मकर संक्रांति 2023

  1. Makar Sankranti 2023: जानें मकर संक्रांति शुभ मूहुर्त, तिथि और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
  2. Makar Sankranti 2023 Date: 'मकर संक्रांति' का मुहूर्त और महत्व
  3. मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त, तिथि सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
  4. Makar Sankranti 2023 Live:
  5. Makar Sankranti 2023 Date Confusion: मकर संक्रांति 14 जनवरी को है या 15 जनवरी को, क्‍या आप भी हैं डेट को लेकर कनफ्यूज


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Makar Sankranti 2023: जानें मकर संक्रांति शुभ मूहुर्त, तिथि और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

मकर संक्रांति हर साल देशभर में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती हैं। अधिकांश हिंदू त्यौहारों के विपरीत, जो चंद्रमा की बदलती स्थिति के अनुसार निर्धारित होते हैं और चंद्र कैलेंडर पर आधारित होते हैं, मकर संक्रांति सौर कैलेंडर पर आधारित होती है। हर साल, मकर संक्रांति मकर राशि या मकर राशि में सूर्य की गति को चिह्नित करने के लिए मनाई जाती है। ‘संक्रांति’ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आंदोलन’। इसलिए यह त्यौहार सूर्य की मकर राशि में गति को सटीक रूप से दर्शाता है। साथ ही मकर संक्रांति पर्व के दिन, दिन और रात की अवधि बराबर होती है। साथ ही यह त्यौहार आधिकारिक तौर पर वसंत या भारतीय गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन के बाद, सूर्य पिछले दिनों की तुलना में थोड़ी अधिक देर तक रहता है, जिससे दिन रात से अधिक लंबे हो जाते हैं। इसी के साथ मकर संक्रांति के पर्व का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व होता है। मकर संक्रांति एक सौर घटना होने के कारण ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल एक ही तारीख पर आती है। देश के कई हिस्सों में इसे ‘उत्तरायण’ भी कहा जाता है। चलिए साल 2023 में आने वाली मकर संक्राति के बोरे में विस्तार से चर्चा करें और इसके महत्व को समझे। मकर संक्रांति मुहूर्त मकर संक्रांति 2023 दिन और समय मकर संक्रांति तिथि 15 जनवरी 2023, शनिवार पुण्य काल सुबह 07:15 बजे से शाम 05:46 बजे तक अवधि 10 घंटे, 55 मिनट महापुण्य काल सुबह 07:15 बजे से रात 09:00 बजे तक अवधि 1 घंटा 49 मिनट मकर संक्रांति मुहूर्त रात 8 बजकर से 57 मिनट तक एस्ट्रोलॉजर से चैट करने के लिए: हिंदू धर्म में अलग-अलग दृष्टिकोण से मकर संक्राति का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से मकर संक्राति का महत्व मकर संक्रांति के पर्व का अत्यधि...

Makar Sankranti 2023 Date: 'मकर संक्रांति' का मुहूर्त और महत्व

Makar Sankranti 2023 Date (मुहूर्त): 'मकर संक्रांति' साल का पहला हिंदुओं का पर्व होता है, जिसका इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने की वजह से तापमान में चढ़ाव होता है और इसी कारण लोग इस दिन कुनकुनी धूप में पतंग उड़ाते नजर आते हैं। 'मकर संक्रांति' से मलमास खत्म होता है और मंगलकाम शुरू होते है। इसके बाद ही लोगों के घरों में शहनाइयां बजने लगती हैं और शुभ काम प्रारंभ हो जाते हैं। वैसे ये दिन बड़ा पावन माना जाता है। लोग इस दिन माघ माह का दूसरा स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। इस दिन काले तिल का दान किया जाता है। कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और यही नहीं दान-पुण्य करने से उसके घर में सुख, शांति और वैभव का वास होता है। इस दिन को लोग तिलकुट संक्रान्ति और खिचड़ी के नाम से भी पुकारते हैं। इस दिन उत्तर भारत के घरों में भोजन के रूप में 'खिचड़ी' और 'दही-चूड़े' का सेवन किया जाता है। तो कहीं -कहीं इसे 'उत्तरायण' कहा जाता है। 'समुद्र से गंगा नदी मिली थी' 'मकर संक्रांति' के दिन गंगा नदी के अंदर सागर मिली थी इसलिए ये दिन पावन होता है। इसी दिन भीष्म पितामह ने अपना देह त्याग किया था। 2023 January Holiday Calendar: ये है जनवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है मकर संक्रांति? 'मकर संक्रान्ति' का मंत्र • ॐ हरं ह्रीं ह्रौं सह सूर्याय नमः' • ॐ भास्कराय नम: • जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महद्युतिं। तमोरिसर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरं।। • ओम आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च। हिरण्ययेन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन।। महत्व

मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त, तिथि सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त, तिथि सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मकर संक्रांति का त्योहार भारत सहित कई साउथ ईस्ट एशिया के कई देशों में मनाया जाने वाला एक मध्य-शीतकालीन हिंदू त्योहार है। उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति या उत्तरायण काल की शुरुआत के दौरान धनु से मकर राशि में सूर्य के गोचर को चिह्नित करने के लिए यह त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति मकर राशि में सूर्य के पारगमन के पहले दिन को चिन्हित करती है, जो सर्दियों के अंत और गर्म और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। मकर संक्रांति एकमात्र भारतीय त्योहार है जो सौर चक्रों के अनुसार मनाया जाता है, जबकि अधिकांश त्यौहार हिंदू कैलेंडर के चंद्र चक्र का पालन करते हैं। इसलिए, यह लगभग हमेशा हर साल एक ही ग्रेगोरियन तिथि पर पड़ता है, और शायद ही कभी एक या एक दिन की तारीख में बदलाव होता है। साल 2023 में मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी, शनिवार के दिन मनाया जायेगा। मकर संक्रांति 2023 तिथि और शुभ समय मकर संक्रांति रविवार, जनवरी 15, 2023 को मकर संक्रांति पुण्यकाल – 07:15 ए एम से 05:46 पी एम अवधि – 10 घंटे 31 मिनिट्स मकर संक्रांति महा पुण्यकाल – 07:15 ए एम से 09:00 ए एम अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट्स मकर संक्रांति का अर्थ मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही ठंडे, छोटे दिनों से लेकर लंबे, गर्म दिनों तक के संक्रमण का प्रतीक है। यह त्योहार रबी फसल चक्र के शुरुआती चरणों का एक हिस्सा है और किसानों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। असम में, इस अवसर को माघ बिहू कहा जाता है, और पंजाब और दक्षिणी राज्यों में, मकर संक्रांति को लोहड़ी और पोंगल के रूप में जाना जाता है। इस त्योहार के दिन पूरे देश में लोग भगवान सूर्य की पूजा करते...

Makar Sankranti 2023 Live:

Makar Sankranti 2023 Live: : मकर संक्रांति आज भी, करें पुण्य काल में स्नान और दान खास बातें Happy Makar Sankranti 2023 Messages, Quotes, Wishes, Images: देशभर में आज भी मकर संक्रांति मनाई जा रही है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन से खरमास खत्म हो जाते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन सूर्य देव की उपासना करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। 11:53 AM, 15-Jan-2023 मकर संक्रांति पर पुण्य काल में करें स्नान दान उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति आज 15 जनवरी 2023 को भी मनाई जा रही है। मकर संक्रांति के दिन पुण्य और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए। मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को प्रातः 07 बजकर 17 मिनट से आरंभ हो चुका है और शाम 05 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार सूर्य जब भी एक से दूसरे राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहा जाता है। सालभर में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं जिसमें माघ महीने में पड़ने वाली संक्रांति का विशेष महत्व होता है। सूर्य जब धनु राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस मकर संक्रांति कहते हैं। इस बार कुछ पंचांग में मकर संक्रांति 14 जनवरी तो कुछ में 15 जनवरी को बताया गया है। दरअसल इस वर्ष 14 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में गोचर रात 09 बजे के करीब हुआ है। ऐसे कई ज्योतिषाचार्यों का मनाना है कि सूर्य का गोचर सूर्य के अस्त होने पर हुए है इस कारण से मकर संक्रांति 15 जनवरी ...

Makar Sankranti 2023 Date Confusion: मकर संक्रांति 14 जनवरी को है या 15 जनवरी को, क्‍या आप भी हैं डेट को लेकर कनफ्यूज

Makar Sankranti 2023 Date, PunyaKal Maha Punyakal Time: मकर संक्रांति पर्व भगवान सूर्य को समर्पित है. इस दिन श्रद्धालु नई फसलों की पूजा भी करते हैं. मकर राशि और भगवान सूर्य के ग्रह गोचर से मकर संक्रांति नाम बना हुआ है. दरअसल सूर्य के ग्रह गोचर को संक्रांति कहते हैं. पंचांग के मुताबिक इस साल शनिवार 14 जनवरी की रात भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और इसकी वजह से मकर संक्रांति का पुण्यकाल रविवार 15 जनवरी को रहेगा. हिंदू मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के अवसर पर तिल से बनी खिचड़ी, नए अनाज, कंबल और घी का दान करना शुभ होता है. इस शुभ दिन के मौके पर हर साल लाखों श्रद्धालु अपने पास के नदियों के घाटों पर नहान के लिए जुटते हैं. अगर आप मकर संक्रांति मनाए जाने के दिन को लेकर अभी भी कनफ्यूज हैं तो आपको बता दें कि इस साल भगवान सूर्य 14 जनवरी की रात मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं जिसकी वजह से इस समय के बाद मकर संक्रांति शुरू होगा. अगली सुबह रविवार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल रहेगा. देश भर में इस बार रविवार यानी कल के दिन मकर संक्रांति मनाया जाएगा. कब है मकर संक्रांति का शुभ मुहुर्त इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक मकर राशि में सूर्य के प्रवेश कर जाने की वजह से मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 47 मिनट पर होगी. अगले दिन सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर मकर संक्रांति का पुण्यकाल शुरू हो जाएगा और रविवार की शाम यानी उसी दिन शाम 5 बजकर 40 मिनट पर इस मुहुर्त का समापन हो जाएगा. महा पुण्यकाल मुहुर्त की शुरूआत रविवार सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 9 बजे तक रहेगा. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं को पुण्यकाल और ...