानी कस्बे को रामबन जिले के नशरी कस्बे से जोड़ती है। यह पटनीटॉप इलाके में पड़ती है। जम्मू—कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवालिक की पहाड़ियों पर बनी है। बता दें कि इस सुरंग की लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है। इस सुरंग के ...

भारत की सबसे लंबी सुरंग कौनसी है?

भारत की सबसे लंबी सुरंग भारत हमेशा से नई नई उपलब्धी हासिल करने वाला देश रहा है. चाहे वह किसी बी क्षेत्र में हो भारत हमेशा से अव्वल रहा है.देश में बहुत सारी सुरंगें है लेकिन कुछ ऐसी सुरंगें है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है. रेल और सड़क सुरंग के बाद भारत अब हवा में भी सुरंग बनाने की और बढ़ रहा है. जिसे हाइपरलूप कहते है. क्या आपको पता है भारत की सबसे लंबी सुरंग कौन सी है.आज हम इसी सवाल का जबाव आपके सामने लेकर आएं हैं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग (चेनानी सुरंग) देश की जनता एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए सड़क का उपयोग बहुत करती है. वहीं पहाडी ईलाकों में यातायात को सुगम बनाने के लिए पहाडो के बीच में सुरंग का निर्माण किया जाता है.जिससे लोगों के समय की बचत हो. आपकों बता दें कि भारत की सबसे लंबी सुरंग चेनानी-नाशरी सुरंग है जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि॰मी॰ है. आपको बता दे कि इस सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग रखा गया है. ‘चेनानी-नाशरी हाईवे टनल’ न केवल भारत की सबसे लंबी हाईवे टनल है, बल्कि एशिया की सबसे लंबी बाय-डायरेक्शनल हाईवे टनल भी है. और पढ़े: श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग (चेनानी सुरंग) भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर स्थित एक सड़क सुरंग है. इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ था. जिसके बाद इसका उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया. इस सुरंग को बनाने में मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ आई थी. लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ खर्च हुये. इस सुरंग का मुख्य व्यास 13 मीटर का है, जबकि सुरंग का समानांतर निकासी व्यास 6 मीटर का है. इस सुरंग में 29 स्थानों प...

भारत की सबसे लंबी सुरंग

चेनानी-नाशरी सुरंग जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग १ए ) पर स्थित एक सड़क सुरंग है। इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया। यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि॰मी॰ (30,446.2 फीट) है।[1] सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ (यूएस 367.92 मिलियन) थी लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ (यूएस 543.12 मिलियन) खर्च हुये।[2] मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं।[3] यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है। सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी 30.11 कि॰मी॰ (98,786.1 फीट) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी। पत्नीटॉप पर सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बाधा उत्पन्न होती थी तथा प्रत्येक शीतकाल में कई बार वाहनों की लम्बी कतार के कारण भी बाधा उत्पन्न होती थी - कई बार कई दिनों तक कतार में रहना पड़ता था। सुरंग पत्नीटॉप, कुद और बटोत को उपमार्गों से जोड़ती है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्दियों में ट्रैफ़िक जाम की समस्या को कम किया है।

Indias Big Tunnel ये हैं भारत की 7 बड़ी सड़क सुरंगे देती हैं सुहाने सफर की गारंटी

भोपाल, मध्य प्रदेश। रीवा-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोहनिया घाटी में एक हजार चार करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई 2.82 किलोमीटर लंबी सुरंग का लोकार्पण शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस सुरंग के बनने से रीवा और सीधी के बीच की दूरी सात किलोमीटर तक घट जाएगी। इस दौरान दो हजार 443 करोड़ रुपये की लागत की सात सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी होगा। इन मार्गों की लंबाई 204.81 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी में होने वाले मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के कार्यक्रम और सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने सीधी, सिंगरौली, सतना और रीवा के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सभी पंचायतों में कार्यक्रम हों और हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए जाएं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 18 दिसंबर 2018 से सड़क सुरंग बनाने का काम प्रारंभ हुआ था। इसे मार्च 2023 में पूरा होना था लेकिन यह पहले ही पूरा कर लिया गया है। छह लेन मार्ग को आपस में सात स्थानों पर जुड़ने के लिए अंडर पास दिए गए है ताकि कोई वाहन बीच से लौटना चाहते तो सरलता से लौट सकता है। सुरंग के साथ घाटी से लेकर चुरहट तक 15.7 किलोमीटर की फोरलेन बायपास सड़क का भी निर्माण किया गया है। ये हैं भारत की सबसे लंबी सुरंगे चेनानी नशरी सुरंग जम्मू कश्मीर के उधमपुर में चेनानी कस्बे को रामबन जिले के नशरी कस्बे से जोड़ती है। यह पटनीटॉप इलाके में पड़ती है। जम्मू—कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवालिक की पहाड़ियों पर बनी है। बता दें कि इस सुरंग की लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है। इस सुरंग के ...

भारत की सबसे लंबी सुरंग

चेनानी-नाशरी सुरंग जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग १ए ) पर स्थित एक सड़क सुरंग है। इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया। यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि॰मी॰ (30,446.2 फीट) है।[1] सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ (यूएस 367.92 मिलियन) थी लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ (यूएस 543.12 मिलियन) खर्च हुये।[2] मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं।[3] यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है। सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी 30.11 कि॰मी॰ (98,786.1 फीट) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी। पत्नीटॉप पर सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बाधा उत्पन्न होती थी तथा प्रत्येक शीतकाल में कई बार वाहनों की लम्बी कतार के कारण भी बाधा उत्पन्न होती थी - कई बार कई दिनों तक कतार में रहना पड़ता था। सुरंग पत्नीटॉप, कुद और बटोत को उपमार्गों से जोड़ती है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्दियों में ट्रैफ़िक जाम की समस्या को कम किया है।