Chhatra aur rajnitik per nibandh

  1. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व निबंध
  2. छात्र और शिक्षक पर निबंध Chatra aur shikshak par nibandh ~ kuchhkhas
  3. पुस्तकालय का महत्व पर निबंध Hindi essay pustakalaya ka mahatva
  4. भारत में राजनैतिक दल पर निबंध : उनकी जवाबदेही और चुनौतियां
  5. भ्रष्टाचार पर निबंध


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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व निबंध

In this article, we are providing Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay In Hindi विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व निबंध। Essay in 150, 200, 300, 500, 1000 words For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 Students. Checkout article on Essay on Discipline in Hindi Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay In Hindi विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व | Vidyarthi Jeevan | Chatra Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay in Hindi ( 250 words ) हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन महत्त्वपूर्ण होता हैं । विद्यार्थीयों के जीवन में तो अनुशासन बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं । जीवन में अनुशासन रखने से हमें जीवन में सफलता प्राप्त होती हैं । हिंदी में एक कहावत भी हैं की अनुशासन ही सफलता की कुंजी हैं । स्कुल में नियमित आना , शिक्षकों का और सभी छात्रों का सम्मान करना , समय से पढ़ाई करना , शिक्षक सिखाते समय अपना ध्यान पढ़ाई पर ही केंद्रित रखना यह विद्यार्थी जीवन के अनुशासन हैं । यह अनुशासनों का पालन करने से विद्यार्थीयों में नियमितता , धैर्य जैसे गुण आते हैं और विद्यार्थी जीवन में सफल होते हैं । अनुशासन ही विद्यार्थीयों को स्कुल में और समाज में सफलता देता हैं । अनुशासन के वजह से ही विद्यार्थी अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर पाते हैं । अनुशासन विद्यार्थी को जिम्मेदार बनाता हैं ‌। अनुशासन के वजह से विद्यार्थी बुरी संगत से दूर रहता हैं । विद्यालयों में छात्रों को अनुशासन का पालन करना सिखाया जाता हैं । विद्यार्थी जब अनुशासन का पालन करते हैं तभी वह आगे जाकर कुछ अच्छा करते हैं और उससे देश का विकास होने में मदद होती हैं । बिना अनुशासन देश का विकास संभव नहीं हैं । इसलिए देश का विकास होने क...

छात्र और शिक्षक पर निबंध Chatra aur shikshak par nibandh ~ kuchhkhas

छात्र होते हैं जो बड़े होकर देश दुनिया में अपने गुरु का नाम रोशन करते हैं। छात्र किसी देश के भविष्य होते हैं जिस तरह से इस दुनिया के लिए छात्र जरूरी है उसी तरह से एक शिक्षक भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। शिक्षक का उद्देश्य होता है अपने छात्र को अच्छी से अच्छी शिक्षा दे। शिक्षक हमेशा यही प्रयत्न करता है कि उसके छात्र जीवन में आगे बढ़े और जीवन में आगे बढ़ कर उसका नाम रोशन करें। शिक्षक के द्वारा दी गई शिक्षा विद्यार्थी के जीवन भर काम में आती है। विद्यार्थी भले ही किसी भी क्षेत्र में आगे चलकर जाए लेकिन एक गुरु के बिना किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता। इसलिए एक गुरु का विद्यार्थीके जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। गुरु और शिष्य से ही दुनिया चलती है।माता पिता एक बच्चे को इस दुनिया में भेज तो देते हैं लेकिन जीवन को किस तरह से आगे बढ़ाना है जीवन में अच्छी जिंदगी जीने के लिए क्या करना है जीवन में अपने लक्ष्य को कैसे पाना है यह सब हमें एक शिक्षक के द्वारा ही पता चलता है। इसलिए छात्र और शिक्षक बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इनके बगैर दुनिया का अस्तित्व संभव नहीं है। छात्र और शिक्षक का संबंध आज से ही नहीं प्राचीन समय से ही हैं। पहले के समय में भगवान श्रीराम भी एक छात्र के रूप में अपने शिक्षक या गुरु से शिक्षा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़े है। भगवान श्री कृष्ण ने भी एक छात्र के रूप में अपने शिक्षक या गुरु से शिक्षा प्राप्त करके जीवन में कई ऐसे कार्य किए है जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।वास्तव में एक शिक्षक और छात्र गहरा संबंध होता है। इनके बगैर दुनिया का अस्तित्व संभव नहीं है। दोस्तों मेरे द्वारा लिखाChatra aur shikshak par nibandh यह लेख आप अपने दोस्तों में शेयर जरूर करे...

पुस्तकालय का महत्व पर निबंध Hindi essay pustakalaya ka mahatva

Hindi essay pustakalaya ka mahatva दोस्तों कैसे हैं आप सब,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल पुस्तकालय का महत्व आप सभी के लिए बड़ा ही हेल्पफुल है हमारे आज के इस आर्टिकल से कोई भी विद्यार्थी अपने स्कूल,कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए यहां से जानकारी ले सकता है साथ में आज हम देखें तो पुस्तकालय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है इस आर्टिकल को पढ़कर आप पुस्तकालय के महत्व को समझ सकेंगे तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को Hindi essay pustakalaya ka mahatva पुस्तकालय यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना होता है पुस्तक यानी वह किताब जिसमें बहुत सारी शिक्षाप्रद ज्ञान की बाते लिखी होती हैं और आलय यानी स्थान.कहने का तात्पर्य यह है कि वह स्थान जहां पर बहुत सारी पुस्तकें होती है पुस्तकालय कहलाता है आज हम देखें तो हमारे जीवन में पुस्तकें बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं पुस्तकें हमें ज्ञानवान बनाती हैं हमें जीवन में समझने की क्षमता प्रदान करती हैं साथ में हमें नैतिक ज्ञान कराकर समाज में रहने योग्य बनाती हैं. हमारे जीवन में पुस्तकों का बड़ा ही महत्व है आज के युग में लोगों के पास समय नहीं है लेकिन जब भी वह फ्री रहते हैं तो पुस्तकें उनके साथ एक अच्छे मित्र तरह रहकर उनका साथ देती हैं और हर समस्या का हल उन्हें प्रदान करती है.पुस्तकें कुछ ना बोले ही बहुत कुछ बोल जाती हैं और कभी-कभी दिल पर छा जाती है हमारे जीवन में जिस तरह से इन पुस्तकों का महत्व है उसी तरह पुस्तकालयों का भी महत्व बहुत है. पुस्तकालय यहां पर बहुत सारी पुस्तकें हमें एक साथी उपलब्ध हो जाती है पुस्तकालय के दो भाग होते हैं एक भाग में बहुत सारी पुस्तकें रखी होती हैं और दूसरे भाग में उन पुस्तकों तक पहुंचने के लिए कुछ लोग बैठे होते हैं ...

भारत में राजनैतिक दल पर निबंध : उनकी जवाबदेही और चुनौतियां

भारत में राजनैतिक दल पर निबंध : उनकी जवाबदेही और चुनौतियां : भारत बहुदलीय प्रणाली वाला देश है। जहाँ राष्‍ट्रीय व राज्‍य स्‍तर के राजनीतिक दल हैं। राष्‍ट्रीय दल वह हैं जो चार या अधिक राज्‍यों में मान्‍यता प्राप्‍त हैं। राजनीतिक दलों के संबंध मं राजवैज्ञानिकों ने अपना विचार रखा है। माईकल कार्टिस के अनुसार “राजनीतिक दल की सही रूप में परिभाषा प्रस्‍तुत करना बहुत कठिन है।” जब कि बर्क ने कहा है कि“राजनीतिक दल एकता बद्ध लोगों का ऐसा निकाय है जो किन्‍ही विशेष सिद्धांतो पर राष्‍ट्रीय हित को बढ़ावा देने के लिए सहमत होते हैं।” भारत विश्‍व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लोकतांत्रिक प्रणाली में राजनीतिक दलों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। वह राजनीतिक दल ही हैं जो चुनाव में जनमत प्राप्‍त कर स्‍पष्‍ट जनादेश के लिये निर्धारित सीटों की संख्‍या को पारकर सरकार बनाने का दावा प्रस्‍तुत करते हैं। भारत बहुदलीय प्रणाली वाला देश है। जहाँ राष्‍ट्रीय व राज्‍य स्‍तर के राजनीतिक दल हैं। राष्‍ट्रीय दल वह हैं जो चार या अधिक राज्‍यों में मान्‍यता प्राप्‍त हैं। राजनीतिक दलों के संबंध मं राजवैज्ञानिकों ने अपना विचार रखा है। माईकल कार्टिस के अनुसार “ राजनीतिक दल की सही रूप में परिभाषा प्रस्‍तुत करना बहुत कठिन है। ” जब कि बर्क ने कहा है कि “ राजनीतिक दल एकता बद्ध लोगों का ऐसा निकाय है जो किन्‍ही विशेष सिद्धांतो पर राष्‍ट्रीय हित को बढ़ावा देने के लिए सहमत होते हैं। ” और बेंजामिन कांसटैण्‍ट को शब्‍दों में " दल समान राजनीतिक सिद्धान्‍त में आस्‍था रखने वाले व्‍यक्‍तियों का समूह है।" इन सब से अलग अमेरिकी दृष्टिकोण है जहां राजनीतिक दल को सत्‍ता पाने का उपकरण समझा जाता है। यहां राष्‍ट्रीय अथवा सार्वजनिक महत्‍व...

भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। ऐसा कार्य जो अपने स्वार्थ सिद्धि की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ताक पर रख कर किया जाता है, भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार भारत समेत अन्य विकासशील देश में तेजी से फैलता जा रहा है। भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर हम देश के राजनेताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं पर सच यह है कि देश का आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न स्वरूप में भागीदार हैं। वर्तमान में कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है। भ्रष्टाचार पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Corruption in Hindi, Bhrashtachar par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (300 शब्द) – भ्रष्टाचार का अर्थ व कारण परिचय अवैध तरीकों से धन अर्जित करना भ्रष्टाचार है, भ्रष्टाचार में व्यक्ति अपने निजी लाभ के लिए देश की संपत्ति का शोषण करता है। यह देश की उन्नति के पथ पर सबसे बड़ा बाधक तत्व है। व्यक्ति के व्यक्तित्व में दोष निहित होने पर देश में भ्रष्टाचार की मात्रा बढ़ जाती है। भ्रष्टाचार क्या है ? भ्रष्टाचार एक ऐसा अनैतिक आचरण है, जिसमें व्यक्ति खुद की छोटी इच्छाओं की पूर्ति हेतु देश को संकट में डालने में तनिक भी देर नहीं करता है। देश के भ्रष्ट नेताओं द्वारा किया गया घोटाला ही भ्रष्टाचार नहीं है अपितु एक ग्वाले द्वारा दूध में पानी मिलाना भी भ्रष्टाचार का स्वरूप है। भ्रष्टाचार के कारण • देश का लचीला कानून –भ्रष्टाचार विकासशील देश की समस्या है, यहां भ्रष्टाचार होने का प्रमुख कारण देश का लचीला कानून है। पैसे के दम पर ज्यादातर भ्रष्टाचारी बाइज्जत बरी हो जाते हैं, अपराधी को दण्ड का भय नहीं होता है। • व्यक्ति का लोभी स्वभाव –लालच और असंतुष्टि एक ऐसा विकार है जो व्यक्ति को बहुत अधिक नीचे गिरने पर विवश कर...