छोटे बच्चों के चुन्ने की दवा

  1. Bacho ke churne ka ilaj in hindi
  2. छोटे बच्चों के लिए निमोनिया की वैक्सीन (पीसीवी)
  3. दादा जी के आयुर्वेदिक नुस्खे: छोटे बच्चों की दवायें
  4. Ranitidine Tablet Uses in Hindi: उपयोग, नुकसान, खुराक, सावधानी
  5. बच्चों और नवजात शिशु में सूखी खांसी का घरेलू उपचार
  6. छोटे बच्चों के कब्ज का घरेलू उपचार :Home remedies for constipation in children


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Bacho ke churne ka ilaj in hindi

5.8 Share this post: Bacho ke churne ka ilaj in hindi – ज्यादातर बच्चों में पेट के कीड़े एक आम समस्या देखी जाती है। पेट में कीड़े होने के कारण बच्चों को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए, इसका समय पर इलाज किया जाना चाहिए। अन्यथा, बच्चे को रात में सोते समय पेट दर्द, भूख न लगना, उल्टी, दांत दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। बच्चों के चुरने का इलाज इन हिंदी – यह समस्या बच्चों में अधिक होती है क्योंकि वे खेलने में कीचड़ के साथ कुछ खाते हैं, गंदा पानी पीने से पेट में छोटे कीड़े पैदा हो जाते हैं। बच्चों को अधिक मिठाई खाने की संभावना होती है, जो कृमि पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पेट के कीड़े के लक्षण त्वचा की रंगत में बदलाव, गालों पर धब्बे, जीभ सफेद दिखाई देना, नाक में खुजली और हल्का बुखार, पेट में दर्द, शरीर में खून की कमी, पेट का बढ़ना और सख्त होना, बच्चे। मुंह से लार टपकती है, रात को सोते समय बच्चे के दांत, बिस्तर पर पेशाब करना, मुंह से बदबू आना, मल त्याग के समय रक्तस्राव, मल त्याग में कीड़े आदि। बच्चों के पेट में कीड़े के विभिन्न प्रकार क्या हैं? बच्चों के पेट में विभिन्न प्रकार के कीड़े होते हैं और वे शिशुओं के शरीर को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं। पेट के कीड़े के प्रकार जानिए नीचे: थ्रेडवर्म – बच्चों के पेट में कीड़े के विभिन्न प्रकार थ्रेडवर्म छोटे परजीवी होते हैं जो आंतों में रहते हैं। ऐसे परजीवियों को 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में देखा जा सकता है। यह १ फिट तक लंबा हो सकता है, थ्रेडवर्म किसी भी सफेद धागे की तरह दिखते हैं और ६ सप्ताह तक रह सकते हैं। एक प्रकार का थ्रेडवर्म भी पिनवॉर्म होता है, जो आमतौर पर बच्चों को निशाना बनाता है। राउंडवॉर्म –...

छोटे बच्चों के लिए निमोनिया की वैक्सीन (पीसीवी)

स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से गंभीर रोग होते हैं, जैसे निमोनिया और मेनिन्जाइटिस और यह इन्फेक्शन कुछ दिनों के भीतर लोगों में फैल जाता है। इस बैक्टीरिया से बच्चे के कान में गंभीर इन्फेक्शन भी हो सकता है। न्यूमोकोकल वैक्सीन इस बीमारी को पैदा करने वाले कई प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ता है। 2010 में पीसीवी 13 वैक्सीन आई थी जो अन्य वैक्सीन की तुलना में शरीर को कई प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने के लिए इम्युनिटी प्रदान करती है। इस वैक्सीन के बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें और पूरी जानकारी लेने के बाद ही बच्चे को यह इंजेक्शन लगवाएं। न्यूमोकोकल रोग यह रोग स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया लोगों को इन्फेक्ट करता है या फिर बिना किसी बीमारी के गले में रहता है। यह बैक्टीरिया कैरियर (बिना लक्षणों के बैक्टीरिया का मौजूद रहना) के माध्यम से भी फैल सकता है जिसमें सांस लेते समय, खांसते या छींकते समय नाक व मुंह से हल्की-हल्की खून की बूंदें गिरती हैं। यह बैक्टीरिया कान के बीच के क्षेत्र, साइनस कैविटी और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को इन्फेक्ट करता है। बच्चों में निमोनिया का इन्फेक्शन खत्म करने के लिए इसका इंजेक्शन लगवाने की जरूरत है। बच्चों को यह वैक्सीन लगवाना क्यों जरूरी है 2 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को न्यूमोकोकल वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है। बच्चों को स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से कान का इन्फेक्शन बहुत जल्दी हो जाता है। निमोनिया और मेनिन्जाइटिस इन्फेक्शन होने के कुछ दिनों के बाद ही विकसित होना शुरू हो जाता है। इसलिए बच्चों को यह वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है। इस वैक्सीन की सभी डोज सही समय पर लगवानी चाहिए। क्योंकि यदि इसकी एक भी डोज छूट जा...

दादा जी के आयुर्वेदिक नुस्खे: छोटे बच्चों की दवायें

Advertisment सफेद ओर साफ वस्त्र को जलाकर उसी राख को नाभि पर लगाईये। 2- खूनी दस्तों की दवा दूब का रस डेढ़ छटाक, गाय का दूध एक पाव के साथ लीजिए। बच्चों को एक तोला दूब रस एक छटांक दूध में दें। 3- बच्चों के सिर पर बाल उगाने की दवा हाथी दांत की राख और रसौत लगाने से लाभ होगा। 4- पथरी के रोग की दवा करम कल्ला की जड़ को जलाकर राख बना लीजिए ओर शहद के साथ सेवन करें। 5- बालकों के दांत आसानी से निकलने की दवा सीपियों की माला गले में पहना दीजिए। 6- बच्चों के पेशाब रुकने की दवा 1- आंवला को पत्थर पर पीस कर पेडू पर रखिये। 2- टेसू का फूल पीस कर पीलायें। 7- बहु मूत्र की दवा आंवले का रस शहद डाल कर प्रतिदिन पीने से लाभ होगा। दिन में दो बार एक-एक चम्मच दें। 8- खुजली की दवा नारियल का तेल कपूर मिलकर लगायें। 9- हिचकी की दवा 1- एक छोटी हरड़ का चूर्ण शहद के साथ चाटें। 2- सोगागा जो कि शुद्ध होना चाहिए, उसे पीसकर शहद शहद में चाटें। 10- बच्चे के बहुत रोने की दवा घुंघची की माला पहनाएं। 11-दूध फेंकने की दवा धनिया का भिगोया हुआ जल थोड़ा-थोड़ा पीलायें। 12- बच्चा दूध न पीता हो तो इसकी दवा 1- पानी में ररवल या उसके पत्ते डालकर उबाले, उस उबले पानी को बच्चे को पिलायें और नहलायें। 2- अनार का रस या अनार के छिलके घिसकर दिन में चार बार एक-एक चम्मच पिलायें। 13- बच्चे के पट बढ़ने की दवा रात को गरम पानी के साथ शहद मिलाकर पिलाते रहें। 14- बच्चे के खांसी-जुकाम की दवा 1- पांच तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर पिलायें या चटायें। 2- नाक की हड्डी, सिर व कनपटी की सिकाई करें। 15- ज्वर की दवा 1- कुटकी यानी कडू को जल में पीसकर शरीर में लेप करें। 2- किसी भी प्रकार का ज्वर हो, गिलो को दो दिन तक जल में छोड़ दें, फिर उसे घोटकर...

Ranitidine Tablet Uses in Hindi: उपयोग, नुकसान, खुराक, सावधानी

इस दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल करना घातक साबित हो सकता है, क्योंकि इसके गलत या ज्यादा उपयोग से यह कम कीमत पर मिलने वाली काफी पुरानी दवा है, जो मुख्यतः एसिडिटी और पेट में छालों के लिए कारगर है। रेनिटिडिन एक सुविधाजनक रूप में आप इसके ओरल या इंजेक्शन फॉर्म का उपयोग कर सकते है। पढ़िये: रेनिटिडिन टैबलेट कैसे कार्य करती है? यह दवा गैस्ट्रिक कोशिकाओं में मौजूद विशिष्ट एच 2 रिसेप्टर्स पर हिस्टामाइन की कार्रवाई को रोकने का कार्य करती है, जिससे गैस्ट्रिक एसिड स्राव की प्रक्रिया बाधित होती है और एसिडिटी से छुटकारा मिलता है। उपयोग रेनिटिडिन टैबलेट के उपयोग व फायदे – Ranitidine Tablet Uses & Benefits in Hindi Ranitidine Tablet कई मामलों में डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाती है, जैसे • गैस्ट्रिक अल्सर • एसिडिटी • छाती में जलन • खट्टी डकार • गैस • जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम (इस बीमारी में अग्नाशय या छोटी आंत पर एक या एक से अधिक ट्यूमर (गांठे) हो जाते है, जो अत्यधिक एसिड का उत्पादन करते है और पेट में छाले या दस्त का कारण बनते है) • हर्निया (इस बीमारी में नाभी या जांघ से ऊपरी हिस्से में बाहर की तरह गांठे बनती है) • इसोफैगिटिस (भोजन नली में सूजन) पढ़िये: दुष्प्रभाव रेनिटिडिन टैबलेट के दुष्प्रभाव – Ranitidine Tablet Side Effects in Hindi Ranitidine Tablet के दुरुपयोग या शरीर की प्रतिक्रिया के कारण निम्न दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते है, जैसे • चक्कर आना • मतली या उल्टी • सिरदर्द • भ्रम • सांस लेने में तकलीफ • उनीदापन • यदि ये दुष्प्रभाव ज्यादा बिगड़ते है या लम्बे समय तक बने रहते है, तो इस दवा का उपयोग बंदकर तुरंत अपने चिकित्सक से बातचीत करें। खुराक रेनिटिडिन टैबलेट की खुराक – Ranitidine T...

बच्चों और नवजात शिशु में सूखी खांसी का घरेलू उपचार

247 Shares यह तो प्रकृति का नियम है की कोई भी माता पिता अपनी संतान को कष्ट में नहीं देख सकते हैं, चाहे वो तकलीफ छोटी ही क्यूँ न हो। जब उनके प्यारे बच्चे को तकलीफ सूखी खांसी जैसी हो तो वह माता-पिता के लिए लिए बहुत कष्टकारक होती है। वैसे तो खांसी कैसी भी हो, छोटे बच्चों के लिए यह बहुत दुखड़ाई होती है, लेकिन सूखी खांसी का बच्चों के गले पर बुरा असर होता है। कोमल नन्हें बच्चे अपनी तकलीफ को बता भी नहीं सकते की उनका गला कितना दुख रहा है या कितना सूख रहा है। आप जब अपने बच्चे की इस तकलीफ को समझ जातीं हैं तो तुरंत बाज़ार के केमिस्ट पर सामान्य खराब गले को ठीक करने वाली दवा लेने चली जातीं हैं, लेकिन अमरीकन अकेडमी ऑफ पेडियट्रिक्स छह वर्ष से कम के बच्चे के लिए इस दवा के उपयोग को सख्ती से मना करती है। अधिकतर यह देखा गया है की इस प्रकार की दवाइयाँ गले की तकलीफ को तो कम करतीं नहीं हैं बल्कि कभी-कभी उल्टा असर भी हो जाता है। इसलिए सबसे अच्छा यही होगा की आप जब बच्चों को गले की तकलीफ हो तो घरेलू उपचार करने के बारे में विचार करें।-sukhi khansi gharelu upay आर्गेनिक . एफ़एसएसएआई सर्टिफाइड . एनएबीएल लैब सर्टिफाइड क्या आप जानतीं हैं की खांसी वास्तव में शरीर के गले की नसों और मांसपेशियों में हवा को गुजारने का एक तरीका है, बिलकुल वैसे ही जब बंद नाक को खोलने के लिए नाक की ड्रिप का इस्तेमाल किया जाता है। सूखी खांसी में शरीर में बलगम नहीं बनता है। सबसे अधिक परेशानी वाली बात यह है की जब किसी को सूखी खांसी होती है तो उस समय गले में परेशानी के साथ ही छाती में भी दर्द होता है और इसके कारण बार-बार खांसी उठती है। कभी-कभी शाम के समय सूखी खांसी अधिक होती है और इसी वजह से रात को आराम से सोने में तकलीफ होती है। आइय...

छोटे बच्चों के कब्ज का घरेलू उपचार :Home remedies for constipation in children

प्रायः लोग ऐसा सोचते हैं कि कब्ज की समस्या केवल बड़े लोगों को ही होती है, लेकिन आपका सोचना सही नहीं है। छोटे बच्चे हों या बड़े बच्चे, कब्ज की समस्या सभी को हो सकती है। सच यह है कि जब वयस्क लोग कब्ज से परेशान होते हैं तो अपनी समस्या के बारे में दूसरों को बता देते हैं, लेकिन जब बच्चों को कब्ज के लक्षण महसूस होते हैं तो वे किसी को बता नहीं पाते। क्या आप जानते हैं कि बच्चों में कब्ज की समस्या को आप घरेलू उपाय ( bacho ki kabj ke gharelu upay) द्वारा ही ठीक कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि बच्चों के कब्ज की रामबाण दवा के रूप में कौन-कौन सी चीज इस्तेमाल में लाई जाती है। आयुर्वेद में कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के आसान उपाय बताए गए हैं। इन उपायों से आप पुरानी कब्ज का भी इलाज कर सकते हैं। जब आपको कब्ज के लक्षण महसूस तो आप कब्ज कैसे दूर करें। Contents • 1 कब्ज होना क्या है?(What is Children Constipation in Hindi?) • 2 कब्ज के प्रकार (Children Constipation Types) • 3 छोटे बच्चों में कब्ज के लक्षण (Symptoms of Children Constipation in Hindi) • 4 बच्चों में कब्ज की समस्या होने के कारण (Causes of Constipation in Kids) • 5 बच्चों के कब्ज के इलाज के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Constipation in Kids in Hindi) • 5.1 बच्चों के कब्ज का रामबाण इलाज शहद से करें (Honey: Home Remedies for Constipation in Kids in Hindi) • 5.2 बच्चों के कब्ज का रामबाण इलाज अंजीर से करें (Anjeer: Home Remedy to Treat Constipation in Kids in Hindi) • 5.3 बच्चों के कब्ज का रामबाण इलाज बेकिंग सोडा से करें (Baking Soda: Home Remedy to Cure Constipation in Kids in Hindi) • 5.4 हल्दी है बच्चों के कब्ज की दवा ...