- भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप: कब और कहां देखें लाइव टेलीकास्ट, लाइव स्ट्रीमिंग
- Women's Asia Cup: भारत
- इन 15 महिलाओं ने भारतीय संविधान बनाने में दिया था अपना योगदान
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भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप: कब और कहां देखें लाइव टेलीकास्ट, लाइव स्ट्रीमिंग
भारत गुरुवार को सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में चल रहे महिला एशिया कप के पहले सेमीफाइनल में थाईलैंड से भिड़ेगा। इन दोनों टीमों ने सोमवार को ग्रुप चरण में एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला किया था और मैच में थाईलैंड को 37 रनों पर समेट दिया गया था। भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल कब खेला जाएगा? भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल गुरुवार, 13 अक्टूबर को खेला जाएगा। भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल कहां खेला जाएगा? भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल किस समय शुरू होगा? भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल सुबह 8:30 बजे IST से शुरू होगा। भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल कौन सा चैनल प्रसारित करेगा? भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर प्रसारित किया जाएगा। प्रचारित भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल लाइव स्ट्रीमिंग के लिए कहां उपलब्ध होगा? भारत बनाम थाईलैंड, महिला एशिया कप, पहला सेमीफाइनल डिज्नी + हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध होगा।
Women's Asia Cup: भारत
नई दिल्ली: India vs Thailand Semi Final Asia Cup: बांग्लादेश (Bangladesh) में खेले जा रहे महिला एशिया कप 2022 के सेमीफाइनल में आज (13 अक्टूबर) भारत का मुकाबला थाईलैंड से है. एशिया कप के सेमीफाइनल में भारत, पाकिस्तान Pakistan), थाईलैंड और श्रीलंका (Sri Lanka) ये चार टीमें पहुंच गई है. भारतीय टीम महिला वर्ल्ड कप में अपने 6 मुकाबलों में से 5 मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची है. टीम इंडिया प्वाइंट टेबल में +3.141 अंक के साथ टॉप पर है. वहीं थाईलैंड की टीम 6 में से तीन मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है. कब और कहां खेला जाएगा भारत-थाईलैंड का मुकाबला ? भारतीय महिला क्रिकेट टीम और पाकिस्तान महिला टीम के बीच खेले जाने वाले मुकाबला आज सुबह 8:30 बजे से सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. कहां होगा भारतीय महिला टीम-पाकिस्तान महिला टीम की लाइव टेलीकास्ट? भारत और थाईलैंड के मुकाबले को स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क (Star Sports Network) पर टेलीकास्ट किया जाएगा. इस मुकाबले को डिजनी+ हॉटस्टार (Disney+Hotstar) ऐप पर भी देख सकते हैं. भारत का पलड़ा भारी बता दें कि लीग स्टेज में भारतीय महिला टीम ने थाईलैंड की टीम को महज 37 रनों पर ही ढेर कर दिया गया था. इसके बाद टीम इंडिया ने 6 ओवर में ही लक्ष्य को हासिल कर बड़ी जीत दर्ज किया था. भारतीय टीम के सामने थाईलैंड की टीम बहुत कमजोर नजर आती है. ऐसे में आज के सेमीफाइनल मुकाबले में भी भारत का जीत तय माना जा रहा है. भारतीय टीम आज सेमीफाइनल मुकाबले में थाईलैंड को मात देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की करना चाहेगी. यह भी पढ़ें: दोनों टीमों का संभावित प्लेइंग 11: भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उपकप्तान), दीप्ति शर्मा, शैफाली वर्म...
इन 15 महिलाओं ने भारतीय संविधान बनाने में दिया था अपना योगदान
भारत में 26 नवंबर 1949 को निर्वाचित संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे| लेकिन अब इसे संयोग कहें या दुर्भाग्य कि संविधान निर्माण के संदर्भ में हमें केवल अग्रणी पुरुष सदस्यों के रूप में डॉ बी आर अम्बेडकर ही याद है, जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में मदद की थी| यों तो हम जल्दी अपने इतिहास को नहीं भूलते है, पर जब हमारी सोच में पितृसत्ता का चश्मा होतो अक्सर हमारी नज़रों से आधी आबादी के पूरे पन्ने ओझल से हो जाते है| शायद यही वजह है कि संविधान सभा में हम उन प्रमुख पंद्रह महिला सदस्यों का योगदान आसानी से भुला चुके है या यों कहें कि हमने कभी इसे याद करने या तलाशने की जहमत नहीं की| तो आइये जानते है उन पन्द्रह भारतीय महिलाओं के बारे में जिन्होंने संविधान निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है| तस्वीर साभार – अम्मू स्वामीनाथन का जन्म केरल के पालघाट जिले के अनाकारा में ऊपरी जाति के हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने साल 1917 में मद्रास में एनी बेसेंट, मार्गरेट, मालथी पटवर्धन, श्रीमती दादाभाय और श्रीमती अंबुजमल के साथ महिला भारत संघ का गठन किया। वह साल 1946 में मद्रास निर्वाचन क्षेत्र से संविधान सभा का हिस्सा बन गईं। 24 नवंबर 1949 को संविधान के मसौदे को पारित करने के लिए डॉ बी आर अम्बेडकर ने एक चर्चा के दौरान भाषण में आशावादी और आत्मविश्वासी अम्मू ने कहा कि ‘ बाहर के लोग कह रहे हैं कि भारत ने अपनी महिलाओं को बराबर अधिकार नहीं दिए हैं। अब हम कह सकते हैं कि जब भारतीय लोग स्वयं अपने संविधान को तैयार करते हैं तो उन्होंने देश के हर दूसरे नागरिक के बराबर महिलाओं को अधिकार दिए हैं।‘ वह साल 1952...