चैत्र पूर्णिमा

  1. Chaitra Purnima 2023:चैत्र पूर्णिमा व्रत आज, जानें स्नान दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
  2. chaitra purnima upay 2023 do these remedies on purnima night get rid off from all problem
  3. आज है चैत्र पूर्णिमा 2022, यहां जानें मुहूर्त, स्नान, दान, व्रत एवं पूजा विधि के बारे में
  4. गुरू पूर्णिमा 2023: क्यों मनाई जाती है गुरू पूर्णिमा जानिए तिथि, तारीख और इतिहास
  5. Chaitra Purnima 2021: Hanuman Janmotsav Date TIme Shubh Muhurat Importance Significance Puja Vidhi
  6. Chaitra Purnima 2022: चैत्र पूर्णिमा के दिन न करें ये काम, मुसीबत में पड़ जाएंगे
  7. Chaitra Purnima 2023: कब मनाई जाएगी चैत्र पूर्णिमा 5 या 6 ? जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
  8. Chaitra Purnima 2022 कब है चैत्र पूर्णिमा जानिए महत्व मुहूर्त और पूजा विधि
  9. chaitra purnima 2022 date special remedies for wealth purnima ke upay


Download: चैत्र पूर्णिमा
Size: 16.68 MB

Chaitra Purnima 2023:चैत्र पूर्णिमा व्रत आज, जानें स्नान दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Chaitra Purnima 2023 Date Time Puja Vidhi : चैत्र पूर्णिमा 2023 नव वर्ष के बाद हिंदू कैलेंडर की पहली पूर्णिमा है। उगादी, गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्रि के बाद आने के कारण यह हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। लोग इस दिन व्रत भी इस विश्वास के साथ रखते हैं कि उन्हें अच्छा फल मिलेगा। हालांकि, सभी पूर्णिमा अपने आप में विशेष हैं। चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जी के अवतरण दिवस यानि हनुमान जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जो लोग चैत्र पूर्णिमा के दिन उपवास रखते हैं, उन्हें देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा की तिथि , महत्व और पूजा विधि के बारे में। Hanuman Janmotsav Upay: हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी को खुश करने के लिए करें ये उपाय, मिलेगी सफलता Grahan Yog 2023: 14 अप्रैल से बनेगा सूर्य-राहु ग्रहण योग, इन 3 राशि के जातकों को रहना होगा सावधान चैत्र पूर्णिमा का महत्व हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान यम के छोटे भाई चित्रगुप्त को भगवान ब्रह्मा ने बनाया था। वह सभी के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखाजोखा रखने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए चैत्र पूर्णिमा को चित्रगुप्त से आशीर्वाद लेने के लिए शुभ माना जाता है। भक्त अपने नकारात्मक कर्मों या पापों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन उनकी पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि किसी की मृत्यु के बाद, उन्हें चित्रगुप्त के खाते के आधार पर पुरस्कृत या दंडित किया जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव भी पड़ता है। इसीलिए चैत्र मास की पूर्णिमा और भी खास बन जाती है। चैत्र पूर्णिमा व्रत विधि • चैत्र पूर्णिमा के दिन लोग ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से ...

chaitra purnima upay 2023 do these remedies on purnima night get rid off from all problem

Chaitra Purnima Ke Totke: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. आज चैत्र पूर्णिमा की शुभ तिथि है. पूर्णिमा का संबंध मां लक्ष्मी से भी माना जाता है. चैत्र के महीने में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है. मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा की शाम को कुछ खास उपाय करने से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख- समृद्धि प्राप्त होती है. मान्यताएं हैं कि चैत्र पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की उपासना करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. तो चलिए जानते हैं कि ये उपाय कौन-से हैं. जिनको करने से आपके सारे कष्ट दूर होंगे. - अगर आप सुबह के समय पीपल को जल अर्पित नहीं कर पाए हैं तो शाम को पीपल के वृक्ष को जल जरूर अर्पित करें. इस दिन पीपल के पेड़ का विशेष महत्व होता है. साथ ही आप दीपक प्रज्जवलित करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और सुखद जीवन का आशीर्वाद देती हैं. - शाम के समय केले की जड़ की पूजा करने के बाद हल्दी की गांठ और केले की जड़ को साथ में करके पीले कपड़े में बांध लें. ये चीजें पुखराज का काम करती है, ऐसा करने से गुरु के शुभ फल प्राप्त होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है. - अगर आपके वैवाहिक जीवन में परेशानी आ रही है तो शाम के समय पति-पत्नी साथ में मिलकर चंद्र देव को अर्घ्य दें. मान्यता है कि ऐसा करने से दंपती जीवन में खुशहाली आती है. - मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए शाम के समय उनकी पूजा करें और मां लक्ष्मी को 11 कौड़ियां अर्पित करें. इसके साथ ही उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं. अगली सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से धन वृद्धि होती है. अपनी ...

आज है चैत्र पूर्णिमा 2022, यहां जानें मुहूर्त, स्नान, दान, व्रत एवं पूजा विधि के बारे में

आज 16 अप्रैल दिन शनिवार को चैत्र पूर्णिमा है. इस तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए हनुमान जयंती मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, आज शनिवार को तड़के 02:25 बजे से चैत्र मा​ह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हुई है और यह आज देर रात 12 बजकर 24 मिनट तक है. पूर्णिमा व्रत और स्नान दान का कार्यक्रम आज 16 अप्रैल को किया जा रहा है. आज सुबह से ही गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में लोग स्नान कर रहे हैं और दान पुण्य का लाभ कमा रहे हैं. पूर्णिमा के अवसर पर ​नदी स्नान एवं दान करने से हजार गुना पुण्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा मुहूर्त, स्नान, दान, व्रत एवं पूजा विधि के बारे में. यह भी पढ़ें: चैत्र पूर्णिमा पर करें ये 6 आसान उपाय, धन, संपत्ति से भर जाएगा घर चैत्र पूर्णिमा 2022 मुहूर्त चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रात:काल 05:55 बजे से ही रवि योग लग गया है, जो आज प्रात: 08:40 बजे तक रहेगा. रवि योग सूर्य देव की कृपा प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है. इस योग में कार्यों में सफलता प्राप्त होती है, यश एवं कीर्ति में वृद्धि होती है. ऐसे में आप चेत्र पूर्णिमा का स्नान एवं दान रवि योग में करें. आज का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त 11:55 बजे से लेकर दोपहर 12:47 बजे तक है. चैत्र पूर्णिमा स्नान एवं दान आज के दिन प्रात: पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर पर स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें. फिर उससे स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. उसके पश्चात चावल, दाल, नमक, हल्दी, आलू, सब्जी, कुछ रुपये, वस्त्र आदि का दान करें. यह भी पढ़ें: कब है चैत्र पूर्णिमा? जानें तिथि और हनुमान जी से इसका संबंध चैत्र पूर्णिमा व्रत एवं पूजा विधि 1. जो लोग पूर्णिता व्रत रखते...

गुरू पूर्णिमा 2023: क्यों मनाई जाती है गुरू पूर्णिमा जानिए तिथि, तारीख और इतिहास

गुरू पूर्णिमा 2023: क्यों मनाई जाती है गुरू पूर्णिमा जानिए तिथि, तारीख और इतिहास आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा दिवस के रूप में जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा का त्योहार भारत सहित नेपाल और भूटान जैसे कई उपमहाद्वपीय देषों में भी मनाया जाता है। यह त्योहार गौतम बुद्ध द्वारा उत्तर प्रदेश के सारनाथ में अपने पहले पांच शिष्यों को दिए गये पहले उपदेश की याद में मनाया जाता है। हिंदू और जैन धर्मावलंबियों द्वारा इस त्योहार को गुरू को सम्मान देने और उनके समर्पण के लिए आभार के रूप में मनाया जाता है। गुरू पूर्णिमा 2023 के पावन पर्व पर हम गुरू पूर्णिमा का अर्थ और इसे मनाए जाने के पीछे की कहानी को जानेगें। इस वर्ष साल 2023 में गुरू पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई 2023 को मनाया जायेगा। ​ गुरू पूर्णिमा कब है साल 2023 में गुरू पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई 2023 को संपूर्ण भारत सहित पड़ोसी देषों में मनाया जायेगा। परंपरागत रूप से यह दिन गुरु पूजा या गुरु प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता रहा है। इस दिन शिष्य अपने गुरूओं की पूजा करते हैं या अपने गुरुओं को सम्मान देते हैं। आइए गुरू पूर्णिमा की तिथि के बारे में जानें। गुरू पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 8ः21 पीएम, 2 जुलाई 2023 गुरू पूर्णिमा तिथि समाप्त – 5ः08 पीएम 3 जुलाई 2023 गुरु पूर्णिमा का अर्थ गुरु पूर्णिमा एक पारंपरिक हिंदू उत्सव है, जो प्रबुद्ध आध्यात्मिक गुरुओं को समर्पित है,। यह शुभ दिन आषाढ़ (जुलाई से अगस्त) के हिंदू महीने में ग्रीष्म संक्रांति के बाद पहली पूर्णिमा पर पड़ता है। यह भारत, नेपाल और भूटान में हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन साधक अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता और भक्ति अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्...

Chaitra Purnima 2021: Hanuman Janmotsav Date TIme Shubh Muhurat Importance Significance Puja Vidhi

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा होती है। इसी पावन दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इसी दिन हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। हनुमान जी का जन्मोत्सव होने से इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व... चैत्र पूर्णिमा तिथि • 27 अप्रैल, 2021 दिन मंगलवार पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट पर चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि... • सुबह स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें। • पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस बार • इस दिन विधि- विधान से हनुमान जी की पूजा करें। • इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। • हनुमान चालीसा का पाठ करें। • हनुमान जी को भोग लगाएं और फिर हनुमान जी और सभी देवी- देवताओं की आरती करें। चैत्र पूर्णिमा का महत्व • चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। • इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। • इस पावन दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।

Chaitra Purnima 2022: चैत्र पूर्णिमा के दिन न करें ये काम, मुसीबत में पड़ जाएंगे

Chaitra Purnima 2022 do's and don'ts: चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) का दिन बहुत खास होता है क्‍योंकि इस हनुमान जन्‍मोत्‍सव भी होता है. यानी कि यह दिन भगवान विष्‍णु के साथ-साथ भगवान हनुमान की कृपा पाने का भी खास मौका होता है. इस साल 16 अप्रैल, शनिवार को चैत्र पूर्णिमा है. चैत्र पूर्णिमा 2022 तिथि 16 अप्रैल 2022, शनिवार को तड़के 02:25 बजे शुरू होगी और 17 अप्रैल की सुबह 12:24 बजे समाप्‍त होगी. वहीं चंद्रोदय का समय 16 अप्रैल की शाम 06:27 बजे है. - चैत्र पूर्णिमा के दिन ना तो किसी की बुराई करें, ना किसी से झगड़ा करें. खासतौर पर इस दिन पड़ोसियों से कोई विवाद न करें. कहते हैं कि इस दिन पड़ोसियों से किया गया विवाद स्थाई हो जाता है, जो भविष्‍य में बड़ा नुकसान पहुंचाता है. - चैत्र पूर्णिमा के दिन गलती से भी तामसिक भोजन, शराब आदि का सेवन न करें. इस दिन हनुमान जयंती भी होती है लिहाजा इस दिन मांसाहार करना जीवन में संकट ला सकता है. यह भी पढ़ें: चैत्र पूर्णिमा के दिन करें ये काम - चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रम्हमुहूर्त में स्नान कर लें. वैसे इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करना बहुत शुभ माना गया है. यदि ऐसा संभव न हो तो पवित्र नदियों के जल मिले पानी से स्‍नान कर लें. यदि व्रत कर रहे हैं तो व्रत करने का संकल्‍प ले लें. - विधि-विधान से भगवान विष्‍णु की पूजा करें. इस दिन हनुमान जी की भी पूजा आराधना करें. ऐसा करने से बहुत लाभ होगा.

Chaitra Purnima 2023: कब मनाई जाएगी चैत्र पूर्णिमा 5 या 6 ? जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Chaitra Purnima 2023 Date: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है. चैत्र मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है. कुछ लोगों को पूर्णिमा की डेट को लेकर कन्फ्यूजन है, उदयातिथि के आधार पर 06 अप्रैल गुरुवार के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. इसके साथ ही कुछ जगहों पर इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाएगी.आइए जानते हैं कब है चैत्र पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि. क्या है चैत्र पूर्णिमा 2023 महत्व (Chaitra Purnima 2023 Significance) चैत्र पूर्णिमा का काफी महत्व है. चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत और स्नान दान करने से काफी फल मिलता है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा का विशेष महत्व होता है. चैत्र माह की पूर्णिमा को ही राम जी के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था. चैत्र पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 5 मार्च सुबह 9 बजकर 19 मिनट चैत्र पूर्णिमा तिथि का समापन- 6 अप्रैल सुबह 10 बजकर 4 मिनट चैत्र पूर्णिमा 2023 स्नान दान (Chaitra Purnima 2023 Snan dan) चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान दान का काफी महत्व है. 6 अप्रैल 2023 को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ है. चैत्र पूर्णिमा के उपाय (Chaitra Purnima 2023 Upay) माता लक्ष्मी को खीर अत्याधिक पसंद है,चैत्र पूर्णिमा के दिन उन्हें खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही जीवन की सभी परेशानियां भी दूर होती हैं. शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन सुबह पीपल को जल अर्पित करने और शाम को दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. चैत्र पूर्णिमा पूजन ...

Chaitra Purnima 2022 कब है चैत्र पूर्णिमा जानिए महत्व मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, Chaitra Purnima 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की समाप्त होने के दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। चैत्र माह की पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा है। इतना ही नहीं इस दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस बार चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल, शनिवार के दिन पड़ रही है। जानिए चैत्र पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अप्रैल सुबह 12 बजकर 24 मिनट तक चंद्रोदय का समय- 16 अप्रैल, शनिवार, शाम 06 बजकर 27 मिनट चैत्र पूर्णिमा का महत्व मान्यता है कि जो व्यक्ति चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करता है। उसके हर बिगड़े हुए काम पूरे होने लगते हैं। इसके साथ ही यश-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा सुनने का भी कई गुना अधिक फल मिलता है। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का भी महत्व है। चैत्र पूर्णिमा के दिन होगी हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का भी जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करना शुभ होता है। चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें और भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा करें। इसके साथ ही इस दिन कनकधारा स्तोत्र का भी पाठ करना चाहिए। अंत में आरती करते भूल चूक के लिए माफी मांग लें। पूर्णिमा के दिन शाम के समय चंद्र देव के निकलने के ब...

chaitra purnima 2022 date special remedies for wealth purnima ke upay

Chaitra Purnima 2022: हिंदी माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा (Purnima) कहलाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में चैत्र माह की पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2022) का विशेष महत्व है. ऐसा इसलिए क्योंकि, हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है. इस साल चैत्र पूर्मिमा 16 अप्रैल को पड़ रही है. मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के दिन कुछ खास उपाय करने से मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है. ऐसे में पूर्णिमा के दिन आप भी ये उपाय कर सकते हैं. -पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें 11 कौड़ियां अर्पित करें. साथ ही उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं. इतना करने के बाद अगले दिन कौड़ियों को किसी लाल कपड़े में बांधकर धन वाले स्थान पर या तिजोरी में रख दें. मान्यता है कि ऐसा करने से धन में बरकत होती है. -चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय कच्चे दूध में चावल मिलाकर 'ओम् स्रांस्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:' या 'ओम् ऐं क्लीं सोमाय नम:' इस मंत्र को बोलते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें. ऐसा करने से धीरे-धीरे आर्थिक समस्याएं खत्म होने लगती हैं. यह भी पढ़ें: -शास्त्रों के मुताबिक पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद पीपल में कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है. -वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए भी पूर्णिमा तिथि खास मानी जाती है. मान्यता है कि अगर पति-पत्नी साथ में चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में मधुरता बरकरार रहती है. ( Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य...