मणिपुर इंफाल न्यूज़

  1. Manipur
  2. Violence flares up again in Imphal army deployed amid heavy tension in Manipur
  3. अब तक 40 लोगों का एनकाउंटर; CM बोले
  4. Violence flares up again in Manipur 9 killed many injured in militant attack
  5. हिंसा प्रभावित मणिपुर में गोलीबारी में नौ और लोग घायल – ThePrint Hindi
  6. Violence In Manipur, Firing In Khamenlok, 9 Killed, Says Army Sources
  7. manipur 22 miscreants arrested for setting fire to houses in hill villages of imphal vwt
  8. हिंसा प्रभावित मणिपुर में गोलीबारी में नौ और लोग घायल – ThePrint Hindi
  9. Violence flares up again in Manipur 9 killed many injured in militant attack
  10. Violence flares up again in Imphal army deployed amid heavy tension in Manipur


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Manipur

Photo: Spear Corps, Indian Army इंफाल. मणिपुर में सुरक्षाबलों ने हिंसा से प्रभावित इलाकों में गश्त के दौरान वहां से विस्फोटकों के अलावा आईईडी से विस्फोट में इस्तेमाल होने वाले ‘रिमोट इनिशिएशन मैकेनिज्म’ को बरामद किया है। सेना ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सेना ने बताया कि असम राइफल्स ने राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर विभिन्न संगठनों द्वारा लगाए गए अवरोधों को हटाते हुए आवश्यक सामान लेकर इंफाल जा रहे ट्रकों के काफिले को सुरक्षा प्रदान की। सेना की स्पीयर कोर ने कहा, “इंफाल पूर्व जिले की तलहटी में भारतीय सेना के गश्ती दल ने बुधवार को बुंगबल खुल्लेन गांव में विस्फोटक और आईईडी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘रिमोट इनिशिएशन मैकेनिज्म’ को बरामद किया। उन्होंने बताया कि मौके से तीन किलोग्राम टीएनटी, 15 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, चार सर्किट और रिमोट फायरिंग डिवाइस भी मिले हैं।” Indian Army Patrol operating along foothills of Imphal East Manipur recovered explosives & remote initiation mechanism for IEDs in village Bungbal Khullen on 17th May. 3 Kg TNT, 15 Electric Detonators, 4 Circuits & Remote Firing Device recovered. Major threat averted by prompt… — ANI (@ANI) सुरक्षाबलों ने कहा कि त्वरित कार्रवाई से बड़ा खतरा टल गया। इस बीच, इंफाल घाटी में चावल, चीनी और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। गौरतलब है कि मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थी तथा सड़के अवरुद्ध होने और भय के कारण ट्रांसपोर्टरों ने आवाजाही बंद क...

Violence flares up again in Imphal army deployed amid heavy tension in Manipur

अनुसूचित जनजाति (ST) के मुद्दे पर पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भारी बवाल मचा है। राजधानी इम्फाल में फिर से हिंसा भड़कने के बीच भारतीय सेना को मोर्चा संभालने के लिए बुलाया गया है। सेना ने आज मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। इम्फाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में हिंसा भड़कने के बाद बीती रात मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर भी रोक लगा दी है। सेना के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 7,500 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया। उन्होंने बताया, “स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।” राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया। पुलिस के अनुसार, चुर...

अब तक 40 लोगों का एनकाउंटर; CM बोले

पुलिस के मुताबिक मणिपुर में रविवार को लोगों और सुरक्षाबलों के बीच अलग-अलग झड़पों में दो की मौत हो गई। 12 लोग घायल भी हुए। न्यूज एजेंसी ANI ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हवाले से बताया कि पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के जॉइंट ऑपरेशन में रविवार तक हिंसा के आरोपी 40 लोग मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि कई हथियारबंद आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये लोग आम नागरिकों के खिलाफ M-16 और AK-47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। CM ने इन्हें 'मिलिटेंट' कहा है। केंद्र ने सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने रविवार तड़के दो बजे इंफाल घाटी और इसके आसपास के 5 इलाकों सेकमाई, सुगनू, कुम्बी, फायेंग और सेरौ में हमला किया। CM ने दावा किया कि ये आम लोगों पर हमला कर रहे हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने यहां सेना और अर्धसैनिक बलों को लगाया है। राज्य में 31 मई तक इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है। कई जिलों में तो कर्फ्यू अभी भी जारी है। गृह मंत्री अमित शाह 29 मई से राज्य के चार दिन के दौरे पर रहेंगे। मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाके में एक क्षतिग्रस्त घर के अंदर की तस्वीर। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक घर में लोगों ने आग लगा दी थी। मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी मणिपुर में 3 मई से कूकी और मैतेई समुदाय के लोगों के बीच आरक्षण को लेकर जातीय हिंसा चल रही है। हिंसक घटनाओं में अब तक 75 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा सैकड़ों घरों को लोगों ने आग के हवाले कर दिया। 40 हजार से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। अमित शाह का सोमवार को मणिपुर दौरा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय गुरुवार से और सेना प्रमुख...

Violence flares up again in Manipur 9 killed many injured in militant attack

नई दिल्लीः हिंसा प्रभावित मणिपुर में खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उग्रवादियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने रात करीब एक बजे इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक इलाके में ग्रामीणों को घेर लिया और हमला कर दिया. जानिए क्या है पूरा मामला गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं. यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है. इस बीच, इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील के समय को कम करते हुए, उसे सुबह पांच बजे से शाम छह बजे की बजाय सुबह पांच से सुबह नौ बजे तक कर दिया है. 11 जिलों में है कर्फ्यू हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अब भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं. राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं. देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी ...

हिंसा प्रभावित मणिपुर में गोलीबारी में नौ और लोग घायल – ThePrint Hindi

इंफाल, 13 जून (भाषा) हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंफाल ईस्ट जिले के खामेनलोक क्षेत्र में उग्रवादियों तथा ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच सोमवार देर रात तक हुई गोलीबारी में नौ और लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पहले तीन लोगों के घायल होने की खबर थी। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी जारी रहने के कारण घायलों की संख्या बढ़ गई। अब दोनों ही पक्ष पीछे हट गए हैं। उन्होंने बताया कि गांव के स्वयंसेवकों ने उग्रवादियों द्वारा बनाए गए कुछ अस्थायी बंकर और एक ‘वॉच-टॉवर’ में आग लगा दी थी। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है। अधिकारी ने बताया कि हिंसा को रोकने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। इलाके में सोमवार को गांव के स्वयंसेवकों और उग्रवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई। इससे पहले तीन दिन तक इलाके में कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली थी। अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में बिष्णुपुर जिले के गोविंदपुर गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया और दो अन्य घायल हो गए। मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं। हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 ...

Violence In Manipur, Firing In Khamenlok, 9 Killed, Says Army Sources

पिछले 24 घंटे में ताजा हिंसा भड़कने के बाद एक महिला सहित नौ लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं. सूत्रों के मुताबिक खमेनलोक इलाके में देर रात फायरिंग की घटना में ये मौतें हुई हैं. पूर्वी इंफाल के खमेनलोक इलाके में आज सुबह ताजा हिंसा में नौ लोगों की मृत्यु हुई है और 10 लोग घायल हैं। पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया चल रही है: शिवकांत सिंह, एसपी इंफाल पूर्व, मणिपुर — ANI_HindiNews (@AHindinews)

manipur 22 miscreants arrested for setting fire to houses in hill villages of imphal vwt

मणिपुर : इंफाल के पहाड़ी गांवों के घरों में आग लगाने वाले 22 उपद्रवी गिरफ्तार उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच अचानक झड़प तथा गोलीबारी की घटना के एक दिन बाद जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में स्थिति शांत है, लेकिन इलाके में तनाव बना हुआ है. इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों का तलाशी अभियान जारी है. इंफाल : पूर्वोत्तर भारत के हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर के इंफाल के तीन गांवों के घरों में आग लगाने वाले करीब 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने सोमवार को कहा कि मणिपुर के इंफाल में वाईकेपीआई के पहाड़ी क्षेत्र के सनसाबी, ग्वालताबी और शबुनखोल खुनाओ गांवों में घरों को जलाने की घटना में 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पांच 12 बोर डबल बैरल और तीन सिंगल बैरल राइफलें, स्थानीय हथियार और युद्ध जैसी सामग्री बरामद किया गया है. हिंसा के एक दिन बाद तनावपूर्ण स्थिति उधर, खबर यह भी है कि उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच अचानक झड़प तथा गोलीबारी की घटना के एक दिन बाद जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में स्थिति शांत है, लेकिन इलाके में तनाव बना हुआ है. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तीन और लोगों के दम तोड़ने के बाद एक दिन पहले हुई झड़पों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को पांच हो गई. सेना और अर्धसैनिक बलों का तलाशी अभियान जारी एक अधिकारी ने बताया कि इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों का तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि सेना के अभियान का मकसद हथियारों के अवैध जखीरे को खोजना तथा जब्त करना है. पुलिस ने रविवार को बताया था कि लोगों पर गो...

हिंसा प्रभावित मणिपुर में गोलीबारी में नौ और लोग घायल – ThePrint Hindi

इंफाल, 13 जून (भाषा) हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंफाल ईस्ट जिले के खामेनलोक क्षेत्र में उग्रवादियों तथा ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच सोमवार देर रात तक हुई गोलीबारी में नौ और लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पहले तीन लोगों के घायल होने की खबर थी। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी जारी रहने के कारण घायलों की संख्या बढ़ गई। अब दोनों ही पक्ष पीछे हट गए हैं। उन्होंने बताया कि गांव के स्वयंसेवकों ने उग्रवादियों द्वारा बनाए गए कुछ अस्थायी बंकर और एक ‘वॉच-टॉवर’ में आग लगा दी थी। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है। अधिकारी ने बताया कि हिंसा को रोकने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। इलाके में सोमवार को गांव के स्वयंसेवकों और उग्रवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई। इससे पहले तीन दिन तक इलाके में कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली थी। अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में बिष्णुपुर जिले के गोविंदपुर गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया और दो अन्य घायल हो गए। मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं। हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 ...

Violence flares up again in Manipur 9 killed many injured in militant attack

नई दिल्लीः हिंसा प्रभावित मणिपुर में खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उग्रवादियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने रात करीब एक बजे इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक इलाके में ग्रामीणों को घेर लिया और हमला कर दिया. जानिए क्या है पूरा मामला गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं. यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है. इस बीच, इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील के समय को कम करते हुए, उसे सुबह पांच बजे से शाम छह बजे की बजाय सुबह पांच से सुबह नौ बजे तक कर दिया है. 11 जिलों में है कर्फ्यू हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अब भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं. राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं. देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी ...

Violence flares up again in Imphal army deployed amid heavy tension in Manipur

अनुसूचित जनजाति (ST) के मुद्दे पर पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भारी बवाल मचा है। राजधानी इम्फाल में फिर से हिंसा भड़कने के बीच भारतीय सेना को मोर्चा संभालने के लिए बुलाया गया है। सेना ने आज मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। इम्फाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में हिंसा भड़कने के बाद बीती रात मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर भी रोक लगा दी है। सेना के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 7,500 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया। उन्होंने बताया, “स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।” राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया। पुलिस के अनुसार, चुर...