बिहार विधानसभा अध्यक्ष कौन है 2022

  1. BIHAR VIDHAN SABHA
  2. Bihar: Assembly Speaker Election Gearing Up...know Who Are The Candidates And What They Said Ann
  3. Bihar Politics: Big Names For New President And Working President Of Bihar Congress, List Reached The Congress High Command Ann
  4. JDU MLC देवेश चंद्र ठाकुर होंगे बिहार विधान परिषद के सभापति, अवध बिहारी चौधरी बनेंगे स्पीकर: सूत्र
  5. बिहार के विधानसभा अध्यक्ष कौन है?
  6. कौन होंगे बिहार BJP के अध्यक्ष ? अगड़ा
  7. Bihar: Assembly Speaker Election Gearing Up...know Who Are The Candidates And What They Said Ann
  8. बिहार के विधानसभा अध्यक्ष कौन है?
  9. Bihar Politics: Big Names For New President And Working President Of Bihar Congress, List Reached The Congress High Command Ann
  10. कौन होंगे बिहार BJP के अध्यक्ष ? अगड़ा


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BIHAR VIDHAN SABHA

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Bihar: Assembly Speaker Election Gearing Up...know Who Are The Candidates And What They Said Ann

पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अब विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है.इस बार विधानसभा के स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से नहीं होगा बल्कि इसके लिए भी वोटिंग की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है. दरअसल बुधवार को बिहार विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव होना है. इसको लेकर महागठबंधन ने भी अपना एक चेहरा स्पीकर के पद के लिए मैदान में उतार दिया है. महागठबंधन जिसमें कि कांग्रेस राजद और वाम दल शामिल हैं उनकी तरफ से राजद के विधायक अवध बिहारी चौधरी को स्पीकर के उम्मीदवार के तौर पर दावेदार बनाया गया है.सिवान से आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी प्रत्याशी है तो भाजपा से विजय कुमार सिन्हा के उम्मीदवार बनने की संभावना है बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी राजद है तो दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा .हालाकि भाजपा ने पहले ही विधानसभा की कुर्सी गठबबंधन में खुद के लिए तय कर रखा था, अब राजद के आने से चुनाव होना तय माना जा रहा है. महागठबंधन की ओर से स्पीकर के प्रत्याशी बनाए जाने पर अवध बिहारी चौधरी ने कह ये बातें महागठबंधन की तरफ से विधानसभा स्पीकर की प्रत्याशी बनने के बाद अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि महागठबंधन की ओर से मुझे विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया है मैं तमाम विधायकों को यह विश्वास दिलाता हूं कि अध्यक्ष बनने के बाद पूरे नियम से और बिना किसी भेदभाव के सदन चलाने का काम करूंगा.मुझे उम्मीद है सभी सदस्यों का समर्थन मुझे मिलेगा, क्योंकि यह पद निष्पक्ष होता है. एनडीए की ओर से स्पीकर के प्रत्याशी बनाए जाने पर विजय कुमार सिन्हा ने कही ये बातें एनडीए की ओर से स्पीकर के प्रत्याशी बनाए जाने पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने मुझपर जो विश्वास किया है, उ...

Bihar Politics: Big Names For New President And Working President Of Bihar Congress, List Reached The Congress High Command Ann

पटनाः बहुत जल्द बिहार कांग्रेस में बदलाव हो सकता है. शीर्ष नेतृत्व पांच राज्यों के चुनावी नतीजों का इंतजार कर रहा था. ऐसे में नतीजे आने के बाद अब बदलाव की बयार बह सकती है. जल्द व्यापक स्तर पर कांग्रेस आलाकमान बिहार में संगठन में बदलाव कर सकता है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा (Prem Chandra Mishra) ने कहा कि जिस तरह पांच राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और जिस तरह पार्टी बिहार में कमजोर होते जा रही है. वह चिंता का विषय है. प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाना होगा. इसके लिए जरूरी है कि बिहार से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक में कांग्रेस के संगठन में व्यापक फेरबदल हो. बड़े बदलाव करने होंगे तब ही कांग्रेस मजबूत हो पाएगी. बिहार कांग्रेस व राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव कब होगा यह फैसला तो बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास व आलाकमान को लेना है. यह भी पढ़ें- बता दें कि बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा और चारों कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह, कौकब कादरी, अशोक राम, श्याम सुंदर सिंह धीरज का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. सूत्रों के अनुसार बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास ने बिहर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राष्ट्रीय सचिव एवं विधायक शकील अहमद खान एवं राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व सांसद रंजीता रंजन का नाम आलाकमान को सुझाया है. शकील अहमद खान बिहार में पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे हैं. जमीन से जुड़े नेता हैं. संगठन में राष्ट्रीय सचिव की भी भूमिका अदा कर रहे हैं. रंजीता रंजन बिहार से कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं. राष्ट्रीय सचिव हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. महिला नेत्री हैं. तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में उनकी पहचान है. पंजाबी हैं. पप्पू यादव की पत्नी हैं. इनके...

JDU MLC देवेश चंद्र ठाकुर होंगे बिहार विधान परिषद के सभापति, अवध बिहारी चौधरी बनेंगे स्पीकर: सूत्र

पटना. इस वक्त बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां बिहार विधान परिषद के सभापति और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के लिए नामों को फाइनल कर लेने की बात सामने आ रही है. सूत्रों के हवाले से जो बड़ी खबर सामने आ रही उसके अनुसार जेडीयू एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर को बिहार विधान परिषद का सभापति बनाया जा सकता है. वह फिलहाल देवेश चंद्र ठाकुर बिहार विधानपरिषद में जेडीयू के उपनेता हैं. वहीं बिहार विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी कोटे से होगा. जबकि बिहार विधानपरिषद में सभापति जेडीयू कोटे से होगा. वहीं सूत्रों के मुताबिक़ आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इसको लेकर तैयारी भी पूरी हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार अवध बिहारी चौधरी इस बार स्पीकर के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वह लालू प्रसाद यादव के समय से ही आरजेडी के साथ हैं. उनको स्पीकर बनाने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से भी सहमति मिलने की बात कही जा रही है. बता दें, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद स्पीकर पद आरजेडी के खाते में जाना तय माना जा रहा है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब जल्द ही स्पीकर चुनाव की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा. फिलहाल बीजेपी कोटे से विजय सिन्हा विधानसभा से स्पीकर बने हुये हैं. लेकिन, बिहार में आरजेडी-जेडीयू की सरकार बनते ही अब स्पीकर का पद आरजेडी के खाते में चला जाएगा. . Tags: ,

बिहार के विधानसभा अध्यक्ष कौन है?

Explanation : बिहार के विधानसभा वर्तमान अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा है। उन्हें 25 नवंबर 2020 को बिहार विधानसभा को नया अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने महागठबंधन ने आरजेडी विधायक अवध बिहारी सिंह को हराया। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद संभालने वाले विजय सिन्हा बीजेपी के पहले विधायक हैं। विजय सिन्हा लखीसराय सीट से विधायक हैं और इस सीट पर लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। विजय सिन्हा का जन्म 5 जून 1967 को हुआ था। उन्होंने बेगूसराय के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। उन्होंने 1989 में ये डिप्लोमा हासिल किया था। विधायक के साथ-साथ विजय सिन्हा को सरकार का भी अनुभव है। पिछली नीतीश कुमार सरकार में वो श्रम संसाधन मंत्री रहे हैं। विजय सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं। राज्य में प्रवक्ता के अलावा संगठन में भी विजय सिन्हा कई स्तर पर काम कर चुके हैं। Tags : Explanation : संथाल विद्रोह के नेता सिद्धु तथा कान्हू थे। इसमें उनके दो भाई चांद और भैरव तथा दो बहनें फूलो और झानो ने भी सहयोग दिया था। सन्थाल विद्रोह बंगाल के मुर्शिदाबाद व बिहार के भागलपुर, झारखण्ड के हजारीबाग, उड़ीसा के वीरभूम आदि जिलों में • भारत का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन आधारित इथेनॉल संयंत्र किस राज्य में शुरू हुआ? Explanation : बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह थे। जिनका कार्यकाल जनवरी 1946 से जनवरी 1961 तक रहा था। भारत के अखंड बिहार राज्य के प्रधानमंत्री व प्रथम मुख्यमंत्री रहे डॉ. श्रीकृष्ण सिंह कांग्रेस पार्टी के नेता थे। उनके 10 वर्षों के का • बिहार में तिनकठिया पद्धति में नील की खेती के लिए भूमि का कितना भाग अमानत रखा जाता था?

कौन होंगे बिहार BJP के अध्यक्ष ? अगड़ा

PATNA:बिहार की राजनीति में बीजेपी अकेला पड़ गई है। तमाम विपक्षी सदस्य एकजुट हो गए हैं। आठ दलों के सहयोग से नीतीश कुमार अब महागठबंधन के मुख्यमंत्री बन गये. आने वाले दिनों में भाजपा की अग्निपरीक्षा होगी,क्यों कि 2024 में लोकसभा और 2025 में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में बिहार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं दिखती। हालांकि नेतृत्व को 2024-25 चुनाव की तैयारी के लिए वक्त मिल गया है। भाजपा नेतृत्व बिहार की राजनीति को साधने की रणनीति में जुट गया है। खासकर सामाजिक समीकरण पक्ष में कैसे हो इस पर काम शुरू है। नीतीश-तेजस्वी से लोहा लेने को लेकर अपने दो रणबांकुरों को मैदान में उतार दिय़ा है. दो नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा ने मैसेज क्लियर कर दिया है। अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अतिपिछड़ा या दलित समाज को देकर सभी वर्ग को खुश करने की कोशिश होगी। जानकार बताते हैं कि यह भी हो सकता है कि भाजपा नेतृत्व एक तीर से कहीं दो शिकार न कर ले. भूमिहार-कुशवाहा को मिला प्रतिनिधित्व कहा जाता है कि बिहार की राजनीति में सोशल इंजीनियरिंग की अहम भूमिका होती है. जब तक जातीय गणित आपके पक्ष में न हो तब तक आप सत्ता में आने की कल्पना भी नहीं कर सकते। बदलते दौर में भी बिहार में जातीय आधार पर वोटिंग होती है। यही वजह है कि सभी दल जातीय आधार को मजबूत करने की कोशिश में लगे रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी 2024-25 का चुनाव कैसे जीतेगी? इस पर मंथन जारी है। विजय सिन्हा भूमिहार बिरादरी से आते हैं, नीतीश कुमार से लोहा लेने में सक्षम हैं.लिहाजा नेतृत्व ने इन पर दांव लगाया है। विजय सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए विस में विरोधी दल का नेता बनाया गया है। पार्टी की रणनीति है कि विजय सिन्हा के बहाने ना...

Bihar: Assembly Speaker Election Gearing Up...know Who Are The Candidates And What They Said Ann

पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अब विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है.इस बार विधानसभा के स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से नहीं होगा बल्कि इसके लिए भी वोटिंग की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है. दरअसल बुधवार को बिहार विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव होना है. इसको लेकर महागठबंधन ने भी अपना एक चेहरा स्पीकर के पद के लिए मैदान में उतार दिया है. महागठबंधन जिसमें कि कांग्रेस राजद और वाम दल शामिल हैं उनकी तरफ से राजद के विधायक अवध बिहारी चौधरी को स्पीकर के उम्मीदवार के तौर पर दावेदार बनाया गया है.सिवान से आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी प्रत्याशी है तो भाजपा से विजय कुमार सिन्हा के उम्मीदवार बनने की संभावना है बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी राजद है तो दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा .हालाकि भाजपा ने पहले ही विधानसभा की कुर्सी गठबबंधन में खुद के लिए तय कर रखा था, अब राजद के आने से चुनाव होना तय माना जा रहा है. महागठबंधन की ओर से स्पीकर के प्रत्याशी बनाए जाने पर अवध बिहारी चौधरी ने कह ये बातें महागठबंधन की तरफ से विधानसभा स्पीकर की प्रत्याशी बनने के बाद अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि महागठबंधन की ओर से मुझे विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया है मैं तमाम विधायकों को यह विश्वास दिलाता हूं कि अध्यक्ष बनने के बाद पूरे नियम से और बिना किसी भेदभाव के सदन चलाने का काम करूंगा.मुझे उम्मीद है सभी सदस्यों का समर्थन मुझे मिलेगा, क्योंकि यह पद निष्पक्ष होता है. एनडीए की ओर से स्पीकर के प्रत्याशी बनाए जाने पर विजय कुमार सिन्हा ने कही ये बातें एनडीए की ओर से स्पीकर के प्रत्याशी बनाए जाने पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने मुझपर जो विश्वास किया है, उ...

बिहार के विधानसभा अध्यक्ष कौन है?

Explanation : बिहार के विधानसभा वर्तमान अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा है। उन्हें 25 नवंबर 2020 को बिहार विधानसभा को नया अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने महागठबंधन ने आरजेडी विधायक अवध बिहारी सिंह को हराया। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद संभालने वाले विजय सिन्हा बीजेपी के पहले विधायक हैं। विजय सिन्हा लखीसराय सीट से विधायक हैं और इस सीट पर लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। विजय सिन्हा का जन्म 5 जून 1967 को हुआ था। उन्होंने बेगूसराय के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। उन्होंने 1989 में ये डिप्लोमा हासिल किया था। विधायक के साथ-साथ विजय सिन्हा को सरकार का भी अनुभव है। पिछली नीतीश कुमार सरकार में वो श्रम संसाधन मंत्री रहे हैं। विजय सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं। राज्य में प्रवक्ता के अलावा संगठन में भी विजय सिन्हा कई स्तर पर काम कर चुके हैं। Tags : Explanation : संथाल विद्रोह के नेता सिद्धु तथा कान्हू थे। इसमें उनके दो भाई चांद और भैरव तथा दो बहनें फूलो और झानो ने भी सहयोग दिया था। सन्थाल विद्रोह बंगाल के मुर्शिदाबाद व बिहार के भागलपुर, झारखण्ड के हजारीबाग, उड़ीसा के वीरभूम आदि जिलों में • भारत का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन आधारित इथेनॉल संयंत्र किस राज्य में शुरू हुआ? Explanation : बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह थे। जिनका कार्यकाल जनवरी 1946 से जनवरी 1961 तक रहा था। भारत के अखंड बिहार राज्य के प्रधानमंत्री व प्रथम मुख्यमंत्री रहे डॉ. श्रीकृष्ण सिंह कांग्रेस पार्टी के नेता थे। उनके 10 वर्षों के का • बिहार में तिनकठिया पद्धति में नील की खेती के लिए भूमि का कितना भाग अमानत रखा जाता था?

Bihar Politics: Big Names For New President And Working President Of Bihar Congress, List Reached The Congress High Command Ann

पटनाः बहुत जल्द बिहार कांग्रेस में बदलाव हो सकता है. शीर्ष नेतृत्व पांच राज्यों के चुनावी नतीजों का इंतजार कर रहा था. ऐसे में नतीजे आने के बाद अब बदलाव की बयार बह सकती है. जल्द व्यापक स्तर पर कांग्रेस आलाकमान बिहार में संगठन में बदलाव कर सकता है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा (Prem Chandra Mishra) ने कहा कि जिस तरह पांच राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और जिस तरह पार्टी बिहार में कमजोर होते जा रही है. वह चिंता का विषय है. प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाना होगा. इसके लिए जरूरी है कि बिहार से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक में कांग्रेस के संगठन में व्यापक फेरबदल हो. बड़े बदलाव करने होंगे तब ही कांग्रेस मजबूत हो पाएगी. बिहार कांग्रेस व राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव कब होगा यह फैसला तो बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास व आलाकमान को लेना है. यह भी पढ़ें- बता दें कि बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा और चारों कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह, कौकब कादरी, अशोक राम, श्याम सुंदर सिंह धीरज का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. सूत्रों के अनुसार बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास ने बिहर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राष्ट्रीय सचिव एवं विधायक शकील अहमद खान एवं राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व सांसद रंजीता रंजन का नाम आलाकमान को सुझाया है. शकील अहमद खान बिहार में पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे हैं. जमीन से जुड़े नेता हैं. संगठन में राष्ट्रीय सचिव की भी भूमिका अदा कर रहे हैं. रंजीता रंजन बिहार से कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं. राष्ट्रीय सचिव हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. महिला नेत्री हैं. तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में उनकी पहचान है. पंजाबी हैं. पप्पू यादव की पत्नी हैं. इनके...

कौन होंगे बिहार BJP के अध्यक्ष ? अगड़ा

PATNA:बिहार की राजनीति में बीजेपी अकेला पड़ गई है। तमाम विपक्षी सदस्य एकजुट हो गए हैं। आठ दलों के सहयोग से नीतीश कुमार अब महागठबंधन के मुख्यमंत्री बन गये. आने वाले दिनों में भाजपा की अग्निपरीक्षा होगी,क्यों कि 2024 में लोकसभा और 2025 में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में बिहार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं दिखती। हालांकि नेतृत्व को 2024-25 चुनाव की तैयारी के लिए वक्त मिल गया है। भाजपा नेतृत्व बिहार की राजनीति को साधने की रणनीति में जुट गया है। खासकर सामाजिक समीकरण पक्ष में कैसे हो इस पर काम शुरू है। नीतीश-तेजस्वी से लोहा लेने को लेकर अपने दो रणबांकुरों को मैदान में उतार दिय़ा है. दो नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा ने मैसेज क्लियर कर दिया है। अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अतिपिछड़ा या दलित समाज को देकर सभी वर्ग को खुश करने की कोशिश होगी। जानकार बताते हैं कि यह भी हो सकता है कि भाजपा नेतृत्व एक तीर से कहीं दो शिकार न कर ले. भूमिहार-कुशवाहा को मिला प्रतिनिधित्व कहा जाता है कि बिहार की राजनीति में सोशल इंजीनियरिंग की अहम भूमिका होती है. जब तक जातीय गणित आपके पक्ष में न हो तब तक आप सत्ता में आने की कल्पना भी नहीं कर सकते। बदलते दौर में भी बिहार में जातीय आधार पर वोटिंग होती है। यही वजह है कि सभी दल जातीय आधार को मजबूत करने की कोशिश में लगे रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी 2024-25 का चुनाव कैसे जीतेगी? इस पर मंथन जारी है। विजय सिन्हा भूमिहार बिरादरी से आते हैं, नीतीश कुमार से लोहा लेने में सक्षम हैं.लिहाजा नेतृत्व ने इन पर दांव लगाया है। विजय सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए विस में विरोधी दल का नेता बनाया गया है। पार्टी की रणनीति है कि विजय सिन्हा के बहाने ना...