Bhartiya sanghvad ka teesra star kya hai

  1. [Latest*] भारतीय संविधान अनुच्छेद (1 से 395 तक) PDF Download
  2. भारत का विभाजन
  3. जानिए संघवाद क्या होता है


Download: Bhartiya sanghvad ka teesra star kya hai
Size: 7.66 MB

[Latest*] भारतीय संविधान अनुच्छेद (1 से 395 तक) PDF Download

Indian Constitution PDF Download: जैसा की आप सभी जानते हैं कि हम यहाँ हर दिन बढ़िया Study Material लेकर आते रहते हैं तो उसी तरह आज हम आपके लिए भारतीय संविधान PDF के बारे में बहुत ही उपयोगी पोस्ट लेकर आये हैं. इस पोस्ट भारतीय संविधान अनुच्छेद 1-395 Indian Constitution के कुल अनुच्छेद और उनका सम्पूर्ण विवरण मौजूद है. अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो ये आपको जरूर पढ़ना चाहिये क्यूंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में इसमें से कई प्रश्न पूछे जाते हैं. तो आप सभी इस Indian Constitution book PDF संविधान PDF को नीचे दिए हुए download बटन पर क्लिक करके आसानी से download कर सकते हो. जैसा की आप सभी जानते हैं कि बहुत सी कम्पटीशन की परीक्षा में भारतीय संविधान PDF download से सम्बंधित 2 या 4 प्रश्न जरुर पूछे जाते है, और ऐसे में अगर आपको इन प्रश्नों के उत्तर मालूम न हो तो आपको बहुत घटा हो सकता हैं. मेरिट लिस्ट में आपका नाम नीचे खिसक सकता है या ऐसा भी हो सकता है की मेरिट लिस्ट में आपका नाम ही न आये. तो ऐसी परिस्तिथि में हमें बहुत दुःख होता है. तो इसीलिए परीक्षा की तैयारी बहुत ही अच्छे से करना चाहिये. हर एक पॉइंट को अच्छे से cover करना चाहिये क्यूंकि यही छोटे छोटे पॉइंट्स की वजह से ही आपके अच्छे नंबर मिलते हैं. 2.1 भारतीय संविधान PDF Download भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संबिधान संशोधन तो हम आपको महत्वपूर्ण संविधान संशोधनो के बारे में बता रहे है इनमे से भारतीय संविधान प्रश्न उत्तर PDF को complete कर सकते हो. क्यूंकि हर प्रतियोगी परीक्षा में इसमें से सवाल पूछे जाते हैं- • 1st संविधान संशोधन (1951) – इसके द्वारा भारतीय संविधान मे 9वी अनुसूची को जोडा गया है. • 7वाॅ संविधान संशोधन (195...

भारत का विभाजन

vivaran is vibhajan ke aantargat n keval bharatiy up-mahadvip ke do tuk de kiye gaye balki ghoshana tithi mukhy vyakti sanbandhit lekh any janakari is vibhajan mean sabase ahamh vyakti 'siril raidaklif' the jinhean british hukoomat ne bharat-pakistan ke vibhajan rekha ki jimmedari sauanpi thi. isilie bharat-pakistan vibhajan rekha ko ' bharat ka vibhajan aur do ne rajyoan/rashtroan ka nirman san Cyril Radcliffe) jinhean british hukoomat ne bharat-pakistan ke vibhajan rekha ki jimmedari sauanpi thi. [[chitr:Newspaper-15-August-1947.jpg|thumb|left| muslim rashtr ki maang is vibhajan ka jo mukhy karan diya ja raha tha vo tha ki hiandoo bahusankhyak hai aur azadi ke bad yahaan bahusankhyak log hi sarakar banayeange tab kaangres ke kaibinet ka bahishkar [[chitr:Lord Mountbatten-with his wife, Edwina, and the Mahatma Gandhi ji.jpg|thumb| iandiyan indipeandeans ekt (Indian Independence Act) 'dayarekt ekshan de' ke hadase ke bad sabako lagane laga tha ki ab akhand bharat ka vibhajan kar dena chahie. do ne rajyoan/rashtroan ka vibhajan mauntabeten plan ke anusar kiya gaya. gaandhi ji ki hatya mukhy lekh: svadhin bharat ko jin samasyaoan ka samana karana p da, ve saral nahian thian. use sabase pahale sampradayik unmad ko shant karana tha. bharat ne janaboojhakar dharm nirapeksh rajy banana pasand kiya. usane ashvasan diya ki jin musalamanoan ne pakistan ko nirgaman karane ke bajay bharat mean rahana pasand kiya hai unako nagarikata ke poorn adhikar pradan kiye jayeange. halaanki pak...

जानिए संघवाद क्या होता है

Sangvad (संघवाद) का अर्थ वैसे तो बड़ा सादा और स्पष्ट है मगर इसे हर जगह जोड़-तोड़ के पेश किया जाता रहा है। संघवाद में 2 स्तर हैं, एक है केंद्रीय और दूसरा राज्य स्तर। केंद्र का किरदार संघवाद भले ही राज्यीय या स्थानीय स्तर से ज़रूर बड़ा है लेकिन यह इन दोनों स्तर पर हावी नहीं होता है। भारत की तरह ही बेल्जियम में भी संघवाद हमारी तरह ही चलता है। आप इस ब्लॉग में संघवाद के बारे में विस्तार से जानिए कि Sangvad क्या है। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • संघवाद क्या है? Sangvad क्या है, इसकी जानकारी नीचे दी गई है- • संघवाद (Federalism) लैटिन शब्द ‘Foedus’ है जिसका अर्थ है एक प्रकार का समझौता या अनुबंध। • महासंघ दो तरह की सरकारों के बीच सत्ता साझा करने और उनके संबंधित क्षेत्रों को नियंत्रित करने हेतु एक समझौता है। • संघवाद सरकार का वह रूप है जिसमें देश के भीतर सरकार के कम-से-कम दो स्तर मौजूद हैं- पहला केंद्रीय स्तर पर और दूसरा स्थानीय या राज्यीय स्तर पर। • भारत की स्थिति में संघवाद को स्थानीय, केंद्रीय और राज्य सरकारों के मध्य अधिकारों के वितरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। संघवाद के प्रकार Sangvad के प्रकार नीचे दिए गए हैं- सहकारी संघवाद संघात्मक व्यवस्था में केंद्र व प्रांतीय सरकारों में शक्तियों का विभाजन करने के बाद सरकार के दोनों स्तरों पर सहयोग को बढ़ाने वाली व्यवस्थाएं भी की जाती हैं ताकि संघ के वांछित लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो सकें। इस सहयोग की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि सरकार के दोनों स्तर समान लक्ष्यों की दिशा में अग्रसर होते हैं। संघात्मक व्यवस्था के सामान्य उद्देश्य दोनों सरकारों के अलग-अलग कार्यों के बाद भी उनके अन्तःक्षेत्राीय सम्ब...