चौदस कब की है

  1. Chaumasi Chaudas 2022 में कब है, जानें इसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
  2. Narak chaturdashi 2022
  3. नरक चतुर्दशी(रूप चौदस)पौराणिक कथा और महत्व
  4. देसी समाचार और जानकारी हिंदी में 2023
  5. दूज कब की है जून में
  6. Kali Chaudas in Hindi 2022


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Chaumasi Chaudas 2022 में कब है, जानें इसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

चौमासी चौदस चार महीने की अवधि है, जब भगवान महावीर द्वारा निर्धारित ज्ञान और ज्ञान का जैन समुदाय द्वारा अभ्यास किया जाता है। जैन धर्म अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करता है और चौमासी चौदास उसी का संदेश फैलाते हैं। चौमासी चौदस जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। भगवान महावीर की शिक्षाओं और दर्शन से उपजा, त्योहार अहिंसा और दान के सिद्धांत का प्रकटीकरण है। इस उत्सव के कई आयाम समय-समय पर बदलते रहे हैं, लेकिन इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य भगवान महावीर के दर्शन और शिक्षाओं को प्रतिबिंबित करने का अवसर प्रदान करना और स्वयं के साथ-साथ स्वयं की भलाई के लिए उनका अभ्यास करना है। कैसे मनाया जाता है चौमासी चौदस चौमासी चातुर्मास के चार महीनों के दौरान, पूरे जीवन में एक नया मोड़ आता है। भक्त नदियों में पवित्र स्नान करते हैं और इस अवधि के दौरान उपवास रखते हैं। भक्त एक समय ही भोजन करते हैं। जैन मुनि अपने आश्रमों तक ही सीमित रहकर साधना और तपस्या करते हैं। जैन धर्म में, भगवान महावीर की शिक्षाओं का पालन किया जाता है और बहुत भक्ति और समर्पण के साथ अभ्यास किया जाता है। चातुर्मास के दौरान जैन भक्त भगवान की पूजा करते हैं और कई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इन दिनों के दौरान, वे अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं। इसके अलावा नए कपड़ों की खरीदारी करते हैं। सभी पापों को दूर करने और अच्छे ‘कर्म’ अर्जित करने के लिए दान और भिक्षा की जाती है। भगवान महावीर कौन थे? जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने लोगों को जीवन भर सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी और उन्हें प्रेम से साथ रहने की सलाह दी। साथ ही पशु बलि, जातिगत भेदभाव आदि की कड़ी निंदा की। महावीर स्वामी विश्व के उन महान...

Narak chaturdashi 2022

Narak chaturdashi 2022 date: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी और रूप चौदस कहते हैं। इस दिन सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करके पूजा की जाती है। इस दिन को छोटी दिवाली भी कहते हैं जो दीपावली के एक दिन पूर्व मनाई जाती है। श्रीकृष्ण ने इसी दिन नरकासुर का वध किया था। आओ जानते हैं कि कब है नरक चतुर्दशी और क्या है पूजा एवं स्नान के मुहूर्त। नरक चतुर्दशी तिथि 2022 | Narak chaturdashi start and end date 2022: त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगी इसके बाद नरक चतुर्दशी प्रारंभ होगी जो अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। उदया‍ तिथि के मान से नरक चतुर्दशी का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 सोमवार को मनाया जाएगा। अरुणोदय पर चतुर्दशी मनाने का विधान सबसे ज्यादा प्रचलित है। मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं Sun Transit into Gemini जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। 15 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति कहा जाएगा। 15 जून 2023 को मिथुन संक्रांति का समय शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस परिवर्तन का सारी राशियों पर असर होगा। Budhaditya Yoga 2023: 15 मई को सूर्य ने वृषभ राशि में प्रवेश किया था जो 15 जून तक वहीं गोचर करेंगे। 7 जून को बुध ग्रह ने वृषभ राशि में गोचर किया है। दोनों के एक ही राशि में होने से बुधादित्य योग बना है। शुक्र की राशि वृषभ में इस योग का निर्माण शुभ माना जाता है। ऐसे में 4 राशियों को इससे बहुत लाभ होगा। Mithun sankranti 2023 : सूर्य का एक राशि से दूसरी रा...

नरक चतुर्दशी(रूप चौदस)पौराणिक कथा और महत्व

नमस्कार, दोस्तों दीपावली महापर्व जो कि 5 दिनों तक मनाया जाता है, उसमें हम आज बात करेंगे दूसरे दिन की जिसे नरक चतुर्दशी, नरक चौदस, काली चौदस, व रूप चौदस तथा छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में। आज इस लेख में बात करेंगे नरक चतुर्दशी को स्नान का शुभ मुहूर्त क्या है? इसे काली चौदस क्यों कहा जाता है? इसे नरक चतुर्दशी के नाम से क्यों जाना जाता है? इस दिन क्या करना शुभ है? आदि के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं। नरक चतुर्दशी 2021 कब हैं? (When is Narak Chaturdashi 2021)? पश्चिम बंगाल में आज का दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिम बंगाल के लोग आज के इस दिन को मां काली के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं, इसलिए इसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। माता काली की आराधना करने से शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति व मनोकामना की पूर्ति होती है। नरक चौदस को रूप चौदस क्यों कहा जाता है ? (Narak Chaudas is ko roop chaudas kyo kaha jata he) दीपावली से 1 दिन पूर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरक चौदस या नरका चतुर्दशी के साथ-साथ रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। अकाल मृत्यु व स्वास्थ्य रक्षा हेतु आज के दिन भगवान यमराज की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार एक राजा जिनका नाम हिरण्यगर्भ था, वह अपना राजपाट छोड़कर तपस्या व भक्ति करने चले गए। तपस्या में लीन होने के कारण उनके शरीर में कीड़े लग गए। अपने शरीर की यह दुर्दशा देखकर राजा हिरण्यगर्भ को बहुत दुख हुआ। उसी समय नारदमुनि वहां आ पहुंचे। तब राजा ने नारदमुनि को अपने दर्द व व्याकुलता का कारण बताया तथा अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व समस्या को दूर करने के लिए राजा हिरण्...

देसी समाचार और जानकारी हिंदी में 2023

ताजा समाचार • पूर्णिमा जुलाई 2023 में कब की है – Purnima July 2023 Date • गाजियाबाद का रिजल्ट आज का 15 जून 2023 देखिये लाइव खबर • गली दिसावर रिजल्ट चार्ट आज 15 जून 2023 देखिये लाइव खबर • अमावस जून 2023 में कब है – Amavasya June 2023 Date • Gold Price Today 12 June 2023: सोना हुआ सस्ता, चेक करें 10 ग्राम सोने का भाव • Gold Price Today 6 June 2023: सोना हुआ सस्ता, चेक करें 10 ग्राम सोने का भाव • Gold Price Today 5 June 2023: सोना हुआ सस्ता, चेक करें 10 ग्राम सोने का भाव • Gold Price Today 4 June 2023: सोना फिर हुआ सस्ता, चेक करें 10 ग्राम सोने का भाव • Gold Price Today 3 June 2023: सस्ता हुआ सोना, चेक करें 10 ग्राम सोने का भाव • गाजियाबाद का रिजल्ट आज का 3 जून 2023 देखिये लाइव खबर चेतावनी: हम आपको सलाह देते है की जिस भी राज्य/देश में सट्टा किंग Illegal है वहां के लोग किसी भी लालच में आकर इसका इस्तेमाल न करे और हमेशा सट्टे बाज़ार के इस गेम से दूर रहे व कानून की पालना करे. SattaKingCom.in साईट किसी भी गैर क़ानूनी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देती है. और ना ही किसी लाभ या हानि के लिए जिम्मेवार है यहाँ पर सिर्फ लोगों के मनोरंजन के लिए जानकारी शेयर की जाती है व हमारा किसी भी सट्टा कंपनी के साथ कोई कनेक्शन नहीं है.

दूज कब की है जून में

• • • • दूज कब की है June महीने में कृष्ण पक्ष दूज 5 तारीख को है और इस दिन सोमवार है. शुक्ल पक्ष की दूज इस माह में 20 तारीख को है तथा इस दिन मंगलवार है. 5 जून को सुबह 6 बजकर 39 मिनट तक एकम तिथि है बाद में द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी. तिथि तारीख दिन/वार शुक्ल पक्ष दूज कब की है जून में (चानणी) 20 जून 2023 मंगलवार कृष्ण पक्ष दूज कब की है जून में (अँधेरी) (एकम व द्वितीया एक ही दिन) 5 जून 2023 सोमवार तिथि से जुड़े सवाल:- इस महीने में आने वाली पहली कृष्ण पक्ष की दूज को सोमवार तथा दूसरी शुक्ल पक्ष की दूज के दिन मंगलवार है. आशा करती हूँ की मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया होगा की जून माह में दूज कब की है और शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष की दूज किस दिन है. तो इस महीने में 5 तारीख और 20 तारीख को दूज है. यह भी पढ़े:

Kali Chaudas in Hindi 2022

Table of Contents • • • • • • • • काली चौदस का महत्व काली चौधस को काली के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। काली चौदस को नरक चौदस या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है । इस दिन सभी को मां काली की पूजा करनी चाहिए। साथ ही इस दिन कुछ संस्कारों (नियमों) का पालन करना चाहिए। मान्यता है कि काली चौदस के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सरसों के तेल से स्नान करने से उसके सारे रोग, पाप और दुख दूर हो जाते हैं। ऐसा करने वाले को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और उसके सारे सांसारिक कष्ट दूर हो जाते हैं। कुछ पुराणों में यह भी लिखा है कि इस दिन सरसों का तेल लगाने से भी सौन्दर्य मिलता है। कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाते हैं। यम-दीपक के रूप में भी जाना जाता है, मृत्यु के भय को दुनिया में सबसे बड़ा भय माना जाता है। मनुष्य के भाग्य में असमय मृत्यु क्यों लिखी होती है, यह कोई नहीं जानता लेकिन उसका भय दूर किया जा सकता है। काली चौदस को छोटी दिवाली भी कहा जाता है , इस दिन नरक यानि घर से गंदगी दूर होती है, इस दिन घर से गंदगी हटाने का भी रिवाज है। घर में शोर या चिंता से छुटकारा पाने के लिए, गृहिणियां थाली और वेलाना बजाती हैं और घर के पास दीपक जलाती हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में कलह नहीं होती और कुटकी दूर होती है. यह भी पढ़ें : • • • काली चौदशी की पूजा काली चौदस के दिन महाकाली की पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। काली चौदस के दिन आत्माओं को भी चढ़ाया जाता है, जिससे वे भी प्रसन्न रहते हैं। शनि दोष को दूर करने के लिए इस दिन को शनि चौदस के नाम से भी जाना जाता है। काली चौदस की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि शत्रुओं ने परिवार पर कोई का...