छत्तीसगढ़ का शिमला किसे कहते हैं

  1. सर्दियों में ये इलाका ढंक जाता है सफेद चादर से, इसे कहते है छत्तीसगढ़ का शिमला
  2. शिमला का अहसास दिलाती है मैनपाट की वादियां


Download: छत्तीसगढ़ का शिमला किसे कहते हैं
Size: 45.72 MB

सर्दियों में ये इलाका ढंक जाता है सफेद चादर से, इसे कहते है छत्तीसगढ़ का शिमला

रायपुर. छत्तीसगढ़ में मैनपाट अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। इसकी खूबसूरती के कारण इसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहते हैं। यहां खूबसूरत वादियों में करीब 1500 तिब्बती परिवार भी बसे हैं। इसके कारण मैनपाट को मिनी तिब्बत भी कहते हैं। सर्दियों में यहां गिरने वाली ओस बेहद कम तापमान के कारण जम जाती है। जिससे यह इलाका सफेद चादर से ढंक जाता है। छत्तीसगढ़ के मैनपाट की वादियां शिमला का अहसास दिलाती हैं, खासकर सावन और सर्दियों के मौसम में। प्रकृति की खूबसूरती से भरपूर मैनपाट को सावन में बादल घेरे रहते हैं। लगता है, जैसे आकाश से बादल धरा पर उतर रहे हों। रिमझिम बारिश के बीच इसकी खूबसूरती को देखने वाले पर्यटकों की जुबां से निकलता है...वाकई यह शिमला से कम नहीं है। सावन में उत्तरी छत्तीसगढ़ के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बादल काफी नीचे आ जाते हैं। मैनपाट में पहाड़ियों से बादलों के टकराने के कारण यह नजारा देखने को मिलता है। मैनपाट के ऊपरी क्षेत्र में बादल इन दिनों जमीन के एकदम नजदीक आ गए हैं। बादलों के धरा के नजदीक आ जाने से धुंध सा नजारा है और रिमझिम फुहारें हर किसी का मन मोह रही हैं। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए सरगुजावासियों के मैनपाट आने-जाने का क्रम इन दिनों और बढ़ गया है। बादलों के काफी नीचे आ जाने के कारण सड़क ज्यादा दूर तक नजर नहीं आती। लोगों को सावधानी से वाहन चलाना पड़ता है। रिमझिम फुहारों के कारण कई स्थानों पर तो दिन में भी वाहनों की लाइट जलाने की जरूररत पड़ जाती है। बादलों से घिरे मैनपाट के दर्शनीय स्थल हैं दलदली, टाइगर प्वाइंट और फिश प्वाइंट, जहां पहुंचकर लोग बादलों को नजदीक से देखने का नया अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

शिमला का अहसास दिलाती है मैनपाट की वादियां

छत्तीसगढ़ के मैनपाट की वादियां शिमला का अहसास दिलाती हैं, खासकर सावन और सर्दियों के मौसम में। प्रकृति की अनुपम छटाओं से परिपूर्ण मैनपाट को सावन में बादल घेरे रहते हैं। लगता है, जैसे आकाश से बादल धरा पर उतर रहे हों। रिमझिम फुहारों के बीच इस अनुपम छटा को देखने पहुंच रहे पर्यटकों की जुबां से निकलता है- वाकई यह शिमला से कम नहीं है। छत्तीसगढ़ के मैनपाट की वादियां शिमला का अहसास दिलाती हैं, खासकर सावन और सर्दियों के मौसम में। प्रकृति की अनुपम छटाओं से परिपूर्ण मैनपाट को सावन में बादल घेरे रहते हैं। लगता है, जैसे आकाश से बादल धरा पर उतर रहे हों। रिमझिम फुहारों के बीच इस अनुपम छटा को देखने पहुंच रहे पर्यटकों की जुबां से निकलता है- वाकई यह शिमला से कम नहीं है। सहायक मौसम वैज्ञानिक ए.एम. भट्ट कहते हैं कि उत्तरी छत्तीसगढ़ के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बादल काफी नीचे आ जाते हैं। मैनपाट में पहाड़ियों से बादलों के टकराने के कारण यह नजारा देखने को मिलता है। मैनपाट के ऊपरी क्षेत्र में बादल इन दिनों जमीन के एकदम नजदीक आ गए हैं। बादलों के धरा के नजदीक आ जाने से धुंध सा नजारा है और रिमझिम फुहारें हर किसी का मन मोह रही हैं। इस अदभुत नजारे को देखने के लिए सरगुजावासियों के मैनपाट आने-जाने का क्रम इन दिनों और बढ़ गया है। मैनपाट की वादियां यों तो पहले से ही खूबसूरत हैं, लेकिन बादलों की वजह से इसकी खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं। शिमला, कुल्लू-मनाली जैसे पर्यटन स्थलों में प्रकृति की अनुपम छटा देख चुके लोग जब मैनपाट की वादियों को देखते हैं तो इसकी तुलना शिमला से करते हैं। अंबिकापुर से दरिमा होते हुए मैनपाट जाने का रास्ता है। मार्ग में जैसे-जैसे चढ़ाई ऊपर होती जाती है, सड़क के दोनों ओर साल...