दृष्टान्त अलंकार की परिभाषा लिखिए।

  1. दृष्टांत अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / दृष्टांत अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण
  2. उपमा अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  3. उपमा अलंकार किसे कहते हैं? उपमा अलंकार के उदाहरण, परिभाषा
  4. दृष्टान्त अलंकार


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दृष्टांत अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / दृष्टांत अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण

हिंदी व्याकरण विभिन्न परीक्षाओं जैसे UPTET,CTET, SUPER TET,UP POLICE,लेखपाल,RO/ARO,PCS,LOWER PCS,UPSSSC तथा प्रदेशों की अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी विषय है। हमारी वेबसाइट दृष्टांत अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / दृष्टांत अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण है। हम आशा करते है कि इस टॉपिक से जुड़ी आपकी सारी समस्याएं समाप्त हो जाएगी। दृष्टांत अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / दृष्टांत अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण दृष्टांत अलंकार की परिभाषा जहाँ पहले कोई बात कहकर, उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टान्त दिया जाय; लेकिन समानता किसी शब्द द्वारा प्रकट न हो, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है। अर्थात जब दो वाक्यों में दो भिन्न बातें बिम्ब प्रतिबिम्ब भाव से प्रकट की जाती हैं, उसे दृष्टान्त अलंकार कहते हैं। इस प्रकार दृष्टान्त में उपमेय, उपमान और उनके साधारण धर्म बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव से परस्पर सम्बद्ध रहते हैं। उदाहरण – सठ सुधरहिं सत संगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई ॥ स्पष्टीकरण – यहाँ सत्संगति से सठ का सुधरना वैसा ही है, जैसे पारसमणि के स्पर्श से कुधातु का चमकना। यहाँ प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दृष्टान्त रूप से दूसरा वाक्य आया है। उदाहरण – सठ सुधरहिं सत संगति पाई। पारस परसि कुधातु सोहाई।। स्पष्टीकरण – यहाँ प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दृष्टांत रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिन्दु है- अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना। इस प्रकार, दोनों वाक्यों में बिम्ब- प्रतिबिम्ब भाव होने से यह दृष्टांत अलंकार है। उदाहरण – एक म्यान में दो तलवारें कभी नहीं रह सकती हैं। किसी और पर प्रेम नारियाँ पति का क्या सह सकती हैं? स्पष्टीकरण – यहाँ एक म्या...

उपमा अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण

इस लेख में उपमा अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित समस्त जानकारी का विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे। इसमें टेबल के माध्यम से अलंकार को समझने में सरल बनाया गया है। इस लेख का अध्ययन कर आप विद्यालय,विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर सकते हैं। उपमा अलंकार की परिभाषा परिभाषा :- किसी विख्यात वस्तु की समानता के सादृश्य जब किसी वस्तु या प्राणी के रूप ,गुण, धर्म का वर्णन करते हैं तो वहां उपमा अलंकार होता है। यह सादृश्य मुल्क अर्थालंकार है। उपमा अलंकार अर्थालंकार के अंतर्गत आता है। अर्थालंकार में मुख्य रूप से छः अलंकारों को समाहित किया गया है जिसमें से उपमा अलंकार एक है। अलंकार का मुख्य गुण काव्य सौंदर्य वृद्धि करना तथा रोचकता उत्पन्न करना है। अर्थात अलंकार काव्य के सौंदर्य की वृद्धि करते हैं। इसके अनेकों उदाहरण और व्याख्या लेखकों ने अपने मतानुसार दिए हैं। उपमा अलंकार के भेद उपमा अलंकार के चार अंग माने गए हैं – 1 उपमेय 2 उपमान 3 साधारण धर्म 4 वाचक शब्द। 1 उपमेय – वह प्राणी या वस्तु जिसका ‘सादृश्य’ रूप से वर्णन किया जाता है। इसे ‘प्रस्तुत’ भी कहा जाता है। जैसे – उसका मुख चंद्रमा के समान है ‘मुख’ सादृश्य या प्रस्तुत है अतः यह उपमेय है। 2 उपमान – जिस प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति के साथ उपमेय की समानता व्यक्त की जाती है उसे उपमान या ‘अप्रस्तुत’ भी कहा जाता है। जैसे – उसका मुख चंद्रमा के समान है ‘चंद्रमा’ अप्रस्तुत है अर्थात यह उपमान है। 3 साधारण धर्म – उपमेय तथा उपमान के बीच समानता गुण, धर्म आदि को मिलाता है उसे साधारण धर्म कहते हैं। जैसे – उसका मुख चंद्रमा के समान सुंदर है ‘सुंदर’ शब्द साधारण धर्म है। 4 वाचक शब्द – जिन शब्दों से उपमेय तथा उपमान के बीच समानता प्रकट की ज...

उपमा अलंकार किसे कहते हैं? उपमा अलंकार के उदाहरण, परिभाषा

विषय-सूचि • • • • • • इसलेखमेंहमनेंअलंकारकेभेदउपमाअलंकारकेबारेमेंचर्चाकीहै। अलंकारकामुख्यलेखपढ़नेंकेलिएयहाँक्लिककरें– उपमाअलंकारकीपरिभाषा जबकिन्हीदोवस्तुओंकेगुण, आकृति, स्वभावआदिमेंसमानतादिखाईजाएयादोभिन्नवस्तुओंकितुलनाकिजाए, तबवहांउपमाअलंकरहोताहै। उपमाअलंकारमेंएकवस्तुयाप्राणीकितुलनादूसरीप्रसिद्धवस्तुकेसाथकिजातीहै। जैसे : उपमाअलंकारकेउदाहरण • हरिपदकोमलकमल। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंहरिकेपैरोंकितुलनाकमलकेफूलसेकीगयीहै।यहाँपरहरिकेचरणोंकोकमलकेफूलकेसामानकोमलबतायागयाहै।यहाँउपमानएवंउपमेयमेंकोईसाधारणधर्महोनेकीवजहसेतुलनाकीजारहीहैअतःयहउदाहरणउपमाअलंकारकेअंतर्गतआएगा। उपमाअलंकारकेअंग उपमाअलंकारकेचारअंगहोतेहैं : • उपमेय • उपमान • साधारणधर्म, और • वाचकशब्द उदाहरण : सागर-सागंभीरहृदयहो, गिरी-साऊंचाहोजिसकामन उपमेय : जिसवस्तुयाव्यक्तिकेबारेमेंबातकीजारहीहैयाजोवर्णनकाविषयहैवोउपमेयकहलाताहै।ऊपरदिएगएउदाहरणमें हृदयएवं मनउपमेयहैं। उपमान :वाक्ययाकाव्यमेंउपमेयकीजिसप्रसिद्धवस्तुसेतुलनाकिजारहीहोवहउपमानकहलाताहै।ऊपरदिएगएउदाहरणमें सागरएवं गिरीउपमानहैं। साधारणधर्म :साधारणधर्मउपमानओरउपमेयमेंसमानताकाधर्महोताहै।अर्थातजोगुणउपमानओरउपमेयदोनोंमेंहोजिससेउनदोनोंकितुलनाकिजारहीहैवहीसाधारणधर्मकहलाताहै।ऊपरदिएगएउदाहरणमें गंभीरएवं ऊँचासाधारणधर्महै। वाचकशब्द : वाचकशब्दवहशब्दहोताहैजिसकेद्वाराउपमानऔरउपमेयमेंसमानतादिखाईजातीहै। जैसे : सा।ऊपरदिएगएउदाहरणमें ‘सा’वाचकशब्दहै। उपमाअलंकारकेकुछअन्यउदाहरण • करकमल-साकोमलहैं। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकरअर्थातहाथकोकमलकेसामानकोमलबतायागयाहै।वाक्यमेंदोवस्तुओंकीतुलनाकिगयीहैअतःयहउदाहरणउपमाअलंकारकेअंतर्गतआएगा।इसउदाहरणमें ‘कर’–उपमेयहै, ‘कमल’–उपमानहै, कोमल–साधारणधर्महैएवं सा–वाचकशब्दहै।जैसाकीहमजानतेहैंकीजबकिन्हीदो...

दृष्टान्त अलंकार

Drashtant Alankar दृष्टान्त अलंकार परिभाषा– जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है। या जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है। इस अलंकार में उपमेय रूप में कहीं गई बात से मिलती -जुलती बात उपमान रूप में दुसरे वाक्य में होती है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है। यह दृष्टान्त अलंकार के उदाहरण उदाहरण 1. एक म्यान में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती है। किसी और पर प्रेम नारियाँ, पति का क्या सह सकती है।। स्पष्टीकरण– इस अलंकार में एक म्यान दो तलवारों का रहना वैसे ही असंभव है जैसा कि एक पति का दो नारियों पर अनुरक्त रहना। अतः यहाँ बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दृष्टिगत हो रहा है। दृष्टांतालंकारः संस्कृत ‘दृष्टांतः पुनरेतेषां सर्वेषां प्रतिबिम्बनम्’– अर्थात् उपमान, उपमेय, उनके विशेषण और साधारण धर्म का भिन्न होते हुए भी औपम्य के प्रतिपादनार्थ उपमान वाक्य तथा उपमेय वाक्य में पृथगुपादानरूप बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है। उदाहरणस्वरूपः उदाहरण 1. तवाहवे साहसकर्मशर्मणः करं कृपाणान्तिकमानिनीषतः ।। मटाः परेषां विशरारूतामगः दधत्यवातेस्थिरतां हि पासवः । स्पष्टीकरण– यहाँ ‘धूल’ तथा ‘शत्र सैनिकों का और पलायन एवं अस्थिरत्व का बिम्ब प्रतिबिम्ब भाव है। सम्पूर्ण हिन्दी और संस्कृत व्याकरण • संस्कृत व्याकरण पढ़ने के लिए • हिन्दी व्याकरण पढ़ने के लिए • • • • •