बरसाना राधा रानी मंदिर

  1. बरसाने का राधा रानी मंदिर
  2. मथुरा में भक्त ने दान किया स्वर्ण रजत सिंहासन, दिल्ली के 10 ज्वैलर्स ने 6 महीने में बनाया
  3. राधा रानी मंदिर
  4. TOURIST PLACES OF Barsana:The Temple Of Radha Rani And Lord Krishna Is Located Here Ann


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बरसाने का राधा रानी मंदिर

New Delhi : मथुरा के बरसाने में राधा रानी मंदिर है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। बरसाना में बीचों-बीच एक पहाड़ी है जिसके ऊपर राधा रानी मंदिर स्थित है। इस मंदिर को बरसाना की लाड़ली जी का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बरसाना अपने आप में ही बहुत पवित्र जगह है। बरसाना की पहाड़ियों के जो पत्थर हैं वो काले तथा गोरे रंग के हैं, जिन्हें कृष्ण और राधा के अमर प्रेम का प्रतीत मानते हैं। बरसाना से 4 मील की दूरी पर ही नंदगाव है, जहाँ श्रीकृष्ण के पिता बाबा नंद का घर था। बरसाना-नंदगाव मार्ग पर एक संकेत नाम का गाँव है, जहाँ किंवदंती के अनुसार कृष्ण और राधा का पहला मिलन हुआ था। नारी का गौरव हैं, सम्मान हैं राधा, भक्ति एवं प्रेम की प्रतिमान हैं राधा। कृष्ण की महिमा का गुणगान हैं राधा, बरसाने की भूमि पर विराजमान हैं राधा। आप सभी को राधा रानी मंदिर, बरसाना से राधा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। — UP Tourism (@uptourismgov) राधा रानी मंदिर को ''बरसाने की लाड़ली जी का मंदिर'' के नाम से जाना जाता है। यह प्राचीन मंदिर बेहद ही खूबसूरत लाल और पीले पत्थरों का बना है। राधा-कृष्ण को समर्पित इस भव्य मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह ने करवाया था। यह अद्भुत मंदिर बरसाने का एक दर्शनीय स्थान है। — UP Tourism (@uptourismgov) — आंखों देखी LIVE (@AnkhoDekhiNews1) भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रिय गोपी राधा बरसाना की रहने वाली थी। कस्बे के मध्य श्री राधा की जन्मस्थली माना जाने वाला श्री राधावल्लभ मंदिर स्थित है। राधा का जिक्र पद्मा पुराण और ब्रह्म वैवर्त पुराण में भी मिलता है। पद्मा पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक गोप की पुत्री थी और वृषभानु जाति के वैश्य थे। ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार राधा कृष्ण की मित्र ...

मथुरा में भक्त ने दान किया स्वर्ण रजत सिंहासन, दिल्ली के 10 ज्वैलर्स ने 6 महीने में बनाया

मथुरा के बरसाना में श्री जी मंदिर में राधा-रानी हीरे से बनी सिंहासन में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दी। श्री बृज हरि संकीर्तन मंडल ने 55 किलो चांदी, 5 किलो सोना और 10 लाख के हीरे से स्वर्ण रजत सिंहासन राधा-रानी मंदिर में बुधवार को भेंट किया। 6 करोड़ की लागत से दिल्ली के 10 ज्वैलर्स ने 6 महीनों में सिंहासन को तैयार किया। राधा-रानी का भक्त विशेष उत्सव जैसे होली, राधा अष्टमी पर ब्रह्मांचल पर्वत पर दर्शन कर सकेंगे। संकीर्तन मंडल के एक सदस्य ने बताया कि बब्बू 8 साल की उम्र से ही अपने पिता चिमनलाल के साथ बरसाना आते थे। 52 सालों से बिना पैसे लिए वह घरों में भजन कीर्तन का गायन कर रहे हैं। श्री जी की प्रेरणा से उन्होंने राधा-रानी के भक्तों से सिंहासन बनवाने के लिए कहा। जिस पर भक्तों का समूह तैयार हो गया था। जिसके लिए लोगों से चंदा एकत्र कर 55 किलो चांदी, 5 किलो सोने के साथ दस लाख के हीरे से सिंहासन का निर्माण कराया। संकीर्तन मंडल के द्वारा सिंहासन पर राधा-रानी के विराजमान होने की खुशी में मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। ब्रह्मांचल पर्वत पर बने इस मंदिर में विराजमान हैं राधा-रानी। हीरे से जड़ित स्वर्ण रजत सिंहासन राधा-रानी मंदिर पहुंचा दिल्ली में श्री ब्रज हरि संकीर्तन मंडल द्वारा बनवाया गया सिंहासन निजी सुरक्षा कर्मियों की देख-रेख में बुधवार को बरसाना पहुंचा। जहां मंदिर प्रबंधन और श्री ब्रज हरि संकीर्तन मंडल के भक्तों द्वारा इसे ब्रहमांचल पर्वत पर बने राधा-रानी के मंदिर में ले गए। मंदिर में पहुंचने के बाद सिंहासन की शुद्धि की गई। इसके बाद नव निर्मित सिंहासन में राधा-रानी को विराजमान किया गया। भक्तों का मानना है कि राधा रानी आज भी ब्रज में ही वास करती हैं। विशेष उत्सव में...

राधा रानी मंदिर

राधा रानी मंदिर मथुरा का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। बरसाना में बीचों-बीच एक पहाड़ी है जो बरसाना के मस्तिष्क पर आभूषण के समान है, उसी के ऊपर राधा रानी मंदिर स्थित है। इस मंदिर को “बरसाना की लाड़ली जी का मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। बरसाना की पवित्र भूमि बहुत ही सुन्दर तथा हरी-भरी है। बरसाना की पहाड़ियों के पत्थर काले तथा गोरे रंग के हैं, जिन्हें यहाँ के व्यक्ति कृष्ण और राधा के अमर प्रेम का प्रतीत मानते हैं। बरसाना से 4 मील की दूरी पर नंदगाव है, जहाँ श्रीकृष्ण के पिता नंद का घर था। बरसाना-नंदगाव मार्ग पर एक संकेत नाम का गाँव है, जहाँ किंवदंती के अनुसार कृष्ण और राधा का पहला मिलन हुआ था। ‘संकेत’ का शब्दार्थ है कि पूर्व निर्दिष्ट मिलने का स्थान, यहाँ भाद्र शुक्ल अष्टमी (राधाष्टमी) से चतुर्दशी तक बहुत ही सुन्दर मेला लगता है। इसी प्रकार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी, नवमी एवं दशमी को आकर्षक लीला होती है। इतिहास भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रिय गोपी राधा बरसाना की रहने वाली थी। कस्बे के मध्य श्री राधा की जन्मस्थली माना जाने वाला श्री राधावल्लभ मंदिर स्थित है। राधा का जिक्र पद्मा पुराण और ब्रह्म वैवर्त पुराण में भी मिलता है। पद्मा पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक गोप की पुत्री थी और वृषभानु जाति के वैश्य थे। ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार राधा कृष्ण की मित्र थी और उसका विवाह रापाण/ रायाण (अथवा अयनघोष) नामक व्यक्ति के साथ हुआ था। कुछ विद्वान मानते हैं कि राधा जी का जन्म यमुना के निकट बसे रावल गाँव में हुआ था और बाद में उनके पिता बरसाना में बस गए। इस मान्यता के अनुसार नन्दबाबा एवं वृषभानु का आपस में गहरा प्रेम था। कंस के द्वारा भेजे गये असुरों के उपद्रवों के कारण जब नंदराय अपने परिवार, समस्...

TOURIST PLACES OF Barsana:The Temple Of Radha Rani And Lord Krishna Is Located Here Ann

मथुरा और वृंदावन भले ही भगवान श्रीकृष्ण के लिए जाना जाता हो लेकिन बरसाना को राधा रानी के लिए जाना जाता है यहीं पर राधा का जन्म हुआ था. मथुरा से बरसाना की दूरी तकरीबन 50 और वृंदावन से इसकी दूरी तकरीबन 43 किलोमीटर है. मथुरा घूमने आए पर्यटक बरसाना घूमने अवश्य जाते हैं. बरसाना की गलियों में भगवान श्रीकृष्ण और राधा का अमर प्रेम बसा हुआ है. बरसाना की होली विश्व प्रसिद्ध है यहां खेले जाने वाली होली को लट्ठमार होली भी कहा जाता है. नंदगांव के निवासी फाल्गुन एकादशी के दिन बरसाना होली खेलने आते हैं. जबकी दूसरे दिन बरसाना वाले नंदगांव होली खेलने जाते हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक होली के दिन श्रीकृष्ण अपने साथियों के साथ बरसाना होली खेलने जाते थे. आज के इस लेख में हम आपको भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी बरसाना के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं. राधा रानी मंदिर ब्रज धाम के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक राधा रानी मंदिर है. यहां दूर-दूर से पर्यटक इस भव्य मंदिर को देखने आते हैं. पहाडी गलियारों के शिखर पर बने इस मंदिर तक सीढ़ियों के माध्यम से पहुंचा जाता है. कीर्ति मंदिर बरसाना स्थित कीर्ति मंदिर को रंगीली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर परिषद के भीतर भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों की सुंदर झांकिया बनी हुई हैं. इस मंदिर का निर्माण जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज ने करवाया था. मंदिर के गर्भगृह में राधा की मां कीर्ति स्थापित हैं. यहां हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक भगवान के दर्शन करने आते हैं. नंद गांव बरसाना से तकरीबन 9 किलोमीटर की दूरी पर नंद गांव स्थित है. यहां स्थित मंदिर तकरीबन 5 हजार साल पहले नंद और यशोदा का घर हुआ करता था. मंदिर के गर्भ गृह में यशोदा, नंद और भगवान ...