चौथ का व्रत कब है

  1. कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत, जानें पूजा विधि एवं शुभ मुहूूर्त
  2. Karwa Chauth 2022 Date:कब है करवा चौथ व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  3. Karwa Chauth 2022 Date and Time: कब है करवा चैथ का व्रत, आज ही नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
  4. Karva Chauth Date 2023: करवा चौथ कब है 2023
  5. Karwa Chauth 2023: कब है करवा चौथ, जानें कब निकलेगा करवा चौथ का चांद
  6. Karwa Chauth 2021: कब है करवा चौथ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त; पूजा की विधि और महत्व
  7. Sakat Chauth 2023 में कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा
  8. 2023 में करवा चौथ कब हैं जानिए दिनांक, पूजा मुहूर्त एवं चंद्रोदय का समय


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कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत, जानें पूजा विधि एवं शुभ मुहूूर्त

हिंदू धर्म में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना रखते हुए करवा चौथ का व्रत रखती है. सनातन परंपरा में करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. दक्षिण भारत के मुकाबले करवा चौथ का पावन पर्व उत्तर भारत में ज्यादा लोकप्रिय है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए शाम के समय विशेष रूप से चंद्रमा की पूजा करती हैं.इस साल सुहाग से जुड़ी कामनाओं को पूरा करने वाला करवा चौथ पर्व कब पड़ेगा, इसकी पूजा विधि क्या है और किस मुहूर्त में इसकी पूजा करना शुभ और फलदायी रहेगा, आइए इसे विस्तार से जानते हैं. कब है करवा चौथ व्रत : 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार करवा चौथ व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त : 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार को सायंकाल 05:54 से लेकर 07:09 बजे चंद्रोदय का समय : सायंकाल 08:09 बजे देश की (देश की राजधानी दिल्ली के समय पर आधारित) करवा चौथ की पूजा का धार्मिक महत्व जिस कब करें करवा चौथ की पूजा प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहाग की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है. इस साल यह पावन चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार को पूर्वाह्न 01:59 से प्रांरभ होकर 14 अक्टूबर 2022 को पूर्वाह्न 03:08 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार इस साल यह व्रत 13 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त सायंकाल 05:54 से लेकर 07:09 बजे तक रहेगा. Coconut Astro Remedies: बड़ी बलाओं से बचाता है पूजा का नारियल, जानें कैसे शुरु हुई इसे फोड़ने की परंपरा करवा चौथ व्रत की पूजा विधि करवा चौथ के दिन महिलाओं को प्रात:काल सूर्यादय से पहले उठकर स्नान-ध्या...

Karwa Chauth 2022 Date:कब है करवा चौथ व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Karwa Chauth Vrat 2022 Date And Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाओं के द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, दिन गुरुवार को रखा जाएगा। कहा जाता है कि विधि पूर्वक इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु मिलती है। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं। इसके बाद शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा-अर्चना करती हैं। फिर चंद्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत व्रत का पारण करती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं करवाचौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, पूजन सामग्री और पूजा विधि... करवा चौथ का शुभ मुहूर्त इस दिन अमृत काल मुहूर्त शाम 04 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 50 मिनट तक है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक है। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त शाम 04 बजकर 17 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक है। वहीं करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 46 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक है। करवा चौथ की पूजा विधि मान्यताओं के अनुसार, करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं। फिर देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करें और निर्जला व्रत का संकल्प लें। शाम के समय पुनः स्नान के बाद जिस स्थान पर आप करवा चौथ का पूजन करने वाले हैं, वहां गेहूं से फलक बनाएं और उसके बाद चावल पीस कर करवा की तस्वीर बनाएं। इसके उपरांत आठ पूरियों की अठवारी बनाकर उसके साथ हलवा या खीर बनाएं और पक्का भोजन तैय...

Karwa Chauth 2022 Date and Time: कब है करवा चैथ का व्रत, आज ही नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

• • Faith Hindi • Karwa Chauth 2022 Date and Time: कब है करवा चौथ का व्रत, आज ही नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Karwa Chauth 2022 Date and Time: कब है करवा चौथ का व्रत, आज ही नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Karwa Chauth 2022 Date and Time: सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से हर साल करवा चौथ का व्रत करती हैं. इस व्रत में चंद्रमा की अहम भूमिका है क्योंकि चांद देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है. Karwa Chauth 2022: Puja Vidhi, Time, Moonrise And Vrat Rules for Pregnant Women Karwa Chauth 2022 Date and Time: हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए करवा चौथ का विशेष महत्व है और यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है. महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत करती हैं और रात को चंद्रोदय के बाद व्रत खोलती हैं. पूरे साल महिलाओं का इस व्रत का बेसब्री से इंतजार रहता है. आइए जानते हैं इस साल कब है करवा चौथ का व्रत और शुभ मुहूर्त. Also Read: • • • करवा चौथ 2022 कब है? हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर 2022 को पड़ रहा है. इस दिन पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त भी हैं. कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर को 1 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 14 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार व्रत 13 अक्टूबर को ही रखा जाएगा. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर की 5 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा और 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगा. करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 9 मिनट पर है. Also Read – करवा चौथ 2022: इस बार करवा चौथ पर बन रहे हैं कई शुभ...

Karva Chauth Date 2023: करवा चौथ कब है 2023

दोस्तों मैं आपको इस आर्टिकल के अंदर बताने वाला हूं. कि Karva Chauth Date 2023: करवा चौथ कब है 2023 | Karva Chauth Kab Hai 2023. और आपको यह जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें. और दोस्तों मैं आपको इस आर्टिकल के अंदर बताऊंगा. कि 2023 के अंदर करवा चौथ का मुहूर्त, तारीख आदि के बारे में बताने वाला हूं. और करवा चौथ का सेलिब्रेशन हमारे देश में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेलिब्रेट किया जाता है. और करवा चौथ के दिन सभी महिलाएं अपने पति के लंबे जीवन के लिए पूरे 1 दिन व्रत को रखती है. और जो स्त्री मैरिड नहीं होती है. वह अपने जीवन में अच्छे पति को प्राप्त करने के लिए भी करवा चौथ का व्रत जरूर रखती है. और यह परंपरा बहुत सालों से चलती आ रही है. और करवा चौथ का सेलिब्रेशन हमारे देश इंडिया के अंदर बहुत लोग मनाते हैं. और आपको करवा चौथ के रिलेटेड जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लाभ तक जरूर पढ़े. Table of Contents • • • • करवा चौथ व्रत के नियम • दोस्तों करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय होता है. उसके पहले से स्टार्ट होता है. और रात को चांद देखने को मिलता है. तब तक रहता है. और कड़वा चौथ का व्रत रात को चंद्रमा के दर्शन होते हैं. उसके बाद ही खोलना होता है. • दोस्तों शाम के समय के दौरान चंद्रोदय होता है. उसके 1 घंटे के पहले ही आपको पूरे शिव परिवार की पूजा करनी होती है. जैसे कि शिव जी, नंदी जी, पार्वती जी, गणेश जी, कार्तिकेय जी आदि लोगों की आपको दिल से पूजा-अर्चना करनी होती है. • दोस्तों आप पूजा करते हैं. उस समय आपको देवी देवता की प्रतिमा होती है. उसको पश्चिम दिशा में रखना होता है. और महिला पूजा में बैठती है. तो उसको पूर्वा तरफ देखे हुए बैठना होता है. तो आप हमा...

Karwa Chauth 2023: कब है करवा चौथ, जानें कब निकलेगा करवा चौथ का चांद

करवाचौथ व्रत का सुहागिन महिलाओं को बेसब्री से इंतज़ार रहता है जो विवाहित स्त्रियों का प्रमुख त्यौहार है। करवाचौथ के पर्व को पूरे देश में बेहद उत्साह एवं श्रद्धा से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म की विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत अत्यधिक महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति के लिए उपवास करती हैं। हिन्दू विवाहित स्त्रियों के लिए करवा चौथ विशेष माना गया है। पंचांग के अनुसार, हर साल करवाचौथ के व्रत को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करने का विधान है। सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा जाता हैं। इस दिन निर्जला उपवास का पालन किया जाता है और चंद्र दर्शन से ही व्रत तोड़ा जाता है। करवाचौथ व्रत 2023 की तिथि एवं मुहूर्त करवाचौथ व्रत का पूजन कैसे करें? करवाचौथ पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद पूजास्थल की सफाई करें। अब सास द्वारा दी गई सरगी को ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद भगवान की आराधना करें और व्रती निर्जला व्रत का संकल्प लें। करवाचौथ के व्रत को सदैव सूर्यास्त होने के पश्चात संध्याकाल में चंद्र दर्शन के बाद ही तोड़ना चाहिए। व्रत के दौरान जलपान करने से बचें। संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर समस्त देवी-देवताओं को स्थापित करें। करवाचौथ पूजन में 10 से 13 करवे (मिट्टी से बने कलश) को रखना चाहिए। इस व्रत की पूजन सामग्री के लिए सिन्दूर, रोली,दीप, धूप, चन्दन आदि को थाली में सजाएं। इस पूजा में उपयोग किये जाने वाले दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी भरे, जिससे वह काफ़ी देर तक जलता रहे। करवाचौथ पूजा को चंद्रोदय से लगभग एक घंटे पहले शुरू करना चाहिए। अगर परिवार की सभी स्त्रियाँ एकसाथ पूजा करती हैं, तो ये श्रेष्ठ होगा।...

Karwa Chauth 2021: कब है करवा चौथ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त; पूजा की विधि और महत्व

नई दिल्‍ली: दशहरा बीतते ही करवा चौथ (Karwa Chauth) का इंतजार शुरू हो जाता है. पति (Husband) की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखने वाली सुहागिनें, मनपसंद जीवनसाथी की चाह में व्रत रखने वाली लड़कियां कई दिन पहले से इसकी तैयारियां भी शुरू कर देती हैं. करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है. इस साल करवा चौथ (Karwa Chauth 2021) का व्रत 24 अक्टूबर 2021 को रखा जाएगा. इस साल करवा चौथ पर ऐसा शुभ संयोग बन रहा है जो व्रतियों की हर मनोकामना पूरी करेगा. इस साल करवा चौथ रविवार (Sunday) के दिन पड़ रहा है. ऐसा होना बहुत शुभ होता है. रविवार का दिन सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित है, जो कि सेहत और लंबी उम्र देते हैं. रविवार को करवा चौथ होने से सूर्य देव महिलाओं की मनोकामना पूरी करते हुए उन्‍हें और उनके पति को लंबी आयु का आशीर्वाद देते हैं. लिहाजा इस साल महिलाओं को करवा चौथ के दिन सूर्य देव से भी अपने पति की लंबी और सेहतमंद जिंदगी का आशीर्वाद मांगना चाहिए. यह भी पढ़ें: करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त इस साल करवा चौथ का चंद्रमा (Karwa Chauth 2021 Chandrodaya) रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा. चंद्रमा रात को 08:11 पर निकलेगा. वहीं करवा चौथ की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा. करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth 2021) रख रही महिलाओं और लड़कियों को शुभ मुहूर्त में ही पूजा करना चाहिए. इसके लिए चांद निकलने से कम से कम एक घंटा पहले ही पूजा शुरू कर दें. मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्‍थापना करके करवा रख लें. वहीं पूजा की थाली में दीपक, रोली, सिंदूर आदि रख लें. पूजा करने के बाद करवा चौथ व्रत की कथा सुनें. चांद निकलने पर उसे अर्ध्‍य दे...

Sakat Chauth 2023 में कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा

हिंदू कैलेंडर में प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं। कृष्ण पक्ष के दौरान या पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को ‘सकट चौथ (Sakat Chauth)’ के रूप में जाना जाता है और अमावस्या के बाद या शुक्ल पक्ष के दौरान आने वाली चतुर्थी को ‘विनायक चतुर्थी’ या संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। वैसे तो संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने किया जाता है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सकट चौथ (Sakat Chauth) माघ और पौष के महीने में आती है। यदि सकट चौथ मंगलवार को पड़ती है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है और इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। सकट चौथ व्रत ज्यादातर पश्चिमी और दक्षिणी भारत में विशेष रूप से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मनाया जाता है। सकट चौथ 2023 पर सभी कष्टों से छुटकारा पाने के लिए लम्बोदर सकट चौथ 2023 का व्रत कैसे करें? सकट चौथ (Sakat Chauth) पर भगवान गणेश के भक्त सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखते हैं। संकष्टी का अर्थ है संकट के समय में मुक्ति। भगवान गणेश, बुद्धि के सर्वोच्च स्वामी, सभी बाधाओं के निवारण के प्रतीक हैं। इसलिए यह माना जाता है कि इस व्रत को करने से सभी बाधाओं से छुटकारा मिल सकता है। इस व्रत को बहुत सख्त माना जाता है। ज्यादातर लोग पूरे दिन बिना खाए व्रत करते हैं, और कुछ लोग केवल फल, जड़ें और सब्जी उत्पादों का सेवन करते हैं। सकट चौथ पर मुख्य भारतीय आहार में साबूदाना खिचड़ी, आलू और मूंगफली शामिल हैं। रात में चांद दिखने के बाद श्रद्धालु उपवास तोड़ते हैं। उत्तर भारत में माघ मास की सकट चौथ (Sakat Chauth) को संकट चौथ के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा भाद्रपद महीने के दौरान विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। लम्बोदर सकट चौथ 2023 की पूजा कैसे करें ...

2023 में करवा चौथ कब हैं जानिए दिनांक, पूजा मुहूर्त एवं चंद्रोदय का समय

करवा चौथ का व्रत आज भी पुराणिक रीति रिवाजों के साथ मनाया जाता हैं जो न केवल हिन्दू धर्म की संस्कृति और सभ्यता को दर्शाता है बल्कि यह अपने पति के प्रति प्रेम औऱ नारी शक्ति को दिखाता हैं। लड़कियों की शादी के बाद करवा चौथ का व्रत सबसे पवित्र व्रत होता हैं और हर सुहागिन बहुत ही चाव औऱ आस्था के साथ इस व्रत का पालन करती हैं तो चलिए जानते है कि करवा चौथ कब हैं और कौनसी तारीख़ को है। Seconds तिथि समय करवा चौथ व्रत समय सुबह 06:36 – रात 08:26 करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 05:44 – रात 07:02 पूजा अवधि 01 घंटा 17 मिनट चांद निकलने का समय रात 08:26 (1 नवंबर 2023) करवा चौथ क्या है करवा चौथ का व्रत हिन्दू, सिक्ख और जैन घरों में मनाया जाता है औऱ पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत है यह कार्तिक कृष्ण पक्ष के चंद्रयोदय शापिनी चतुर्थी या चतुर्थी को मनाया है। इसी दिन संकष्टी चतुर्थी भी पड़ता है यह व्रत सुहागिन महिलाएं, अपने सुहाग, श्रृंगार को अखंड बनाने के लिए करती हैं अर्थात् पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है जिसमें चाँद का दीदार करके इस व्रत को सम्पूर्ण किया जाता हैं। करवा चौथ क्यों मनाया जाता है एक कथा है कि जब अर्जुन नीलगिरी पर तपस्या में लीन थे तथा वह तपस्या ब्रह्मास्त्र के लिए कर रहे थे तब द्रोपती यानी पांचाली ने उनकी चिंता में भगवान वासुदेव से इसका निदान पूछा। भगवान कृष्ण ने द्रोपती को एक कथा सुनाई कि बहुत पहले एक करवा नाम की ब्राह्मण स्त्री थी जिसके सात भाई थे। वह मायके आई थी और उसने अपने पति की उम्र के लिए व्रत रखा था औऱ व्रत को चंद्रमा के निकलने के बाद खोलना था। लेक़िन भाइयों ने मोह में पड़कर एक वृक्ष के ऊपर चढ़कर एक चलनी के सामने दीपक रख दिया जो उनकी बहन को वह चंद्रमा जैसा प्रतीत...