भारत में लौह अयस्क के वितरण का विवरण दीजिए

  1. भारत में खनिज संसाधन
  2. 07: खनिज तथा ऊर्जा संसाधन / Bharat Log aur Arthvyavstha (Bhugol)
  3. Class 10 Social science Chapter 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन ncert notes
  4. भारत में लौह
  5. भारत में लौह


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भारत में खनिज संसाधन

भारत में खनिज संसाधन पर्याप्त रूप से समृद्ध और व्यापक हैं जो भारत में औद्योगिक केंद्रों को एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। इन संसाधनों का सर्वेक्षण भारतीय खनन मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यह मंत्रालय भारत में औद्योगिक खनन के विभिन्न पहलुओं की देखभाल करता है और खनिज संसाधनों के उपयोग के तरीके का भी ध्यान रखता है। यह मंत्रालय प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और परमाणु खनिजों से संबंधित कोई गतिविधि नहीं करता है। भारत में खनिज संसाधनों के प्रकार भारत में खनिज संसाधनों को कई समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है। भारत में लगभग 88 खनिजों का उत्पादन किया जाता है, जिनमें से 26 धातु और गैर-धातु खनिज संयुक्त हैं, 55 लघु खनिज हैं, 4 ईंधन खनिज हैं और 3 परमाणु खनिज हैं। धात्विक खनिज संसाधन धात्विक खनिज संसाधनों को कच्ची अवस्था में पृथ्वी से निकाला जाता है और इस अवस्था में उन्हें खनिज अयस्क कहा जाता है। आमतौर पर अन्य खनिजों के साथ रासायनिक संयोजन में यौगिकों के रूप में धातुएं मौजूद होती हैं। इनमें से कुछ ही खनिज शुद्ध अवस्था में होते हैं। भारत में पाए जाने वाले धात्विक खनिज लौह अयस्क, तांबा, मैंगनीज अयस्क, सीसा, जस्ता, टिन, बॉक्साइट, क्रोमाइट, चांदी और सोना हैं। गैर-धातु खनिज संसाधन गैर-धातु खनिज संसाधनों में धातु नहीं होती है और इनका उपयोग गैर-धातुओं जैसे कि सल्फर, फॉस्फोरस, कार्बोनेट आदि के निष्कर्षण के लिए किया जाता है। चूना पत्थर, सुरमा, अभ्रक और जिप्सम लवण कुछ महत्वपूर्ण गैर हैं। ईंधन खनिज संसाधन ईंधन खनिज संसाधन हाइड्रोकार्बन युक्त प्राकृतिक संसाधन हैं जो पूरी तरह से जैविक स्रोतों से प्राप्त नहीं होते हैं। भारत में उत्पादित ईंधन खनिज संसाधन कोयला, लिग्नाइट, प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम हैं।...

07: खनिज तथा ऊर्जा संसाधन / Bharat Log aur Arthvyavstha (Bhugol)

भारत, अपनी विविधतापूर्ण भूगर्भिक संरचना के कारण विविध प्रकार के खनिज संसाधनों से संपन्न है। भारी मात्रा में बहुमूल्य खनिज पूर्व-पुराजीवी काल या प्रीपैलाइजोइक एेज में उद्भीत हैं। (संदर्भ–अध्याय-2 कक्षा 11 पाठ्य पुस्तक– ‘भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत’) और मुख्यतः प्रायद्वीपीय भारत की आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों से संबद्ध हैं। उत्तर भारत के विशाल जलोढ़ मैदानी भूभाग आर्थिक उपयोग के खनिजों से विहीन हैं। किसी भी देश के खनिज संसाधन औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आधार प्रदान करते हैं। इस अध्याय में, हम देश में विभिन्न प्रकार के खनिजों एवं ऊर्जा के संसाधनों की उपलब्धता के बारे में चर्चा करेंगे। एक खनिज निश्चित रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों (विशिष्टताओं) के साथ कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति का एक प्राकृतिक पदार्थ है। खनिज संसाधनों के प्रकार रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधा र पर खनिजों को दो प्रमुख श्रेणियों– धात्विक (धातु) और अधात्विक (अधातु) मे ं समूहित किया जा सकता है; जोकि निम्न प्रकार से भी वर्गीकृत किए जा सकते हैं– जैसा कि उपर्युक्त आरेख से स्पष्ट है, धातु के स्रोत धात्विक खनिज हैं। लौह अयस् क, ताँबा एवं सोना (स्वर्ण) आदि से धातु उपलब्ध होते है और इ न्हें धात्विक खनिज श्रेणी में रखा गया है। धात्वि क खनिजों को लौह एवं अलौह धात्विक श्रेणी में भी बाँटा गया है। लौह, जैसा कि आप जानते हैं, लोहा है। वे सभी प्रकार के खनिज, जिनमें लौह अंश समाहित होता है जैसे कि लौह अयस्क वे लौह धात्विक होते हैं औ र जिन्हें लौह अंश नहीं होता है, वे अलौह धात्विक खनिज में आते हैं जैसे कि ताँबा, बॉक्साइट आदि। अधात ्विक खनिज या तो कार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं जैसे कि जीवाश् म ईंधन, जिन्हें खनिज ईंधन के नाम ...

Class 10 Social science Chapter 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन ncert notes

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट www.Bandana classes.com पर । आज की पोस्ट में हम आपको "कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान भूगोल अध्याय- 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन ncert notes " के बारे में बताएंगे तो इस पोस्ट को आप लोग पूरा पढ़िए। अ ध्याय- 5 खनिज तथा संसाधन बहुविकल्पीय प्रश्न- 1. मध्य प्रदेश किस खनिज के उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान रखता है? (क) लोहा (ख) अभ्रक (ग) सोना (घ) हीरा उत्तर- (घ) हीरा 2. मैंगजीन का उत्पादन किस राज्य में सबसे अधिक होता है? (क)कर्नाटक (ख)मध्य प्रदेश (ग) राजस्थान (घ) गुजरात उत्तर- (ग) राजस्थान 3 . देश का लगभग 52% तांबा किस राज्य में होता है ? (क) मध्य प्रदेश (ख)राजस्थान (ग)उड़ीसा (घ)महाराष्ट्र उत्तर- (क) मध्य प्रदेश 4 . लौह अयस्क का उत्पादन किस राज्य में सबसे अधिक होता है? (क) उड़ीसा (ख) कर्नाटक (ग) छत्तीसगढ़ (घ) झारखंड उत्तर- (क) उड़ीसा 5 . मोनोजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन सा खनिज पाया जाता है? (क)खनिज तेल (ख)यूरेनियम (ग)थोरियम (घ)कोयला उत्तर- (ग)थोरियम Click here 👇👇👇 👉 Class 10th Social Science All Chapters Ncert Notes | कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान संपूर्ण नोट्स एनसीईआरटी👈 6 . झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है? (क) बॉक्साइट (ख) अभ्रक (ग) तांबा (घ)लौह अयस्क उत्तर- (ख) अभ्रक 7. निम्नलिखित में से कौन सा खनिज अपेक्षित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है? (क) कोयला (ख) बॉक्साइट (ग) सोना (घ)जस्ता उत्तर- (क) कोयला 8. निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है? (क) तलछटी चट्टानें (ख) कायांतरित चट्टान (ग) आग्नेय चट्टान (घ) इनमें से कोई नहीं ...

भारत में लौह

भारत में लौह-अयस्क के वितरण का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। या भारत में लौह-अयस्क के खनन क्षेत्रों का वर्णन कीजिए। या भारत में लौह-अयस्क का वितरण निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत दीजिए (1)भण्डार (2)उत्पादक-क्षेत्र (3)उत्पादन तथा (4)व्यापार या धात्विक खनिज से आप क्या समझते हैं ? किसी एक की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए। या लौह-अयस्क के उत्पादन के किन्हीं दो क्षेत्रों की विवेचना कीजिए। धात्विक खनिज जिन खनिजों से धातु (Metal) की प्राप्ति होती है, उन्हें धात्विक खनिज कहा जाता है। लोहा, ताँबा, सोना, चाँदी, बॉक्साइट, सीसा, टिन, मैंगनीज, क्रोमियम, प्लैटिनम, बेरिलियम, जिरकॉन, एण्टिमनी, पारा, रेडियम आदि धात्विक खनिज हैं। लौह-अयस्क के भण्डार भारत में लौह-अयस्क के बहुत बड़े भण्डार (विश्व का 16.5%) विद्यमान हैं। यहाँ हैमेटाइट और मैग्नेटाइट किस्म का लौह-अयस्क अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसमें लोहांश 60 से 70% तक होता है। इसी कारण अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में हमारे लौह-अयस्क की अत्यधिक माँग रहती है। एक अनुमान के अनुसार देश में 17.57 अरब टन लौह-अयस्क के सुरक्षित भण्डार विद्यमान हैं; परन्तु भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ने 23 अरब टन लौह-अयस्क के सुरक्षित भण्डारों का अनुमान लगाया है, जिसमें 85% लौह-अयस्क हैमेटाइट किस्म का है। भारत में लौह-अयस्क के 50% भण्डार झारखण्ड राज्य के सिंहभूम जिले तथा ओडिशा राज्य के क्योंझर, बोनाई, सुन्दरगढ़ और मयूरभंज जिलों में पाये जाते हैं। लौह-अयस्क का यह क्षेत्र विश्व का सबसे बड़ा तथा सम्पन्न क्षेत्र है। झारखण्ड के हजारीबाग और शाहाबाद जिलों में भी लौह-अयस्क निकाला जाता है। उत्पादक - क्षेत्र भारत में राज्यानुसार लौह-अयस्क का उत्पादन निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है...

भारत में लौह

भारत असाधारण रूप से अपने लौह अयस्क के भंडार की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में समृद्ध है। भारत में पाये जाने वाले लौह- अयस्क में मुख्य रूप से हेमेटाइट और मैग्नेटाइट शामिल हैं। हेमेटाइट में 68% तक धातु सामग्री होती है, जबकि मैग्नेटाइट में 60% तक धातु सामाग्री पायी जाती है। फिर इसके अलावा लेमोटाइट भी पाया जाता है, जिसकी गुणवत्ता हालांकि हेमेटाइट और मैगनेटाइट से काफी कम होती है। लौह अयस्क भंडार के बारे में नवीनतम आधिकारिक आंकड़े 13,000 मिलियन टन से अधिक हैं। लौह अयस्क के गुणवत्ता वाले भंडार बिहार के सिंहभूम और उड़ीसा के क्योंझर, बोनाई और मयूरभंज में स्थित हैं। इसके अलावा छतीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग और बस्तर जिलों में भी लौह-अयस्क पाया जाता है। बस्तर की बैलाडीला खानों को जापानी सहयोग से विकसित किया गया है। जापान को लौह-अयस्क निर्यात करने के लिए अयस्क को यंत्रवत् रूप से विशाखापत्तनम ले जाया जाता है। अन्य लौह-अयस्क जमा आंध्र प्रदेश के कई जिलों, तमिलनाडु के सलेम और टिनिचिरापल्ली जिलों और कर्नाटक के चिकमगलूर और बेलारी जिलों में पाए जाते हैं। गोवा में भी लौह-अयस्क भी है जिसका पुर्तगालियों के समय से जापान में निर्यात किया जाता है। 1950-51 में लौह-अयस्क का उत्पादन 3 मिलियन टन था। 1997-98 तक यह 70 मिलियन टन की मात्रा को पार कर गया था। लौह-अयस्क के निर्यात में विशेषज्ञता वाले बंदरगाहों में विशाखापत्तनम, मार्मा गोवा, पारादीप और कलकत्ता शामिल हैं। कुद्रेमुख लौह पट्टियों का निर्माण करता है और मंगलौर बंदरगाह से निर्यात किए जाने का अनुमान है। भारतीय लौह-अयस्क की अपनी समृद्ध लौह सामग्री के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक आवश्यकता है।