बिहार में मकर संक्रांति कब है

  1. makar sankranti 2023 why is makar sankranti celebrated makar sankranti date and time in hindi swt
  2. Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति आज या कल? कब मनाना है सही? काशी और पुरी के ज्योतिषाचार्य से जान लें समय
  3. Makar Sankranti 2022: साल 2022 में मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
  4. When is Makar Sankranti 2023: 14 or 15 January when will it be best to take a bath and donate Know Maha Punyakal Timing
  5. Makar Sankranti know What is Proper timing of Festival these Rituals must be performed
  6. Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति 14 या 15 को, यहां दूर कर लें कंफ्यूजन
  7. When is Makar Sankranti 2023: 14 or 15 January when will it be best to take a bath and donate Know Maha Punyakal Timing
  8. Makar Sankranti 2023 Date Know Importance Shubh Muhurt Mantra And Manyata
  9. Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति आज या कल? कब मनाना है सही? काशी और पुरी के ज्योतिषाचार्य से जान लें समय
  10. Makar Sankranti 2022 date timing and shubh muhurat


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makar sankranti 2023 why is makar sankranti celebrated makar sankranti date and time in hindi swt

Makar Sankranti 2023: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?, क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए इसके पीछे की कहानी सनातन धर्म में मकर संक्रांति को खास महत्व दिया गया है. इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर हर कोई कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं साल 2023 में मकर संक्रांति कब है, इसकी शुरुआत कैसे हुई, इसके पीछे की कहानी क्या है. Makar Sankranti 2023: सनातन धर्म में मकर संक्रांति को खास महत्व दिया गया है. इस दिन सूर्य देवता, मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी के साथ मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है. इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर हर कोई कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं साल 2023 में मकर संक्रांति कब है, इसकी शुरुआत कैसे हुई. इसके पीछे की कहानी क्या है. पिछले साल भी मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) को लेकर लोग असमंजस में थें. इस साल भी मकर संक्रांति को लेकर लोग कंफ्यूज है. लेकिन आपको बता दें इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को नहीं, 15 जनवरी को मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि हिंदू पंचांग में सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 12 मिनट पर मकर राशि में गोचर में प्रवेश करेंगा. जबकि उदय 15 जनवरी को हो रही है. इस लिए मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. साल 2023 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti Date) 15 जनवरी दिन रविवार को पड़ रहा है. मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी 2023 सुबह 8 बजकर 57 मिनट रहेगी. पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 5:46 बजे तक रहेगा. दोपहर (अवधि - 10 घंटे 31 मिनट) और मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और रात 9:00 बजे समाप्त होगा (अवधि - 1 घंटा 45 मिनट). ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया, पहली बार मकर ...

Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति आज या कल? कब मनाना है सही? काशी और पुरी के ज्योतिषाचार्य से जान लें समय

इस बार मकर संक्रांति के पर्व की तारीख पर कन्फ्यूजन है. सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस राशि से संबंधित संक्रांति होती है. सूर्य की पूजा तो सूर्योदय काल से होगी, जब वह मकर राशि में हो. Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति का पर्व आज है या कल? यह प्रश्न काफी लोगों के मन में है क्योंकि अधिकतर 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार मकर संक्रांति के पर्व की तारीख पर कन्फ्यूजन है. 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाई जाए या 15 जनवरी को. काशी के ज्योतिषाचार्य चकपाणि भट्ट का कहना है कि जितने भी हिंदू पर्व, त्योहार या व्रत हैं, वे पंचांग के आधार पर तय होते हैं, जिसमें ग्रहों और नक्षत्रों के बारे में सटीक जानकारी दी जाती है. सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस राशि से संबंधित संक्रांति होती है. इस बार सूर्य का प्रवेश मकर राशि में होने वाला है, तब मकर संक्रांति होगी. सूर्य के मकर में प्रवेश करने का समय ही तय करता है कि मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी. 14 जनवरी को हम मकर संक्रांति के ​लिए फिक्स नहीं कर सकते हैं. इस साल 15 जनवरी को है मकर संक्रांति ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, इस साल सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है. उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण है, लेकिन उस समय में स्नान और दान कैसे होगा? इस वजह से अगले दिन सूर्योदय के बाद मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा. यह भी पढ़ें: मकर संक्रांति पर ‘डिजिटल अंदाज’ में करें अपनों को याद, भेजें ये स्पेशल शुभकामना संदेश 14 जनवरी को नहीं मिलेगा मकर संक्रांति मनाने का पुण्य लाभ केंद्रीय संस्कृत विश्विद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य...

Makar Sankranti 2022: साल 2022 में मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

मकर संक्रांति 2022 : नए साल के पहले महीने यानि जनवरी में मकर संक्रांति से बड़े पर्वों की शुरुआत होती है. मकर संक्रांति का महापर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति का महापर्व सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण भागों समेत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. इस महापर्व पर हमें प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले सूर्य देवता उत्तरायण हो जाते हैं. सूर्य के मकर राशि से मिथुन राशि के काल को उत्तरायणकाल कहा जाता है. उत्तरायण की वजह से दिन बड़े और रात छोटी होने लग जाती है. सनातन परंपरा में उत्तरायणकाल में सिर्फ जन्म लेना ही नहीं बल्कि मृत्यु को प्राप्त करना भी उत्तम माना गया है. आइए मकर संक्राति के महापर्व की पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले अचूक उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं मकर संक्रांति को यूपी और बिहार में खिचड़ी भी कहा जाता है, क्‍योंकि इस दिन घरों में विशेष रूप से खिचड़ी बनाई जाती है और गुरु गोरखनाथ जी को चढ़ाई जाती है. साथ ही लोग खिचड़ी खाते हैं. साथ ही दूसरों को बांटते भी हैं. मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2022 Shubh Muhurat) • मकर संक्रान्ति शुक्रवार, जनवरी 14, 2022 को • मकर संक्रान्ति पुण्य काल – 02:43 पी एम से 05:45 पी एम • अवधि – 03 घण्टे 02 मिनट्स • मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – 02:43 पी एम से 04:28 पी एम • अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट्स मकर संक्रांति का महाउपाय • मकर संक्रांति के महापर्व पर सूर्य से संबंधित दोष को दूर करने के लिए लाल चन्दन, घी, आटा, गुड़, काली मिर्च आदि का दान करें. • चंद्र ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए चावल के साथ, कपूर, घी, दूध, दही, सफ़ेद चन्दन आदि का दान करें. • मंगल ग्रह के दोष को दूर करने के लिए गु...

When is Makar Sankranti 2023: 14 or 15 January when will it be best to take a bath and donate Know Maha Punyakal Timing

Makar Sankranti 2023 Kab Hai in India: मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य को समर्पित माना गया है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य के ग्रह गोचर को संक्रांति कहा जाता है। मकर राशि में जाने को मकर संक्रांति कहते हैं। इस पर्व में लोग नई फसलों की पूजा भी करते हैं। मकर राशि में सूर्य, शुक्र व शनि ग्रहों की युति, इन 3 राशियों को आय में वृद्धि के साथ तरक्की मिलना तय मकर संक्रांति 2023 की तारीख क्या है? मकर संक्रांति का पर्व हर राज्य में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। इसलिए इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को पूर्वी उत्तर प्रदेश खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण, हरियाणा, पंजाब में माघी और तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति का पर्व हर साल जनवरी महीने में ही आता है। लेकिन इस साल इस पर्व की तारीख को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है। मकर संक्रांति 14 या 15 तारीख कब है? मकर संक्रांति का पर्व लोहड़ी के एक दिन बाद मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 15 जनवरी 2023, रविवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का क्षण 14 जनवरी को रात 08 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति में ग्रहों की स्थिति से नहीं होगी धन-धान्य की कमी, पढ़ें मकर संक्रांति के पीछे पौराणिक कथाएं मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त- मकर संक्रांति पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। अवधि 10 घंटे 31 मिनट की है। मकर संक्रांति महा पुण्यकाल का समय 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजे तक रहेगा। अवधि 01 घंटा 45 मिनट की है।

Makar Sankranti know What is Proper timing of Festival these Rituals must be performed

मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के बाद विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य शुरू हो सकेंगे। श्रद्धालुओं में असमंजस को दूर करते हुए विद्वानों ने कहा है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति दोपहर बाद से शुरू हो रही है, जो पंद्रह जनवरी दोपहर बाद तक रहेगी। पंचांगों के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। मकर संक्रांति का पुण्य काल 2 बजकर 43 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक है। मिथिला पंचांग के जानकार आचार्य माधवानंद (माधव जी) कहते हैं कि सूर्य धनु से मकर राशि में 14 जनवरी को ही प्रवेश कर रहा है। इसलिए 14 जनवरी को ही संक्रांति मनाया जाना शास्त्र के अनुरूप है। हालांकि बनारस पंचांग के जानकार उदया तिथि में संक्रांति मनाने का तर्क देते हैं। 14 जनवरी दोपहर में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद उदयातिथि 15 जनवरी पड़ने से बनारस पंचांग के विद्वान 15 जनवरी को मनाने की बात कह रहे हैं। तिल-गुड़ का करें दान मकर संक्रांति के दिन सुबह नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सूर्य की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान गायत्री मंत्र एवं आदित्य हृदय स्त्रत्तेत का पाठ करना चाहिए। पूजा-अर्चना करने के बाद तिल, गुड़, कंबल आदि का दान करना चाहिए। उभयचर व अमला योग ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य से द्वितीय एवं द्वादश भाव में गुरु एवं शुक्र के रहने से उभयचर योग और चंद्रमा से दशम भाव में गुरु जैसे शुभ ग्रह के रहने से अमला योग बन रहा है। दोनों योग श्रद्धालुओं के लिए शुभ हैं।

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति 14 या 15 को, यहां दूर कर लें कंफ्यूजन

पटना. मकर संक्रांति कब है इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. कहीं मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाएगा तो कहीं 15 जनवरी को. अगर आपके मन में भी मकर संक्रांति की तिथि को लेकर कोई कंफ्यूजन है तो आप महावीर मंदिर न्यास के प्रमुख किशोर कुणाल के फेसबुक पोस्ट को पढ़ सकते हैं. किशोर कुणाल ने अपने फेसबुक वाल पर विस्तार से मकर संक्रांति कब मनाया जाए और इस पर्व से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों का अपने पोस्ट में जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि मकर संक्रांति किस दिन मनाना चाहिए और उसका उस दिन मनाने का क्या महत्व है? जानिए किशोर कुणाल ने अपने पोस्ट में क्या लिखा है- मकर संक्रांति , 14 जनवरी, 2020 ई : वर्ष भर में 12 राशियों की संक्रान्तियां होती हैं. इनमें मकर संक्रान्ति से छह महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क राशि की संक्रान्ति से दक्षिणायन सूर्य आरम्भ होते हैं. उत्तरायण सूर्य में यज्ञ, देवप्रतिष्ठा आदि के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं. ऐसी मान्यता है कि जबतक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तब तक छह महीनों के लिए देवताओं का दिन रहता है तथा दक्षिणायन सूर्य के महीनों में देवताओं की रात रहती है. अतः मकर संक्रान्ति का यह दिन देवताओं के लिए प्रातःकाल माना जाता है. दिन भर में जो धार्मिक महत्त्व प्रातःकाल का होता है, वैसा ही महत्त्व मकर संक्रान्ति का भी वर्ष भर में होता है. इस वर्ष दिनांक 14 जनवरी की रात्रि 8.34 मिनट पर संक्रमण हो रहा है. चूकी संक्रमण काल रात्रि में भी हो सकता है; अतः धर्मशास्त्रियों ने संक्रमण काल के आधार पर पुण्यकाल तथा पुण्याह की व्यवस्था की है. गणित-ज्योतिष के अनुसार संक्रान्ति के पहले या बाद 8 घंटा तक सूर्य का बिम्ब उस संक्रान्ति-बिन्दु पर रहता है. अतः संक्रमण-काल से 8 घंटा पह...

When is Makar Sankranti 2023: 14 or 15 January when will it be best to take a bath and donate Know Maha Punyakal Timing

Makar Sankranti 2023 Kab Hai in India: मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य को समर्पित माना गया है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य के ग्रह गोचर को संक्रांति कहा जाता है। मकर राशि में जाने को मकर संक्रांति कहते हैं। इस पर्व में लोग नई फसलों की पूजा भी करते हैं। मकर राशि में सूर्य, शुक्र व शनि ग्रहों की युति, इन 3 राशियों को आय में वृद्धि के साथ तरक्की मिलना तय मकर संक्रांति 2023 की तारीख क्या है? मकर संक्रांति का पर्व हर राज्य में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। इसलिए इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को पूर्वी उत्तर प्रदेश खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण, हरियाणा, पंजाब में माघी और तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति का पर्व हर साल जनवरी महीने में ही आता है। लेकिन इस साल इस पर्व की तारीख को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है। मकर संक्रांति 14 या 15 तारीख कब है? मकर संक्रांति का पर्व लोहड़ी के एक दिन बाद मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 15 जनवरी 2023, रविवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का क्षण 14 जनवरी को रात 08 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति में ग्रहों की स्थिति से नहीं होगी धन-धान्य की कमी, पढ़ें मकर संक्रांति के पीछे पौराणिक कथाएं मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त- मकर संक्रांति पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। अवधि 10 घंटे 31 मिनट की है। मकर संक्रांति महा पुण्यकाल का समय 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजे तक रहेगा। अवधि 01 घंटा 45 मिनट की है।

Makar Sankranti 2023 Date Know Importance Shubh Muhurt Mantra And Manyata

Makar Sankranti 2023 Date: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक प्रमुख पर्व है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस त्यौहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार धूमधाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इसी दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है. इसके बाद से ही बसंत का आगमन शुरू हो जाता है. देश भर में अलग-अलग नामों के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी, इसका शुभ मुहूर्त कब है और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में. मकर संक्रांति की तिथि हर साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त पुण्य काल मुहूर्त: 07:15:13 से 12:30:00 तक अवधि:5 घंटे 14 मिनट महापुण्य काल मुहूर्त :07:15:13 से 09:15:13 तक अवधि: 2 घंटे मकर संक्रांति का महत्व मकर संक्रांति पर दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है. इस दिन जिन लोागें की कुंडली में शनि और सूर्य अशुभ हैं. वे इस दिन काले तिल का दान कर सकते हैं. काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है. मकर संक्रांति के दिन काले तिल से सूर्य देव की पूजा की जाती है.मकर संक्रांति के दिन अगर आपके घर पर कोई भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति आता है तो उसे कभी भी खाली हाथ न जाने दें. इस दिन स्नान के पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. मकर संक्रांति से जुड़ी पौराणिक मान्यता भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से मकर संक्रांति का बहुत महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जा...

Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति आज या कल? कब मनाना है सही? काशी और पुरी के ज्योतिषाचार्य से जान लें समय

इस बार मकर संक्रांति के पर्व की तारीख पर कन्फ्यूजन है. सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस राशि से संबंधित संक्रांति होती है. सूर्य की पूजा तो सूर्योदय काल से होगी, जब वह मकर राशि में हो. Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति का पर्व आज है या कल? यह प्रश्न काफी लोगों के मन में है क्योंकि अधिकतर 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार मकर संक्रांति के पर्व की तारीख पर कन्फ्यूजन है. 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाई जाए या 15 जनवरी को. काशी के ज्योतिषाचार्य चकपाणि भट्ट का कहना है कि जितने भी हिंदू पर्व, त्योहार या व्रत हैं, वे पंचांग के आधार पर तय होते हैं, जिसमें ग्रहों और नक्षत्रों के बारे में सटीक जानकारी दी जाती है. सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस राशि से संबंधित संक्रांति होती है. इस बार सूर्य का प्रवेश मकर राशि में होने वाला है, तब मकर संक्रांति होगी. सूर्य के मकर में प्रवेश करने का समय ही तय करता है कि मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी. 14 जनवरी को हम मकर संक्रांति के ​लिए फिक्स नहीं कर सकते हैं. इस साल 15 जनवरी को है मकर संक्रांति ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, इस साल सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है. उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण है, लेकिन उस समय में स्नान और दान कैसे होगा? इस वजह से अगले दिन सूर्योदय के बाद मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा. यह भी पढ़ें: मकर संक्रांति पर ‘डिजिटल अंदाज’ में करें अपनों को याद, भेजें ये स्पेशल शुभकामना संदेश 14 जनवरी को नहीं मिलेगा मकर संक्रांति मनाने का पुण्य लाभ केंद्रीय संस्कृत विश्विद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य...

Makar Sankranti 2022 date timing and shubh muhurat

Makar Sankranti 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति का पर्व देश के हर कोने में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. पंजाब में इसे लोहड़ी, केरल में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, उत्तराखंड में उत्तरायणी और कई स्थानों खिचड़ी के नाम में मनाया जाता है. 2022 में मकर संक्रांति कब है, मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन दान का क्या महत्व है. इसे जानते हैं. 2022 में मकर संक्राति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. हिंदीं पंचांग के मुताबिक इस दिन पौष मास की द्वादशी तिथि है. 14 जनवरी 2022 को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जब सूर्य मकर राशि में गोचर करता है तो मकर संक्रांति कहा जाता है. यह संक्रांति सबसे खास होती है क्योंकि इस अवसर पर सूर्यदेव दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति 2022 शुभ मुहूर्त (Makat Sankranti Shubh Muhurat 2022) -मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल- दोपहर 02.43 से शाम 05.45 तक -पुण्य काल की कुल अवधि- 03 घंटे 02 मिनट -मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल - दोपहर 02.43 से 04:28 तक -कुल अवधि - 01 घण्टा 45 मिनट कर संक्रांति: दान का महत्व (Makat Sankranti 2022 Importance of Donation) सूर्यदेव की उपासना के लिए मकर संक्रांति का दिन उत्तम होता है. शास्त्रों में सूर्य को संसार का आत्मा माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. दरअसल शनि मकर राशि के स्वामी ग्रह है. इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण के वक्त किया गया दान सौ गुना अधिक फल देता है. (Disclaimer: यहां ...