Computer ki khoj kisne ki

  1. इलेक्ट्रॉन (Electron) की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?
  2. INDIA HELP ME: Keyboard का अविष्कार किसने किया
  3. प्रोटॉन की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?


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इलेक्ट्रॉन (Electron) की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?

नमस्कार दोस्तों, दोस्तों आपने परमाणु के बारे में तो सुना ही होगा या फिर स्कूल में पढ़ा होगा, आपको पता होगा कि परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है। इसमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के चारों तरफ चक्कर लगाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि आखिरकार इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से सारी जानकारी मिलने वाली है। तो चलिए दोस्तों जानते हैं कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी इलेक्ट्रॉन की खोज “जे. जे. थॉमसन” (Sir Joseph John Thomson) नामक वैज्ञानिक ने की थी, जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) ने बोर मॉडल दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि परमाणु एक उदासीन गोला होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन बसे हुए रहते हैं उन्होंने इसे समझाने के लिए तरबूज का उदाहरण भी दिया था कि जिस तरह से तरबूज में उसकी बीज होते हैं उसी तरह परमाणु में इलेक्ट्रॉन होते हैं लेकिन उनका यह मॉडल आगे चलकर गलत साबित कर दिया गया था, जब रदरफोर्ड ने अपना इलेक्ट्रॉन का मॉडल दिया तो उन्होंने यह सिद्ध किया कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन उसके चारों तरफ पाए जाते हैं ना कि उसके बीच में परमाणु के बीच का स्थान रिक्त होता है तथा उसमें किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉन नहीं होते है। जे जे थॉमसन ने बाद में इस इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान भी ज्ञात किया था जो कि 1.6 × 10−19 कुलम्ब (C) एवं 9.109 × 10−31 कि. ग्रा. (kg) प्राप्त हुआ था। जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) इसके अलावा भी अपने जीवन में अनेक प्रयोग किए थे तथा उन पर अध्ययन किया था। जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) के द्वारा इलेक्ट्रॉन की खोज एक काफी बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि विज्ञान ...

INDIA HELP ME: Keyboard का अविष्कार किसने किया

क्रिस्टोफर लैथम शोलेज (Christopher Lathom Sholes) ने पहले व्यवहारिक टाइपराइटर और Qwerty कुंजीपटल का अविष्कार किया था जो आज भी प्रयोग में है। इनका जन्म फरवरी 14 , 1819 को और इनका निधन फरवरी 17, 1890 को 71 साल के उम्र में हुआ ये एक अमेरिकी आविष्कारक थें। इनको Father Of Typewriter के नाम से भी जाना जाता है। जब इन्होंने टाइपराइटर बनाया तो इसमें सभी अक्षर सीधे एक लाइन में लगे थे जैसे A, B,C, D, E,.... इसमें बहुत सी कमियां थी जब इन्होंने टाइपराइटर बनाया तो इसमें बहुत सी गलतियां होती थी जैसे अक्षरों का आपस में उलझ जाना सभी अक्षर एक लाइन में होने के कारण टाइपिंग स्पीड भी अच्छी नहीं होती थी साथ में बटन एक के बाद एक होने के कारण इन्हें दबाने में भी परेशानी होती थी। इसके आ जाने के बाद स्पीड कम होना बटनों का आपस में उलझ जाना आदि समस्या हल हो गयी साथ में टाइपिंग करना भी आसान हो गया।जब कंप्यूटर का Keyboard बना तो उसमे QWERTY को ही अपनाया गया इसके बारे में न्यूयार्क की कॉर्नेलयूनिवर्सिटी में मानव व्यवहार और कार्यदक्षता पर अध्ययन कर रहे प्रोफेसर हेज ने बताया कि QWERTY Keyboard हमारी आदत में सुमार हो गया है जिसे हम बदलना नहीं चाहते इसलिए कंप्यूटर के आ जाने के बाद भी हमने टाइपराइटर का क्वर्टी कीबोर्ड अपना लिया।

प्रोटॉन की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?

प्रोटॉन (Proton)एकप्रकारकाधनात्मकवैद्युतआवेशएंवउपपरमाणविककणहोताहै, जोपरमाणुकेनाभिकमेंन्यूट्रॉनकेसाथपायाजाताहैं. कईलोग प्रोटॉनकीखोजकिसनेकी, कबऔरकैसेहुई? (Proton Ki Khoj) केबारेनहींजानतेहैंइसलिएइसलेखमेंइसकेबारेमेंसंपूर्णजानकारीदीगईहै. प्रोटॉनकीसबसेपहले H+ केरूपमेंयूजीनगोल्डस्टीनकेद्वारासन 1886 मेंदेखागयाथा. बादमेंइसेअर्नेस्टरदरफोर्ड (1917-1920) द्वाराकिसीअन्यपरमाणुकेनाभिकमेंएकधनात्मककणकेरूपमेंपहचानागयाऔरइसेएक“प्रोटॉन”कानामदियागया. यदिआपप्रोटॉनकीखोजकिसनेऔरकबकी? Proton ki khoj kisne kiकेबारेमेंअबभीसमझनहींपाएहैंतोइसआर्टिकलकोपूराअंततकजरूरपढ़िए. प्रोटॉनइतनेमहत्वपूर्णक्योंहैं? प्रोटॉनक्याहैइनहिंदी? (Definition of Proton in Hindi) प्रोटॉन (Proton) परमाणुकेनाभिकन्यूट्रॉनकेसाथपायाजाताहैं , जिसपरधनात्मकवैद्युतआवेश (Positively Charged) होतेहैं. परमाणुकेनाभिक (Nucleus) केअंतरप्रोटॉन (Proton) औरन्यूट्रॉन (Neutron) पाएजातेहैंऔरइलेक्ट्रॉनइसकेचारोंतरफचक्करलगातेहै. प्रोटॉनको p या p+ सेचिह्नितकियाजाताहै, जोपॉज़िटिवचार्जपार्टिकल (Proton) कोदर्शाताहै. प्रोटॉनकाद्रव्यमान 1.67×10^-27 kg होताहैजोइलेक्ट्रॉनकेद्रव्यमानका 1847 गुनाहै. साथहीइसपर 1.6021176634×10-19 कुलम्ब (Coulomb) होताहै. भौतिकीकेआधुनिकमानकमॉडलमें, यद्यपिप्रोटॉनकोमूलरूपसेमौलिकयाप्राथमिककण (elementary particle) मानाजाताथालेकिनयहअन्यछोटेछोटेअस्थाईसूक्ष्मकणोंसेमिलकरबनारहताहैजिन्हेक्वॉर्क (quarks) कहतेहैं. इसेहैड्रॉन (hadrons) केरूपमेंवर्गीकृतकियाजाताहैजैसेकिन्यूट्रॉनकोन्यूक्लियॉन (nucleon) केरूपमेंकियाजाताहै. प्रोटॉनकीखोजकिसनेकी ( Proton Ki Khoj Kisne Ki) यूजीनगोल्डस्टीनकेद्वारासन् 1886 मेंएनोडकिरणप्रयोगमेंप्रोटॉनको H+ केरूपसबसेपहलेदेखाग...