छत्तीसगढ़ी सेवा जस गीत lyrics

  1. तोषण कुमार चुरेन्द्र@: सेवा गीत
  2. तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म – छत्तीसगढ़ी.in
  3. जस गीत jas geet


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तोषण कुमार चुरेन्द्र@: सेवा गीत

***************** छत्तीसगढ़ी सेवा गीत *****************- जंवारा देखेके लागे साद मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय ***************** कामे आये बिसनु देवा कामे आये शंखर --२ कामे आये शंखर मइय्या--२ कामे आये हनुमाने मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद माय ***************** गरुड़ म आये बिसनु देवा बइला म शंखर आये--२ बइला म शंखर आये मइय्या-२ उड़त आये हनुमाने मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय **************** का धर आये बिसनु देवा का धर आये शंखर --२ का धर आये शंखर मइय्या--२ का धर आये हनुमाने मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय ***************** शंख धर आये बिसनु देवा डमरू धर आये शंखर--२ गदा धर आये हनुमाने हो मइय्या--२ मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय ****************** जंवारा देखेके लागे साद मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद हो माय मोर पंडो राजा जंवारा देखेके लागे साद माय बोल दुरगा मइय्या की जय ******************** *रचना* आचार्य तोषण गांव -धनगांव डौंडीलोहारा जिला-बालोद छत्तीसगढ़ %%%%%%%%%%%%%%%%% चरैवेति की कामना हृदय में बसा कर रखना। प्राप्ति होगी इक दिन लक्ष्य सजा कर रखना।। डगमगाने देना ना कभी अपना दृढसंकल्प नई कल्पनाओं खातिर कलम रजा कर रखना।। आचार्य तोषण %%%%%%%%%%%%%%%% धरम ईमान सब नंदात हे सिधवा के मुड़ी कटात हे बनगेहे इहाँ भाई हर बैरी देख हिरदे मोर पिरात है। %%%%%%%%%%%%%%%%% हे दाई द...

तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म – छत्तीसगढ़ी.in

तोर पचरा गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म आजा न आजा मोर ठांव म दाई ।।2।। सुरती म सजाहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म मंय अव छत्तीसगढ़िया दाई जग जवारा बोथव वो ।।2।। जिनगी म उजियार के खातिर तोर मया ल संजोथव वो तोर मया ल संजोथव दाई ।।2।। मोर मुड़ी तंय हा ढ़ाकबे ए दाई ।।2।। तोर अचरा ल पाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म तोर जस ल गाँहु वो दाई आजा न आजा मोर ठांव म पसर नई राखव तोर आगु म ,कुछु मनोती नई माँगव करम के फल तो सब झन पाथे तोर ले तुहि ल मंय माँगव तोर ले तुहि ल मंय माँगव ।।2।। तोर रूप म महतारी ल पाएव वो दाई ।।2।। बेटी रूप तोला पाँवव दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म हिरदय के हंसा तोला बलाथे, आना बईठ जुड़ा ले न शक्ति भक्ति मुक्ति खातिर ,दाई के कोरा थिराले न दाई के कोरा थिरा ले न ।।2।। ईश्वर बन्धी तोर कोरा म वो दाई कान्तिकार्तिक तोर अंचरा सब सुख ल पावय वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म आजा न आजा मोर ठांव म दाई ।।2।। सुरती म सजाहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म तोर जस ल गाँहु वो दाई ए दाई आजा न आजा मोर ठांव म ।।4।। गीत : ईश्वर साहु “बंधी” संगीत : ओ. पी. देवांगन स्वर : कान्तिकार्तिक यादव Please confirm you want to block this member. You will no longer be able to: • See blocked member's posts • Mention this member in posts • Invite this member to groups • Message this member • Add this member as a connection Please note: This action will also remove this member from your con...

जस गीत jas geet

छत्तीसगढ़केलोगगीतोंमेंजसगीतकाएकविशेषप्रभावरहाहै।जसगीतदेवीकीस्तुतिगीत, देवीसेविनती, प्रार्थनाकरनेकेलिएगयाजाताहै। छत्तीसगढ़मेंदेवीकास्थानबहुतऊँचामानाजाताहै।राज्यमेंअनेकस्थानोंपरमहामायादेवीकामंदिरदेखनेकोमिलताहैजैसेरतनपुर, आरंग, रायपुर, पाटन, दन्तेवाड़ा, अम्बागढ़चौकी, डोंगरगढ़, कांकेरऔरअनेकजगहोंमेंदेवीकामन्दिरहै। नवरात्रिकापर्वसालमेंदोबारआताहै।एकशरदनवरात्रि, दूसराहैबसन्तनवरात्रि।शरदमेंदुर्गापूजाहोतीहै।उसवक्तपूरेछत्तीसगढ़मेंजसगीतगायेजातेहैं।नवरात्रिमेंपहलादिनजवाराबोयाजाताहैऔरनवमींकेदिनउसकाविसर्जनहोताहै।जबजावराविसर्जनकरनेजातेहैं, महिलायेगातीहुईजातीहैं - तुमखेलवदुलखा रनबनरनबनहो कातोरलेवयरइंयबरमदेव कातोरलेगोरइंया कालेवयतोरबनकेरक्सा रनबनरनबनहो .. नरियरलेवयरइंयाबरमदेव बोकरालेगोरइंया कुकरालेवयबनकेरक्सा रनबनरनबनहो .... जँवाराकेजसगीतमेंदेवीधनैयाऔरदेवीकौदैयाकाजिक्रबारबारहोताहै।इसकेबारेमेंजीवनयदुछत्तीसगढ़ीगीतमेंलिखतेहैं - "देवीधनैयाऔरदेवीकौदैयाक्षेत्रीयस्तरकीलोकमातृकाएँहैं।पुराणोंमेंइनकाकहींउल्लेखनहींमिलता।लोकगीतोंमेंयेदोनोंमातृकाएँपुरान्वास्वीकृतादेवीदुर्गाकीसखियाँयासेविकाकेरुपमेंपूजितहोतीहै .... लोकगीतोंमेंदेवीदुर्गामूलमातृकाकेरुपमेंआतीहैऔरउन्हें "बूढ़ी-माय" कहाजाताहै" "लिमवाकेडारामंगड़ेलाहिंडोेलवा, लाखोंआये, लाखोंजाये कौनहझूले कौनहझुलाये? कौनहदेखनआये? बूढ़ीमायझूले कोदैयामायझुलाये धनैयादेखनआये।" "कौनमाईपहिरेगजरा? कौनमाईपहिरेहार? कौनमाईपहिरेमाथमटुकिया सोलाओसिंगार मैयाफूलगजरा धनैयापहिरेगजरा कोदैयापहिरेहार। बुढ़ीमाईपहिरेमाथमटुकिया सोलाओंसिंगार मैयाफूलगजरा।। दोनोंदेवियोंकीकहीमूर्तिऔरमन्दिरदिखाईदेतीहै।दोनोंदेवियोंकोफसलोंकीदेवीकेरुपमेंलोगमानतेथेएवंइसीलियेलोकगीतोंमेंउनकानामआदरकेसाथलियेजातेहै।जस...