दारिद्रय दहन स्तोत्र

  1. दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम
  2. Daridraya dahan Shiv stotra
  3. दारिद्रय दहन स्तोत्र : श्रावण मास में इसे पढ़ने से दूर होते हैं आर्थिक संकट
  4. श्रीरामचरितमानस भावार्थ सहित
  5. दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र : Daridra Dahan Shiv Stotra
  6. Daridraya Dahana Shiv Stotra (दरिद्र दहन शिव स्तोत्र) For Financial
  7. दारिद्रय दहन स्तोत्र पढ़ें, होगी स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति...
  8. Daridrya Dahana Stotram – దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్ PDF Telugu – InstaPDF
  9. Shiv Stotra\Daridra Dahan Shiv Stotra in Hindi


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दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम

Daridrya Dahana Shiva Stotram दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रम विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय । कर्पूरकान्तिधवळाय जटाधराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥१॥ गौरिप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय । गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥२॥ भक्तिप्रियाय भयरोगभयापहाय उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय । ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥३॥ चर्मांबराय शवभस्मविलेपनाय भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय । मञ्जीरपादयुगळाय जटाधराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥४॥ पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रयमण्डिताय । आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥५॥ भानुप्रियाय भवसागरतारणाय कालान्तकाय कमलासनपूजिताय । नेत्रत्रयाय शुभलक्षणलक्षिताय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥६॥ रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय नागप्रियाय नरकार्णव तारणाय । पुण्येषु पुण्य़भरिताय सुरार्चिताय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥७॥ मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय गीतप्रियाय वृषभेश्वरवाहनाय । मातङ्गचर्मवसनाय महेश्वराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥८॥ वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्वरोगनिवारणम । सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम । त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नित्यं स हि स्वर्गमवाप्नुयात ॥९॥ इति श्रीवसिष्ठविरचितं दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रं संपूर्णम ॥ Related Content

Daridraya dahan Shiv stotra

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दारिद्रय दहन स्तोत्र : श्रावण मास में इसे पढ़ने से दूर होते हैं आर्थिक संकट

How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। शुभ विक्रम संवत्-2080, शक संवत्-1945, हिजरी सन्-1444, ईस्वी सन्-2023 संवत्सर नाम-पिंगल अयन-उत्तरायण मास-आषाढ़ पक्ष-कृष्ण ऋतु-ग्रीष्म वार-गुरुवार तिथि (सूर्योदयकालीन)-द्वादशी नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-भरणी योग (सूर्योदयकालीन)-सुकर्मा करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल लग्न (सूर्योदयकालीन)-वृषभ शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक दिशा शूल-दक्षिण योगिनी वास-नैऋत्य गुरु तारा-उदित शुक्र तारा-उदित चंद्र स्थिति-वृषभ व्रत/मुहूर्त-प्रदोष व्रत/सौर आषाढ़ मास प्रारंभ यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें। आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:। आज का उपाय-शिव मंदिर में आम चढ़ाएं। वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

श्रीरामचरितमानस भावार्थ सहित

भावार्थ:- फिर उन्होंने माता को अपना अखंड अद्भुत रूप दिखलाया, जिसके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्माण्ड लगे हुए हैं॥201॥ चौपाई: अगनित रबि ससि सिव चतुरानन। बहु गिरि सरित सिंधु महि कानन॥ काल कर्म गुन ग्यान सुभाऊ। सोउ देखा जो सुना न काऊ॥1॥ भावार्थ:- अगणित सूर्य, चन्द्रमा, शिव, ब्रह्मा, बहुत से पर्वत, नदियाँ, समुद्र, पृथ्वी, वन, काल, कर्म, गुण, ज्ञान और स्वभाव देखे और वे पदार्थ भी देखे जो कभी सुने भी न थे॥1॥ चौपाई: देखी माया सब बिधि गाढ़ी। अति सभीत जोरें कर ठाढ़ी॥ देखा जीव नचावइ जाही। देखी भगति जो छोरइ ताही॥2॥ भावार्थ:- सब प्रकार से बलवती माया को देखा कि वह (भगवान के सामने) अत्यन्त भयभीत हाथ जोड़े खड़ी है। जीव को देखा, जिसे वह माया नचाती है और (फिर) भक्ति को देखा, जो उस जीव को (माया से) छुड़ा देती है॥2॥ चौपाई: तन पुलकित मुख बचन न आवा। नयन मूदि चरननि सिरु नावा॥ बिसमयवंत देखि महतारी। भए बहुरि सिसुरूप खरारी॥3॥ भावार्थ:- (माता का) शरीर पुलकित हो गया, मुख से वचन नहीं निकलता। तब आँखें मूँदकर उसने श्री रामचन्द्रजी के चरणों में सिर नवाया। माता को आश्चर्यचकित देखकर खर के शत्रु श्री रामजी फिर बाल रूप हो गए॥3॥ चौपाई: अस्तुति करि न जाइ भय माना। जगत पिता मैं सुत करि जाना॥ हरि जननी बहुबिधि समुझाई। यह जनि कतहुँ कहसि सुनु माई॥4॥ भावार्थ:- (माता से) स्तुति भी नहीं की जाती। वह डर गई कि मैंने जगत्पिता परमात्मा को पुत्र करके जाना। श्री हरि ने माता को बहुत प्रकार से समझाया (और कहा-) हे माता! सुनो, यह बात कहीं पर कहना नहीं॥4॥ भावार्थ:- कौसल्याजी बार-बार हाथ जोड़कर विनय करती हैं कि हे प्रभो! मुझे आपकी माया अब कभी न व्यापे॥202॥ चौपाई: बालचरित हरि बहुबिधि कीन्हा। अति अनंद दासन्ह कहँ दीन्हा॥ कछुक काल बीतें...

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र : Daridra Dahan Shiv Stotra

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र दरिद्रय दहन शिव स्तोत्र वशिष्ठ ऋषींनी रचले आहे. बहुतेक लोक दरिद्रता म्हणजे गरिबी समजतात, पण गरिबी म्हणजे निर्धनता. गरीबाचा अर्थ अभावाच्या जवळ समजू शकतो. पैशाची कमतरता म्हणजे गरिबी, धान्याचा अभाव म्हणजे गरिबी, अपत्य नसणे म्हणजे निपुत्रिकता, ज्ञानाचा अभाव म्हणजे अज्ञान, हे सर्व गरिबीच्या श्रेणीत येतात. त्याशिवाय उदारमतवादी विचारसरणीचा अभाव आणि श्रीमंती असूनही कोणाला मदत न करणे हे साधन. शास्त्रात मानसिक दारिद्र्य देखील गरिबीच्या श्रेणीत ठेवले आहे. *।। दारिद्रय दहन स्तोत्रम् ।।* विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय। कर्पूर कान्ति धवलाय, जटाधराय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।1 गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय, कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय। गंगाधराय गजराज विमर्दनाय द्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।2 भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय उग्राय दुर्ग भवसागर तारणाय। ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।3 चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय, भालेक्षणाय मणिकुंडल-मण्डिताय। मँजीर पादयुगलाय जटाधराय दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।4 पंचाननाय फणिराज विभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय। आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। 5 भानुप्रियाय भवसागर तारणाय, कालान्तकाय कमलासन पूजिताय। नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। 6 रामप्रियाय रधुनाथ वरप्रदाय नाग प्रियाय नरकार्ण अवताराणाय। पुण्येषु पुण्य भरिताय सुरार्चिताय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। 7 मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय। मातंग चर्म वसनाय महेश्वराय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। 8 वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्व रोग निवारणम् सर्व संपत् क...

Daridraya Dahana Shiv Stotra (दरिद्र दहन शिव स्तोत्र) For Financial

Daridraya Dahana Shiv Stotra/दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र Daridraya Dahana Shiv Stotra (दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र): In the Trilok, each and every person is the devotee of Lord Shiva. He is unique in the Trinity, unknowable from the world. He himself has nothing to do with the serpent’s death, but the best pleasure and splendour of the world is in his fist. Trident hand in hand has three great obstacles in the world – his curb on anger, attachment and covetousness. All the world’s properties thrive in their feet. The person who is struggling with a severe financial crisis should be immersed in debt, the business of business gets entangled again and again, and he should worship Shiva if suffering from poverty and exploitation. This Daridrya Dahana means destruction of poverty. Poverty is not only physical but also mental. In today’s Kalika, most of the human suffering from mental poverty – negative emotions-work, anger, greed, attachment, ego-ego, selfishness, jealousy, fears etc. The worship of Lord Shiva makes man rich with the mind by providing knowledge with physical happiness and prosperity, that is, giving healthy mind, because Lord Shiva has the moon on his head and the moon is the cause of the mind. Therefore, once a person is worshiped every day after Lord Shiva or whenever the time is available, the text of ‘Baridhadhan Shastra’ should be done once because ‘the healthy mind is healthy’. This is the basis for the destruction of all the pleasures and sorrows. Daridraya Da...

दारिद्रय दहन स्तोत्र पढ़ें, होगी स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति...

Sun transit in Gemini sign June 2023 : सूर्यदेव 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर संक्रांति कहलाता है। ओड़िसा में मिथुन संक्रांति का महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य से अच्‍छी फसल के लिए बारिश की मनोकामना करते हैं। आओ जानते हैं कि कौनसी 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत। मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं Sun Transit into Gemini जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। 15 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति कहा जाएगा। 15 जून 2023 को मिथुन संक्रांति का समय शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस परिवर्तन का सारी राशियों पर असर होगा।

Daridrya Dahana Stotram – దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్ PDF Telugu – InstaPDF

Daridrya Dahana Stotram (దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్) PDF Telugu Daridrya Dahana Stotram (దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్) Telugu PDF Download Download PDF of Daridrya Dahana Stotram (దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్) in Telugu from the link available below in the article, Telugu Daridrya Dahana Stotram (దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్) PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. प्रतिदिन भगवान शिव का ‘दारिद्रय दहन स्तोत्र’ के साथ अभिषेक करने से मनुष्य को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। Daridrya Dahana Stotram – దారిద్ర్యదహనశివస్తోత్రమ్ విశ్వేశ్వరాయ నరకార్ణవతారణాయ కర్ణామృతాయ శశిశేఖరధారణాయ | కర్పూరకాన్తిధవళాయ జటాధరాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౧|| గౌరిప్రియాయ రజనీశకలాధరాయ కాలాన్తకాయ భుజగాధిపకఙ్కణాయ | గఙ్గాధరాయ గజరాజవిమర్దనాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౨|| భక్తిప్రియాయ భయరోగభయాపహాయ ఉగ్రాయ దుర్గభవసాగరతారణాయ | జ్యోతిర్మయాయ గుణనామసునృత్యకాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౩|| చర్మాంబరాయ శవభస్మవిలేపనాయ భాలేక్షణాయ మణికుణ్డలమణ్డితాయ | మఞ్జీరపాదయుగళాయ జటాధరాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౪|| పఞ్చాననాయ ఫణిరాజవిభూషణాయ హేమాంశుకాయ భువనత్రయమణ్డితాయ | ఆనన్దభూమివరదాయ తమోమయాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౫|| భానుప్రియాయ భవసాగరతారణాయ కాలాన్తకాయ కమలాసనపూజితాయ | నేత్రత్రయాయ శుభలక్షణలక్షితాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౬|| రామప్రియాయ రఘునాథవరప్రదాయ నాగప్రియాయ నరకార్ణవ తారణాయ | పుణ్యేషు పుణ్యభరితాయ సురార్చితాయ దారిద్ర్యదుఃఖదహనాయ నమః శివాయ ||౭|| ముక్తేశ్వరాయ ఫలదాయ గణేశ్వరాయ గీతప్రియాయ వృషభేశ్వరవాహనాయ | మాతఙ్గచర్మవసనాయ మహేశ్వరాయ దారిద్ర్యద...

Shiv Stotra\Daridra Dahan Shiv Stotra in Hindi

!! सनातन धर्म-ग्रंथो में कई ऐसे उपाय बताये गए हैं जिनसे आप अपने जीवन से दुःख और दरिद्रता को दूर कर सकतें हैं, दारिद्रय दहन शिव स्त्रोत उनमें से एक है। चाहे अत्यंत प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिल रही हो, घोर रूप से आर्थिक संकट में हो या फिर किसी प्रकार की बीमारी से जूझ रहें हों तो भगवान् शिव के इस दारिद्रय दहन स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। दरिद्रय दहन शिव स्तोत्र की रचना भगवान् श्री राम के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने की है। बहुत से लोग गरीबी को गरीबी समझते हैं, लेकिन गरीबी विनाश है। इस दारिद्रय दहन शिव स्त्रोत का नित्य पाठ जीवन के सभी 8 प्रकार के वैभव को प्रदान करने वाला है। अगर अपने जीवन से दुःख, दरिद्रता, अशिक्षा और बेरोजगारी को दूर रखना चाहतें हैं तो इस शिव स्त्रोत का पाठ विशेष रूप से प्रदोष काल (सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक) में नित्य रूप से करें। ॥ दारिद्रयदहन शिवस्तोत्रम्॥ विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय । कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ १ ॥ गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय । गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ २ ॥ भक्तप्रियाय भवरोगभयापहाय उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय । ज्योतिर्मयाय गुणनामसुकृत्यकाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ३ ॥ चर्मांबराय शवभस्मविलेपनाय भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय । मंजीरपादयुगलाय जटाधराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ४ ॥ पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय । आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ५ ॥ गौरीविलासभवनाय महेश्वराय पञ्चाननाय शरणागतकल्पकाय । शर्वाय सर्वजगतामधिपाय तस्मै दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शि...