भुजंगासन विधि और लाभ

  1. THY talk: पीठ दर्द में भुजंगासन की विधि और लाभ
  2. मकरासन के फायदे तथा अभ्यास (Makarasana Benefits & Technique)
  3. Bhujangasana Benefits In Hindi
  4. जानिए क्या है भुजंगासन के फायदे, विधि, लाभ और सावधानियां
  5. भुजंगासन योग: कैसे करे, लाभ और सावधानियां
  6. योगासन विधि, प्रकार और लाभ। Yogasana Steps, Type and Benefits
  7. सर्वांगासन के 11 फायदे, विधि और सावधानियां


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THY talk: पीठ दर्द में भुजंगासन की विधि और लाभ

• सबसे पहले पेट के बल सीधे लेट जाएँ . • तलवे उपर की और रखें . • हथेलियों को कंधों के बगल से भूमि पर टिकाते है . • अंगुलियाँ आपस में सटाकर रखें . • भुजाओ को इस प्रकार रखें कि कुहनियां पीछे की और रहें . • ललाट को भूमि पर टिकाकर ऑंखें बंद करें . • अब धीरे धीरे नाभि से उपर के भाग को जमीन से उपर उठायें . • कुहनियो को जितना हो सके उपर की और उठायें . • पंजे से लेकर नाभि तक का शरीर जमीन पर समांतर रखें . • अब सर को सर्प के फन की तरह उपर की और उठाये . • पहले शरीर को उपर उठाने के लिए पीठ की मासंपेशियों का प्रयोग करते हैं . • फिर शरीर को स्थिर रखने के लिए हाथो का सहारा लेते है . • सर को पीछे की और झुकाते है . • ठुड्डी को सामने की और रखें . • इस प्रकार इस स्थति में रहते हुए आप सांसो को नियंत्रित कर सकते हैं . • फिर शरीर को शिथिल करने के बाद धीरे धीरे अपनी पुरानी अवस्था में आ जाएँ . • इस प्रकार यह एक आवृति पूरी होती है .आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार इसको और भी कर सकते हैं . भुजंगासन के लाभ – • यह आसन कमर के सभी प्रकार के रोगों में लाभ दायक होता है. • स्लिपडिस्क में यह अत्यंत उपयोगी आसन है. • पीठ दर्द में यह काफी आराम देता है . • यह कमर की और रीड की नसों को लचीला करके सभी स्नायु सम्बन्धी समस्याओं को दूर करता है . • यह गर्भाशय को मजबूत बनाता है . • यह आसन मासिक धर्म सम्बन्धी अनियमितताओं को दूर करता है . • यह आमाशय को सही प्रकार से सुनियोजित करता है . • कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है . • यकृत को और किडनी को भी निरोगी बनाता है . • यह एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हारमोंस कार्टीसोन का स्राव बढाता है जो थायरायड का नियमन करता है . • यह मस्तिष्क से पैर तक के तंत्रिका को क्रियाशील बनाता है . स...

मकरासन के फायदे तथा अभ्यास (Makarasana Benefits & Technique)

इस blog में मकरासन क्या है (What is Makarasana)?, मकरासन कैसे करते हैं? (Makarasana procedure) और मकरासन के लाभ (Makarasana benefits) के बारे में जानेगे| कमर, पीठ व जोड़ों के दर्द को आराम दिलाने वाला, तनाव, चिंता व अनिद्रा को नियंत्रित करने वाला मकरासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है| योगासनों का अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने तथा मांसपेशियों को विकसित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है| भिन्न-भिन्न योगासन शरीर के भिन्न-भिन्न हिस्सों पर अपना प्रभाव डालते हैं| योगासनों के प्रभाव को शरीर पर महसूस करने, थकने से बचने व विश्राम आदि के लिए भी कुछ आसनों का अभ्यास किया जाता है| मकरासन उनमें से एक आसन है जोकि मांसपेशियों के विश्राम व शिथिलीकरण के लिए किया जाता है| Table of Contents • • • • • • • • • मकरासन क्या है (What is Makarasana)? मकरासन दो शब्दों के मेल से बना है मकर + आसन| मकर का अर्थ है मगरमच्छ तथा आसन का अर्थ है मुद्रा | आसन करते हुए जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति मगरमच्छ के समान दिखाई देती है इसलिए इसे मकरासन कहते हैं| मांसपेशियों को आराम तथा शरीर को विश्राम देने के लिए यह आसन बहुत महत्वपूर्ण है| मकरासन कैसे करते हैं? (Procedure of Makarasana in Hindi) मकरासन की विधि step के साथ इस प्रकार है: Step 1: मकरासन के लिए पेट के बल लेटें| Step 2: अब पहले दायां हाथ उसके ऊपर बायां हाथ रखें व हाथों के ऊपर माथा रखें| Step 3: दोनों पैरों में जितना संभव हो उतना फासला करें Step 4: पैरों की उँगलियाँ (पंजे) बाहर की ओर हों| Step 5: आँखें बंद रखें व विश्राम करें| Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है| लम्बे-गहरे श्वास लें धीरे-धीरे श्वास सामान्य हो जायेंगे| Step 7: आसनों के बाद विश्राम के लिए...

Bhujangasana Benefits In Hindi

यदि आपने कभी सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया होगा, तो आप भुजंगासन के विषय में थोड़ी-बहुत जानकारी तो अवश्य ही रखते होंगे। यह सूर्यनमस्कार के 12 आसनों में से सातवां आसन है। अधिकतर इसका अभ्यास अन्य आसनों के साथ ही किया जाता है। हालांकि, केवल भुजंगासन का अभ्यास भी आपको कई रोगों से दूर रखने में सफल साबित हो सकता है। इसे करने से रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है, चेहरे में चमक आती है और मस्तिष्क तनावरहित रहता है। इसलिए आइये जानते हैं, क्या है भुजंगासन। इसके लाभ, विधि और सावधानियां – Bhujangasana Yoga & Its Benefits In Hindi भुजंगासन को अंग्रेजी में “कोबरा पोज़” ( Cobra Pose Yoga in Hindi) कहा जाता है। यह हठ योग एवं मॉडर्न योगाभ्यास में प्रयोग की जाने वाली एक योग क्रिया है, जिसमें शरीर फन उठाए हुए सांप की भांति प्रतीत होता है। दरअसल, संस्कृत में भुजंग शब्द का अर्थ सांप होता है, एवं आसन, शरीर की मुद्रा को कहा जाता है। Bhujangasana Yoga के अभ्यास से पीठ में लचीलापन आता है, पाचन प्रणाली में सुधार आता है एवं यह फेफड़ों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आपके सात में से चार चक्रों को जागृत करता है, जिससे आपके शरीर को आंतरिक शक्ति मिलती है। किसी भी योगासन के अभ्यास से पहले उसे करने की उचित विधि का ज्ञान होना ज़रूरी है। ताकि उसका सर्वाधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। नीचे भुजंगासन करने की सही विधि ( steps of bhujangasana) दी गई है- • इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछा लें। एवं पेट के बल लेटकर, अपने सिर को फर्श पर रख लें। • अपने पैरों को एक साथ रखें। एड़ियां आपस में स्पर्श करनी चाहिए। एवं पैरों के पंजों की दिशा ज़मीन की ओर होनी चाहिए। • तत्पश्चात, दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श...

जानिए क्या है भुजंगासन के फायदे, विधि, लाभ और सावधानियां

Share Tweet Share Share Email जानिए क्या है भुजंगासन के फायदे, विधि, लाभ और सावधानियां | Bhujangasana All Information in Hindi नमस्कार दोस्तों, आज हम जानिए क्या है भुजंगासन के फायदे, विधि, लाभ और सावधानियां के विषय पर जानकारी देखने जा रहे हैं। भुजंगासन एक योग मुद्रा है जिसे कोबरा मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पीछे की ओर झुकने वाला आसन है जिसे अक्सर योग दिनचर्या में शामिल किया जाता है और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने, रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार और शरीर में तनाव और तनाव से राहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। भुजंगासन के बारे में विवरण इस प्रकार हैं: व्युत्पत्ति: भुजंगासन दो संस्कृत शब्दों से बनाहै: "भुजंगा," जिसका अर्थ है "साँप," और "आसन," जिसका अर्थ है "मुद्रा"। मुद्रा को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह एक कोबरा जैसा दिखता है जिसका फन उठा हुआ है। विवरण: भुजंगासन फर्श पर लेट कर पैरों को फैलाकर और हथेलियों को कंधों के नीचे रखकर किया जाता है। कोहनियां शरीर से सटी हुई हैं और ठोड़ी और पैर की उंगलियां फर्श को छू रही हैं। अभ्यासकर्ता सांस लेता है और पैरों और श्रोणि को फर्श पर दबाए रखते हुए छाती को फर्श से ऊपर उठाता है। वे फिर अपनी बाहों को सीधा करते हैं। मुद्रा जारी करने और छाती को वापस फर्श पर लाने से पहले अभ्यासी कई सांसों के लिए इस आसन को बनाए रखता है। बदलाव: भुजंगासन की कई विविधताएं हैं जिनका अभ्यास मुद्रा की तीव्रता बढ़ाने या शरीर के विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए किया जा सकता है। कुछ विविधताओं में शामिल हैं: • सर्पासन (साँप मुद्रा): इस भिन्नता में, हाथों को शरीर के बगल में फर्श पर रखा जाता है, और कोहनियों को शरीर के पास रखा जाता है क्योंकि छा...

भुजंगासन योग: कैसे करे, लाभ और सावधानियां

भुजंगासन क्या है – Bhujangasana meaning in Hindi भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के अगले भाग को कोबरा के फन के तरह उठाया जाता है। भुजंगासन की जितनी भी फायदे गिनाए जाएं कम है। भुजंगासन का महत्व कुछ ज्यादा ही है क्योंकि यह सिर से लेकर पैर की अंगुलियों तक फायदा पहुंचाता है। अगर आप इसके विधि को जान जाएं तो आप सोच भी नही सकते यह शरीर को कितना फायदा पहुँचा सकता है। लेकिन करते समय आपको इसकी सावधानियां के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। भुजंगासन कैसे करें – Bhujangasana steps in Hindi • आप सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। • अब अपने हथेली को कंधे के सीध में लाएं। • दोनों पैरों के बीच की दुरी को कम करें और पैरों को सीधा एवं तना हुआ रखें। • अब साँस लेते हुए शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएं। • ध्यान रहे की कमर पर ज़्यदा खिंचाव न आये। • अपने हिसाब से इस आसान को बनाए रखें। • योगाभ्यास को धारण करते समय धीरे धीरे स्वाँस लें और धीरे धीरे स्वाँस छोड़े। • जब अपनी पहली अवस्था में आना हो तो गहरी स्वाँस छोडते हुए प्रारम्भिक अवस्था में आएं। • इस तरह से एक चक्र पूरा हुआ। • शुरुवाती दौर में इसे 3 से 4 बार करें। • धीरे धीरे योग का धारण समय एवं चक्र की नंबर को बढ़ाएं। भुजंगासन के लाभ – Bhujangasana benefits in Hindi • मधुमेह से बचाता है भुजंगासन : भुजंगासन पैंक्रियाज को सक्रिय करता है और सही मात्रा में इन्सुलिन के बनने में मदद करता है। • शरीर को सुडौल बनाता है भुजंगासन: यह शरीर को सुडौल एवं खूबसूरत बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह योगाभ्यास सम्पूर्ण शरीर में खिंचाव ले कर आता है और यही नहीं शरीर के अतरिक्त चर्बी को पिघालने में बहुत मददगार है। • भुजंगासन पेट की चर्बी कम करने ...

योगासन विधि, प्रकार और लाभ। Yogasana Steps, Type and Benefits

योगासन क्या है ।Yogasana meaning in Hindi अक्सर यह देखा गया है कि योगासन को ही लोग पूरा योग मान लेते हैं। इसीसे पता चलता है की योगासन का महत्व कितना ज़्यदा है। इसका एक कारण यह भी है की प्राय लोग अपने दिनचर्या योग में केवल योगासन ही करते हैं। लेकिन योगासन को पूरा योग मानना सही नहीं है। योगासन योग का एक हिस्सा है। योग में योगासन के इलावे प्राणायाम, ध्यान एवं क्रियाका भी अहम रोल है। योगासन विधि।Yogasana steps in Hindi • योगासन के लिए स्व‍च्छ‍ एवं हवादार स्थान हो। • आसन को खाली पेट करें। भोजन के तीन से चार घंटे बाद इसका अभ्यास करें। • समतल स्थान का चयन करें। • योगासन करते समय नाक से ही सांस लें और नाक स ही सांस छोड़े। • इसका अभ्यास धीरे-धीरे करें। • आसन करने के बाद कुछ समय के लिए शवासन करें। • आसन करते समय अगर शरीर में दर्द होने लगे तो इसका अभ्यास न करें। • आसन के तुरंत बाद भोजन नहीं करना चाहिए। • जो लोग पहली बार योग कर रहे हैं उन्हें किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए योगासन के प्रकार। Yogasana type in Hindi खड़े होकर करने वाले योगासन • ताड़ासन • हस्तोसत्ताकनासन • कटिचक्रासन • अर्द्धचक्रासन • त्रिकोणासन • पार्श्वाकोणासन • वृक्षासन • गरुड़ासन बैठ कर करने वाले योगासन • पद्मासन • सिद्धासन • वज्रासन • भद्रासन • सिंहासन • गोमुखासन • वक्रासन • अर्द्धमत्येंद्रासन • गोरक्षासन • गर्भासन • पश्चिमोत्ताेनासन • कूर्मासन • उत्ताानमंडूकासन • उष्ट्रानसन • योगासन • सुप्तनवज्रासन • शशांकासन • मंडूकासन पेट के बल लेटकर करने वाले आसन • मकरासन • भुजंगासन • शलभासन • धनुरासन पीठ के बल लेटकर करने वाले आसन • उत्तासनपादासन • सेतुबंध सर्वांगासन • अर्द्धहलासन • हलासन • पवनमुक्ताससन • मत्याक्तस...

सर्वांगासन के 11 फायदे, विधि और सावधानियां

Sarvangasana benefits in hindi : सर्वांगासन को सभी आसनों की रानी (queen of asanas) कहा जाता है। यह योग का एक बेहतरीन आसन है जो शरीर को स्वस्थ व फिट रखने और बीमारियों से बचाने में सहायक होता है। सर्वांगासन के फायदे शरीर के लगभग सभी अंगों को प्राप्त होते हैं। चाहे बात कुछ समय से लोगों के बीच योग का क्रेज बहुत ज्यादा बढ़ गया है, लोग अब फिट व “सर्वांगासन” (sarvangasana in hindi) एक हैं। स्वास्थ्य के लिए सर्वांगासन के फायदे (sarvangasana benefits in hindi) अद्धभुत हैं, इसलिए आपको इस योगासन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी अवश्य ज्ञात होनी चाहिए। इस आर्टिकल में हम सर्वांगासन के फायदे (benefits of sarvangasana in hindi), सर्वांगासन कैसे करें (sarvangasana kaise kare) और सर्वांगासन करते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखें के विषय में जनेंगे। साथ ही जनेंगे कि किन लोगों को सर्वांगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। सर्वांगासन योग क्या हैं | Sarvangasana in Hindi “सर्वांगासन” यानी सर्व+अंग +आसन, जिसमें “सर्व” का मतलब सभी, “अंग” का मतलब शरीर का हिस्सा और “आसन” का मतलब मुद्रा हैं। इसके नाम से ही जाहिर हो जाता हैं कि यह सभी अंगों का आसन हैं और इससे शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली प्रभावित होती हैं। इसीलिए इस आसन को आसनों की रानी (queen of asanas) भी कहा जाता हैं। सर्वांगासन (sarvangasana in hindi) को अंग्रेजी में शोल्डर स्टैंड पोज (shoulder stand pose) के नाम से भी जाता हैं क्योंकि इस आसन में शरीर का पूरा भार शोल्डर यानी कंधों पर होता हैं। सर्वांगासन के लाभ (sarvangasana benefits in hindi) क्या हैं और सर्वांगासन कैसे करें, जानने के लिए आर्टिकल को आगे पढ़ें। सर्वांगासन के फायदे | सर्वांगासन...