छत्तीसगढ़ राज्य गीत lyrics

  1. विशेष आलेख : एक नदी
  2. छत्तीसगढ़ राज्य गीत "अरपा पैरी के धार" Hindi & English गीतबोल
  3. छत्तीसगढ़ की राज्य गीत
  4. अरपा पैरी के धार Arpa Pairi Ke Dhar Cg Song Lyrics
  5. छत्तीसगढ़ लोक गीत इन हिंदी लिरिक्स
  6. छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य


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विशेष आलेख : एक नदी

सतीश जायसवाल,वरिष्ठ पत्रकार, कथाकार एवं लेखक रायपुर/नवप्रदेश। किसी एक नदी-गान का ‘राज्य-गीत’ (Rajya Geet) हो जाना एक उल्लेखनीय सांस्कृतिक घटना है। उतनी ही महत्वपूर्ण भी। यह महत्वपूर्ण घटना छत्तीसगढ़ में घटित हुयी। डॉ0 नरेन्द्र देव वर्मा का नदी-गान छत्तीसगढ़ का ‘राज्य-गीत’ हो गया। इस सांस्कृतिक घटना को तो 20 वर्ष पहले ही यहाँ घटित हो चुकना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक नवोदित राज्य को अपनी संस्कृति-नीति निर्धारित करने के लिए समय चाहिए था। इसके लिए दृढ राजनैतिक इच्छा-शक्ति की जरूरत थी। यह इच्छा-शक्ति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास थी। एक सांस्कृतिक दिशा निर्धारण की भी जरूरत थी। अब वह दिशा दिख रही है। नदी वह दिशा है। डॉ0 नरेंद्र देव वर्मा का नदी-गान उस दिशा को सम्बोधित करता है छत्तीसगढ़ की सभी छोटी-बड़ी नदियाँ अपने जल के साथ आकर महानदी से मिलती हैं। तब महानदी अपार हो जाती है। छोटी-बड़ी नदियाँ अपनी-अपनी सांस्कृतिक-धाराओं के साथ आकर महानदी के साथ मिलती हैं। और मिलकर एक वृहत्तर जल-संस्कृति की रचना करती हैं। छत्तीसगढ़ का अपना सांस्कृतिक मानचित्र नदी-जल से निर्धारित है। नरेन्द्र देव वर्मा का नदी-गान उसकी स्तुति करता है। जहाँ तक इन नदियों का विस्तार है, यह मानचित्र वहाँ तक प्रसारित है। इसमें किसी भी संकीर्ण भौगोलिक-राजनैतिक और सामाजिक सीमाबद्धता से विमुक्त एक समावेशी सांस्कृतिक दृष्टि का आग्रह है। यह काव्य-दृष्टि इस नदी-गान को असाधारण बनाती है। तब हम इसके रचयिता को विस्मय के साथ देखते हैं जिसने आज,आधी सदी से भी पहले यह रचना की ! नरेन्द्र देव वर्मा अपने समय से बहुत आगे देख रहे थे, लेकिन समय से पहले चले गए। satish jayaswal seniour journalist आज उनकी जरूरत उनके अपने समय से अधिक थी। क्योंक...

छत्तीसगढ़ राज्य गीत "अरपा पैरी के धार" Hindi & English गीतबोल

“ Arpa Pairi Ke Dhar“ छत्तीसगढ़ राज्य गीत के Hindi और English बोल एवं Lyrics: अरपा पैरी के धार गीत को 3 नवम्बर 2019 को छत्तीसगढ़ के तत्कालीक मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी ने साइंस कालेज रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के मंच से राजकीय गीत घोषित किया है। अरपा पैरी के धार: यह कविता छत्तीसगढ़ महतारी(माँ) को समर्पित है, जिसमें उनकी माहिमा का वर्णन है। यह गीत छत्तीसगढ़ी बोली में रचित है, जिसके लेखक नरेंद्र देव वर्मा जी हैं। chhattisgarh-rajya-geet-arpa-pairi-ke-dhar-hindi नरेंद्र देव वर्मा जी का परिचय: उनका जन्म 4 नवंबर 1939 को वर्धा के सेवाग्राम में हुआ था, वे छत्तीसगढ़ी बोली के महान भाषाविद व् कवी कवी रहे हैं। उनकी मृत्यु 40 वर्ष की उम्र में सितम्बर 1979 को को रायपुर में हुआ। छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुखयमंत्री भूपेश बघेल जी इनके दामाद हैं, जिनकी शादी डॉ वर्मा जी की पुत्री मुक्तेश्वरी बघेल से हुआ है। अरपा पैरी के धार गीत के बोल व लिरिक्स अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ नांदगांव नवा करधनिया महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया ! Arpa Pairi Ke Dhar Lyrics in English Arpa pairi ke dhar, Mahanadi he apaar Indrawati ha pakhare tore paiyya Mahu paway paraw tore bhuiyyan Jai ho jai ho.. chattisagarh maiyyan Sohay bindiya sahi, Ghat dongri pahad Sohay bindiya sahi, Ghat dongri pahad Chanda suruj bne naina Sonha dhan ke ang, ...

छत्तीसगढ़ की राज्य गीत

अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार चंदा सुरूज बनय तोर नैना सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग तोर बोली हावय सुग्घर मैना अंचरा तोर डोलावय पुरवईया महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया रयगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ नांदगांव नवा करधनिया महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया छत्तीसगढ़ का राज्यगीत स्व. नरेन्द्र वर्मा द्वारा रचित “अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार” को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ का राज्यगीत घोषित किया गया हैं जिसे वर्तमान में श्रीमती ममता चन्द्राकर ने अपना स्वर दिया हैं प्रश्न :- छत्तीसगढ़ के राज्यगीत के रचयिता का क्या नाम हैं ? उत्तर:- स्व. नरेन्द्र वर्मा जी. वर्तमान में जिसने इस गीत को स्वर दिया उत्तर :- श्रीमती ममता चन्द्राकर छत्तीसगढ़ का राज्यगीत क्या हैं ? किसने लिखा ? इस सवाल का

अरपा पैरी के धार Arpa Pairi Ke Dhar Cg Song Lyrics

Arpa Pairi Ke Dhar Cg Song Lyrics अरपा पैरी के धार गीत, गीत लेखक स्वर्गीय नरेंद्र वर्मा जी द्वारा लिखे गए हैं। अरपा पैरी के धार छत्तीसगढ़ का राज्य गीत है। यह छत्तीसगढ़ी लोकगीत है। इस गाने को गायिका ममता चंद्राकर ने गाया है। Writer लेखक Dr. Narendra Dev Verma डॉ नरेंद्र देव वर्मा Singer गायक Mamta Chandrakar ममता चंद्राकर संस्‍था/लोककला मंच Sonha Bihan (सोनहा बिहान) List of Contents • • • • Lyrics : Arpa Pairi Ke Dhar Cg Song Lyric Hindi अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईयाहो हो हो आ…. सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार ..(x2) चंदा सुरूज बनय तोर नैना हो चंदा सुरूज बनय तोर नैना सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग..(x2) तोर बोली हावय सुग्घर मैना अंचरा तोर डोलावय पुरवईया महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो हो हो हो आ… रयगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट..(x2) सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ नांदगांव नवा करधनिया महूं पांवे परंव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया….. Cg Song Arapa Pairee Ke Dhaar, Mahaanadee He Apaar Indiraavatee Ha Pakhaaray Tor Paeeyaan Mahoon Vinatee Karav Tor Bhuniya Jay Ho Jay Ho Chatteesagadh Maeeya Sohay Bindiya Saheen, Ghaat Dongaree Pahaar Canda Surooj Banay Tor Naina Mahoon Vinatee Karav Tor Bhuniya Jay Ho Jay Ho Chatteesaga...

छत्तीसगढ़ लोक गीत इन हिंदी लिरिक्स

छत्तीसगढ़ के गीत काफी प्रसिद्द है। यहाँ के गीत दिल को छु लेते है। और यहाँ की संस्कृति में गीत एवं नृत्य का बहुत महत्व है। छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ प्रमुख लोकगीत इस प्रकार है.... • बांस गीत - राउत जाती का प्रमुख गीत। • बार नृत्य गीत - कंवर जनजाति द्वारा। • देवार गीत - देवार जाति ,लोक कथाओ पर आधारित। • रीना नृत्य गीत - दीपावली के अवसर पर तथा बैगा जनजातियों की महिलाओ द्वारा। • ददरिया गीत - लोकगीत का राजा ,प्रेमगीत। • लेंजा गीत - बस्तर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र लोकगीत। • घोटुल पाटा - मृतु के अवसर पर मुरिया जनजाति में गाया जाता है। • रैला गीत - मुरिया जनजाति का प्रमुख लोक गीत। • पंथी गीत - सतनामी समाज का परंपरागत गीत है। • भडोनी गीत - विवाह के समय हसी मजाक के लिए गया जाता है। • नचोनी गीत - नारी कि विरह वेदना ,संयोग वियोंग का गीत। • बैना गीत - तंत्र मंत्र साधना से सम्बंधित गीत। • राउत गीत - यादव समाज द्वारा गया जाने वाला गीत। इन सब लोक गीतों की लिरिक्स आप पढ़ सकते है, ये सब काफी प्रचलित गीत है। छत्तीसगढ़ से सम्बन्धित अधिक पढने के लिए यहाँ क्लिक करें

छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य

छत्तीसगढ़ भारत देश में सबसे प्राचीन और सबसे तेजी से विकासशील राज्यों में से एक है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई प्रमुख भारतीय राज्यों के साथ अपनी सीमाओं को साझा करती है। छत्तीसगढ़ राज्य न केवल अपनी समृद्ध विरासत के लिए लोकप्रिय है, बल्कि इस तथ्य के कारण भी है कि राज्य की संस्कृति रोमांचक के ढेरों में डूबी हुई है। इस विशाल नृत्य रूपों का श्रेय बड़ी संख्या में जनजातियों को समर्पित किया जा सकता है जो इस विशाल राज्य में एक साथ सद्भाव में रहते हैं। कई वर्षों की अवधि में, छत्तीसगढ़ की आदिवासी आबादी ने अपनी सांस्कृतिक मान्यताओं के आधार पर लोक-नृत्य प्रदर्शनों को विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश लोक नृत्य रूपों को ऋतुओं के परिवर्तन को दर्शाने के लिए, अनुष्ठानों के भाग के रूप में या देवताओं की श्रद्धा में किया जाता है। इन प्रदर्शनों को और भी बेहतर बनाने के लिए, उनके लिए विशेष वेशभूषा के साथ-साथ सहायक उपकरण तैयार किए गए हैं। यदि आप छत्तीसगढ़ के लोक नृत्यों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में, हमने आपके लिए छत्तीसगढ़ के लोक नृत्योंको सूचीबद्ध किया है। छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य छत्तिसगढ़ में विविधतापूर्वक लोकनृत्यों की प्रवित्ति मिलती है। यहां की जनजातिय क्षेत्र हमेशा अपने लोकनृत्यों के लिए विश्व प्रसिद्ध रहा है। अनेक लोकनृत्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र में प्रचलित हैं। विभिन्न अवसरों, पर्वों से सम्बंधित भिन्न-भिन्न नृत्य प्रचलित हैं। जिसमें स्त्री पुरुष समान रूप से भाग लेते हैं। 1. करम नृत्य एक छत्तीसगढ़ का परम्परिक नृत्य है। इसे करमा देव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह ...